Chapter 6. हमारी आपराधिक न्याय प्रणाली Civics class 8 exercise अतिरिक्त - प्रश्न
Chapter 6. हमारी आपराधिक न्याय प्रणाली Civics class 8 exercise अतिरिक्त - प्रश्न ncert book solution in hindi-medium
NCERT Books Subjects for class 8th Hindi Medium
अध्याय - समीक्षा
अध्याय - समीक्षा:
- आपराधिक न्याय प्रणाली में चार प्रमुख खिलाड़ी हैं: पुलिस, लोक अभियोजक, रक्षा वकील और न्यायाधीश।
- पुलिस की मुख्य भूमिका एक अपराध की जांच करना है, जब एक पुलिस स्टेशन में प्राथमिकी, यानी प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज की जाती है।
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एक जांच में गवाह के बयान दर्ज करना और विभिन्न प्रकार के साक्ष्य एकत्र करना शामिल है।
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लोक अभियोजक की भूमिका तब शुरू होती है जब पुलिस ने अदालत में आरोप पत्र दायर किया है।
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न्यायाधीश एक खुली अदालत में निष्पक्ष रूप से परीक्षण करता है और प्रस्तुत साक्ष्य के आधार पर सजा सुनाता है।
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भारतीय संविधान के अनुसार, प्रत्येक नागरिक को, चाहे वह किसी भी वर्ग, जाति, लिंग, धर्म और पृष्ठभूमि का हो, आरोपी होने पर निष्पक्ष सुनवाई होनी चाहिए।
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15 साल से कम उम्र के लड़के और महिलाओं को सिर्फ पूछताछ के लिए थाने नहीं बुलाया जा सकता।
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भारतीय संविधान ने गारंटी दी है कि गिरफ्तार किए गए प्रत्येक व्यक्ति को गिरफ्तारी के 24 घंटे के भीतर मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया जाना चाहिए।
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चार लोग हैं जो हमारी आपराधिक न्याय प्रणाली में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ये हैं: पुलिस, लोक अभियोजक, बचाव पक्ष के वकील और न्यायाधीश।
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पुलिस की भूमिका थाने में प्राथमिकी दर्ज करने से शुरू होती है। प्राथमिकी दर्ज होने के बाद पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। जांच के आधार पर वे राय बनाते हैं।
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अगर पुलिस को लगता है कि सबूत आरोपी व्यक्ति के अपराध की ओर इशारा करते हैं, तो वे कोर्ट में चार्जशीट दाखिल करते हैं.
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पुलिस जांच हमेशा कानून के अनुसार और मानवाधिकारों के पूर्ण सम्मान के साथ आयोजित की जानी चाहिए।
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पुलिस को जांच के दौरान किसी को प्रताड़ित करने या पीटने या गोली मारने की अनुमति नहीं है।
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अदालत में, लोक अभियोजक राज्य के हितों का प्रतिनिधित्व करता है। उसकी भूमिका तब शुरू होती है जब पुलिस ने जांच की और अदालत में आरोप पत्र दायर किया।
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लोक अभियोजक से निष्पक्ष रूप से कार्य करने और पूर्ण और भौतिक तथ्यों, गवाहों और सबूतों को अदालत के समक्ष पेश करने की अपेक्षा की जाती है।
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बचाव पक्ष का वकील आरोपी की तरफ से काम करता है। वह अपने मुवक्किल के पक्ष में अदालत के समक्ष गवाह और सबूत भी पेश करता है।
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न्यायाधीश सभी गवाहों और अभियोजन और बचाव पक्ष द्वारा प्रस्तुत किए गए किसी भी अन्य साक्ष्य को सुनता है।
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गवाह: यह उस व्यक्ति को संदर्भित करता है जिसे अदालत में बुलाया जाता है कि उसने जो कुछ देखा, सुना या जानता है, उसका प्रत्यक्ष विवरण दें।
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हिरासत: यह उस स्थिति को संदर्भित करता है जब पुलिस किसी को जबरन हिरासत में रखती है।
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अपराध: कोई भी कार्य जिसे कानून द्वारा अपराध के रूप में परिभाषित किया गया है।
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जाँच पड़ताल: यह एक अपराध के बारे में तथ्यों की आधिकारिक जाँच को संदर्भित करता है।
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मेमो: यह एक आधिकारिक नोट को संदर्भित करता है।
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संज्ञेय: यह एक ऐसे अपराध को संदर्भित करता है जिसके लिए पुलिस किसी व्यक्ति को अदालत की अनुमति के बिना गिरफ्तार कर सकती है।
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क्रॉस: एग्जामिनेशन: गवाह से सावधानी से पूछताछ करना, जिसकी गवाही की सच्चाई का निर्धारण करने के लिए विपरीत पक्ष द्वारा पहले ही जांच की जा चुकी है|
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साक्ष्य: यह उन तथ्यों या संकेतों को संदर्भित करता है जो आपको विश्वास दिलाते हैं कि कुछ सच है
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स्वीकारोक्ति: एक अपराध की स्वीकृत।
अध्याय
अभ्यास - प्रश्न:
प्रश्न: पिसलैंड नामक शहर में फिएस्ता फुटबाल टीम के समर्थकों को पता चलता है कि पास के एक शहर में जो वहां से लगभग 40 कि.मी. है, जुबली फुटबाल टीम के समर्थकों ने खेल के मैदान को खोद दिया है | वहीँ अगले दिन दोनों टीमों के बीच अन्तिम मुकाबला होने वाला है | फिएस्ता के समर्थकों का एक झुंड घातक हथियारों से लैस होकर अपने शहर के जुबली समर्थकों पर धावा बोल देता है | इस हमले में दस लोग मरे जाते हैं, पांच औरतें बुरी तरह जख्मी होती हैं, बहुत सारे घर नष्ट हो जाते हैं और पचास से ज्यादा लोग घायल हो जाते हैं|
कल्पना कीजिए कि आप और आप के सहपाठी आपराधिक न्याय व्यवस्था के अंग हैं | अब अपनी कक्षा को इन चर समूहों में बाँट दीजिए -
1. पुलिस 2. सरकारी वकील
3. बचाव पक्ष का वकील 4. न्यायाधीश
नीचे दी गई तालिका के दाएं कोलम में कुछ जिम्मेदारियां दी गई हैं | इन जिम्मेदारियों को बाई ओर दिए गए अधिकारों की भूमि के साथ मिलाएं | प्रत्येक टोली को अपने लिए उन कामों का चुनाव करने दीजिए जो फिएस्ता समर्थकों को हिंसा से पीड़ित लोगों को न्याय दिलाने के लिए आवश्यक हैं | ये कम किस क्रम में किए जाएँगे ?
उत्तर:
भूमिकाएँ |
कार्य |
पुलिस |
फिएस्ता समर्थकों को गिरफ्तार करना हमले की शिकार महिलाओं की डॉक्टरी जाँच कराना गवाहों के बयान दर्ज करना जले हुए घरों की तस्वीरे लेना सबूत दर्ज करना |
सरकारी वकील |
अदालत में गवाहों की जाँच करना पीड़ितों का पक्ष प्रस्तुत करना |
बचाव पक्ष का वकील |
आरोपी व्यक्तियों से मिलना गवाहों से बहस करना |
न्यायाधीश |
निष्पक्ष मुकदमा चलाना गवाहों को सुनना यह तय करना कि आरोपी कितने साल जेल में रहेंगे फैसले लिखना फैसले सुनना |
प्रश्न 2. अब यही स्थिति लें और किसी ऐसे विद्यार्थी को उपरोक्त सारे कम करने के लिए कहें जो फिएस्ता क्लब का समर्थक है | यदि आपराधिक न्याय व्यवस्था के सारे कामों को केवल एक ही व्यक्ति करने लगे तो क्या आप को लगता है कि पीड़ितों को न्याय मिल पाएगा ? क्यों नहीं?
उत्तर: यदि आपराधिक न्याय व्यवस्था के सारे कामों को केवल एक ही व्यक्ति करने लगे तो पीड़ितों को न्याय नहीं मिल पाएगा क्योंकि -
(i) एक व्यक्ति के हाथों में सारी शक्तियां होने पर भेदभाव की संभावना बढ़ जाती है|
(ii) जिस व्यक्ति ने जुर्म किया है यदि वह बहुमत दल का है उसकी राजनीती में अच्छी पहुँच है तो वह एक व्यक्ति पर आसानी से दबाव डालकर मुकदमा जित सकता है | ऐसे में शक्ति के दुरूपयोग की संभावना बढ़ जाती है|
(iii) एक ही व्यक्ति के द्वारा सभी के यानि पुलिस, सरकारी वकील, बचाव पक्ष का वकील, न्यायधीशों के कार्यों को भली-भांति करना संभव नही है|
(iv) यदि एक ही व्यक्ति आपराधिक न्यायिक व्यवस्था के सारे कार्य करने लगे तो वह निष्पक्ष व्यवस्था नहीं रह पाएगी बल्कि भेदभाव पूर्ण व्यवस्था में बदल जायगी|
प्रश्न 3. आप ऐसा क्यों मानते है कि आपराधिक न्याय व्यवस्था में विभिन्न लोगों को अपनी अलग - अलग भूमिका निभानी चाहिए? दो कारण बताएँ|
उत्तर: दो कारण निम्नलिखित है:
(i) विभिन्न व्यक्तियों द्वारा विभिन्न भूमिकाएँ अदा की जाती हैं जिसके लिए विशेष शिक्षा की आवश्यकता होती है| यह एक व्यक्ति के द्वारा संभव नहीं है| जैसे, अपराधी की गिरफ्तारी, गवाहों से जिरह, निष्पक्ष मुकदमा चलाना, सबूत इकट्ठे करना व निश्चित जुर्म के लिए सजा तय करना, आदि |
(ii) यह निश्चित करने हेतु कि प्रत्येक नागरिक चाहे वह विभिन्न वर्ग, जाति, धर्म और वैचारिक मान्यताओं के हों, उन्हें निष्पक्ष सुनवाई का अधिकार दिया जाए|
अतिरिक्त - प्रश्न
अतिरिक्त - प्रश्न:
प्रश्न: अपराधिक न्याय व्यवस्था में मुख्य लोग कौन होते है?
उत्तर: अपराधिक न्याय व्यवस्था में पुलिस, सरकारी वकील, बचाव पक्ष का वकील और न्यायधीश ये चार लोग मुख्य होते हैं |
प्रश्न: गवाह किसे कहते हैं?
उत्तर: जब किसी व्यक्ति को अदालत में यह बयान देने के लिए बुलाया जाता है की उसने मामले के संबंध में क्या देखा है, सुना या जाना है तो उसे गवाह कहा जाता है |
प्रश्न: आरोपी किसे कहते है?
उत्तर: वह व्यक्ति जिस पर अदालत में किसी अपराध के लिए मुक़दमा चल रहा है उसे आरोपी कहा जाता है |
प्रश्न: जिरह क्या है?
उत्तर: जब कोई गवाह अदालत में अपना बयान देता है तो दुसरे पक्ष का वकील भी उससे कुछ सवाल पूछता है जिससे उसके पिछले बयान को सही या गलत साबित किया जा सके इसी प्रक्रिया को जिरह कहते है|
प्रश्न: हिरासत किसे कहते है?
उत्तर: पुलिस द्वारा किसी को गैर क़ानूनी ढंग से अपने कब्जे में रखना हिरासत कहलाता है|
प्रश्न: पुलिस हिरासत के दौरान अपनी गलती मानते हुए आरोपी द्वारा दिए गए बयानों को उसके खिलाफ सबूत के तौर पर इस्तेमाल नहीं किया जा सकता ? क्यों ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: क्योंकि पुलिस हिरासत के दौरान लिया गया बयान डरा धमका कर लिया गया बयान भी हो सकता है।
प्रश्न: आपराधिक न्याय व्यवस्था में मुख्य कौन कौन से लोग होते हैं?
उत्तर: पुलिस, सरकारी वकील, बचाव पक्ष का वकील और न्यायाधीश, ये चार अधिकारी आपराधिक न्याय व्यवस् था में मुख्य लोग होते हैं।
प्रश्न: आपराधिक न्याय व्यवस्था में पुलिस का क्या कार्य है?
उत्तर: पुलिस का कार्य: -
(i) F.I.R दर्ज करना।
(ii) अपराध के बारे में मिली शिकायत की जाँच करना और सबूत इकठ्ठा करना।
(iii) सबूतों से आरोपी का दोष साबित होता दिखाई दे रहा है तो पुलिस अदालत में आरोपपत्र/चार्जशीट दाखिल करना।
प्रश्न: F.I.R का पूरा नाम लिखिए?
उतर: प्रथम सुचना रिपोर्ट (फर्स्ट इन्वेस्टीगेशन रिपोर्ट) |
प्रश्न: संविधान के अनुच्छेद 22 और फौजदारी कानून में प्रत्येक गिरफ्तार व्यक्ति को कौन कौन से मौलिक अधिकार दिए गए हैं ?
उत्तर:
(i) गिरफ्तारी के समय उसे यह जानने का अधिकार है कि गिरफ़्तारी किस कारण से की जा रही है।
(ii) गिरफ्तारी के 24 घंटों के भीतर मजिस्ट्रेट के सामने पेश होने का अधिकार।
(iii) गिरफ्तारी के दौरान या हिरासत में किसी भी तरह के दुर्व्यवहार या यातना से बचने का अधिकार।
(iv) पुलिस हिरासत में दिए गए इकबालिया बयान को आरोपी के खिलाफ सबूत के तौर पर इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।
(v) 15 साल से कम उम्र के बालक और किसी भी महिला को केवल सवाल पूछने के लिए थाने में नहीं बुलाया जा सकता।
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Civics Chapter List
Chapter 1. भारतीय संविधान
Chapter 2. धर्मनिरपेक्षता की समझ
Chapter 3. हमें संसद क्यों चाहिए
Chapter 4. कानूनों की समझ
Chapter 5. न्यायपालिका
Chapter 6. हमारी आपराधिक न्याय प्रणाली
Chapter 7. हाशियाकरण की समझ
Chapter 8. हाशियाकरण से निपटना
Chapter 9. जनसुविधाएँ
Chapter 10. कानून और सामाजिक न्याय
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