Chapter 7. हाशियाकरण की समझ Civics class 8 exercise अतिरिक्त - प्रश्न
Chapter 7. हाशियाकरण की समझ Civics class 8 exercise अतिरिक्त - प्रश्न ncert book solution in hindi-medium
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अध्याय - समीक्षा
अध्याय - समीक्षा:
- हाशियाकरण तब होता है जब लोगों या समुदायों के समूहों को उनकी भाषा, रीति-रिवाजों या धर्म के कारण बहुमत से बाहर रखा जाता है।
- वे लोग जो वनों के निकट रहते थे, आदिवासी कहलाते हैं। भारत की लगभग 8% आबादी आदिवासी है।
- आदिवासियों की धार्मिक प्रथाएं और भाषाएं बहुसंख्यकों से बिल्कुल अलग हैं।
- विभिन्न उद्देश्यों के लिए वनों की कटाई की गतिविधियों के कारण, आदिवासियों को शहरों की ओर पलायन करने के लिए मजबूर होना पड़ता है।
- वे समुदाय जो शेष जनसंख्या की तुलना में संख्यात्मक रूप से छोटे होते हैं, अल्पसंख्यक कहलाते हैं।
- भारत का संविधान अल्पसंख्यक समुदायों की रक्षा के लिए सुरक्षा उपाय प्रदान करता है।
- भारत में मुसलमानों को अल्पसंख्यक समुदाय में से एक माना जाता है। वे कुल जनसंख्या का 13.4% (2001 के अनुसार) हैं। लेकिन 2011 की जनगणना के अनुसार मुसलमानों की कुल आबादी का 14.23 प्रतिशत हिस्सा है।
- हाशियाकरण एक जटिल घटना है जिसमें विविधता की रक्षा के लिए स्थिति के निवारण के लिए विभिन्न रणनीतियों, उपायों और सुरक्षा उपायों की आवश्यकता होती है।
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हाशियाकरण एक ऐसी स्थिति को संदर्भित करता है जिसमें एक व्यक्ति या व्यक्तियों का समूह कुछ विशेषाधिकारों से वंचित हो जाता है या दूसरों से अलग माना जाता है।
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जीवन के हर क्षेत्र में हाशिये पर जाने का अनुभव होता है। आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक कारक समाज में कुछ समूहों को हाशिए पर महसूस करने के लिए मिलकर काम करते हैं।
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आदिवासी शब्द का अर्थ मूल निवासी है।
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आदिवासी हमेशा से जंगलों से जुड़े रहे हैं। उन्हें . के रूप में भी जाना जाता है अनुसूचित जनजाति।
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भारत की लगभग 8% आबादी आदिवासी है।
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भारत में 500 से अधिक विभिन्न आदिवासी समूह हैं।
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आदिवासी बहुल राज्य छत्तीसगढ़, झारखंड, मध्य प्रदेश, उड़ीसा, गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल और उत्तर-पूर्वी राज्य हैं।
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आदिवासी अपने पूर्वजों, गांव और प्रकृति आत्माओं की पूजा करते हैं। वे हमेशा विभिन्न आसपास के धार्मिक जैसे शाक्त, बौद्ध, वैष्णव, ईसाई धर्म आदि से प्रभावित रहे हैं।
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आदिवासियों की अपनी भाषाएं हैं, संथाली उनमें से एक है।
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आदिवासियों को आमतौर पर रंगीन वेशभूषा और टोपी में चित्रित किया जाता है। इनका नृत्य भी निराला होता है।
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लोगों की यह आम धारणा है कि आदिवासी विदेशी, आदिम और पिछड़े हैं। लेकिन हकीकत में ऐसा नहीं है।
अभ्यास
अभ्याय - प्रश्न:
प्रश्न: 'एक दायरे में होने वाला विकास दुसरे दायरे में विनाश लाता है' आदिवासियों के सन्दर्भ में इस कथन की पुष्टि कीजिए |
उत्तर: आदिवासियों को विस्थापित कर वहाँ किया गया कार्य उनके विनाश का प्रमुख कारण है | जब आदिवासियों को उनकी जमीन से हटाया जाता है तो उनकी आमदनी के स्रोत के अलावा और भी बहुत कुछ है जो हमेशा के लिए नष्ट हो जाता है। वे अपनी परंपराएँ और रीति-रिवाज गँवा देते हैं जो कि उनके जीने और अस्तित्व का स्रोत हैं। उनके संसाधनों के लिए होने वाली छीनाझपटी और विस्थापन की यह प्रक्रिया अक्सर दर्दनाक और हिंसक होती है ।
प्रश्न: अल्पसंख्यक किसे कहते है?
उत्तर: ऐसे समुदाय जिनकी संख्या बाकी आबादी के मुकाबले बहुत कम है, ऐसे समुदायों को अल्पसंख्यक कहते है | उदाहरण : इसाई, जैन समुदाय, मुसलमान इत्यादि |
प्रश्न: हाशियाकरण के कौन-कौन से प्रभाव हैं?
उत्तर: हाशियाकरण के निम्नलिखित प्रभाव है|
(i) इससे कमजोर सामाजिक हैसियत पैदा होती है|
(ii) शिक्षा व अन्य संसाधनों तक पहुँच बराबर नहीं मिल पाती है|
(iii) समाज के कुछ समुदाय देश की मुख्यधारा से अलग हो जाते हैं|
(iv) हाशियाई समुदायों को अधिकारों और विकास के अन्य अवसरों में बराबर हिस्सा नहीं मिल पाता है|
(v) यह आभाव, पूर्वाग्रह और हिंसा को जन्म देता है|
प्रश्न: 'हाशियाकरण' शब्द से आप क्या समझते है ? अपने शब्दों में दो तीन वाक्य लिखिए |
उत्तर: हाशियाकरण का मतलब होता है कि किसी को किनारे या हाशिये पर ढकेल देना | ऐसे में वह व्यक्ति समाज की मुख्यधारा में नहीं रहता |
प्रश्न: आदिवासी लगातार हाशिये पर क्यों खिसकते जा रहें हैं ? दो कारण बताइए |
उत्तर: दो कारण निम्नलिखित है -
(i) इमारती लकड़ी और खेती व उद्योगों के लिए विशाल वनभूमियों को साफ किया जा रहा है |
(ii) खनन और अन्य विशाल औद्दोगिकी परियोजनाओं के लिए आदिवासियों की जमीन को छिना जा रहा है |
प्रश्न: अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा के लिए संवैधानिक सुरक्षाओं को क्यों महत्वपूर्ण मानते है ? इसका एक कारण बताइए |
उत्तर: भारतीय संविधान मानता है कि बहुसंख्यक समुदाय की संस्कृति समाज और सरकार की अभिव्यक्ति को प्रभावित कर सकती है | ऐसी सूरत में छोटा आकर घाटे की बात साबित हो सकती है और छोटे समुदाय हाशिये पर खिसकते चले जाते हैं | ऐसे में अल्पसंख्यक समुदायों को बहुसंख्यक समुदाय के सांस्कृतिक वर्चस्व से बचाने के लिए संवैधानिक सुरक्षात्मक प्रावधानों की आवश्यकता होती है |
प्रश्न: अल्पसंख्यक और हाशिकरण वाले हिस्से को दोबारा पढ़िए | अल्पसंख्यक शब्द से या समझते है ?
उत्तर: अल्पसंख्यक शब्द आमतौर पर ऐसे समुदायों के लिए इस्तेमाल किया जाता है जो बाकी आबादी के मुकाबले संख्या की दृष्टि से बहुत छोटा होता है | यह अवधारणा केवल संख्या तक ही सीमित नहीं है | इसमें न केवल सत्ता और संसाधनों तक पहुँच जैसे मुद्दे जुड़े हुए हैं बल्कि इसके सामाजिक व सांस्कृतिक आयाम भी होते है |
प्रश्न: आप एक बहस में हिस्सा ले रहें हैं जहाँ आपको इस बयान के समर्थन में तर्क देने हैं कि 'मुसलमान एक हाशियाई समुदाय है' इस अध्याय में दी गई जानकारियों के आधार पर दो तर्क पेश कीजिए |
उत्तर: मुसलमान एक हाशियाई समुदाय है क्योंकि -
(i) उनको मूलभूत सुविधाएँ जैसे पक्के घर, बिजली, पाइप का पानी समान रूप से उपलब्ध नहीं है |
(ii) अन्य धार्मिक समुदायों की अपेक्षा मुसलमानों में साक्षरता दर सबसे कम है |
प्रश्न: कल्पना कीजिए की आप टेलीविजन पर 26 जनवरी की परेड देख रहें हैं | आपकी एक दोस्त आप के नजदीक बैठी है | वह अचानक कहती है, "इन आदिवासियों को देखों, कितने रंग बिरंगे हैं | लगता है सदा नाचते ही रहते हैं |" उसकी बात सूनकर आप भारत में आदिवासियों के जीवन से संबंधित क्या बातें उसको बताएँगे ? उनमे से तीन बातें लिखे |
उत्तर:
(i) आदिवासियों में ऊँच-नीच का फर्क बहुत कम होता है | इसी वजह से यह समुदाय जाति वर्ण पर आधारित समुदायों या राजाओं के शासन में रहने वाले समुदायों से बिलकुल अलग होते हैं |
(ii) आदिवासियों के बहुत सारे जनजातिय धर्म होते हैं | उनके धर्म इस्लाम, हिंदुत्व, ईसाई आदि धर्मों से बिलकुल अलग हैं |
(iii) वे अपने पुरखों की, गाँव और प्राकृतिक की उपासना करते हैं | प्रकृति से जुडी क्जिजों में पर्वत, नदी, पशु आदि शामिल हैं |
प्रश्न: क्या आप इस बात से सहमत हैं कि आर्थिक हाशियाकरण और सामाजिक हाशियाकरण आपस में जुड़े हुए हैं? क्यों?
उत्तर: आदिवासी समुदाय अपनी गरीबी के कारण सामाजिक हैसियत में कमतर मने जाते हैं | आर्थिक रूप से कमजोर व कम संख्या में होने के कारण उन्हें पिछले सालों में आए आर्थिक बदलावों, वन नीतियों और राज्य व निजी उद्योगों के रजनीतिक दबाव की वजह से बागानों, निर्माण स्थलों, उद्योगों आदि में नौकरी करने के लिए मजबूर किया जा रहा है | इस तरह वे गरीबी और लाचारी के जाल में फँसते चले जाते हैं | परिणामस्वरूप वे कई तरह के अभावों का शिकार हो जाते हैं | उनके बच्चे कुपोषण के शिकार रहते हैं व साक्षरता भी कम होती है | यह बात बिल्कुल सही है कि आर्थिक और सामाजिक हाशियाकरण आपस में जुड़े हुए हैं |
अतिरिक्त - प्रश्न
अतिरिक्त - प्रश्न:
प्रश्न: हाशियाकरण क्या है?
उत्तर: समाज के पिछड़े और वंचित समूह का समाज और राजनितिक अवसरों से अलग-थलग पड़ जाना हाशियाकरण कहलाता है|
प्रश्न: समाज के उन तीन समूहों का नाम बताइए जो हाशियाकरण के शिकार हुए हैं?
उत्तर:
(i) आदिवासी
(ii) मुसलमान
(iii) दलित
प्रश्न: हाशियाकरण से निपटने के लिए सरकार क्या करती है?
उत्तर: सरकार हाशियाकरण से निपटने के लिए कानून बनाती है और इन समुदायों को लाभ पहुँचाने के लिए कई नीतियाँ और योजनाएँ लागु करती है|
प्रश्न: हाशियाकरण के शिकार समुदायों की क्या समस्याएँ है?
उत्तर:
(i) उनके साथ भेदभाव होता है|
(ii) इन समुदायों को उनके संसाधनों से वंचित किया जाता है|
(iii) इन समुदायों को उचित मजदूरी नहीं मिलती और इनका शोषण होता है|
(iv) इन्हें अपने हक़ के लिए संघर्ष करना पड़ता है|
(v) इन्हें सरकारी और सामाजिक अवसरों का लाभ नहीं मिलता है|
प्रश्न: आदिवासी कौन लोग हैं?
उत्तर: आदिवासी शब्द का मलतब होता है 'मूलनिवासी' | ये ऐसे समुदाय है जो जंगलों के साथ जीते आए हैं और आज भी उसी तरह जी रहे हैं | भारत की लगभग 8 प्रतिशत आबादी आदिवासियों की है |
प्रश्न: आर्थिक रूप से आदिवासी क्षेत्रों का क्या महत्व है?
उत्तर: आर्थिक रूप से आदिवादी क्षेत्रों का निम्नलिखित महत्त्व है -
(i) देश के बहुत सारे महत्वपूर्ण खनन एवं औद्योगिक क्षेत्र आदिवासी इलाकों में हैं |
(ii) इन क्षेत्रों से देश को बहुत से खनिज और आर्थिक मदद मिलता है |
प्रश्न: भारत में लगभग कितने आदिवासी समुदाय हैं?
उत्तर: भारत में लगभग 500 से अधिक आदिवासी समूह हैं|
प्रश्न: भारत में प्रमुख आदिवासी क्षेत्र कहाँ-कहाँ हैं?
उत्तर: भारत में छत्तीसगढ़, झारखण्ड, मध्यप्रदेश, उड़ीसा, गुजरात, महाराष्ट्र, आँध्रप्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड और त्रिपुरा आदि राज्यों में आदिवासियों की संख्या बहुत अधिक है | ये क्षेत्र भारत के प्रमुख आदिवासी क्षेत्र माने जाते हैं|
प्रश्न: आदिवासी समूह की विशेषताएँ लिखिए|
उत्तर: आदिवासी समूहों की निम्नलिखित विशेषताएँ होती हैं -
(i) उनके भीतर ऊँच-नीच का फर्क बहुत कम होता है|
(ii) ये समुदाय जाति-वर्ण पर आधरित समुदायों या राजाओं के शासन में रहने वाले समुदायों से बिलकुल अलग होते हैं।
(iii) ये अकसर अपने पुरखों की, गाँव और प्रकृति की उपासना करते हैं।
(iv) ये जंगलों में रहते है और ये पूरी तरह जंगलों के उत्पादों पर निर्भर रहते हैं |
प्रश्न: आदिवासी लोगों के प्रति हमारे बीच कौन-कौन सी गलत और प्रचलित छवियाँ हैं ?
उत्तर: आदिवासी लोगों के प्रति हमारे बीच निम्लिखित गलत और प्रचलित छवियाँ हैं-
(i) आदिवासियों पर यह आरोप लगाया जाता है कि वे आगे नहीं बढ़ना चाहते।
(ii) स्कूल के उत्सवों, सरकारी कार्यक्रमों या किताबों व फिल्मों में उन्हें सदा एक रूप में ही पेश किया जाता है।
(iii) बहुत सारे लोग इस गलतफहमी का शिकार हो जाते हैं कि उनका जीवन बहुत आकर्षक, पुराने किस्म का और पिछड़ा हुआ है।
(iv) बहुत सारे लोग पहले ही मान लेते हैं कि वे बदलाव या नए विचारों से दूर रहना चाहते हैं।
प्रश्न: औपनिवेशिक शासन से पहले आदिवासी समुदाय के जीवन का वर्णन करों?
उत्तर: औपनिवेशिक शासन से पहले आदिवासी समुदाय शिकार और चीजें बीनकर आजीविका चलाते थे। वे एक जगह ठहर कर कम रहते थे। वे स्थानांतरित खेती के साथ-साथ लंबे समय तक एक स्थान पर भी खेती करते थे। उन्नीसवी सदी के आखिर तक हमारे देश का बड़ा हिस्सा जंगलों से ढँका हुआ था। उन्नीसवीं सदी के मध्य तक तो इन विशाल भूखंडों का आदिवासियों के पास जबरदस्त ज्ञान था। इन इलाकों में उनकी गहरी पैठ थी। उनका जंगलों पर पूरा नियंत्राण भी था।
प्रश्न: आदिवासियों की जमीनें और जंगल छीन जाने से उनके सामने आजीविका के लेकर क्या समस्याएँ हैं?
उत्तर :
(i) आजीविका और भोजन के अपने मुख्य स्रोतों से वंचित हो गए हैं |
(ii) अपने परम्परागत निवास स्थानों के छिनते जाने की वजह से बहुत सारे आदिवासी काम की
तलाश में शहरों का रुख कर रहे हैं।
(iii) वहाँ उन्हें छोटे-मोटे उद्योगों, इमारत या निर्माण स्थलों पर बहुत मामूली वेतन वाली नौकरियाँ करनी पड़ती हैं।
(iv) इस तरह वे गरीबी और लाचारी के जाल में फंसते चले जाते हैं। ग्रामीण इलाकों में 45 प्रतिशत और शहरी इलाकों में 35 प्रतिशत आदिवासी समूह गरीबी की रेखा से नीचे गुजर बसर करते हैं। इसकी वजह से वे कई तरह के अभावों का शिकार हो जाते हैं।
(v) उनके बहुत सारे बच्चे कुपोषण के शिकार रहते हैं। आदिवासियों के बीच साक्षरता भी बहुत कम है।
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Civics Chapter List
Chapter 1. भारतीय संविधान
Chapter 2. धर्मनिरपेक्षता की समझ
Chapter 3. हमें संसद क्यों चाहिए
Chapter 4. कानूनों की समझ
Chapter 5. न्यायपालिका
Chapter 6. हमारी आपराधिक न्याय प्रणाली
Chapter 7. हाशियाकरण की समझ
Chapter 8. हाशियाकरण से निपटना
Chapter 9. जनसुविधाएँ
Chapter 10. कानून और सामाजिक न्याय
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