1. हज़ार वर्षों के दौरान हुए परिवर्तनों की पड़ताल History class 7 exercise अतिरिक्त प्रश्न
1. हज़ार वर्षों के दौरान हुए परिवर्तनों की पड़ताल History class 7 exercise अतिरिक्त प्रश्न ncert book solution in hindi-medium
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अध्याय - समीक्षा
अध्याय - समीक्षा:
- अरब भूगोलवेत्ता अल - इदरीसी ने 1151 में दुनिया के मानचित्र में पहली बार भरता की स्थिति को दर्शाया|
- दूसरी बार भारतीय उपमहाद्वीप को स्पष्ट रूप से फ्रांसीसी मानचित्र कार ग्विलाम द लिस्ले ने 1720 में विश्व के नक्से में दिखाया|
- समय के साथ - साथ विभिन्न भाषाओं की शब्दालियों और अर्थें में अनेक बदलाव हुए| जैसे - हिन्दुस्तान - आज हम इसे आधुनिक राष्ट्र राज्य 'भारत' के अर्थ में लेते हैं|
- तेरहवीं सदी में फ्रांसीसी इतिहासकार मिन्हाज - ए - सिराज हिन्दुस्तानी शब्द का प्रयोग पंजाब, हरियाण और गंगा - युमना के बीच में स्थित इलाकों के लिए किया था|
- सोलहवीं सदी के आरंभ में बाबर ने हिन्दुस्तान शब्द का प्रयोग इस उपमहाद्वीप के भूगोल, पशु - पक्षियों और यहाँ के निवासियों की संस्कृति का वर्णन करने के लिए किया|
- बाबर का वर्णन चौदहवीं सदी के कवि अमीर खुसरों द्वारा प्रयुक्त शब्द 'हिन्द' के ही कुछ - कुछ सामान था|
- आज इसका अर्थ होता हैं, ऐसा व्यकित जो भारतीय न हो|
- मध्ययुग में किसी गाँव के ऐतिहासिक स्त्रोत सिक्के, अभिलेख, स्थापत्य (भवन निर्माण कला) तथा लिखित सामग्री की संख्या और विविधता बढ़ गई|
- इस काल खंड के ऐतिहासिक स्त्रोत सिक्के, क़भिलेख, स्थापत्य (भवन निर्माण कला) तथा लिखित सामग्री की संख्या और विविधता बढ़ गई|
- लोग धर्मग्रन्थ, शासकों के वृतांत, संतों के लेखन तथा उपदेश, अर्जियां, अदालतों के दस्तावेज, हिसाब तथा करों के खाते इत्यादि कागजों पर लिखने लगे|
- धनी व्यक्ति, शासक जन, मठ तथा मंदिर, पांडुलिपियाँ एकत्रित किया करते थे|
- इन पांडुलिपियों को पुस्तकालयों तथा अभिलेखागारों में रखा जाता हैं|
- अभिलेखागार - रेस स्थान जहाँ दस्तावेजों और पांडुलिपियों को संगृहीत किया जाता हैं|
- नई प्रौघोगिकी जैसे, सिंचाई में रहट, कटाई में चर्खे और युद्ध में आग्रेयास्त्रों (बारूद वाले हथियार) का इस्तेमाल|
- खान - पान में बदलाव के रूप में आलू, मक्का, मिर्च, चाय और काफी में बदलाव|
- राजपूतों का उदय हुआ साथ ही मराठा, सिख, जात अहोम और कायस्थ आदि समूहों का महत्त्व राजनीतिक रूप से बढ़ा|
- किसान तथा अन्य समुदाय विभिन्न वर्गे में बट गए थे| जिन्हें आर्थिक आधार पर ऊँच - नीच में बाटा गया था| परन्तु जाति व्यवस्था स्थाई नहीं थी| सत्ता प्रभाव एवं संसाधनों के नियंत्रण के आधार पर जातियों के दर्ज बदलते रहते थे|
- जातियां स्वंय अपने नियम बनाती थी जिसका पालन जाती पंचायत द्वारा कराया जाता था|
- कई क्षेत्रों के अपने - अपने भौगोलिक आयाम तय हो चुके थे और उनकी अपनी भाषा तथा संस्कृत विशेषताएँ स्पष्ट हो गई थी|
- चोल, खलजी, तुगलक और मुगल जैसे राजवंशों का विशाल साम्राज्य था तो कुछ क्षेत्रीय राजाओं का उदय हुआ|
- किसी दैविक तत्त्व में आस्था यानी धर्म पाय: स्थानीय समुदायों तथा आर्थिक संगठन से सम्बंधित होती थी|
- नए देवी - देवताओं की पूजा, मंदिरों का निर्माण (विभिन्न शैली में), ब्राम्हणों का धन संरक्षक के रूप में महत्त्व, प्रेमल डेवी - सेवताओं के रूप में जन साधारण तक भक्ति तक पहुँच, नए धर्म जैसे इस्लाम का आगमन इत्यादि महत्त्वपूर्ण परिवर्तन हुए|
- कई शासक इस्लाम और इसके विद्वान धर्म शास्त्रियों और न्याय - शास्त्रियों अर्थात उलेमा को संरक्षण देते थे|
- सिया - पैगम्बर साहब के दामाद अली को अपना नेता मानते थे|
- ये खलीफाओं को मानते हैं| इस्लाम के आरंभिक दौर में इस धर्म का नेतृत्व करने वाले खलीफा कहलाते थे और आगे भी इनकी परम्परा चलती रही|
अभ्यास-प्रश्नावली
अभ्यास - प्रश्नोतर:
प्रश्न: अतीत में ‘विदेशी’ किसे कहा जाता था ?
उत्तर: (i) मध्य कल में ‘विदेशी’ उस व्यक्ति को माना जाता था, जो उस समाज या संस्कृति का हिस्सा नहीं होता था और एक अजनबी होता था |
(ii) लेकिन एक ही गाँव में रहने वाले दो मजदूर परस्पर विदेशी नहीं होते थे, चाहे उनके धर्म या जाती अलग-अलग हो |
प्रश्न: नीचे उल्लिखित बाते सही है या गलत -
(क) सन 700 के बाद के काल के संबंध में अभिलेख नहीं मिलते है |
(ख) इस काल के दौरान मराठो ने अपने राजनीतिक महत्त्व की स्थापना की |
(ग) कृषि-केन्द्रित बस्तियों के विस्तार के साथ कभी-कभी वनवासी अपनी जमीन से उखाड़ बाहर कर दिए जाते थे |
(घ) सुल्तान गयासुद्दीन बलबन असम,मणिपुर तथा कश्मीर का शासक था |
उत्तर: (क) गलत (ख) सही (ग) सही (घ) गलत|
प्रश्न: रिक्त स्थानों को भरें -
(क) अभिलेखागारों में...................रखे जाते हैं |
(ख) ....................चौदहवीं सदी का एक इतिहासकार था |
(ग) ........, ........., ........., ......... और ......... इस उपमहादीप में इस कल के दौरान लाई गई कुछ नई फसलें हैं |
उत्तर: (क) दस्तावेज़, पांडुलिपियाँ, पुराना कार्यालयी रिकार्ड और लें-दें के ब्यौरे
(ख) जियाउद्दीन बर्नी, (ग) आलू, मक्का, मिर्च, चाय, कॉफी |
प्रश्न: इस काल के दौरान हुए कुछ प्रोधोगिकीय परिवर्तनों की तालिका दे |
उत्तर: इस कल के दौरान हुए कुछ प्रोधोगिकीय परिवर्तन है -
(i) सिंचाई में राहत, (ii) कताई में चरखा, (iii) युद्ध में आग्नेयास्त्र |
प्रश्न: इस कल के दौरान हुए कुछ मुख्य धार्मिक परिवर्तनो की जानकारी दे |
उत्तर: इस कल के दौरान हुए कुछ मुख्य धार्मिक परिवर्तन थे -
(i) हिन्दू धर्म में नए-नए देवताओं की पूजा आरम्भ हुई और राजाओ द्वारा मंदिरों का निर्माण करवाया गया |
(ii) समाज में पुरोहितो के रूप में ब्राह्मणों का महत्त्व बढता गया |
(iii) ब्राह्मणों और उनके संरक्षकों के बिच नया ओजपूर्ण संबद्ध कायम हुआ – नए शासको प्रतिष्ठा की चाह में थे |
(iv) भक्ति की आव्धारना का उद्भव हुआ |
(v) उपमहाद्वीप में कुरान की शिक्षा और मुस्लिम धर्म का आगमन हुआ|
प्रश्न: पिछली कई शताब्दियों में ‘हिंदुस्तान’ शब्द का अर्थ कैसे बदला है ?
उत्तर: समय के साथ ‘हिंदुस्तान’शब्द का अर्थ निम्न प्रकार से परिवर्तित हुआ-
(i)वर्तमान में ‘हिंदुस्तान’ शब्द का अर्थ ‘भारत’ आधुनिक राष्ट्र-राज्य समझा जाता है|
(ii) लेकिन 13वीं सदी के इतिहासकार मिन्हाज-ए-सिराज ने ‘हिंदुस्तान’ शब्द का प्रयोग किया था| तो उसका आशय पंजाब, हरियाणा और गंगा-यमुना के बीच में स्थित इलाको में था | उसने इस शब्द का राजनीती संदर्भ में प्रयोग किया था |
(iii) सोलहवीं सदी के आरम्भ में बाबर ने ‘हिंदुस्तान’ शब्द का प्रयोग इस उपमहाद्दीप के भूगोल, पशु-पक्षियों और यहाँ के निवासियोकी संस्कृति का वर्णन करने के लिए किया था |
(iv) यह प्रयोग चौदहवी सदी के कवि अमीर खुसरो द्वारा प्रयुक्त हिंद के ही कुछ-कुछ समानं था |
प्रश्न: जातीयो के मामले कैसे नियंत्रित किये जाते थे |
उत्तर: (i) जातियां स्वयं अपने – अपने नियम बनाती थी |
(ii) इन नियमो का पालन जाति के बड़े-बुजुर्गो की एक सभा करवाती थी | जिसे कुछ इलाको में जिसे पंचायत कहा जाता था |
(iii) जातियों को अपने निवास के गाँवो के रिवाजो का पालन करना पड़ता था |
प्रश्न: सर्वक्षेत्रिय साम्राज्य से आप क्या समझते है ?
उत्तर: जो साम्राज्य ऐसे प्रतिकूल क्षेत्रो को नियंत्रित या शासित करते है सर्वक्षेत्रिय साम्राज्य कहलाते है | जैसे – चोल, तुगलक |
(i) मध्य युग के दौरान उपमहाद्वीप के विशिष्ट क्षेत्रो के बीच बेहद विविधता थी |
(ii) प्रत्येक क्षेत्र की अपनी भौगोलिक विशेषता, अपनी भाषा और सांस्कृतिक विशेषताएँ थी |
(iii) ये क्षेत्र विशिष्ट शासित राजवंशो से संबंध थे |
(iv) इन राज्यों के बीच गहरे संघर्ष थे |
प्रश्न: पांडुलिपियों के उपयोग में इतिहासकारों के सामने कौन-कौन सी समस्याएँ आती है?
उत्तर: समस्याएँ निम्न है –
(i) पांडुलिपियाँ को समझना कठिन होता है |
(ii) जब लेखक पांडुलिपियों की नक़ल करते है तो वे उसमे कुछ बदलाव भी करते है जो बाद में बढ़ते चले जाते है |
(iii)इतिहासकारों को नकलों पर ही निर्भर रहना पड़ता है क्योकि मूल पांडुलिपियाँ मुश्किल से मिलती हैं |
प्रश्न: इतिहासकार अतीत को कालो या युगों में कैसे विभाजित करते है ? क्या इस कार्य में उनके सामने कोई कठिनाई आती है?
उत्तर: (i) अधिकतर इतिहासकार आर्थिक तथा सामाजिक कारको के आधार पर अतीत के विभिन्न काल-खंडो की विशेषताएं तय करते हैं |
(ii) अतीत को काल-खंडो में बाँटने के दौरान इतिहासकारों को अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ा क्योकि, मध्यकाल में बड़े प्रोधोगिकीय विकास हुए जिन्हें समकालीन संदर्भ में आधुनिक कहा जा सकता हैं | लेकिन तब भी इस काल को ‘मध्यकाल’ कहा जाता हैं आधुनिक नहीं | दूसरी ओर मध्यकाल का अतीत आधुनिक अतीत का अनुसरण करता हैं|
अतिरिक्त प्रश्न
अतिरिक्त - प्रश्न:
प्रश्न: नई और पुरानी शब्दावली में होने वाले परिवर्तन को उदाहरण की सहायता से समझाए?
उत्तर: समय के साथ शब्दों के अर्थ भी बदल जाते हैं, उदाहरण के लिए 'हिन्दुस्तान' शब्द ही लीजिए| आज जैसे इसे आधुनिक राष्ट्र राज्य 'भारत' के अर्थ में लेते हैं| तेंराहविन सदी में जब फ़ारसी के इतिहासकार मिन्हाज - ए - सिराज ने हिन्दुस्तान शब्द का प्रयोग किया था तो उसका आशय पंजाब, हारियाँ और गंगा - युमना के बीच में स्थित इलाकों से था| उसने इस शब्द का राजनितिक अर्थ में उन इलाकों के लिए इस्तेमाल किया जो दिल्ली के सुलतान के अधिकार क्षेत्र में आते थे| सल्तनत किया जो दिल्ली के सुलतान के अधिकार क्षेत्र में आते थे| सल्तनत किया जो दिल्ली के सुलतान के अधिकार क्षेत्र में आते थे| सल्तनत के प्रसार के साथ - साथ इस शब्द के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र भी बढ़ते गए, लेकिन हिन्दुस्तान शब्द में दक्षिण भारत का समावेश कभी नहीं हुआ| इसके विपरीत, सोलहवीं सदी के आरंभ में बाबर ने हिन्दुस्तान शब्द का प्रयोग इस उपमहाद्वीप के भूगोल, पढू - पक्षियों और यहाँ के निवासियों की संस्कृति का वर्णन करने के लिए किया|
प्रश्न: 'विदेशी' शब्द से क्या अभिप्राय हैं?
उत्तर: 'विदेशी' शब्द का अर्थ आज के समय में ऐसे व्यक्ति जो भारतीय न हो| मध्ययुग में, मानों किसी गाँव में आने वाला कोई भी अनजाना व्यक्ति, जो उस समाज या संस्कृति का अंग न हो, 'विदेशी' कहलाता हैं| (ऐसे व्यक्ति को हिंदी में परदेसी और फ़ारसी में अजनबी कहा जा सकता हैं|) इसलिए किसी नगरवासी के लिए वनवासी 'विदेशी' होता था किन्तु एक ही गाँ में रहने वाले दो किसान अलग - अलग धार्मिक या जाती पंपराओं से जुड़े पर भी एक - दूसरें के लिए विदेशों नहीं लेते थे|
प्रश्न: इतिहासकार विभिन्न कालों का अध्ययन करने के लिए किस प्रकार के स्त्रोतों पर निर्भर रहते हैं?
उत्तर: इतिहासकार इस काल के बारे में सूचना इअक्त्थि करने के लिए अभी भी सिक्कों, शिलालेखों, स्थापत्य (भवन निर्माण कला) तथा लिखित सामग्री पर निर्भर करते हैं|
प्रश्न: अभिलेखागार किसे कहा जाता हैं?
उत्तर: ऐसा स्थान जहाँ दस्तावेजों और पांडुलिपियों को संग्रहित किया जाता हैं| आज सभी राष्ट्रीय और राज्य सरकारों के अभिलेखागार होते हैं जहाँ वे अपने तमाम पुराने सरकारी अभिलेख और लेन - देन के ब्यौरों का रिकॉर्ड रखते हैं|
प्रश्न: इतिहासकार ज़ियाउद्दीन बरनी ने अपना वृत्तांत कब लिखा था?
उत्तर: चौदहवीं शताब्दी के इतिहासकार ज़ियाउद्दीन बरनी ने अपना वृत्तांत पहली बार 1326 में और दूसरी बार उसके दो वर्ष बाद लिखा था|
प्रश्न: सन 700 और 1750 के बीच किस समुदायों का महत्त्व सबसे ज्यादा बढ़ा उस समुदायों का वर्णन कीजिए?
उत्तर: इस काल में जिन समुदायों का महत्त्व बाधा उनमें से एक समुदाय, जिसका नाम 'राजपुत्र' (अर्थात् राजा का पुत्र) से निकला हैं| आठवीं से चौदहवीं सदी के बीच यह नाम आमतौर पर योद्धाओं के उस समूह के लिए प्रयुक्त होता था जो क्षत्रिय वर्ण के होने का दावा करत थे| 'राजपूत' शब्द के अंतर्गत केवल राजा और सामंत वर्ग ही नहीं, बल्कि वे सेनापति और सेनापति और सैनिक भी आते थे जो पूरे उपमहाद्वीप में अलग - अलग शासकों की सेनाओं में सेवारत थे| कवी और चारण राजपूतों की आचार संहिता - प्रबल पराक्रम और स्वामिभक्ति - का गुणगान करते थे|
प्रश्न: उन्नीसवीं सदी के मध्य में अंग्रेज इतिहासकारों ने भारत के इतिहास को किन युग में बाँटा था?
उत्तर: अंग्रेज इतिहासकारों ने भारत के इतिहास को तीन युगों में बाँटा था: 'हिन्दू', 'मुसलिम' और 'ब्रिटिश'|
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History Chapter List
1. हज़ार वर्षों के दौरान हुए परिवर्तनों की पड़ताल
2. नए राजा और उनके राज्य
3. दिल्ली के सुलतान
4. मुग़ल साम्राज्य
5. शासक और इमारतें
6. नगर, व्यापारी और शिल्पिजन
7. जनजातियाँ, खानाबदोश और एक जगह बसे हुए समुदाय
8. ईश्वर से अनुराग
9. क्षेत्रीय संस्कृतियों का निर्माण
10. अठारहवीं शताब्दी में नए राजनीतिक गठन
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