आरंभिक मानव की खोज में History class 6 exercise अतिरिक्त प्रश्न
आरंभिक मानव की खोज में History class 6 exercise अतिरिक्त प्रश्न ncert book solution in hindi-medium
NCERT Books Subjects for class 6th Hindi Medium
अध्याय-समीक्षा
अध्याय - समीक्षा
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आखेटक - खाद्य संग्राहक पृथ्वी पर बीस लाख साल पहलें रहा करतें थें |जिसे पूरापाषण काल कहा जाता है | भोजन का इंतजाम करने की विधि के आधार पर उन्हें इस नाम से पुकारा जाता है। - आखेटक - खाद्य संग्राहक आमतौर पर खाने के लिए जंगली जानवरों का शिकार करते थे,मछलियाँ और चिडि़या पकड़ते थे, फल-मूल, दाने, पौध-पत्तियाँ, अंडे इक्टठा किया करते थे।
- आखेटक - खाद्य संग्राहको के लिए पेड़ - पौधों से मिलने वाले खाद्य पदार्थ भोजन के महत्वपूर्ण स्रोत थे |
- आखेटक - खाद्य संग्राहक समुदाय के लोग भोजन की तलाश में , जानवरों के शिकार के लिए ,भोजन के लिए मौसमी फल - फूल की तलाश में और पानी की तलाश में इधर - उधर घूमतें रहतें थें |
- ये अपने काम के लिए पत्थरों , लकड़ियों और हड्डियों के औजार बनाते थे |
- आखेटक - खाद्य संग्राहक पत्थर के औजारों का प्रयोग फल-फूल ,हड्डियां और मांस काटने के लिए , पेड़ों की छाल , जानवरों की खाल उतारने के लिए और लकड़िया काटने के लिए करते थे |
- आखेटक - खाद्य संग्राहक कुछ के साथ हड्डियों या लकडि़यों के मुट्ठे लगाकर भाले और बाण जैसे हथियार बनाते थे।
- आखेटक - खाद्य संग्राहक लकडि़यों का उपयोग ईंधन के साथ-साथ झोपडि़याँ और औजार बनाने के लिए करते थे।
- वह स्थान जहाँ लोग पत्थरों से औजार बनाते थे, उन स्थानो को उद्योग - स्थल कहते है |
- आवासीय पुरास्थल उन स्थानों को कहते है जहाँ लोग रहा करतें थे |
- आवासीय पुरास्थलो में आखेटक - खाद्य संग्राहक इसलिए रहा करते थे क्योकि यहाँ उन्हें बारिश , धुप और हवाओ से राहत मिलती थी |
- आवासीय पुरास्थलो जैसी प्राकृतिक गुफाएँ विंध्य और दक्कन के पर्वतीय इलाको में मिलती है जो नर्मदा नदी के पास है |
- पुरास्थल उस स्थान को कहते हैं जहाँ औजार, बर्तन और इमारतों जैसी वस्तुओं वेफ अवशेष मिलते हैं। ऐसी वस्तुओं का निर्माण लोगों ने अपने काम के लिए किया था और बाद में वे उन्हें वहीं छोड़ गए।
- 'दबाव शल्क-तकनीक’ पाषण औजार का निर्माण करनें की दो विधियों में से ही एक है , जिसमें क्रोड को एक स्थिर सतह पर टिकाया जाता है और इस करोड़ पर हड्डी या पत्थर रखकर उस पर हथौड़ी के आकार वाले पत्थर से शल्क निकाले जाते हैं जिससे मानचाहा आकार वाला उपकरण बन जाता था |
- आखेटक - खाद्य संग्राहक आग का उपयोग कई कार्यो के लियें करतें थे जैसे कि प्रकाश के लिए , मांस पकानें के लिए और खतरनाक जानवरों को दूर आदि भागनें के लिए |
- लगभग 10,000 साल पहले के युग को नवपाषाण युग कहा जाता है |
- आरंभिक लोग शिकार तथा फल-मूल का संग्रह किया करते थे। वे पत्थरों के औजार और गुफाओं में चित्र बनाते थे।
अभ्यास
अतिरिक्त - प्रश्नोत्तर:
प्रश्न: इन वाक्यों को पूरा करो|
(क) शिकारी - खाघ संग्राहक गुफाओं में इसलिए रहते थे क्योंकि ___________|
(ख) घास वाले मैदानों का विकास __________ साल पहले हुआ|
(ग) आरंभिक लोगों ने गुफाओं की ___________ पर चित्र बनाए|
(घ) हुँस्गी में ____________ से औजार बनाए जाते हैं|
उत्तर:
(क) उन्हें बारिश, धुप और हवाओं से रहत मिलाती थी|
(ख) 12,000|
(ग) भीतरी दीवारों|
(घ) चूने के पत्थरों|
प्रश्न: उपमहाद्वीप के आधुनिक राजनीतिक मानचित्र को पृष्ठ 136 पर देखों| उन राज्यों को ढूँढों जहाँ भीमबेटका, हुँगी और कुरनूल स्थित हैं| क्या तुषार की तेल इन जगहों के पास से होकर गई होगी|
उत्तर: हाँ, तुषार की रेल इन जगहों के पास से होकर गुजारी होगी|
प्रश्न: शिकारी - खाघ संग्राहक एक स्थान से दूसरे स्थान पर क्यों घूमते रहते थे? उनकी यात्रा और आज की हमारी यात्रा के कारणों में क्या समानताएँ या क्या भिन्नताएँ हैं|
उत्तर:
(क) शिकारी खाघ - संग्राहक के एक - दूसरे स्थान पर घूमने के निम्नलिखित कारण थे -
1. एक जगह लगातार रूकने से भोजन की समास्या उत्पन्न हो जाती होगी, इसलिए भोजन की तलाश में इन्हें एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाना पड़ता था|
2. जानवरों का शिकार करने के लिए पीछे - पीछे जाया करते होगें|
3. पेड़ों और पौधों में फूल - फूल अलग - अलग मौसम में आते हैं, अतं: ॠतु परिवर्तन के अनुसार| स्थान परिवर्तन करते होगे|
4. पानी की तलाश में इधर - उधर जाना पड़ता होगा|
(ख) आज हम यात्राएँ अलग (भिन्न) कारणों से करते हैं जैसे :
1. रोजगार की तलाश में|
2. व्यापार करने के लिए|
3. नाते - रिश्तेदारों से मिलाने के लिए|
4. स्कूलों व दफ्तरों में जाने के लिए|
5. संस्कृति का प्रचार प्रसार व भ्रमण के लिए |
प्रश्न: आज तुम फल काटते के लिए कौन - से औजार चुनोगे| वह औज़ार किस चीज़ से बना होगा|
उत्तर: आज फल काटने के लिए चाकू का प्रयोग करेंगे| चाकू स्टील या लोहे का बना होता हैं, जिसको पकड़ने के लिए लकड़ी या प्लास्टिक का हैंडल होता हैं|
प्रश्न: शिकारी - खाघ संग्राहक आग का उपयोग किन - किन चीज़ों के लिए करते थे? क्या तुम आज आग का उपयोग इनमें से किसी चीज़ के लिए करोगे|
उत्तर: शिकारी - खाघ संग्राहक के एक स्थान स दूसरे स्थान पर घूमनें के निम्नलिखित कारण थे -
1. एक जगह लगातार रूकने से भोजन की समस्या उत्पन्न हो जाती होगी, इसलिए भोजन की तलाश में इन्हें एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाना पड़ता था|
2. जानवरों का शिकार करने के लिए पीछे - पीछे जाया करते होगें|
3. पेड़ों और पौधों में फल - फूल अलग - अलग मौसम में आते हैं, अंत: ॠतु परिवर्तन के अनुसार| स्थान परिवर्तन करते होगें|
4. पानी की तलाश में इधर - उधर जाना पड़ता होगा|
(ख) आज हम यात्राएं अलग (भिन्न) कारणों से करते हैं जैसे:
1. रोजगार की तलाश में|
2. व्यापार करने के लिए|
3. नाते - रिश्तेदारों से मिलाने के लिए|
4. स्कूलों व दफ्तरों में जाने के लिए|
5. संस्कृति का प्रचार - प्रसार व भ्रमण के लिए|
प्रश्न: आज तुम फल काटने के लिए कौन - से औज़ार चुनोगे? वह औज़ार किस चीज़ से बना होगा|
उत्तर: आज फल काटने के लिए चाक़ू का प्रयोग करेंगे| चाको स्टील या लोहे का बना होता हैं, जिसको पकड़ने के लिए लकड़ी या प्लास्टिक का हैंडल होता हैं|
प्रश्न: शिकारी - खाघ संग्राहक आग का उपयोग किन - किन चीजों के लिए करते थे? क्या तुम आज आग का उपयोग इनमें से किसी चीज़ के लिए करोगें|
उत्तर: शिकारी - खाघ संग्राहक द्वारा आग का प्रयोग -
1. मांस भूनने के लिए|
2. प्रकाश के लिए|
3. खतरनाक जानवरों को दूर भागने के लिए|
आज आग का प्रयोग -
1. मांस भूनने के लिए|
प्रश्न: अपनी पुस्तिका के पन्ने पर एक लाइन खींचकर इसके दो खाने बनाओं| बाएँ खाने, उन खाघ पदार्थां की सूची बनाओं, जिन्हें शिकारी - खाघ संग्राहक खाते थे और दाएँ खाने में तुम जो चीजें खाते हो उनमें से कुछ किए नाम लिखों| क्या तुम्हें इन दोनों में कोई समानता या भेद दिखाई देता हैं?
उत्तर: शिकारी - खाघ संग्राहक के खाघ पदार्थ जंगली जानवरों का कच्चा अथवा भूना मांस, मछलियाँ, चिड़ियाँ, फल - मूल, पौधे, पत्तियाँ तथा अंडे|
आज के खाघ पदार्थ -
चावल, रोटी, सब्जियाँ, फल, दूध, पका हुआ मांस आदि|
प्रश्न: यदि तुम्हारे पास कोई गुटिका (प्रकृतिक पत्थर का टुकड़ा, जैसे कि पृष्ठ 13 पर दिखाया गया हैं) हो तो उसे किस काम के लिए इसतेमाल करोगे?
उत्तर: खेल खेलने, बादाम व अखरोट के छिलके छीलने आदि के काम आ सकती हैं|
प्रश्न: ऐसे दो काम लिखों जिन्हें आज महिलाएँ और पुरूष दोनों करते हैं| दो ऐसे काम बताओं जिन्हें सिर्फ महिलाएँ ही कराती हैं और दो वे सिर्फ पुरूष ही करते हैं| अपनी सूची की अपनी दो साथियों| की सूचियों से तुलना करों| क्या तुम्हें इनमें कोई समानता या भेद दिखाई दे रहा हैं?
उत्तर: पुरूष और महिला दोनों द्वारा किए जाने वाले कार्य -
1. कार, साइकिल, स्कूटर व मोटरसाइकिल चलाना|
2. दफ्तरों में काम करना|
केवल महिलाओं द्वारा किए जाने वाले कार्य -
1. छीटे बच्चों की देखाभाक करना|
2. बच्चों को जन्म देना|
केवल पुरूषों द्वारा किए जाने वाले कार्य -
1. फायर ब्रिगेड
2. फ़ौज में
अतिरिक्त प्रश्न
अतरिक्त प्रश्न - उत्तर
प्रश्न: आखेटक - खाद्य संग्राहक कौन है ?
उत्तर: आखेटक - खाद्य संग्राहक पृथ्वी पर बीस लाख साल पहलें रहा करतें थें | भोजन का इंतजाम करने की विधि के आधार पर उन्हें इस नाम से पुकारा जाता है। आमतौर पर खाने के लिए वे जंगली जानवरों का शिकार करते थे,मछलियाँ और चिडि़या पकड़ते थे, फल-मूल, दाने, पौध-पत्तियाँ, अंडे इक्टठा किया करते थे।
प्रश्न: आखेटक - खाद्य संग्राहक समुदाय के लोग इधर - उधर क्यों घूमतें रहतें थें ?
उत्तर: निम्नलिखित कारणों से आखेटक - खाद्य संग्राहक समुदाय के लोग इधर - उधर क्यों घूमतें रहतें थें :-
1. अगर वे एक ही जगह पर ज्यादा दिनों तक रहते तो आस-पास के पौधें, फलों और जानवरों को खाकर समाप्त कर देते थे। इसलिए और भोजन की तलाश में इन्हें दूसरी जगहों पर जाना पड़ता था।
2. जानवरों का शिकार करने के लिए वे एक जगह से दूसरी जगह जाया करतें थें |
3. पेड़ों और पौधें में फल-फूल अलग-अलग मौसम में आते हैं, इसीलिए लोग उनकी तलाश में उपयुक्त मौसम के अनुसार अन्य इलाकों में घूमते थे |
4. पानी की तलाश में आखेटक - खाद्य संग्राहक समुदाय के लोग इधर - उधर जाया करते थे |
5. लोग अपने नाते - रिश्तेदारों से मिलने जाया करते थे |
प्रश्न: आखेटक - खाद्य संग्राहक पत्थर के औजारों का प्रयोग किसलिए किया करतें थे ?
उत्तर: आखेटक - खाद्य संग्राहक पत्थर के औजारों का प्रयोग करते थे :
1. फल-फूल काटने, हड्डियां और मांस काटने के लिए |
2. पेड़ों की छाल और जानवरों की खाल उतारने के लिए |
3. कुछ के साथ हड्डियों या लकडि़यों के मुट्ठे लगाकर भाले और बाण जैसे हथियार बनाए जाते थे।
4. लकड़िया काटने के लिए |
प्रश्न: आखेटक - खाद्य संग्राहक लकड़ियों का प्रयोग किसलिए करते थे ?
उत्तर: आखेटक - खाद्य संग्राहक लकडि़यों का उपयोग ईंधन के साथ-साथ झोपडि़याँ और औजार बनाने के लिए करते थे।
प्रश्न: उद्योग - स्थल किसे कहतें है ?
उत्तर: वह स्थान जहाँ लोग पत्थरों से औजार बनाते थे, उन स्थानो को उद्योग - स्थल कहते है |
प्रश्न: आवासीय पुरास्थल क्या है ?
उत्तर: आवासीय पुरास्थल उन स्थानों को कहते है जहाँ लोग रहा करतें थे |लोग इन गुफाओ में इसलिए रहा करते थे क्योकि यहाँ उन्हें बारिश , धुप और हवाओ से राहत मिलती थी |
प्रश्न: पुरास्थल किसे कहते है ?
उत्तर: पुरास्थल उस स्थान को कहते हैं जहाँ औजार, बर्तन और इमारतों जैसी वस्तुओं वेफ अवशेष मिलते हैं। ऐसी वस्तुओं का निर्माण लोगों ने अपने काम के लिए किया था और बाद में वे उन्हें वहीं छोड़ गए।
प्रश्न: प्राचीन काल में आखेटक - खाद्य संग्राहक पाषण औजारों का निर्माण कैसे करतें थे ?
उत्तर: प्राचीन काल में आखेटक - खाद्य संग्राहक पाषण औजारों का निर्माण दो तरीको से करतें थे :
1. पत्थर से पत्थर को टकराना। यानी जिस पत्थर से कोई औजार बनाना होता था, उसे एक हाथ में लिया जाता था, और दूसरे हाथ से एक पत्थर का हथौड़ी जैसा इस्तेमाल होता था। इस तरह मरनें वाले पत्थर से दूसरे पत्थर पर तब तक शल्क निकाले जाते हैं जब तक मनचाहा आकार वाला औजार न बन जाए।
2. दूसरे तरीके को ‘दबाव शल्क-तकनीक’ कहा जाता है। इसमें क्रोड को एक स्थिर सतह पर टिकाया जाता है और इस करोड़ पर हड्डी या पत्थर रखकर उस पर हथौड़ी के आकार वाले पत्थर से शल्क निकाले जाते हैं जिससे मानचाहा आकार वाला उपकरण बन जाता था |
प्रश्न: पाषण औजार का निर्माण करनें की 'दबाव शल्क-तकनीक’ का वर्णन कीजिए |
उत्तर: 'दबाव शल्क-तकनीक’ पाषण औजार का निर्माण करनें की दो विधियों में से ही एक है , जिसमें क्रोड को एक स्थिर सतह पर टिकाया जाता है और इस करोड़ पर हड्डी या पत्थर रखकर उस पर हथौड़ी के आकार वाले पत्थर से शल्क निकाले जाते हैं जिससे मानचाहा आकार वाला उपकरण बन जाता था |
प्रश्न: आखेटक - खाद्य संग्राहक आग का उपयोग किन - किन कार्यो के लियें करतें होंगे ?
उत्तर: आखेटक - खाद्य संग्राहक आग का उपयोग कई कार्यो के लियें करतें होंगे जैसे कि प्रकाश के लिए , मांस पकानें के लिए और खतरनाक जानवरों को दूर आदि भागनें के लिए |
प्रश्न: आरंभिक लोग क्या - क्या कार्य करते थे ?
उत्तर: आरंभिक लोग शिकार तथा फल-मूल का संग्रह किया करते थे। वे पत्थरों के औजार और गुफाओं में चित्र बनाते थे।
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भोजन : संग्रह से उत्पादन तक
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