6. ऊत्तक Science class 9 exercise अतिरिक्त प्रश्नोत्तर 2 | Additional Questions with Answers
6. ऊत्तक Science class 9 exercise अतिरिक्त प्रश्नोत्तर 2 | Additional Questions with Answers ncert book solution in hindi-medium
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अध्याय-समीक्षा | Chapter-Review
अध्याय - समीक्षा
- एक ही प्रकार के संरचना और कार्य करने वाले कोशिकाओं के समूह को उत्तक कहते हैं |
- पौधे स्थिर होते हैं- वे गति नहीं करते हैं। उनके अधिकांश उत्तक सहारा देने वाले होते हैं तथा पौधें को संरचनात्मक शक्ति प्रदान करते हैं। एसे अधिकांश ऊतक मृत होते हैं। ये मृत उतक जीवित ऊतकों के समान ही यांत्रिक शक्ति प्रदान करते हैं तथा उन्हें कम अनुरक्षण की आवश्यकता होती है।
- पौधे गति नहीं करते अपितु वृद्धि करते हैं |
- ऊतक अधिकतम दक्षता के साथ कार्य कर सकने के लिए एक विशिष्ट क्रम में व्यवस्थित होते हैं। रक्त, फ्लोएम तथा पेशी ऊतक के उदाहरण हैं।
- जंतु और पौधें के बीच उनकी वृद्धि के प्रतिरूप में एक और भिन्नता है। पौधें की वृद्धि कुछ क्षेत्रों में ही सीमित रहती है जबकि जंतुओं में ऐसा नहीं
होता। पौधें के कुछ ऊतक जीवन भर विभाजित होते रहते हैं। - एक कोशिकीय जीवों में, सभी मौलिक कार्य एक ही कोशिका द्वारा किये जाते हैं | उदाहरण के लिए अमीबा में एक ही कोशिका द्वारा गति, भोजन लेने की क्रिया, श्वसन क्रिया और उत्सर्जन क्रिया संपन्न की जाती है |
- बहुकोशिकीय जीवों में लाखों कोशिकाएँ होती हैं | इनमें से अधिकतर कोशिकाएँ कुछ ही कार्यों को संपन्न करने में सक्षम होती हैं | इन जीवों में भिन्न-भिन्न कार्यों को करने के लिए भिन्न-भिन्न कोशिकाओं का समूह होता हैं |
- बहुकोशिकीय जीवों में श्रम विभाजन होता हैं |
- शरीर के अन्दर ऐसी कोशिकाएँ जो एक तरह के कार्यों को करने में दक्ष होती है, सदैव एक समूह में होती हैं |
-
मांसपेशिय कोशिकाएँ: इसके संकुचन एवं प्रसार से शरीर में गति होती है|
-
तंत्रिका कोशिकाएँ : यह संवेदनाओं को मस्तिष्क तक पहुँचाता है और मस्तिष्क से संदेशों को शरीर के एनी भागों तक लाता हैं |
-
रक्त कोशिकाएँ : यह ऑक्सीजन, भोजन, हारमोंस तथा अपशिष्ट पदार्थों का वहन करता हैं |
-
पौधों में : संवहन उतक भोजन एवं जल का चालन पौधे के एक भाग से दुसरे भाग तक करते हैं |
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पौधों की वृद्धि केवल उनके कुछ निश्चित एवं विशेष भागों में ही होता है | ऐसा विभाजित होने वाले उतकों के कारण ही होता है ऐसे विभाजित होने वाले ऊतक पौधों के वृद्धि वाले भागों में ही स्थित होते है | इस प्रकार के ऊतक को विभज्योतक ऊतक कहते है |
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विभज्योतक ऊतक वृद्धि कर आगे एक विशिष्ट कार्य करती हैं और विभाजित होने की शक्ति खो देती है जिसके फलस्वरूप वे स्थायी ऊतक का निर्माण करती हैं | विभज्योतक की कोशिकाएँ विभाजित होकर विभिन्न प्रकार के स्थायी उतकों का निर्माण करती हैं |
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उतकों द्वारा विशिष्ट कार्य करने के लिए स्थायी रूप और आकार लेने की क्रिया को विभेदीकरण कहते हैं |
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कोशिकाएँ जो विभेदित होकर विशिष्ट कार्य करती है और आगे विभाजित होने की शक्ति खो देती हैं इस प्रकार की ऊतक को स्थायी ऊतक कहते हैं |
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ये एक ही प्रकार के कोशिकाओं से बने होते हैं जो एक जैसे दिखाई देते हैं इस प्रकार के ऊतक को सरल स्थायी ऊतक कहते हैं | उदाहरण: पैरेंकाइमा, कोलेन्काईमा और स्केरेन्काइमा आदि |
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यह एक अन्य प्रकार का सरल स्थाई ऊतक है जो पौधों को कठोर एवं मजबूत बनाता है | इस प्रकार के सरल स्थायी ऊतक को स्केरेन्काइमा कहते है | उदाहरण: नारियल के छिलके |
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यह एक अन्य प्रकार की सरल स्थायी ऊतक जिसके कारण पौधों में लचीलापन होता है | यह पौधों के विभिन्न भागों जैसे- पत्ती एवं तना में बिना टूटे हुए लचीलापन लाता है | ऐसे ऊतक को कोलेन्काइमा कहते है |
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लिग्निन कोशिकाओं को दृढ बनाने के लिए सीमेंट का कार्य करने वाला एक रासायनिक पदार्थ है |
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कोशिकाओं की सबसे बाहरी परत को एपिडर्मिस कहते हैं | समान्यत: यह कोशिकाओं की एक परत की बनी होती हैं | शुष्क स्थानों पर मिलने वाले पौधों में एपिडर्मिस मोटी हो सकती है |
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क्यूटीन यह एक रासायनिक पदार्थ है जिसमें जल अवरोधक का गुण होता है | यह मुख्यत: मरुस्थलीय पौधों की एपिडर्मिस में पाया जाता है |
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पत्तियों की सतह पर बहुत सी ब्बहुत सी छोटी छोटी छिद्र पाए जाते है इन छोटी-छोटी छिद्रों को रंध्र कहते हैं |
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स्टोमेटा को दो वृक्क के आकार की कोशिकाएँ घेरे रहती हैं, जिन्हें रक्षी कोशिकाएँ कहते हैं | ये कोशिकाएँ वायुमंडल से गैसों का आदान-प्रदान करने के लिए आवश्यक हैं |
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जल वाष्प के रूप में जल का ह्रास होने की प्रक्रिया को वाष्पोत्सर्जन कहते हैं |
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जाइलेम एक संवहन ऊतक है और यह संवहन बंडल का निर्माण करता हैं | जाइलेम ट्रेकिड्स (वहिनिका), वाहिका, जाइलेम पैरेंकाइमा और जाइलेम फाइबर से मिलकर बना है |
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जाइलेम फ्लोएम के साथ मिलकर संवहन बण्डल का निर्माण करता है और पौधों को लिग्निन कोशिकाओं की उपस्थिति के कारण यांत्रिक मजबूती प्रदान करता है |
- फ्लोएम भी एक संवहन ऊतक है और यह संवहन बण्डल का निर्माण करता है | फ्लोएम चार प्रकार के घटकों से मिलकर बना है | चालनी नलिका, साथी कोशिकाएँ, फ्लोएम पैरेंकाइमा तथा फ्लोएम रेशे से मिलकर बना है |
- पौधों के पत्तियों से वृद्धि वाले भाग और संग्रहण वाले अंगों तक भोजन और पोषक तत्व जैसे शर्करा और एमिनो अम्ल आदि का परिवहन होता है | पदार्थो की इस प्रकार की गति को स्थानान्तरण कहते है |
- जंतु के शरीर को ढकने या बाह्य रक्षा प्रदान करने वाले ऊतक एपिथेलियम ऊतक कहलाता है | त्वचा, मुँह, आहारनली, रक्तवाहिनी नली का अस्तर, फेफड़ें की कुपिका, वृक्कीय नली आदि सभी एपिथेलियम ऊतक से बने होते हैं |
- कभी-कभी एपिथीलियमी ऊतक का कुछ भाग अंदर की ओर मुड़ा होता है तथा एक बहुकोशिक ग्रंथि का निर्माण करता है। यह ग्रंथिल एपिथीलियम कहलाता है।
- रक्त एक संयोजी उतक है जो पदार्थों के संवहन के लिए एक माध्यम का कार्य करता है | यह गैसों जैसे ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड आदि, शरीर के पचे हुए भोजन, हाॅर्मोन और उत्सर्जी पदार्थों को शरीर के एक भाग से दूसरे भाग में संवहन करता है।
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रक्त के तरल आधत्राी भाग को प्लाज्मा कहते हैं |
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प्लाज्मा में लाल रक्त कोशिकाएँ (RBC), श्वेत रक्त कोशिकाएँ (WBC) तथा प्लेटलेट्स निलंबित होते हैं। प्लाज्मा में प्रोटीन, नमक तथा हॅार्मोन भी होते हैं।
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एक अन्य प्रकार का संयोजी ऊतक होता है, जिसमें कोशिकाओं के बीच पर्याप्त स्थान होता है। इसकी ठोस आधत्राी प्रोटीन और शर्करा की बनी होती है। उपास्थि नाक, कान, कंठ और श्वास नली में भी उपस्थित होती है।
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ह्रदय पेशियाँ जीवन भर संकुचन एवं प्रसार का कार्य करती है, ये अनैच्छिक होती है | इन्हें कार्डियक या ह्रदय पेशी कहा जाता है |
पाठगत प्रश्न | Textual Questions with Answers
पाठगत प्रश्नोत्तर :
Page No. 77:
Q1. उत्तक क्या है ?
उत्तर : एक ही प्रकार की संरचना और कार्य करने वाले कोशिकाओं के समूह को उत्तक कहते हैं |
Q2. बहुकोशिक जीवों में उत्तकों का क्या उपयोग है ?
उत्तर : एक कोशिकीय जीवों में एक अकेली कोशिका सभी मुलभुत कार्यों जैसे गति, श्वसन पाचन और उत्सर्जन आदि को करता है | जबकि बहुकोशिकीय जीवों के विशेष कार्यों के संपादन के लिए शरीर के विशिष्ट अंगों में विशिष्ट उत्तक पाए जाते हैं | जैसे
शरीर में गति के पेशीय उत्तक कार्य करता है, तो संवेदनाओं को शरीर के एक भाग से दुसरे भाग तक पहुँचाने के लिए तंत्रिका उत्तक कार्य करता है | इस प्रकार हम देखते है कि बहुकोशिकीय जीवों में उत्तकों में श्रम विभाजन है |
Page No. 81:
Q1. प्रकाश संश्लेषण के लिए किस गैस की आवश्यकता होती है ?
उत्तर : कार्बन डाइऑक्साइड |
Q2. पौधे में वाष्पोत्सर्जन के कार्यों का उल्लेख करें |
उत्तर : पौधे में वाष्पोत्सर्जन की क्रिया रंध्रो के द्वारा होता है | इस क्रिया में पौधे की पत्तियों से जल का ह्रास होता है | मरुस्थलीय पौधों में उनकी बाहरी सतह वाले एपिडर्मिस में क्यूटीन नामक पदार्थ होता है जो पौधे अवांछित जल के ह्रास को रोकता है |
Page No 83:
Q1. सरल ऊतकों के कितने प्रकार है ?
उत्तर :
(i) पैरेन्काइमा
(ii) कोलेंकाइमा
(iii) स्केलेरेनकाइमा
Q2. प्ररोह का शीर्षस्थ विभज्योतक कहाँ पाया जाता है ?
उत्तर : प्ररोह का शीर्षस्थ विभज्योतक पौधे के तने और जड़ के वृद्धि वाले भाग में पाया जाता है | यह वृद्धि वाले भाग में नए कोशिकाओं का विकास करता है |
Q3. नारियल का रेशा किस उत्तक का बना होता है ?
उत्तर : नारियल का रेशा स्केलेरेनकाइमा उत्तक का बना होता है |
Q4. फ्लोएम के संघटक कौन-कौन से हैं ?
उत्तर : फ्लोएम के चार संघटक हैं -
(i) चालनी नलिका
(ii) साथी कोशिकाएँ
(iii) फ्लोएम पैरेंकाइमा तथा
(iv) फ्लोएम रेशे
Page No. 87:
Q1. उस ऊतक का नाम बताएँ जो हमारे शरीर में गति के लिए उत्तरदायी है।
उत्तर : पेशीय उत्तक |
Q2. न्यूरॉन देखने में कैसा लगता है?
उत्तर : तंत्रिका ऊतक की कोशिकाओं को तंत्रिका कोशिका या न्यूरॉन कहा जाता है। न्यूरॉन में कोशिकाएँ केन्द्रक तथा कोशिकाद्रव्य (साइटोप्लाज्म) होते हैं। इससे लंबे, पतले बालों जैसी शाखाएँ निकली होती हैं। प्रायः प्रत्येक न्यूरॉन में इस तरह का
एक लंबा प्रवर्ध होता है, जिसको एक्सॉन कहते हैं तथा बहुत सारे छोटी शाखा वाले प्रवर्ध (डेंडराइट्स) होते हैं। एक तंत्रिका कोशिका 1 मीटर तक लंबी हो सकती है।
Q3. हृदय पेशी के तीन लक्षणों को बताएँ।
उत्तर : ह्रदय पेशी के तीन लक्षण निम्नलिखित हैं -
(i) हृदय की पेशियाँ जीवन भर लयबद्ध होकर प्रसार एवं संकुचन करती रहती हैं।
(ii) ये पेशियाँ अनैच्छिक होती है जो बिना थके कार्य करती रहती हैं |
(iii) हृदय की पेशी कोशिकाएँ बेलनाकार, शाखाओं वाली और एक-केंद्रकीय होती हैं।
Q4. एरिओलर ऊतक के क्या कार्य हैं?
उत्तर : एरिओलर संयोजी ऊतक त्वचा और मांसपेशियों के बीच, रक्त नलिका के चारों ओर तथा नसों और अस्थि मज्जा में पाया जाता है।
कार्य (functions) :
(i) यह अंगों के भीतर की खाली जगह को भरता है,
(ii) आंतरिक अंगों को सहारा प्रदान करता है |
(iii) ऊतकों की मरम्मत में सहायता करता है।
अभ्यास-प्रश्नावली | Exercise Questions
अभ्यास-प्रश्नावली
Q1. ऊतक को परिभाषित करें।
उत्तर : एक ही प्रकार की संरचना और कार्य करने वाले कोशिकाओं के समूह को उत्तक कहते हैं |
Q2. कितने प्रकार के तत्व मिलकर जाइलेम ऊतक का निर्माण करते हैं? उनके
नाम बताएँ।
उत्तर : जाइलेम ये चार प्रकार के घटकों से मिलकर बना है -
(i) इलेम ट्रेकिड्स (वहिनिका)
(ii) वाहिका
(iii) जाइलेम पैरेंकाइमा और
(iv) जाइलेम फाइबर
Q3. पौधें में सरल ऊतक जटिल ऊतक से किस प्रकार भिन्न होते हैं?
उत्तर :
Q4. कोशिका भित्ति के आधार पर पैरेन्काइमा, कॉलेन्काइमा और स्क्लेरेन्काइमा के बीच भेद स्पष्ट करें।
उत्तर :
Q5. रंध्र के क्या कार्य हैं?
उत्तर : स्टोमेटा का कार्य (Functions of stomata):
(i) वाष्पोत्सर्जन की क्रिया भी स्टोमेटा के द्वारा होती है |
(ii) गैसों का आदान-प्रदान भी स्टोमेटा के द्वारा ही होता हैं |
Q6. तीनों प्रकार के पेशीय रेशों में चित्र बनाकर अंतर स्पष्ट करें।
उत्तर :
(a) रेखित पेशी
(b) चिकनी पेशी
(c) कार्डिक (हृदयक) पेशी
Q7. कार्डिक (हृदयक) पेशी का विशेष कार्य क्या है?
उत्तर : कार्डिक (ह्रदयक) पेशी का विशेष कार्य निम्नलिखित होता हैं:-
(i) ह्रदय की पेशीयां जीवन भर लयबद्ध होकर प्रसार एवं संकुचन करती हैं|
(ii) लयबद्ध प्रसार एवं संकुचन ह्रदय की पम्पिंग क्रिया में सहायता करता हैं तथा रक्त सम्पूर्ण शरीर में गति करता हैं|
Q8. रेखित, अरेखित तथा कार्डिक (हृदयक) पेशियों में शरीर में स्थित कार्य और स्थान के आधर पर अंतर स्पष्ट करें।
उत्तर :
लक्षण | रेखित पेशीय | आरेखित पेशीय | कार्डियक पेशीय |
कार्य | यें एच्छिक पेशियाँ हैं जो शरीर को इच्छानुसार गति प्रदान करने में सहायक हैं| | ये अनेच्छिक पेशियाँ हैं अर्थात् ये जंतु की इच्छा पर संचालित नहीं होती| ये स्वतः ही पेशियों की गति को नियंत्रित करती हैं| | ये भी अनेच्छिक पेशियाँ हैं जो हृदय की पेशियों को बिना थके प्रसार एवं संकुचन में सहायता करती हैं| |
शरीर में स्थिति | हाथ, पैर, कंकाल पेशियों में| | आहारनलिका, रक्त नलिका का प्रसार एवं संकुचन, आँख की पलक , मूत्रवाहिनी और फेफड़ो की श्वसनी में| | ह्रदय में अर्थात् हृदय की दीवारों में| |
Q9. न्यूरॉन का एक चिन्हित चित्र बनाएँ।
उत्तर :
Q10. निम्नलिखित के नाम लिखेंः
(a) ऊतक जो मुँह के भीतरी अस्तर का निर्माण करता है।
(b) ऊतक जो मनुष्य में पेशियों को अस्थि से जोड़ता है।
(c) ऊतक जो पौधें में भोजन का संवहन करता है।
(d) ऊतक जो हमारे शरीर में वसा का संचय करता है।
(e) तरल अधात्री सहित संयोजी ऊतक।
(f) मस्तिष्क में स्थित ऊतक।
उत्तर :
(a) सरल शल्की एपिथेलियम
(b) कांडरा
(c) फ्लोएम
(d) एडिपोस टिश्यू (वसामय उत्तक)
(e) रक्त
(f) तंत्रिका उत्तक
Q11. निम्नलिखित में ऊतक के प्रकार की पहचान करेंः
त्वचा, पौधे का वल्क, अस्थि, वृक्कीय नलिका अस्तर, संवहन बंडल।
उत्तर :
(i) त्वचा - स्तरित शल्की एपिथेलियम
(ii) पौधे का वल्क - कॉर्क रक्षित उत्तक
(iii) अस्थि - संयोजी उत्तक
(iv) वृक्कीय नलिका अस्तर - घनाकार एपिथेलियम
(v) संवहन बण्डल - जटिल उत्तक (जाइलेम और फ्लोएम)
Q12. पैरेन्काइमा ऊतक किस क्षेत्र में स्थित होते हैं?
उत्तर : पैरेन्काइमा ऊतक पत्तियों में पाए जाते हैं| इस स्थिति में इसे क्लोरेन्काइमा (हरित लवक) कहा जाता हैं| जलीय पौधे में बड़ी गुहिकाए होती हैं| जो पौधों को तैरने के लिए उत्प्लावन बल प्रदान करती हैं| इस पैरेन्काइमा को ऐरेन्काइमा कहते हैं| अतः यें पत्तियों तथा जड़ो में पाए जाते हैं|
Q13. पौधें में एपिडर्मिस की क्या भूमिका है?
उत्तर : पौधे में एपिडर्मिस की निम्नलिखित भूमिका है -
(i) यह जल की हानि कम करके पादपों की रक्षा करती हैं |
(ii) यह जल प्रतिरोधी परत, जल के हानि के विरुद्ध यांत्रिक आधात तथा परजीवी कवक के प्रवेश से पौधों की रक्षा करती है |
(iii) इसकी जेली जैसी पदार्थ जल प्रतिरोधी परत का निर्माण करती है |
(iv) जड़ों की एपीडर्मल कोशिकाएँ पानी को सोंखने का कार्य करती हैं |
Q14. छाल (कॉर्क) किस प्रकार सुरक्षा ऊतक के रूप में कार्य करता है?
उत्तर : जब वृक्ष की आयु बढती हैं तो तने के एपिडर्मिस के स्थान पर विभज्योतक की पट्टी बन जाती हैं| यह एक मोटा सुरक्षात्मक ऊतक हैं| बाहरी सतह की कोशिकाएँ इस सतह से अलग हो जाती हैं | यह पौधो पर अनेक परतो वाली मोटी छाल (कॉर्क) का निर्माण करती हैं| इन छालो की कोशिकाएं मृत होती हैं, यें बिना अंतःकोशिकीय स्थानों के व्यवस्थित होती हैं| इनकी भित्ति पर सुबेरिन नामक रसायन होता हैं जो इन छालो को हवा एवं पानी के लिए अभेद्द बनाता हैं|
Q15. नीचे दी गयी तालिका को पूर्ण करें :
उत्तर:
अतिरिक्त प्रश्नोत्तर 1 | Additional Question with Answers
अतिरिक्त प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1 - ऊतक क्या हैं ?
उत्तर - ऊतक कोशिकाओ का समूह होता हैं जिसमें कोशिकाओ की सरंचना तथा कार्य समान होते हैं ।
प्रश्न 2 - विभज्योतक ऊतक किसे कहते हैं ?
उत्तर - पौधो मे वृद्धि कुछ निश्चित समय में ही होती हैं । ऐसा विभाजित ऊतकों के उन भागो मे पाए जाने के कारण होता हैं । ऐसे ऊतकों को विभज्योतक ऊतक कहते हैं।
प्रश्न 3 - तने की परिधि या मूल में वृद्धि किस उतक के कारण होता है ?
उत्तर - पार्श्व विभज्योतक उतक ।
प्रश्न 4 - उस ऊतक का नाम लिखिए जो जडों और तनों के वृद्धि वाले भाग में विद्यमान रहता है तथा वह इनकी लंबाई में वृद्धि करता है।
उत्तर - शीर्षस्थ विभज्योतक उतक।
प्रश्न 5 - विभेदीकरण किसे कहते हैं ?
उत्तर - एक विशिष्ट कार्य करने क लिए स्थायी रूप और आकार लेने की क्रिया को विभेदीकरण कहते हैं ।
प्रश्न 6 - प्रकाश संश्लेषण के लिए किस गैस की आवश्यकता होती है ?
उत्तर - कार्बन डाइऑक्साइड गैस ।
प्रश्न 7 - प्ररोह का शीर्षस्थ विभाज्योतक कहाँ पाया जाता हैं ?
उत्तर - जड़ो और तनों की वृद्धि वाले भाग में पाया जाता हैं और यह इन की लंबाई में वृद्धि करता हैं ।
प्रश्न 8 - नारियल का रेशा किस ऊतक से बना होता हैं ?
उत्तर - स्क्लेरेंकाइमा ऊतक से ।
प्रश्न 9 - उस ऊतक का नाम बताओ जो हमारे शरीर मे गति के लिए उतरदायी हैं ?
उत्तर - तंत्रिका ऊतक आर पेशीय ऊतक हमारे शरीर मे गति के लिए उतरदायी हैं ।
प्रश्न 10 - रंध्र किसे कहते हैं ? रंध्र के क्या कार्य हैं ?
उत्तर - पौधो की पत्तों में छोटे-छोटे छिद्र होते हैं जिन्हे स्टोमेटा या रंध्र कहते हैं । रंध्र वायुमंडल से गैसों का आदान प्रदान करते है । वाष्पोत्सर्जन की क्रिया भी स्टोमेटा या रंध्र के द्वारा होती हैं ।
प्रश्न 11 - कार्डिक ( हृदयक ) पेशी का विशेष कार्य क्या हैं ?
उत्तर - हृदय की पेशियाँ जीवन भर लयबद्ध होकर प्रसार एवं संकुचन करती रहती हैं । इन अनैच्छिक पेशियों को कार्डिक ( हृदयक ) पेशी कहते है । इसी के परिणामस्वरूप रक्त सारे शरीर में गति करता हैं ।
प्रश्न 12 - एरिओलर ऊतक के क्या कार्य हैं ?
उत्तर - एरिओलर ऊतक संयोजनी ऊतक, त्वचा और माँसपेशियों के बीच, रक्त नलिका के चारों और तथा नसों और अस्थि मज्जा मे पाया जाता हैं । यह अंगो के भीतर खाली जगह को भरता है तथा भीतरी अंगो को सहारा देता है । यह ऊतकों की मरम्मत करता हैं ।
प्रश्न 13 - पौधों में उस स्थाई उतक का नाम बताइए जो भोजन का भंडारण करता है ?
उत्तर - पैरेंकाइमा ।
प्रश्न 14 - उन पैरेंकाइमा उतकों को क्या कहते हैं? जिनमें क्लोरोफिल पाया जाता है जिसके कारण प्रकाश संश्लेषण की क्रिया होता है ।
उत्तर - क्लोरेन्काइमा ।
प्रश्न 15 - जलीय पौधों में पाए जाने वाले उस पैरेंकाइमा उतक का नाम बताइए जो पौधों को तैरने के लिए उत्पलावन बल प्रदान करती है।
उत्तर - ऐरेन्काइमा ।
प्रश्न 16 - पौधों में पाए जाने वाले उस स्थाई उतक का नाम बताइए जो पौधों के पती तथा तनों में लचीलापन लाता है ।
उत्तर - कॉलेन्काइमा ।
प्रश्न 17 - स्नायु किसे कहते है ?
उत्तर - दो अस्थियों आपस में एक दुसरे से जोडने वाले संयोजी उतक जिसे स्नायु कहते है।
अतिरिक्त प्रश्नोत्तर 2 | Additional Questions with Answers
अतिरिक्त प्रश्नोत्तर:
प्रश्न 1- पौधो में वाष्पोत्सर्जन के कार्यो का उल्लेख करें ।
उत्तर - पौधो की पत्तों में छोटे- छोटे छिद्र होते हैं जिन्हें स्टोमेटा कहते हैं ।
(ii) इन पर रक्षी कोशिकाएँ होती है जो गैसो का आदान प्रदान करती हैं ।
(iii) ये ये पृथ्वी से प्राप्त जल का वाष्पन करती है ।
(iv)वाष्पोत्सर्जन की क्रिया भी स्टोमेटा के द्वारा होती हैं ।
प्रश्न 2- सरल ऊतको के कितने प्रकार हैं ?
उत्तर - सरल ऊतको के तीन प्रकार हैं :-
1. पैरेंकाइमा ( मृदुतक )
2. कालें काइमा ( स्थूल कोण ऊतक )
3. स्क्लेरेंकाइमा ( दृढ़ ऊतक )
प्रश्न 3 - कोशिका भित्ती के आधार पर पैरेन्काइमा , कॉलेन्काइमा, स्क्लेरेन्काइमा के बीच भेद स्पष्ट करों ।
उत्तर -
पैरेंकाइमा :
(i) ये जीवित कोशिकाएँ होती हैं |
(ii) कोशिका भित्ति पतली होती हैं |
(iii) इनकी कोशिकाओं के बीच काफी रिक्त स्थान होता है |
(iv) यह ऊतक भोजन का भण्डारण करता है और पौधों को सहायता प्रदान करता है|
कॉलेन्काइमा :
(i) ये जीवित कोशिकाएँ होती हैं |
(ii)कोशिका भित्ति मोटी होती है |
(iii)अंतरकोशिकीय अवकाश उपस्थित होती |
(iv)यह पौधों यांत्रिक सहायता प्रदान करता है |
स्क्लेरेन्काइमा :
(i) ये मृत कोशिकाएँ होती हैं |
(ii) कोशिका भित्ति मोटी होती है |
(iii) अंतरकोशिकीय अवकाश अनुपस्थित होती है |
(iv) यह पौधों के भागों को मजबूती प्रदान करता है |
प्रश्न 4 - फ्लोएम के संघटक कौन-कौन से हैं ?
उत्तर - 1. चालनी नलिका
2. साथी कोशिकाएँ
3. फ्लोएम पैरेंकाइमा
4. फ्लोएम रेशे
प्रश्न 5 - हृदय पेशी के तीन लक्षणो को बताएँ ।
उत्तर - 1. हृदय पेशी अनैच्छिक पेशियो से बनती हैं । इन्हें कार्डिक पेशी कहते हैं ।
2. यह बेलनाकार, शाखाओ वाली आक्र एक केंद्रकीय होती हैं ।
3. यह जीवन भर लयबद्ध होकर प्रसार एवं संकुचन करती हैं ।
प्रश्न 6 - पौधों में पाए जाने वाले दो संवहन उतकों के नाम लिखिए और प्रत्येक का कार्य लिखिए ।
उत्तर - पौधों में पाए जाने वाले दो संवहन उतक है ।
1. जाइलम ।
2. फ्लोएम ।
फ्लोएम का कार्य :- यह प्रकाश संश्लेषण द्वारा बनाए गए भोजन को पौधों की पतियों से पौधें के अन्य भागों तक पहुॅचाता है।
जाइलम का कार्य :- जाइलम जडों द्वारा अवशोषित पानी और खनिज लवणों का उर्ध्वाधर संवहन करता है तथा पौधें के अन्य भागों तक पहुॅचाता है।
प्रश्न 7 - जंतु उतकों के नाम लिखिए ।
उत्तर - जंतु उतक निम्न है।
1. एपिथिलियम उतक :- ये भिन्न भिन्न प्रकार के शारीरिक यंत्रों को एक दूसरे से अलग करने के लिए अवरोध का निर्माण करते है । जैसे - त्वचा , मुॅह , आहार नली आदि ।
2. संयोजी उतक :- रक्त , अस्थि और उपास्थि संयोजी उतक के उदाहरण है । इनकी कोशिकाए आपस में कम जुडी होती है और अंतरकोशिकिय आधात्री में धंसी होती है।
3. पेशिय उतक :- पेशिय उतक हमारे शरीर में गति के लिए उतरदायी होता है , पेशियों में एक विशेष प्रकार का सिकुडने वाला प्रोटीन होता है जिसके कारण संकुचन और प्रसार होता है। पेशिय उतक दो प्रकार के होते है ।
(i) ऐच्छिक पेशी
(ii) अनैच्छिक पेशी या कार्डियक पेशी
4. तंत्रिका उतक : - मस्तिष्क , मेरूरज्जु तथा तंत्रिकाए तंत्रिका उतक से बनी होती है। ये संवेदनाए पहुॅचाने का कार्य करती है।
प्रश्न 8 - तीनो प्रकार के पेशीय रेशो के चित्र बनाकर अंतर स्पष्ट करो ।
उत्तर -
ऐच्छिक पेशी :
1. ये प्रायः अस्थियों से जुड़ी होती है ।
2. ये ऐच्छिक होती हैं ।
3. इनमें गहरे तथा हल्के रंग की पट्टियां होती हैं । इसलिए इन्हें रेखित पेशियां भी कहते हैं ।
4. ये लेबी बेलनाकार, शाखारहित और बहुनाभीय होती हैं।
अनैच्छिक पेशी :
1. ये आँख की पलको, मूत्रवाहिनी और फेफड़ो की श्वसनी में होती हैं ।
2. ये अनैच्छिक होती हैं ।
3. इनमें गहरे तथा हल्के रंग की पट्टियां नहीं होती हैं ।
4. ये लेबी, एक केंद्रकीय और एक सिरे से नुकीली होती हैं |
हृदय पेशी :
1. ये हृदय में पायी जाती हैं।
2. ये अनैच्छिक होती हैं ।
3. इनमें गहरे तथा हल्के रंग की पट्टियां नहीं होती हैं ।
4. ये बेलनाकार शखाओ वाली और केंद्रकीय होती हैं ।
प्रश्न 9 - पौधो मे सरल ऊतक जटिल ऊतक से कि प्रकार भिन्न है ?
उत्तर -
सरल ऊतक:
1. ये एक ही प्रकार की कोशिकाओ ये बने होते है ।
उदाहरण :- पैरेन्काइमा, कॉलेन्काइमा, और स्क्लेरेंन्काइमा ।
2. ये परत ऊतक के आधारीय पैंकिग का निर्माण करते हैं ।
3. ये पतली और सरल कोशिका भित्ती वाली सरल कोशिकाओ से मिलकर बने होते है ।
4. ये जीवित कोशिका है जो शिथिलता से जुड़ी होती है इसलिए उनका कोशिकाओ के बीच काफी जगह पाई जाती है ।
जटिल ऊतक:
1. ये अनेक प्रकार की कोशिकाओ से मिलकर बने होते हैं ।
उदाहरण :- जाइलम और फ्लोएम ।
2. ये सेवहन बंडल का निर्माण करते है ।
3. इनकी कोशिका भित्ती मोटी होती हैं ।
4. जाइलम की अधिकांश कोशिकाएं मृत होती हैं तथा फ्लोएम में फ्लोएम रेशें मृत होते हैं । इनकी आकृति नालिकाएँ या छिथ्द्रत भित्ति वाली होती हैं ।
प्रश्न 10 - स्नायु तथा कंडरा में अंतर लिखिए।
उत्तर -
स्नायु:
1. ये दो असिथयों को आपस में जोडते है।
2. यह उतक बहुत लचीला और मजबुत होता है।
कंडरा:
1. ये अस्थियों तथा मॉसपेशियों को आपस में जोडते है।
2. कंडरा मजबुत तथा सीमित लचीलेपन वाला रेशेदार उतक होता है।
प्रश्न 11 - अस्थि तथा उपास्थि में अंतर लिखिए।
उत्तर -
अस्थि:
1. यह पंजर का निर्माण कर शरीर को आकार प्रदान करता है।
2. यह मॉसपेशियों को सहारा देती है।
3. यह कठोर होता है और मुड नहीं सकता ।
उपास्थि:
1. ये नाक कान और कंठ में भी उपस्थित होती है।
2. यह अस्थियों के जोडों को चिकना बनाती है
3. यह नरम होता है और मुड सकता है।
प्रश्न 12 - सरल उत्तक और जटिल उत्तक में अंतर स्पष्ट कीजिए |
उत्तर -
सरल ऊतक
1. ये एक ही प्रकार की कोशिकाओ ये बने होते है ।
उदाहरण: पैरेन्काइमाए कॉलेन्काइमाए और स्क्लेरेंन्काइमा ।
2. ये परत ऊतक के आधारीय पैंकिग का निर्माण करते हैं ।
3. ये पतली और सरल कोशिका भित्ती वाली सरल कोशिकाओं से मिलकर बने होते है ।
4. ये जीवित कोशिका है जो शिथिलता से जुड़ी होती है इसलिए उनका कोशिकाओ के बीच काफी जगह पाई जाती है ।
जटिल ऊतक
1. ये अनेक प्रकार की कोशिकाओ से मिलकर बने होते हैं ।
उदाहरण - जाइलम और फ्लोएम
2. ये संवहन बंडल का निर्माण करते है ।
3. इनकी कोशिका भित्ति मोटी होती हैं ।
4. जाइलम की अधिकांश कोशिकाएं मृत होती हैं तथा फ्लोएम में फ्लोएम रेशें मृत होते हैं । इनकी आकृति नालिकाएँ या छिद्रत भित्ति वाली होती हैं ।
प्रश्न 13 - पौधों में एपीडर्मिस का क्या कार्य है ?
उत्तर - एपीडर्मिस का कार्य :-
1. यह जल की हानि कम करके पादपों की रक्षा करती है ।
2. यह पौधों की सभी भागों की रक्षा करती है ।
3. इसकी सतह पर बनने वाली मोम जैसी जेली जल हानि के विरूद्ध यांत्रिक आघात और परजीवी कवक के प्रवेश से पौधों की रक्षा करती है ।
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