Chapter 5. कांग्रेस प्रणाली : चुनौतियाँ और पुनर्स्थापना Political Science-II class 12 exercise page 3
Chapter 5. कांग्रेस प्रणाली : चुनौतियाँ और पुनर्स्थापना Political Science-II class 12 exercise page 3 ncert book solution in hindi-medium
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अध्याय-समीक्षा
अध्याय-समीक्षा
- 1964 के मई में नेहरू की मृत्यु हो गई | वे पिछले एक साल से भी ज्यादा समय से बीमार चल रहे थे | इससे नेहरू के राजनीतिक उतराधिकारी को लेकर बड़े अंदेशे लगाए गए कि नेहरू के बाद कौन ? लेकिन , भारत जैसे नव-स्वतंत्र देश में इस माहौल में एक और गभीर सवाल हवा में तैर रहा था कि नेहरू के बाद आखिर इस देश में होगा क्या ?
- भारत से बाहर के बहुत से लोगो को संदेह थे कि यहाँ नेहरू के बाद लोकतंत्र कायम भी रह पाएगा या नही | इसके अतिरिक्त, इस बात को लेकर भी संदेह थे देश के सामने बहुविध कठिनाइयाँ आन खडी है और न्य नेतृत्व उनका समाधान खोज पाएगा या नही | 1960 के दशक को खतरनाक दशक कहा जाता है क्योंकि इस दौर में गरीबी, सांप्रदायिकता और क्षेत्रीय विभाजन आदि प्रमुख समस्याएँ थी |
- शास्त्री 1964 से 1966 तक देश के प्रधनमंत्री रहे | इस पद पर वे बड़े कम दिनों तक रहे लिकिन इसी छोटी अवधि में देश ने दो बड़ी चुनौतियों का सामना किया |भारत, चीन युद्ध के कारण पैदा हुई आर्थिक कठिनाईयों से उबरने की कोशिश कर रहा थी | 1965 में पाकिस्तान के साथ भी युद्ध करना पड़ा |
- प्रधनमंत्री के पद पर शास्त्री बड़े कम दिनों तक रहे 10 जनवरी 1966 को ताशकंद में अचानक उनका देहांत हो गया | ताशकंद तब भूतपूर्व सोवियत संघ में था और आज यह उज्बेकिस्तान की राजधानी है |युद्ध की समाप्ति के सिलसिले में पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति मोहम्मद अयूब खान से बातचीत करने और एक समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए वे ताशकंद गए थे |
- भारत के राजनितिक और चुनावी इतिहास में 1967 के साल को अत्यंत महत्वपूर्ण पड़ाव माना जाता है दूसरी अध्याय में आप पढ़ चुके कि 1952 के बाद से पूरे देश कांग्रेस पार्टी का राजनीतिक दबदबा कायम था | 1967 के चुनाओं में इस प्र्वीर्ती में गहरा बदलाव आया |
- व्यापक जन-असंतोष और राजनीतिक दलों के धुर्वीकरण के इसी माहौल में लोकसभाओ के लिए 1967 के फरवरी माह में चौथे आम चुनाव हुए | कांग्रेस पहली बार नेहरू के बिना मतदाताओ का सामना कर रही थी |
- राजनितिक बदलाव की यह नाटकीय स्थिति आपको राज्यों स्पस्ट नजर आयगी | दो अन्य राज्य में दलबदल के कारण यह पार्टी साकार नही बनी सकी | जिन 9 राज्यों में कांग्रेस के हाथ से सता निकल गई थी ,कांग्रेस पंजाब , हरियाणा,उतर प्रदेश, मध्य प्रदेश , बिहार , पश्चिम बंगाल , उडीसा , मद्रास और केरल में सरकार नही बनी सकी |
- 1967 के चुनावों की एक खास बात दल - बदल भी है | इसने राज्यों में सरकारों के बनने - बिगरने में बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका निभायी |कोई जनप्रतिनिधि किसी खास दल के चुनाव चिन्ह को दल में लगाया जाता है 1967 के आम चुनावों के बाद कांग्रेस को छेड़ने वाले विधायको की तीन राज्यों - हरियाणा , मध्य प्रदेश औरे उतर प्रदेश - में गैर -कांग्रेस सकारो को बहल करने में अहम भोमिका निभाई |
- इंदिरा गांधी को असली चुनौती विपक्ष से नही बलिक खुद अपनी पार्टी के भीतर से मिली | उन्हें सिंडिकेट से निपटना पड़ा | सिंडीकेट कांग्रेस के भीतर ताकतवर और प्रभावशाली नेताओ का एक समूह था |सिडिकेट ने इंदिरा गांधी को प्रधनमंत्री बनवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी |
- सिडिकेट और इंदिरा गांधी के बीच की गुटबाजी 1969 में राष्ट्रपति पद के चुनाव के समय खुलकर सामने आ गई | तत्कालीन राष्ट्रपति जाकिर हुसैन की मीत्यु के कारण उस साल राष्टपति का पद खाली था
- चौदह अग्रणी बैको के राष्ट्रीयकरण और भूतपूर्व राजा - महाराजाओ को प्राप्त विशेषधिकार यानी प्रिवी पर्स को समाप्त करने जैसी कुछ बड़ी और जनप्रिय नीतियों की घोषणा भी की |वी.वी. गिरी का छुपे तौर पर समर्थन करते हुए प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने खुले आम अंतरात्मा की आवाज पर वोट डालते को कहा |
- 1969 के नवम्बर तक सिडिकेट की अगुवाई वाले कांग्रेस ( आग्र्नैजेशन ) और इदरा गांधी की अगुवाई वाले कांग्रेश खेमे को कांग्रेश (रिकिव्जिनिस्ट) कहा जाने लगा था | विचारधाराओ की लड़ाई के रूप में पेश किया | उन्हेंने इसे समाजवादी और पुरातनपन्थी तथा गरीबो के हिमायती और अमीरों के तरफदार के बीच की लड़ाई करार दिया |
- दूसरी राजनीतिक दलों पर अपनी निर्भरता समाप्त करने संसद में अपनी पार्टी की स्थिति मजबूत करने और अपने कार्यकर्मो के पक्ष में जनादेश हासिल करने की गरज से इदिरा गांधी की सरकार ने 1970 के दिसंबर में लोकसभा भंग करने की सिफारिश की | लोकसभा के लिए पाँचवे आम चुनाव 1971 के परवरी माह में हुई |
- इस गठबधन को लोकसभा की 375 सीट मिली और इसने कुल 48.4 प्रतिशत वोट साहिल किए | अकेले इदिरा गांधी की कांग्रेस (आर) ने 352 सीटे और 44 प्रतिशत वोट हासिल किथे | अब जरा इस तस्वीर की तुलना कांग्रेस (ओ) के उजाड़ से करे : इस पार्टी को महज 16 सीटे मिलीं| अपनी भारी -भरकम जीत के साथ इदरा गांधी की अगुवाई वाली कांग्रेस ने अपने दावे को साबित कर दिया |
- 1971 के लोकसभा चुनाव के तुरंत बाद पूर्वी पाकिस्तान ( अब बंगलादेश ) में एक बड़ा राजनीतिक और सैन्य संगठन उठ खड़ा हुआ | 1971 के चुनावों के बाद पूर्वी पाकिस्तान में संकट पैदा हुआ और भारत -पाक के बीच युद्ध छिड़ गई | 1972 के विधानसभा के चुनावों में उनकी पार्टी को व्यापक सफलता मिली |
अभीयास
Q1. 1967 के चुनावों के बारे में निम्नलिखित में कौन-कौन से बयान सही है :
(क) कांग्रेस लोकसभा के चुनाव में विजयी रही , लिकिन किए राज्यों में विधानसभा के चुनाव वह हर
गई |
(ख) कांग्रेस लोकसभा के चुनाव भी हारी और विधानसभा के भी |
(ग) कांग्रेस को लोकसभा में बहुत नही मिला लेकिन उसने पार्टियों के समर्थन से एक गठबंधन सरकार
बनाई |
(घ) कांग्रेस केंद्र में सतासीन रही और उसका बहुत भी बढ़ा |
उत्तर :
(ग) |
Q2. निम्नलिखित का मेल करे :
(क) सिंडिकेट | (i) कोई निर्वाचित जन-प्रतिनिधि जिस पार्टी के टिकट से जीता हो उस पार्टी को छोड़कर अगर दूसरी दल में चला जाए | |
(ख) दल-बदल | (ii) लोगों का ध्यान आकर्षित करने वाला एक मनभावन मुहावरा | |
(ग) नारा | (iii) कांग्रेस और इसकी नीतियों के खिलाफ अलग-अलग विचारधाराओं की पार्टीयो का एकजुट होना | |
(घ) गैर-कांग्रेसवाद | (iv) कांग्रेस के भीतर ताकतवर और प्रभावशाली नेताओ का एक समूह | |
उत्तर :
(क) सिंडिकेट 4. कांग्रेस के भीतर ताकतवर और प्रभावशाली नेताओं का एक समूह |
(ख) दल-बदल 1. कोई निर्वाचित जन-प्रतिनिधि जिस पार्टी के टिकट से जीता हो उस पार्टी को छोड़कर अगर दूसरे दल में चला जाए |
(ग) नारा 2. लोगों का ध्यान आकर्षित करने वाला एक मनभवन मुहावरा |
(घ) गैर-कांग्रेसवाद 3. कांग्रेस और इसकी नीतियों के खिलाफ अलग-अलग विचारधाराओं की पार्टियों को एकजुट होना |
Q3. निम्नलिखित नारे से किन नेताओं का संबंध है :
(क) जय जवान , जय किसान
(ख) इंदिरा हटाओ
(ग) गरीबी हटाओ
उत्तर :
(क) लाल बहादुर शास्त्री
(ख) सिंडिकेट
(ग) श्रीमती इंदिरा गांधी |
Q4. 1971 के ग्रेड अलायन्स के बारे में कौन-सा कथन ठीक है ?
(क) इसका गठन गैर - कम्युनिस्ट और गैर-काग्रेसी दलों ने किया था |
(ख) इसके पास एक स्पस्ट राजनीतिक तथा विचारधारात्मक कार्यक्रम था |
(ग) इसका गठन सभी गैर- कर्ग्रेसी दलों ने एकजुट होकर किया था |
उत्तर :
(क) |
Q5. किसी राजनीतिक दल को अपने अंदरुनी मतभेदों का समाधान किस तरह करना चाहिए ? यहाँ कुछ समाधान दिए गए है | प्रत्येक पर विचार कीजिए और उसके सामने फायदों और घाटों को लिखिए |
(क) पार्टी के अध्यक्ष द्वारा बताए गए मार्ग पर चलना |
(ख) पार्टी के भीतर बहुमत की राय पर अमल करना
(ग) हरेक मामले पर गुप्त मतदान करना |
(घ) पार्टी के वरिष्ठ और अनुभवी नेताओ से सलाह करना |
उत्तर :
(क) पार्टी के मतभेदों को दूर करने के लिए पार्टी अध्यक्ष के बताए मार्ग पर चलने से पार्टी में एकता और अनुशासन बना रहेगा, परन्तु इससे एक व्यक्ति की तानाशाही स्थापित होने का खतरा बना रहता है |
(ख) मतभेदों को दूर करने के लिए बहुमत की राय जानने से यह लाभ होगा की इससे अधिकांश सदस्यों की राय का पाता चलेगा, परन्तु बहुमत की राय मानने से से अल्पसंख्यको की उचित बात की अवहेलना की सम्भवना बनी रहेगी |
(ग) पार्टी के मतभेदों को दूर करने के लिए गुप्त मतदान की प्रक्रिया अपनाने से प्रत्येक सदस्य अपनी बात स्वतंत्रतापूर्वक रख सकेगा, परन्तु गुप्त मतदान में क्रोस वोटिंग का खतरा बना रहता है |
(घ) पार्टी के मतभेदों को दूर करने के लिए वरिष्ठ और अनुभवी नेताओं की सलाह का विशेष लाभ होगा, क्योंकि वरिष्ठ नेताओ के पास अनुभव होता है तथा सभी सदस्य उनका आदर करते हैं, परन्तु वरिष्ठ एवं अनुभवी व्यक्ति नये विचारों एवं मूल्यों को अपनाने से कतराते हैं |
6. निम्नलिखित में इ किसे / किन्हें 1967 के चुनावों में कांग्रेस की हर के कारण के रूप में स्वीकार किया जा सकता है ? अपने उतर की पुषिट में तर्क दीजिए :
(क) कांग्रेस पार्टी में करिश्माई नेता का अभाव |
(ख) कांग्रेस पार्टी के भीतर टूट |
(ग) क्षेत्रीय, जातीय और साप्रदायिक समूहों की लामबंदी को बढ़ाना |
(घ) गैर-कांग्रेसी दलों के बीच एकजुटता |
(ड.) कांग्रेस पार्टी के अन्दर मतभेद |
उत्तर :
गैर- कांग्रेसी दलों के बीच एकजुटता तथा कांग्रेस पार्टी के अन्दर मतभेद 1967 के चुनावों में कांग्रेस कि हार के मुख्य कारण हैं | 1967 के चुनावों में अधिकांश विपक्षी दलों ने एकजुट होकर चुनाव लड़ा था, जबकि कांग्रेस पार्टी के भीतर नेतृत्व को लेकर मतभेद बने हुए थे |
Q7. 1970 के दशक में इंदरा गांधी की सरकार किन कारणों से लोकप्रिय हुई थी ?
उत्तर :
1970 के दशक में इंदिरा गांधी की सरकार निम्नलिखित कारणों से लोकप्रिय हुई :-
(1) उत्पादन और राजस्व में वृद्धि - 1970 के दशक से पूर्व हरित क्रांति व श्वेत क्रांति जैसे कार्यक्रम कराए गए | जिससे किसानों को उन्नत किस्म के बीज खाद्द, उर्वरक आदि उपलब्ध कराए गए, जिससे उत्पादन व राजस्व में वृद्धि हुई |
(2) 1971 का भारत- पाक युद्द - 1971 में बंगलादेश को लेकर भारत व पाक के बीच युद्द हुआ जिसमें भारत की जीत हुई | विश्व में सभी लोगों ने इंदिरा गांधी की प्रशंसा की |
(3) 14 बैंको का राष्ट्रीयकरण व प्रिवी पर्स - इंदिरा गांधी ने अपने शासन काल में 14 बैंको को सरकारी सम्पति बनाया और राजाओं के विशेषाधिकार को खत्म करके उन्हें जनसाधारण के रूप में लाकर खड़ा किया |
(4) गरीबी हटाओ का कार्यक्रम - इंदिरा गांधी ने 1971 में एक बीस सूत्री कार्यक्रम पेश किया जिसमे मुख्य गरीबी हटाओं था | इसमें जनता के आर्थिक विकास के बिन्दु मौजूद थे इस कारण से इंदिरा गांधी को बहुत सराहा गया |
8. 1960 के दशक की कांग्रेस पार्टी के सन्दर्भ में सिंडिकेट का क्या अर्थ है ? सिंडिकेट ने कांग्रेस पार्टी में क्या भूमिका निभाई ?
उत्तर :
कांग्रेस के भीतर सिंडिकेट का अर्थ - सिंडिकेट कांग्रेस के भीतर ताकतवर व प्रभावशाली नेताओं का समूह था | इस समूह के नेताओं पार्टी के संगठन पर नियन्त्रण था | सिंडिकेट में मद्रास के के. कामराज, मुंबई के एस. के पाटिल, मैसूर के एस.निजलिंगप्पा, आन्ध्र प्रदेश के एन.संजीव रेड्डी, पश्चिम बंगाल के अतुल्य घोष, तथा बिहार के के.बी.सहाय जैसे दिग्गज नेता शामिल थे |
Q9. कांग्रेस पार्टी किन मसलो को लेकर 1969 में टूट की शिकार हुई ?
उत्तर :
कांग्रेस पार्टी निम्न कारणों से टूट की शिकार हुई :-
(1) 14 बैंको का राष्ट्रीयकरण व प्रिवी पर्स - इंदिरा गांधी ने 14 बैंकों को सरकारी संपति घोषित कर दिया और राजाओं के विशेषाधिकार प्रिवी पर्स को समाप्त कर दिया,जिस कारण से इंदिरा गांधी और उस समय के वित मंत्री मोरारजी देसाई के बीच मतभेद उभरे |
(2) 1969 का राष्ट्रपति चुनाव - 1969 में हुए राष्ट्रपति चुनाव में इंदिरा गांधी और सिंडिकेट के बीच तनाव का माहौल बन गया |
(3) गुजरे वक्त के मतभेद - कांग्रेस पार्टी में पहले से ही आपसी मतभेद चल रहें थे जिनका समाधान करने का अवसर 1969 के राष्ट्रपति चुनाव में लिया |
(4) आधिकारिक उम्मीदवार की हार - 1969 के राष्ट्रपति चुनाव में कांग्रेस पार्टी के आधिकारिक उम्मीदवार नीलम संजीव रेड्डी की हार हुई और वी.वी गिरी राष्ट्रपति का चुनाव जीत गए |
(5)प्रधानमन्त्री का निष्कासन - आधिकारिक उम्मीदवार की हार के बाद कांग्रेस पार्टी ने प्रधानमन्त्री को निष्कासित कर दिया | इससे पार्टी दो भागो में विभाजित हो गई |
म्नलिखित अनुच्छेद को पढ़े और इसके आधार पर पूछे गए प्रश्नों के उतर दे :
इदिरा गांधी ने काग्रेस को अत्यंत केद्रीक्रीत और अलोकतांत्रिक पार्टी संगठनों में तब्दील कर दिया , जब कि नेहरू के नेत्रित्व में कांग्रेस शुरूआती दशको में एक संघीय लोकतांत्रिक और विचारधाराओ के समाहार का मच थी | नई और लोकलुभावना राजनीति ने राजनितिक विचारधारा को महज चुनावी विमर्श में बदल दिया | कई नारे उछाले गए , लिकिन इसका मतलब यह नही थी कि उसी के अनुकूल सरकार की नीतियां भी बनानी थी -1970 के दशक के शुरूआती सालो में अपनी बड़ी चुनावी जीत के जश्न के बीच कांग्रेस एक कांग्रेस एक राजनीतिक संगठन के तौर पर मर गई |
(क) लेखक के अनुसार नेहरू और इंदिरा गांधी द्वारा अपनाई गई रणनीतियो में क्या अंतर था ?
(ख) लेखक ने क्यों कहा है कि स्तर के दशक में कांग्रेस मर गई ?
(ग) कांग्रेस पार्टी में आए बदलावों का असर दूसरी पार्टीयो पर किस तरह पड़ा ?
उत्तर :
(क) पं नेहरु पार्टी के नेताओं से विचार- विमर्श करके अपने रणनीतियां बनाते थे, जबकि श्रीमती गाँधी कई बार बिना किसी से कोई परामर्श किए ही रणनीतियां बनाती थीं |
(ख) लेखक ने इसलिए कहा कि कांग्रेस पार्टी मर गई, क्योंकि श्रीमती गांधी क्र समय पार्टी संगठन को महत्व नहीं दिया जाता था |
(ग) कांग्रेस पार्टी में आए बदलावों से दूसरी पार्टियों को एकजुट होने में सहायता मिली |
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Political Science-II Chapter List
Chapter 1. राष्ट्र-निर्माण की चुनौतियाँ
Chapter 2. एक दल के प्रभुत्व का दौर
Chapter 3. नियोजित विकास की राजनीति
Chapter 4. भारत के विदेश सम्बन्ध
Chapter 5. कांग्रेस प्रणाली : चुनौतियाँ और पुनर्स्थापना
Chapter 6. लोकतांत्रिक व्यवस्था का संकट
Chapter 7. जन आन्दोलनों का उदय
Chapter 8. क्षेत्रीय आकांक्षाएँ
Chapter 9. भारतीय राजनीति : नए बदलाव
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