4. मुग़ल साम्राज्य History class 7 exercise अतिरिक्त - प्रश्न
4. मुग़ल साम्राज्य History class 7 exercise अतिरिक्त - प्रश्न ncert book solution in hindi-medium
NCERT Books Subjects for class 7th Hindi Medium
अध्याय - समीक्षा
अध्याय - समीक्षा
- मुग़ल दो महान शासक वंशों के वंशज थे|
- ईराक एवं वर्तमान तुर्की के शासक तैमूर (जिसकी मृत्यु 1404 में हुई) के वंशज थे|
- मुगल अपने को मुगल या मगोल कहलवाना पसंद नहीं करते थे|
- मुगल, तौमूर के वंशज होने पर गर्व का नुभव करते थे, ज्यादा इसलिए क्योंकि उनके इस महान पूर्वज ने 1398 में दिल्ली पर कब्ज़ा कर लिया था|
- प्रथम मुगल शासक बाबर (1526 - 1530) ने जब 1494 में फर्घाना राज्य का उत्तराधिकार प्राप्त किया, तो उसकी उम्र केवल बाढ़ वर्ष की थीं|
- मुगलों ने अनेक वर्षों तक भटकने के बाद 1504 में काबुल पर कब्ज़ा कर लिया|
- मुगलों ने 1526 में दिल्ली के सुलतान इब्राहिम लोदी को पानीपत में हरे और दिल्ली और आगरा कोा पने कब्ज़ा में कर लिया|
- इस छोटे समूह के साथ - साथ उन्होंने शासक वर्ग में ईरानियों, भारतीय मुसलामानों, अफ़्गानों, राजपूतों, मराठों और अन्य समूहों को सम्मिलित किया| मुगलों की सेवा में आने वाले नौकरशाह 'मनसबदार' कहलाए|
- 'मनसबदार' शब्द का प्रयोग ऐसे व्यक्तियों के लिए होता था, जिन्हें कोई मंसब यानी कोई सरकरी हैसियत अथवा पद मिलाता था|
- अकबर के राजस्वमंत्री टोडरमल ने दस साल (1570 - 1580) की कालावधि के लिए कृषि की पैदावार, कीमतों और कृषि भूमि का सावधानीपूर्वक सर्वेक्षण किया|
- प्रतेक सूबे को राजस्व मंडलों में बाँटा गया और प्रत्येक की हर फसल के लिए राजस्व दर की अलग सूची बनायीं गई| राजस्व करने की इस व्यवस्था को 'ज़ब्त' कहा जाता था|
- अबुल फज़ल के अनुसार साम्राज्य की प्रांतों में बाँटा हुआ था, जिन्हें 'सूबा' कहा जाता था| सूबे के प्रशासक 'सूबेदार' कहलाते थे, जो राजनैतिक तथा सैनिक, दोनों प्रकार के कार्या का निर्वाह करते थे|
- प्रत्येक प्रांत में एक वित्तीय अधिकारी भी होता था जो 'दीवान' कहलाता था|
- 1570 में अकबर जब फतेहपुर सीकरी में था, तो उसने उलेमा, ब्राह्रणों, जेसुइट पादरियों (जो रोमन कैथोनिक थे) और ज़रदुश्त धर्म अनुयायियों के साथ धर्म के मामलों पर चर्चा शुरू की|
अभ्यास - प्रश्न
अभ्यास - प्रश्न:
प्रश्न: सही जोड़े बनाएँ:
मनसब मारवाड़
मंगोल गर्वनर
सिसौदिया राजपूत उशबेग
राठौर राजपूत मेवाड़
नूरजहाँ पद
सूबेदार जहाँगीर
उत्तर:
मनसब पद
मंगोल उज़बेग
सिसौदिया मेवाड़
राठौर मारवाड़
नूरजहाँ जहाँगीर
सूबेदार गर्वनर
प्रश्न: रिक्त स्थान भरें:
(क) .............. अकबर के सौतेले भाई, मिर्जा हाकिम के राज्य की राजधानी थी|
(ख) दक्कन की पाँचों सल्तनत बरार, खानदेश, अहमद नगर, .................. और ................ थीं।
(ग) यदि जात एक मनसबदार के पद और वेतन का द्योतक था, तो सवार ................. उसके .................. को दिखाता था।
(घ) अकबर के दोस्त और सलाहकार, अबुल फजल ने उसकी ...................... के विचार को गढ़ने में मदद की जिसके द्वारा वह विभिन्न धर्में, संस्कृतियों और जातियों से बने समाज पर राज्य कर सका|
उत्तर:
(क) काबुल
(ख) बीजापुर और गोलकुंडा
(ग) सैन्य उत्तरदायित्व
(घ) सुलह - ए - कुल|
प्रश्न: मुग़ल राज्य के अधीन आने वाले केन्द्रीय प्रांत कौन - से थे?
उत्तर: मुग़ल साम्राज्य के अधीन आने वाले केन्द्रीय प्रांत -
1. दिल्ली
2. आगरा|
प्रश्न: मनसबदार और जागीर में क्या संबंध था|
उत्तर: मनसबदार अपना वेतन राजस्व एकत्रित करने वाली भूमि के रूप में पाते थे, जिन्हें जागीर कहते थे और जो तकरीबन इक्ताओं के समान थी, परन्तु मनसबदार, मुक्तियों से भिन्न अपने जागीरों पर नहीं रहते थे और ण ही उन पर प्रशासन करते थे| उनके पास अपनी जागीरों से केवल राजस्व एकत्रित करने का अधिकार था| यह राजस्व उनके नौकार उनके लिए एकत्रित करते थे, जबकि वे स्वंय देश के किसी अन्य भाग में सेवारत रहते थे|
प्रश्न: मुग़ल प्रशासन में जमीदार की क्या भूमिका थी?
उत्तर: मुगलों की आमदनी का प्रमुख साधन किसानों की अपंज से मिलाने वला राजस्व था| अधिकार स्थानों पर| किसान ग्रामीण कुलीनों यानी ज़मीदारों को अपना राजस्व देते थे| एकत्रित किए गए राजस्व को जमीदार सरकारी खजाने में जमा कराते थे|
प्रश्न: शासन - प्रशासन संबंधी अकबर के विचारों के निर्माण में धार्मिक विद्वानों से होने वाली चर्चेंएँ कितनी महत्त्वपूर्ण थी|
उत्तर: अकबर के विचारों के निर्माण में धार्मिक विद्वानों से होने वाली चर्चाएँ निम्न प्रकार महत्त्वपूर्ण थीं|-
1. धार्मिक चर्चाओं और परिचर्चाओं से अकबर को ज्ञात हुआ कि धार्मिक कट्टरता प्रजा के विभाजन और असामंजस्य के लिए उत्तरदायी होती हैं|
2. ये अनुभाव अकबर को सुलह - ए - कुल या सर्वह शांति के विचार की और ले गया|
3. इन चर्चाओं ने उसे प्रशासन की एक स्पष्ट सोच प्रदान की, जिसमें केवल सच्चाई, न्याय और शांति पर बल था|
प्रश्न: मुगलों ने खुद को मंगोल की अपेक्षा तैमूर के वंशज होने पर क्यों बल दिया?
उत्तर: मुग़ल दो महान शासक वंशों के वंशज थे| माता की और से मंगोल शासक चंगेज खान के वंशज थे| पिता की ओर से वे इरान, ईराक एवं वर्तमान तुर्की के शासक तैमूर क्ले वंशज थे, परन्तु मुग़ल अपने को मंगोल या मुग़ल कहलवाना पसंद नहीं करते थे| ऐसा इसलिए था, इसलिए था, क्योंकि चंगेज खान से जुडी स्मृतियाँ सैकड़ों व्यक्तियों के नरसंहार से संबंधित थी| दूसरी तरफ मुग़ल, तैमूर के वंशज होने पर गर्व का नुभव करते थे, क्योंकि उनके इस महान पूर्वज ने 1398 में दिल्ली पर कब्ज़ा कर लिया था|
प्रश्न: भू - राजस्व से प्राप्त होने वाली आय, मुग़ल साम्राज्य के स्थायित्व के लिए यहाँ तक जरूरी थी?
उत्तर: भू - राजस्व से प्राप्त होने वाली औ मुग़ल साम्राज्य के लिए मीमं कारणों से जरूरी था -
1. भू - राजस्व राज्य की आय का प्रमुख स्रोत था|
2. समस्त प्रशासिनक कार्य इस आय द्वारा पूरे किए जाते थे|
3. राजदरबार के कर्मचारियों, प्रशासनिक कर्मचारियों के वेतन तथा अन्य खर्च की पूर्ती राजस्व पर ही निर्भर था|
प्रश्न: मगुलों के लिए केवल तूरानी या इरानी ही नहीं, बल्कि विभिन्न पृष्ठभूमि के मनसबदारों की नियुक्ति क्यों महत्त्वपूर्ण थी?
उत्तर: मुगलों के साम्राज्य में जैसे - जैसे विभिन्न क्षेत्र सम्मिलित होते गए, वैसे - वैसे मुगलों ने तरह - तरह के सामाजिक समूहों के सदस्यों को प्रशासन में नियुक्त करना प्रारंभ किया| प्रारंभ में ज्यादातर सरदार तुर्की (तूरानी) थे, लेकिन अब इस छोटे समूह के साथ - साथ उन्होंने शासक वर्ग में ईरानियों, भारतीय मुसलामानों, अफ़्गानों, राजपूतों, मराठों और अन्य समूहों को सम्मिलित किया| इससे मुगलों को भरता में अपने शासन का विस्तार करने में एवं उसे स्थायित्व प्रदान करने में सहायता मिली|
प्रश्न: मुग़ल साम्राज्य के समाज की ही तरह वर्तमान भारत, आज भी अनेक सामाजिक और सांस्कृतिक इकाइयों से बना हुआ हैं? क्या यह राष्ट्रीय एकीकरण के लिए एक चुनौती हैं?
उत्तर: मुग़ल साम्राज्य के समाज में की धर्म और जाती के लोग रहते थे, यही स्थिति वर्तमान भारत में भी बनी हुई हैं| फिर भी भारत में विविधता में एकता कायम हैं| भारत में विविध प्रकार की संस्कृतियाँ जैसे संगीत, नृत्य, भाषा, पर्व - त्यौहार, साहित्य, खान - पान, रहन - सहन, पहनावा आदि में की तरह की विविधता देखने को मिलाती हैं| उसी तरह भारतीय समाज में अनेकों धर्म (हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, बौद्ध, जैन, पारसी आदि) अनेक जाती, (ब्राह्मण, क्षत्रिय, बनिया आदि) के लोग रहते हैं इससे भारत की सामाजिक और राष्ट्रीय रक्त में किसी तरह की चुनौती नहीं हैं|
प्रश्न: मुगल साम्राज्य की अर्थ्वय्वाथा के लिए कृषक अनिवार्य थे| क्या आप सोचते हैं कि वे आज भी इतने ही महत्त्वपूर्ण हैं? क्या आज भारत में अमीर और गरीब के बीच आय का फासला मुगलों के काल की अपेक्षा कहीं अधिक बढ़ गया हैं?
उत्तर: मुग़ल साम्राज्य की अर्थव्यवस्था कृषि पर आधारित थी| वर्तमान अर्थव्यवस्था भी कृषि पर आधारित हैं, लेकिन राष्ट्रीय आय में कृषि का योगदान धीरे - धीरे घटता जा रहा हैं और दूसरे क्षेत्र जैसे उद्योग, संचार, सूचना प्रौद्योगिकी, यातायात, व्यापार, पर्यटक एवं अन्य सेवा क्षेत्र का योगदान बढ़ता जा रहा हैं| वर्तमान में अमीर और गरीब के बीच का अंतर मुग़ल साम्राज्य की तुलाना में अधिक बाधा हैं| मुगलकाल में 5.6% व्यक्ति कुल संसाधनों के मात्र 61.5% का उपभोग करते थे, जबकि आज लगभग 5% व्यक्ति देश के लगभग 90% संसाधनों का उपभोग करते हैं|
प्रश्न: मुग़ल साम्राज्य का उपमहाद्वीप के विभिन्न क्षेत्रों पर अनेक तरह से प्रभाव पड़ा| पता लगाइए कि जिस नगर, गाँव अथवा क्षेत्र में आप रहते हैं, उस पर इसका कोई प्रभाव पड़ा था|
उत्तर:
अतिरिक्त - प्रश्न
अतिरिक्त - प्रश्न:
प्रश्न:
उत्तर:
Select Class for NCERT Books Solutions
NCERT Solutions
NCERT Solutions for class 6th
NCERT Solutions for class 7th
NCERT Solutions for class 8th
NCERT Solutions for class 9th
NCERT Solutions for class 10th
NCERT Solutions for class 11th
NCERT Solutions for class 12th
sponder's Ads
History Chapter List
1. हज़ार वर्षों के दौरान हुए परिवर्तनों की पड़ताल
2. नए राजा और उनके राज्य
3. दिल्ली के सुलतान
4. मुग़ल साम्राज्य
5. शासक और इमारतें
6. नगर, व्यापारी और शिल्पिजन
7. जनजातियाँ, खानाबदोश और एक जगह बसे हुए समुदाय
8. ईश्वर से अनुराग
9. क्षेत्रीय संस्कृतियों का निर्माण
10. अठारहवीं शताब्दी में नए राजनीतिक गठन
sponser's ads