10. जीवों में श्वसन Science class 7 exercise महत्वपूर्ण-प्रश्नोत्तर
10. जीवों में श्वसन Science class 7 exercise महत्वपूर्ण-प्रश्नोत्तर ncert book solution in hindi-medium
NCERT Books Subjects for class 7th Hindi Medium
अभ्यास-समीक्षा
अभ्यास - समीक्षा:
- हम जिस वायु को साँस द्वारा अन्दर लेते हैं, उसमें उपस्थित ऑक्सीजन शरीर के सभी भागों में और अंततः प्रत्येक कोशिका में ले जाई जाती हैं| कोशिकाओं में यह ऑक्सीजन भोजन के विखंडन में सहायता कराती हैं| कोशिका में भोजन के विखंडन के प्रक्रम में ऊर्जा मुक्त होती हैं| इसे कोशिकीय श्वसन कहते हैं|
- सभी जीवों की कोशिकाओं में कोशिकीय श्वसन होता हैं|
- कोशिका के अन्दर, भोजन (ग्लूकोस) ऑक्सीजन का उपयोग करके कार्बन डाइऑक्साइड और जल में विखंडित हो जाता हैं| जब ग्लूकोस का विखंडन ऑक्सीजन के उपयोग द्वारा होता हैं, तो यह वायवीय श्वसन कहलाता हैं|
- ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में भी भोजन विखंडित हो सकता हैं| यह प्रक्रम अवायवीय श्वसन कहलाती हैं|
भोजन के विखंडन से ऊर्जा निर्मुक्त होती हैं:
ग्लूकोज ऑक्सीजन के उपयोग के साथ
कार्बन डाइऑक्साइड+जल+ऊर्जा
- ऐसे जीव अवयावीय श्वसन के द्वारा ऊर्जा प्रप्त करते हैं उन्हें अवायवीय जीव कहते हैं|
- अत्यधिक व्यायाम करते समय जब हमारी पेशी - कोशिकाओं में ऑक्सीजन की आपूर्ति अपर्याप्त होती हैं, तब भोजन का विखंडन अवायवीय श्वसन द्वारा होता हैं|
- ग्लूकोस विखंडन जीव को कोशिकाओं में होता हैं जिसे कोशिकीय श्वसन कहते हैं|
- शारीरिक सक्रियता के बढ़ने पार श्वसन दर बढ़ जाती हैं|
- पादपों में मूल, मृदा में उपस्थित वायु को ग्रहण करती हैं| पत्तियों में नन्हें छिद्र होते हैं, जिन्हें रंध्र कहते हैं, जिनसे गैंसों का विनिमय होता हैं| पादप कोशिकाओं में ग्लूकोस का विखंडन अन्य जीवों की तरह हो होता हैं|
- अंतः श्वसन या निः श्वसन के समय हमारे फेफड़े विस्तृत होते हैं और उच्छ्वसन के साथ ये अपनी मूल अवस्था में आ सकते हैं|
- गाय, भैंस, कुत्ते और बिल्ली जैसे जीवों में श्वसन अंग और श्वसन प्रक्रम मानव के सामान हो होते हैं|
- साँस लेना श्वसन प्रक्रम का एक चरण हैं, जिसमें जीव ऑक्सीजन समृद्ध वायु को शरीर के अन्दर लेता हैं और कार्बन डाइऑक्साइड समृद्ध वायु को बाहर निकालता हैं| गैसों के विनिमय के लिए विभिन्न जीवों में श्वसन अंग भिन्न होते हैं|
- श्वसन सभी जीवों के जीवित रहने के लिए अनिवार्य हैं| यह जीव द्वारा लिए गए भोजन उर्जा को निर्मुक्त करता हैं|
अभ्यास-प्रश्नोत्तर
अभ्यास - प्रश्नोत्तर:
प्रश्न1: कोई धावक दौड़ समाप्त होने पार सामने से अधिक ते जि से गहरी साँसें क्यों लेता हैं ?
उत्तर: धावक कप दौड़ाने के लिए, अपनानी ऊर्जाका बहुत उपयोग करना पड़ता हैं| वह ऊर्जा ग्लूकोज के टूटने से आती है जो ऊर्जा का त्वरित स्रोत हैं ग्लूकोज के टूटने केके लिए अतिरिक्त ऑक्सीजन कई आवश्यकता होती हैं| धावक अधिक तेजी से गहरी साँसे इसलिए लेता हैं| क्योंकि उसे अपनी मांसपेशियों की कोशिकाओं में ऑक्सीजन कई आपूर्ति करने कई जरूरत पड़ती हैं |
प्रश्न2: वातावीय और अवायवीय श्वसन के बीच समानताएं और अंतर बताइए ?
उत्तर: वायावीय और अवायवीय श्वसन में समानता इस प्रकार हैं -
(i) वायवीय और आवायावीय श्वसन दोनों में ही भोजन ऊर्जा उत्पन्न करने के लिए टूट जाता हैं|
(ii) वायवीय और अवायवीय श्वसन दोनों में ही कार्बन डाईऑक्साइड उत्पन्न होती हैं
वायवीय और आवायावीय श्वसन में अंतर इस प्रकार हैं -
वायवीय :-
(a) वायवीय श्वसन में ग्लूकोज के ऑक्सीकरण के लिए ऑक्सीजन का प्रयोग होता हैं |
(b) वायवीय श्वसन में ग्लूकोज के एक अणु के ऑक्सीकरण से 38 ए.टी.पी. अणु बनाते हैं |
(c) वायवीय श्वसन में केवल आरंभिक चरण कोशिकाद्र्व्य में होते हैं, लेकिन अधिकार माईटोकॉिनिड़या में होते हैं |
(d) वायवीय श्वसन में अंतिम उत्पाद कार्बन डाईऑक्साइड, पानी तथा ऊर्जा हैं |
अवायवीय :-
(a) अवायवीय श्वसन में ऑक्सीजन प्रयुक्त नहीं होती |
(b) अवायवीय श्वसन में ग्लूकोज के एक अणु के ऑक्सीकरण से केवल 2 ए. टी. पी. बनाते हैं |
(c) अवायवीय श्वसन में केवल कोशिकाद्र्व्य में होता हैं|
(d) अवायवीय श्वसन में अतिंम उत्पाद कार्बन डाईऑक्साइड, एथेनॉल या लैक्टिक अम्ल है और थोड़ी सी ऊर्जा भी उत्सर्जित होती हैं|
प्रश्न3: जब हम अत्यधिक धुल भरी वायु में साँस लेते है, तो हमें छींक क्यों आ जाती हैं ?
उत्तर: छींकने से साँस की हवा से विदेशी कणों का निष्कासन होता हैं, जिससे केवल स्वच्छ हवा ही हमारे अन्दर प्रवेश करती हैं| ऐसा आमतौर पर ऊपरी श्वसन के मार्ग में जलन के कारण होता हैं और वे हमारे नाक गुहा में फंसा जाते हैं धुँआ, धूल, पराग, आदि कुछ अवांछित कण हैं जो छींकने का कारण होते हैं|
प्रश्न4: तीन परख्नालियाँ लीजिए| प्रत्येक को 3/4 भाग तक जल इ भार लीजिए| इन्हें A, B तथा C द्वारा चिहिन्त कीजिए| परखनली A में एक घोंघा रखिए|
उत्तर: 2. परखनली C में कार्बन डाईऑक्साइड की सांद्रता सबसे होगी क्योंकि इस परखनली में घोंघा और पौधा दोनों ही साँस के रूप में ऑक्सीजन को उपयोग कर कार्बन डाईऑक्साइड को उत्पन्न करेंगे|
प्रश्न5: सही उत्तर पर (सही) का निशान लगाएं|
1. तिलचट्टों के शरीर में वायु प्रवेश करती हैं, उनके
(i) फेफड़ों द्वारा
(ii) क्लोमो द्वारा
(iii) स्वास रंध्रों द्वारा
(iv) त्वचा द्वारा
उत्तर: (iii) स्वास रंध्रों द्वारा|
2. अत्यधिक व्यायाम करते समय हमारी टांगों में जिस पदार्थ के संचयन एंठन होती हैं, वह हैं
(i) कार्बन डाईऑक्साइड
(ii) लैक्टिक अम्ल
(iii) अल्कोहल
(iv) जल
उत्तर: (ii) लैक्टिक अम्ल|
3. किसी सामान्य व्यस्क व्यक्ति की विश्राम अवस्था में औसत स्वसन दर होती हैं|
(i) 9-12 प्रति मिनट
(ii) 15-18 प्रति मिनट
(iii) 21-24 प्रति मिनट
(iv) 30-33 प्रति मिनट
उत्तर: (ii) 15-18 प्रति मिनट|
4. उच्छ्सन के समय, पसलियाँ
(i) बाहर की और गति करती है
(ii) नीचे की और गति करती हैं
(iii) ऊपर की और गति करती हैं
(iv) बिलकुल गति नहीं करती हैं
उत्तर: (ii) नीचे की और गति करती है|
प्रश्न6: कॉलम A में दी गए कॉलम B के साथ मिलान कीजिए-
कॉलम A कॉलम B
1. यीस्ट| (क) केंचुआ
2. डायफ्राम(मध्यपट) (ख) क्लोम
3. त्वचा| (ग) अल्कोहल
4. पत्तियां| (घ) वक्ष - गुहा
5. मछली| (ड) रंध्र
6. मेंढक| (च) फेफड़े और त्वचा
(छ) श्वासनप्राणाली
उत्तर:
कॉलम A कॉलम B
1. यीस्ट| (क) अल्कोहल
2. डायफ्राम(मध्यपट) (ख) वक्ष - गुहा
3. त्वचा| (ग) केंचुआ
4. पत्तियां| (घ) रंध्र
5. मछली| (ड) क्लोम
6. मेंढक| (च) फेफड़े और त्वचा
प्रश्न7: बताइए कि निमालिखित वक्तव्य 'सत्य' हैं अथवा 'असत्य'-
(क) अत्यधिक व्यायाम करते समय शक्ति की श्वसन दर धीमी हो जाती हैं|
(ख) पादपों में प्रकाश संश्लेष्ण केवल दिन में जबकि श्वसन केवल रात्रि में होता हैं|
(ग) मेंढक अपनी त्वचा के अतिरिक्त फेफड़ों से भी श्वसन करते हैं|
(घ) मछलियों में श्वसन के समय के लिए फेफड़े होते हैं|
(ड) अतं: श्वसन के समय वक्ष - गुहों का आयतन बढ़ जाता हैं|
उत्तर:
(क) असत्य
(ख) असत्य
(ग) सत्य
(घ) असत्य
(ड) सत्य
प्रश्न8: दी गई पहेली के प्रतेक वर्ग में जीवों के श्वसन से संबधित हिंदी वर्णाक्षर अथवा संयुक्ताक्षर दिए गए हैं| इसको मिलाकर जीवों तथा उनके श्वसन अंगों से संबधित शब्द बनाए जा सकते हैं| शब्द वर्गी के जाल में किसी भी दिशा में, ऊपर, नीचे अथवा भी कारण में पाए जा सकते हैं| श्वसन तंत्र तथा जीवों के नाम खोजिए|
1. कीटों की वायु नालियां
2. वक्ष - गुहा को घेरों हुए हड्डियों की संरचना
3. वक्ष - गुहा का पेशीय तल
4. पत्ती की सतह पार सूक्ष्म छिद्र
5. कीट के शरीर के पार्श्व भागों के छोटे छिद्र
6. मनुष्य के श्वसन अंग
7. वे छोटे छिद्र जिनसे हम साँस भीतर लेते करते हैं|
उत्तर:
1. कीटों की वायु नालियाँ - श्वसन
2. वक्ष - गुहा को घेरे हुए हड्डियों की संरचना - पसलियाँ
3. वक्ष - गुहा का पेशीय तल - डायाफ्राम
4. पत्ती की सतह पार सूक्ष्म छिद्र - रंध्र
5. कीट के शरीर के पार्श्व भागों छिद्र - श्वसन रंध्र
6. मनुष्यों के श्वसन अंग - फेफड़े
7. वे छिद्र जिनसे हम साँस भीतर लेते करते हैं - नासा द्वार
8. एक अवायवीय जीव - यीस्ट
9. श्वसन तंत्र वाला एक जीव - तिलचट्टा
प्रश्न9: पर्वतारोही अपने साथ ऑक्सीजन का सिलेंडर लि जाते हैं, क्योंकि
(क) 5Km से अधिक ऊचाई पर वायु नहीं होती हैं|
(ख) वहाँ उपलब्ध वायु की मात्रा भूतल पार उपलब्ध वायु की मात्रा से काम होती हैं|
(ग) वहां वायु का ताप भूतल के ताप से आधिक होता हैं|
(घ) पर्वत पर वायुदाब बोतल की अप्रेक्षा अधिक होता हैं|
उत्तर: (ख) वहाँ उपलब्ध वायु की मात्रा भूतल पार उपलब्ध वायु की मात्रा से काम होती हैं|
महत्वपूर्ण-प्रश्नोत्तर
महत्वपूर्ण - प्रश्नोत्तर:
प्रश्न1: किसी भी कार्य को करने के लिए किस प्रक्रिया कि आवश्यकता होती हैं जो एक कोशिकीय या बहुकोशिकीय करते हैं|
उत्तर: श्वसन|
प्रश्न2: सभी जीव श्वसन क्यों करते हैं|
उत्तर: ऊर्जा को प्राप्त करने के लिए|
प्रश्न3: सभी सजीवों का निर्माण किस इकाई से होता हैं|
उत्तर: सभी सजीवों का निर्माण एककोशिका और बहुकोशिका से होता हैं
प्रश्न4: कोशिक किसे कहते हैं|
उत्तर: जीवन को रचनात्मक एवं क्रियात्मक इकाई को कोशिका कहते हैं|
प्रश्न5: कोशिकीय श्वसन किसे कहते हैं|
उत्तर: जब भी हम भोजन को ग्रहण करते हैं, तो कोशिकाओं में उपस्थित ऑक्सीजन भोजन के विखंडन में सहायता करता हैं| कोशिका में भोजन के विखंडन के प्रक्रम में उर्जा मुक्त होती हैं| इसे कोशिकीय श्वसन कहते हैं| तथा सभी जीवों की कोशिकाओं में कोशिकीय श्वसन होता हैं|
प्रश्न6: मानव शरीर में होने वाले श्वसन कितने प्रक्रार के होते हैं|
उत्तर: मानव शरीर में हो प्रक्रार के श्वसन होते हैं:
(i) वायवीय श्वसन|
(ii) अवायवीय श्वसन|
प्रश्न7: वायवीय श्वसन किसे कहते हैं|
उत्तर: कोशिका किए अंदर, भोजन ऑक्सीजन का उपयोग करके कार्बन डाइऑक्साइड और जल में विखंडित हो जाता हैं | जब ग्लूकोस का विखंडन ऑक्सीजन के उपयोग द्वारा होता हैं, तो यह वायवीय श्वसन कहलाता हैं|
प्रश्न8: अवायवीय श्वसन किसे कहते हैं|
उत्तर: ऑक्सीजन कि अनुपस्थिति में भी भोजन विखंडित हो सकता हैं| यह प्रक्रम अवायवीय श्वसन कहलाता हैं|
प्रश्न9: अवायवीय जीव किसे कहते हैं|
उत्तर: ऐसे जीव जो ऑक्सीजन कि अनुपस्थिति में भोजन को विखंडित कर ऊर्जा प्राप्त करते हैं|
उन्हें अवयावीय जीव कहते हैं|
प्रश्न10: अवायवीय श्वसन द्वारा ऊर्जा प्राप्त करने वाले जीव का नाम बताइए|
उत्तर: यीस्ट एक - कोशिकीय जीव हैं| ईस्ट अवायवीय रूप में श्वसन करते हैं और इस प्रक्रिया के समय ऐल्कोहॉल निर्मित करते हैं| अत: इनका उपयोग शराब और बियर बनाने के लिए किया जाता हैं|
प्रश्न11: श्वसन मानव शरीर के किस अंग में होती हैं|
उत्तर: सभी जीवित कोशिकाओं में होती हैं| श्वसन का केंद्र स्थल कोशिकाओं के साइटोंप्लाज्मा और माइटोरोकोनिडिया में होता हैं|
प्रश्न12: श्वसन के दौरान मानव शरीर किन गैंसों ग्रहण करता हैं|
उत्तर: मानव शरीर श्वसन के दौरान ऑक्सीजन को ग्रहण करता हैं और कार्बन डाइऑक्साइड निर्मुक्त करता हैं|
प्रश्न13: अंत: श्वसन किसे कहते हैं|
उत्तर: ऑक्सीजन से समृद्ध वायु को शरीर के अन्दर लेना अंत: श्वसन कहलाता हैं|
प्रश्न14: उच्छ्वसन किसे कहते हैं|
उत्तर: कार्बन डाइऑक्साइड से समृद्ध वायु को बाहर निकलना उच्छ्वसन कहलाता हैं|
प्रश्न15: श्वसन दर किसे कहते हैं|
उत्तर: कोई व्यक्ति एक मिनट में जीतनी बार श्वसन करता हैं वह उसकी श्वसन दर कहलाती हैं|
प्रश्न16: एक वयस्क व्यक्ति की श्वसन दर कितनी होती हैं|
उत्तर: वयस्क व्यक्ति विश्राम की अवस्था में एक मिनट में औसतन 15 - 18 बार साँस लेता और बाहर निकलाता हैं| अधिक व्यायाम करने में श्वसन दर 25 बार प्रति मिनट तक बढ़ सकती हैं| जब हम व्यायाम करते हैं, तो हम न केवल तेज़ी से साँस लेते हैं, बल्कि हम गहरी साँस भी लेते हैं और इस प्रक्रार अधिक ऑक्सीजन ग्रहण करते हैं|
प्रश्न17: हम श्वसन कैसे लेते हैं|
उत्तर: हम अपने नथुनों (नासा - द्वार) से वायु अन्दर लेते हैं| जब हम वायु को अंत: श्वसन द्वारा अन्दर लेते हैं, तो यह हमारे नथुनों से नासा - गुहा में चली जाती हैं| नासा - गुहा से वायु, श्वसन नहीं से होकर फेफड़ों (फुप्फुस) में जाती हैं| फेफड़े वक्ष - गुहा में स्थित होते हैं वक्ष - गुहा पार्श्व में पसलियों से घिरी रहती हैं| तथा एक बड़ी पेशीय परत, जो डायफ्राम कहलाती हैं, वक्ष - गुहा को आधार प्रदान करती हैं| श्वसन में डायफ्राम और पसलियों से बने पिंजर के गति सम्मिलित होती हैं| अंत: श्वसन के समय पसलियाँ ऊपर और बाहर कि और गति करती हैं| और डायफ्राम नीचे की और गति करता हैं| यह गति हमारी वक्ष - गुहा के आयतन को बढ़ा देती हैं और वायु फेफड़ों में आ जाती हैं| फेफड़े वायु से भर जाते हैं| उच्छ्वसन के समय पसलियाँ नीचे और अन्दर कि और आ जाती हैं, जबकि डायफ्राम ऊपर की और अपनी पूर्व स्थिति में आ जाता हैं| इससे वक्ष - गुहा का आयतन कम हो जाता हैं| इस कारण वायु फेफड़ों से बाहर धकेल दी जाती हैं|
प्रश्न18: डायफ्राम किसे कहते हैं|
उत्तर: एक बड़ी पेशीय परत जो वक्ष - गुहा को आधार प्रदान करती हैं उस परत को डायग्राम कहते हैं|
प्रश्न19: अंत: श्वसन के समय होने वाली गतियों का वर्णन कीजिए|
उत्तर: अंत: श्वसन के समय पसलियाँ ऊपर और बाहर की और गति कराती हैं और डायफ्राम नीचे कि और से ऊपर कि और गति करता हैं| यह गति हमारी वक्ष - गुहा के आयतन को बढ़ा देती हैं और वायु फेफड़ों में आ जाती हैं|
प्रश्न20: अंत: श्वसिन और उच्छ्वसित वायु में उपस्थित ऑक्सीजन और कार्बन डाइ ऑक्साइड का प्रतिशत कितना होता हैं|
उत्तर: अंत: श्वसित वायु में 21% ऑक्सीजन और 0.04% कार्बन डाइऑक्साइड लेते हैं|
उच्छ्वसित वायु में 16.4% ऑक्सीजन और 4.4% कार्बन डाईऑक्साइड छोड़ते हैं|
प्रश्न21: श्वास रंध्र किसे कहते हैं|
उत्तर: कॉकरोच या अन्य कीटों के शरीर के पाशेव भाग में छोटे - छोटे छिद्र होते हैं| अन्य कीटों के शरीर में भी इस प्रकार के छिद्र होते हैं ये छिद्र श्य्वास रंध्र कहलाते हैं
प्रश्न22: श्वासप्रणाल या वातक किसे कहते है|
उत्तर: कीटों में गैंस के विनिमय के लिए वायु नालियों का जाल बिछा होता हैं, जो श्वासप्रणाल या वातक कहलाते हैं|
प्रश्न23: रंध्र किसे कहते हैं|
उत्तर: पादप कि पत्तियों में ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड के विनिमय के लिए सूक्ष्म छिद्र होते हैं, जो रंध्र कहलाते हैं|
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Science Chapter List
1. पौधों में पोषण
2. जंतुओं में पोषण
3. तन्तु से वस्त्र तक
4. ऊष्मा
5. अम्ल, क्षार एवं लवण
6. भौतिक एवं रसायनिक परिवर्तन
7. मौसम, जलवायु तथा जलवायु के अनुरूप जन्
8. पवन, तूफान और चक्रवात
9. मृदा
10. जीवों में श्वसन
11. जंतुओं और पादपों में परिवहन
12. पादपों में जनन
13. गति और समय
14. विद्युत् धारा एवं इसका प्रभाव
15. प्रकाश
16. जल : एक बहुमूल्य संसाधन
17. वन : हमारी जीवन रेखा
18. अपशिष्ट जल की कहानी
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