1. हमारे आस-पास के पदार्थ Science class 9 exercise अतिरिक्त प्रश्नोत्तर
1. हमारे आस-पास के पदार्थ Science class 9 exercise अतिरिक्त प्रश्नोत्तर ncert book solution in hindi-medium
NCERT Books Subjects for class 9th Hindi Medium
अध्याय -समीक्षा
अध्याय-समीक्षा
- संसार की सभी वस्तुएँ जिस सामग्री से बनी हैं, वैज्ञानिक उसे पदार्थ कहते है |
- वे वस्तुएँ जिनका द्रव्यमान होता है और स्थान (आयतन) घेरती है, पदार्थ कहलाता है |
- प्राचीन भारत के दार्शनिकों ने पदार्थ को पंचतत्व वायु, पृथ्वी, अग्नि, जल और आकाश से बना बताया और पदार्थ को इन्ही पंचतत्व में वर्गीकृत किया है |
- सभी पदार्थ कणों से मिलकर बने होते हैं |
- पदार्थ के कण अत्यंत सूक्ष्म होते है |
- पदार्थ के कणों के बीच रिक्त स्थान होता है |
- पदार्थ के कण निरंतर गतिशील होते हैं |
- पदार्थ के कण एक-दुसरे को आकर्षित करते है |
- पदार्थ के कणों में गतिज ऊर्जा होती है और तापमान बढ़ने से कणों की गति तेज हो जाती है |
- पदार्थ के कण अपने आप ही एक-दुसरे के साथ अंत:मिश्रित हो जाते हैं | ऐसा कणों के रिक्त स्थानों में समावेश के कारण होता है |
- दो विभिन्न पदार्थो के कणों का स्वत: मिलना विसरण कहलाता है |
- पदार्थ के कणों के बीच एक बल कार्य करता है | यह बल कणों को एक साथ रखता है | इसे अंतराणुक बल भी कहा जाता है |
- प्रत्येक पदार्थ में यह आकर्षण बल अलग-अलग होता है इन्ही बलों के कारण पदार्थ की अवस्थाएं बनती है |
- पदार्थ की तीन अवस्थाएँ होती हैं - ठोस, द्रव और गैस |
- पदार्थ की ये अवस्थाएँ उनकी कणों की विभिन्न विशेषताओं के कारण होता है |
- बल लगाने पर ठोस टूट सकते हैं लेकिन इनका आकार नहीं बदलता |
- द्रव का कोई अपना आकार नहीं होता है जिस बर्तन में इसे रखते है ये उसी का आकार ले लेता है, परन्तु द्रव का आयतन होता है |
- द्रव में ठोस, द्रव और गैस तीनों का विसरण संभव है |
- ठोस की अपेक्षा द्रवों में विसरण की दर अधिक होती है यही कारण है कि द्रव अवस्था में पदार्थ के कण स्वतंत्र रूप से गति करते हैं ठोस की अपेक्षा द्रव के कणों में रिक्त स्थान भी अधिक होता है |
- ठोसों एवं द्रवों की तुलना में गैसों की संपीड्यता (compression) काफी अधिक होती है |
- तापमान एवं दाब में परिवर्तन कर पदार्थ की अवस्थाएं बदली जा सकती है |
- जिस तापमान पर कोई ठोस पिघलकर द्रव बन जाता है, वह इसका ताप उस पदार्थ का गलनांक (Melting Point) कहलाता है |
- गलने की प्रक्रिया यानी ठोस से द्रव अवस्था में परिवर्तन को संगलन भी कहते है |
- गलने की प्रक्रिया के दौरान गलनांक पर पहुँचने के बाद जब तक कोई पदार्थ पूरी तरह गल नहीं जाता, तापमान नहीं बदलता है | चाहे उसमें और भी ऊष्मा दे दी जाए | पदार्थ के कणों के आकर्षण बल को बदलने के लिए ताकि अवस्था में परिवर्तन हो सके तापमान में बिना कोई वृद्धि दर्शाए पदार्थ उस अतिरिक्त ऊष्मा को अवशोषित कर लेता है | यह ऊष्मा पदार्थ में छुपी रहती है, जिसे गुप्त ऊष्मा कहते हैं |
- संगलन की प्रसुप्त ऊष्मा : वायुमंडलीय दाब पर 1 kg ठोस को उसके गलनांक पर द्रव में बदलने के लिए जीतनी ऊष्मीय ऊर्जा की आवश्यकता होती है, उसे संगलन की प्रसुप्त ऊष्मा कहते है |
- वायुमंडलीय दाब पर वह तापमान जिस पर द्रव उबलने लगता है, इस ताप को उस पदार्थ का क्वथनांक कहते है | जल का क्वथनांक 100 ०C या 373 K है |
- द्रव अवस्था में परिवर्तन हुए बिना ठोस अवस्था से सीधे गैस और वापस ठोस में बदलने की प्रक्रिया को उर्ध्वपातन (sublimention) कहते है |
- पदार्थ के कणों के बीच दुरी में परिवर्तन होने के कारण पदार्थ की विभिन्न अवस्थाएँ बनती हैं |
- ठोस CO2 द्रव अवस्था में आए बिना सीधे गैस में परिवर्तित जाती है | यही कारण है कि ठोस कार्बन डाइऑक्साइड को शुष्क बर्फ़ (dry ice) कहते हैं |
- दाब के बढ़ने और तापमान के घटने से गैस द्रव में बदल सकते है |
- क्वथनांक से कम तापमान पर द्रव के वाष्प में परिवर्तित होने की प्रक्रिया को वाष्पीकरण (Evoparisation) कहते हैं |
- वाष्पीकरण से शीतलता आती है |
पाठगत प्रश्न
पाठगत - प्रश्न :
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Q1. निम्नलिखित में से कौन-से पदार्थ हैं -
कुर्सी, वायु, स्नेह, गंध, घृणा, बादाम, विचार, शीत, शीतल पेय, इत्र की सुगंघ |
उत्तर: कुर्सी, वायु, बादाम और शीतल पेय आदि पदार्थ हैं |
Q2. निम्नलिखित प्रेक्षण के कारण बताइए -
गर्मा-गरम खाने की गंध कई मीटर दूर से ही आपके पास पहुँच जाती है लेकिन ठंडे खाने की महक लेने के लिए आपको उसके पास जाना पड़ता है |
उत्तर: यह पदार्थ के कणों की विशेषताओं का गुण है जो तापमान बढ़ने से इनके कणों की गतिज ऊर्जा बढ़ जाती है और ये कण गतिज ऊर्जा बढ़ने से इनकी बीच की दुरी अर्थात कणों के बीच रिक्त स्थान बढ़ जाता है और फैलने लगते हैं यही कारण है कि गर्म खाने की महक ठंडे खाने की अपेक्षा तेजी से हमारे पास पहुंचता है |
Q3. स्विमिंग पूल में गोताखोर पानी काट पाता है | इससे पदार्थ का कौन सा गुण प्रेक्षित होता है ?
उत्तर: यह क्रिया-कलाप यह दर्शाता है कि पदार्थ के कणों के बीच रिक्त स्थान होता हैं | यदि पदार्थ के कणों के बीच रिक्त स्थान नहीं होता तो गोताखोर पानी को नहीं काट पाता |
Q4. पदार्थ के कणों की क्या विशेषताएँ होती है ?
उत्तर: पदार्थ के कणों की निम्न विशेषताएँ होती है |
(i) पदार्थ के कणों के बीच रिक्त स्थान होता है |
(ii) पदार्थ के कण निरंतर गतिशील होते हैं |
(iii) पदार्थ के कण एक-दुसरे को आकर्षित करते हैं |
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Q1. किसी तत्व के द्रव्यमान प्रति इकाई आयतन को धनत्व कहते हैं |
(घनत्व = द्रव्यमान/आयतन)
बढ़ते हुए घनत्व के क्रम में निम्नलिखित को व्यवस्थित करें - वायु, चिमनी का धुवाँ, शहद, जल, चाक, रुई और लोहा |
उत्तर: घनत्व बढ़ते हुए क्रम में :- वायु < चिमनी का धुँआ < रूई < जल < शहद < चाक < लोहा|
Q2. (a) पदार्थ की विभिन्न अवस्थाओं के गुणों में होने वाले अंतर को सारणीबद्ध कीजिए।
उत्तर:
(b) निम्नलिखित पर टिप्पणी कीजिए - दृढ़ता, संपीड्यता, तरलता, बर्तन में गैस का भरना, आकार, गतिज ऊर्जा एवं घनत्व।
उत्तर:
- दृढ़ता :- ठोस में प्रबलतम,द्रव में मध्यम और गैस में नगण्य|
- संपीड्यता:- गैसों में अधिकतम होती हैं इसलिए इन्हें आसानी से दबाया जा सकता हैं | परन्तु ठोस व सरल में संपीडता नगण्य होती है इसलिए ठोस और द्रव को आसानी से दबाया नही जा सकता |
- तरलता:- पदार्थ का वह गुण जिसके कारण वह आसानी से बह सकता हैं तरलता कहलाता हैं| तरल पदार्थो को रखने के लिए बर्तन आवश्यक हैं| तरलता की मात्रा ठोस में नगण्य, गैसों में अधिकतम तथा द्रवों में मध्यम होती हैं |
- बर्तन में गैस का भरना,आकार, :- ठोस अपने बर्तन को पूर्णतः नहीं भरता जबकि द्रव अपने बर्तन का आकर ग्रहण कर लेता हैं| गैस अपने धारक को पूर्णतः नहर देती हैं और अपने धारक का ही आकर एवं आयतन ग्रहण कर लेता हैं|
- गतिज ऊर्जा :- अणुओं की गतिज ऊर्जा ठोसो में सबसे कम , द्रवों में अधिक तथा गैसों में अधिकतम होती हिं|
- घनत्व:- ठोसो का घनत्व उच्च होता हैं| द्रवों में औसत तथा गैसों में न्यूनतम होता हैं|
Q3. कारण बताएँ -
(a) गैस पूरी तरह उस बर्तन को भर देती है, जिसमें इसे रखते हैं।
उत्तर: गैस के अणुओं की गतिज ऊर्जा अधिकतम होता हैं तथा उनमे आकर्षण बल नगण्य होता हैं| इसलिए गैसों के अणु अत्यधिक तीव्र गति से सभी दिशाओ में गतिशील रहते हैं| इसी कारण उस धारक को पूरी तरह भर देते है जिसमें रखा जाता हैं|
(b) गैस बर्तन की दीवारों पर दबाव डालती है।
उत्तर: गैस बर्तन की दीवारों पर दबाव डालती है क्योंकि अत्यधिक गतिज ऊर्जा के कारण गैस के अणु बर्तन की दीवारों से टकराते रहते हैं|
(c) लकड़ी की मेज ठोस कहलाती है।
उत्तर: लकड़ी की मेज़ ठोस कहलाती हैं क्योंकि इसका आकर और आयतन निश्चित होता हैं|
(d) हवा में हम आसानी से अपना हाथ चला सकते हैं, लेकिन एक ठोस लकड़ी के टुकड़े में हाथ चलाने के लिए हमें कराटे में दक्ष होना पड़ेगा।
उत्तर: हवा (गैसों) के अणुओं के बीच अन्तरा-अणुक बल नगण्य होता हैं जबकि ठोस अणुओं के बीच अन्तरा-अणुक बल अधिकतम होने के कारण उन्हें काट पाना आसान नहीं होता |
Q4. सामान्यतया ठोस पदार्थों की अपेक्षा द्रवों का घनत्व कम होता है। लेकिन आपने बर्फ के टुकड़े को जल में तैरते हुए देखा होगा। पता लगाइए, ऐसा क्यों होता है?
उत्तर: बर्फ का टुकड़ा ठोस होने के बावजूद उसमें हवा के बुलबुले अंदर कैद हो जाते हैं जिससे बर्फ का घनत्व जल के घनत्व से कम हो जाता हैं| जल से कम घनत्व होने के कारण ही बर्फ का टुकड़ा जल में तैरता हैं |
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Q1. निम्नलिखित तापमान को सेल्सियस में बदलें।
(a) 300 K (b) 573 K
उत्तर:
(a) केल्विन में तापमान = 300 K
T(K) = t(C) + 273
300 K = t(C) + 273
सेल्सियस में तापमान t(C) = 300 - 273 = 27 C
(b)
केल्विन में तापमान = 573 K
T(K) = t(C) + 273
573 K = t(C) + 273
सेल्सियस में तापमान t(C) = 573 - 273 = 300 C
Q2. निम्नलिखित तापमान पर जल की भौतिक अवस्था क्या होगी?
(a) 250 C (b) 100 C
उत्तर:
(a) 250 C :- इससे हमें यह ज्ञात होता हैं कि जल का क्वथनांक 100 C होता हैं तथा 250 C जो की क्वथनांक से काफी उच्च ताप पर हैं | इसलिए , इस ताप पर जल "गैसीय अवस्था" (भाप) में बदल जाएगी |
(b) 100 C :- इससे हमें यह ज्ञात होता हैं कि 100 C पर जल उबलकर भाप में बदलने लगता हैं| इसलिए, यह द्रवीय तथा गैसीय अवस्था दोनों हैं|
Q3. किसी भी पदार्थ की अवस्था परिवर्तन के दौरान तापमान स्थिर क्यों रहता है?
उत्तर: किसी भी पदार्थ की अवस्था परिवर्तन के दौरान ताप इसलिए स्थिर रहता हैं क्योंकि दी जाने वाली ऊष्मा उसके कणों के बीच आकर्षण बल को तोड़ने में प्रयुक्त हो जाती हैं| इसलिए इस प्रकार अवस्था परिवर्तन के दौरान दी गई ऊष्मा को गुप्त ऊष्मा कहते हैं|
Q4. वायुमंडलीय गैसों को द्रव में परिवर्तन करने के लिए कोई विधि सुझाइए।
उत्तर:
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Q1. गर्म, शुष्क दिन में कूलर अधिक ठंडा क्यों करता है?
उत्तर: गर्म, शुष्क दिन में कूलर अधिक ठंडा करता है क्योंकि वायु में नमी (आद्रत) कम होती हैं तथा तापमान कम होता हैं| जिसके कारण वाष्पीकरण की दर बढ़ जाती हैं| तापमान बढने तथा आद्रता घटने पर वाष्पीकरण की दर में वृद्धि हो जाती हैं| तथा हम जानते है वाष्पीकरण से शीतलता उत्पन्न हो जाती हैं| अतः कूलर के अंदर से ठंडी हवा कमरे में फैलकर ठंडक प्रदान करती हैं|
Q2. गर्मियों में घड़े का जल ठंडा क्यों होता है?
उत्तर: गर्मियों में घड़े का जल ठंडा होता है क्योंकि घड़ो में बहुत अधिक संख्या में छिद्र होते है, जिनसे पानी बाहर रिसता रहता हैं और इसका वाष्पीकरण हो जाता हैं| इसी तरह मटके के उपर पानी बाहर आता रहता हैं और वाष्पीकरण में कम हुई ऊर्जा को पुन: मटके और शेष बचे जल से वाष्पीकरण की गुप्त ऊष्मा के रूप में ले लेता हैं| यह प्रक्रिया चलती रहती हैं| चूंकि घड़े एवं जल से ऊष्मा अवशोषित होती हैं तथा वाष्पीकरण होता हैं|
Q3. एसीटोन/पेट्रोल या इत्र डालने पर हमारी हथेली ठंडी क्यों हो जाती है?
उत्तर: एसीटोन/पेट्रोल या इत्र डालने पर हमारी हथेली ठंडी हो जाती है क्योंकि इसके कण हथेली या उसके आसपास से ऊर्जा प्राप्त कर लेता हैं और वाष्पीकृत हो जाते हैं, जिससे हथेली पर शीतलता महसूस होती हैं| वाष्पीकरण के कारण शीतलता महसूस होती हैं| वाष्पीकरण के कारण शीतलता होती हैं|
Q4. कप की अपेक्षा प्लेट से हम गर्म दूध या चाय जल्दी क्यों पी लेते हैं?
उत्तर: कप की अपेक्षा प्लेट से हम गर्म दूध या चाय जल्दी पी लेते हैं क्योंकि प्लेट की सतह का क्षेत्रफल से अधिक होता है| जितना अधिक सतही क्षेत्रफल होगा, वाष्पीकरण उतना ही जल्द होता हैं, जिससे दूध या चाय जल्द ही ठंडी हो जाती हैं|
Q5. गर्मियों में हमें किस तरह के कपड़े पहनने चाहिए?
उत्तर: गर्मियों में हमें हल्के रंग वाले सूती के कपड़े पहनने चाहिए| हल्के रंग वाले कपड़े ऊष्मा अवशोषित नहीं करते हैं तथा सूती कपड़ों में छिद्र होते हैं, जिसमे पसीना अवशोषित होजाता हैं और वाष्पीकरण तेज़ी से हो जाता हैं | इस क्रिया में हमारी त्वचा से वाष्पीकरण की गुप्त ऊष्मा ली जाती हैं| इस तरह त्वचा से निकलने ऊष्मा निकलने के कारण ठंडक एवं आरामदायक महसूस होता हैं|
अभ्यास
अभ्यास
प्रश्न 1. निम्नलिखित तापमान को सेल्सियस इकाई में परिवर्तित करे |
(a) 293 K (b) 470 K
उत्तर: (a) केल्विन में तापमान = 300 K
T (K) = t (C) + 273
293 K = t (C) + 273
सेल्सियस में तापमान t (C) = 293 - 273 = 20 C
(b) केल्विन में तापमान = 470 K
T (K) = t (C) + 273
470 K = t (C) + 273
सेल्सियस में तापमान t (C) = 470 - 273 = 197 C
प्रश्न 2. निम्नलिखित तापमान पर जल की भौतिक अवस्था क्या होगी?
(a) 25o C (b) 373o C
उत्तर: (a) 25o C
T (K) = t (C) + 273
T = 25 + 273 = 298K
(b) 373o C
T (K) = t (C) + 273
T = 373 + 273 = 646 K
प्रश्न 3. निम्नलिखित अवलोकनों हेतु कारण लिखे :
(a) नैफ्थलीन को रखा रहने देने पर यह समय के साथ कुछ भी ठोस पदार्थ छोड़े बिना अद्रश्य हो जाती हैं|
(b) हमे इत्र की गंध बहुत दूर बैठे हुए भी पहुच जाती हैं|
उत्तर: (a) नैफ्थलीन एक वाष्पशील ठोस पदार्थ है जो ठोस से द्रव अवस्था में आए बिना ही गैस में बदल जाता हैं, जिसे ऊर्ध्वपातन क्रिया कहते हैं| अतः कुछ समय बाद यह ठोस पदार्थ छोड़े बिना हवा में वाष्प बनकर उड़ जाता हैं|
(b) इत्र एक वाष्पशील द्रव होता हैं जो तेज़ी से वाष्प में बदल जाता हैं तथा वायु के कणों के साथ मिलकर सभी दिशाओ में तेज़ी से विसरित हो जाता हैं | यही कारण हैं कि इत्र की गंध बहुत दूर बैठे हुए भी हमारे पास तक पहुच जाती हैं|
प्रश्न 4. निम्नलिखित पदार्थो को उनके कणों के बीच बढ़ते हुए आकर्षण के अनुसार व्यवस्थित करे :
(a) जल (b) चीनी (c) ऑक्सीजन
उत्तर: कणों के बीच बढ़ते हुए आकर्षण के अनुसार व्यवस्था:
ऑक्सीजन < जल < चीनी
कारण : ऑक्सीजन एक गैस हैं, जिसमें कणों के बीच आकर्षण बल न्यूनतम होता हैं| द्रव, जैसे जल में गैसों से अधिक तथा ठोस (चीनी) में कणों के बीच सर्वाधिक मजबूत आकर्षण बल होता हैं |
प्रश्न 5. निम्नलिखित तापमानो पर जल की भौतिक अवस्था क्या है?
(a) 25oC (b) 0oC (c) 100oC
उत्तर:
(a) 25oC पर जल की भौतिक व्यवस्था :- द्रव
(b) 0oC पर जल की भौतिक व्यवस्था :- ठोस
(c) 100oC पर जल की भौतिक व्यवस्था :- भाप
प्रश्न 6. पुष्टि हेतु कारण दीजिए :-
(a) जल कमरे के ताप पर द्रव हैं |
(b) लोहे की अलमारी कमरे के ताप पर ठोस हैं |
उत्तर :
(a) जल कमरे के ताप पर द्रव हैं क्योंकि इसमें बहने का गुण होता हैं और इसे जिस बर्तन में डाला जाए उसी का आकर ग्रहण कर लेता हैं |
(b) लोहे की अलमारी कमरे के ताप पर ठोस हैं क्योंकि इसमें दृढता का गुण होता हैं साथ ही इसका आकर निश्चित होता हैं |
प्रश्न 7. 273 K पर बर्फ को ठंडा करने पर तथा जल को इसी तापमान पर ठंडा करने पर शीतलता का प्रभाव अधिक क्यों होता हैं ?
उत्तर: 273 K पर बर्फ को ठंडा करने पर तथा जल को इसी तापमान पर ठंडा करने पर शीतलता का प्रभाव अधिक होता हैं क्योंकि संलगन की गुप्त ऊष्मा होने के कारण बर्फ उसी तापमान पर जल की अपेक्षा अधिक शीतलता का प्रभाव देती हैं|
प्रश्न 8. उबलते हुए जल अथवा भाप में से जलने की तीव्रता किसमें अधिक महसूस होती हैं?
उत्तर: वाष्पन में गुप्त ऊष्मा होने के कारण भाप में उबलते जल की अपेक्षा जलने की तीव्रता अधिक महसूस होती हैं |
प्रश्न 9. निम्नलिखित चित्र के लिए A, B, C, D, E तथा F की अवस्था परिवर्तन को नामांकित करे:
उत्तर:
A :- द्रवण
B:- वाष्पन
C:- संघनन
D:- जमना
E:- ऊर्ध्पातन
F:- ऊर्ध्पातन
अतिरिक्त प्रश्नोत्तर
अतिरिक्त प्रश्नोत्तर:
प्रश्न: विसरण किसे कहते है ?
उत्तर: दो विभिन्न पदार्थों के कणों का स्वत: मिलना विसरण कहलाता है |
प्रश्न: गलनांक किसे कहते है ?
उत्तर: वह ताप जिस पर कोई पदार्थ गलना शरू कर देता है, वह ताप उस पदार्थ का गलनांक कहलाता है |
प्रश्न: क्वथनांक किसे कहते है ?
उत्तर: वह ताप जिस पर कोई पदार्थ उबलना शरू कर देता है, वह ताप उस पदार्थ का क्वथनांक कहलाता है |
प्रश्न: शुष्क बर्फ किसे कहते है?
उत्तर: ठोस कार्बन डाइऑक्साइड को शुष्क बर्फ कहते है |
प्रश्न: पदार्थ की अवस्था परिवर्तन के लिए उत्तरदायी कारक का नाम लिखिए |
उत्तर: पदार्थ की अवस्था परिवर्तन के लिए उत्तरदायी कारक है |
(1) ताप
(2) दाब
प्रश्न: गुप्त ऊष्मा से आप क्या समझते है ?
उत्तर: अवस्था परिवर्तन के समय स्थिर ताप पर पदार्थ के एंकाक द्रव्यमान को दी गई आवश्यक ऊष्मा की मात्रा को गुप्त ऊष्मा कहते हैं।
अथवा
जब कोई पदार्थ एक भौतिक अवस्था (जैसे ठोस) से दूसरी भौतिक अवस्था (जैसे द्रव) में परिवर्तित होता है तो एक नियत ताप पर उसे कुछ उष्मा प्रदान करनी पड़ती है या वह एक नियत ताप पर उष्मा प्रदान करता है।
किसी पदार्थ की गुप्त उष्मा (latent heat), ऊष्मा की वह मात्रा है जो उसके इकाई मात्रा द्वारा अवस्था परिवर्तन' (change of state) के समय अवषोषित की जाती है या मुक्त की जाती है।
प्रश्न: ठोस, द्रव और गैस के गुणधर्म लिखिए |
उत्तर : ठोस के गुणधर्म निम्नलिखित है |
(1) ठोस पदार्थों का निश्चित आकार होता है |
(2) स्पष्ट सीमाएँ तथा स्थिर आयतन होता है |
(3) बाह्य बल लगने पर भी ठोस अपने आकार को बनाये रखता है |
(4) अंतराणुक बल ठोसों में द्रव तथा गैस से अधिक होता है |
द्रव के गुणधर्म निम्नलिखित है |
(1) द्रव का निश्चित आकार नहीं होता है |
(2) इनका आयतन निश्चित होता है |
(3) द्रवों में बहाव होता है और इनका आकार बदलता रहता है |
(4) इनका अंतराणुक बल ठोस से कम होता है |
गैस के गुणधर्म निम्नलिखित है |
(1) ठोसों एवं द्रवों की तुलना में गैसों की संपीड्यता (compression) काफी अधिक होता है |
(2) इनके कणों के बीच अंतराणुक बल सबसे कम होता है |
(3) गैसों को आसानी से दबाया जा सकता है |
(4) इनका विसरण काफी तीव्रता से होता है |
अतिरिक्त प्रश्न:
Q1. पदार्थ के कणों के बीच रिक्त स्थान होता है | उदाहरण देकर इसे समझाइए |
उत्तर: जब हम एक बीकर में पानी लेते है और उसमें पोटैशियम परमैगनेट के कुछ कण डाल देते है | कुछ देर बाद हम देखते है कि पोटैशियम परमैगनेट पुरे बीकर में फ़ैल जाता है | अर्थात पोटैशियम परमैगनेट का प्रत्येक कण जल के प्रत्येक कणों के बीच मिल जाता है | जिसेसे यह पता चलता है कि पदार्थ के कणों के बीच रिक्त स्थान होता है |
Q2. कारण बताइए, क्यों गैस उस बर्तन को पूरी तरह भर देती है जिसमें इसको रखते है ?
उत्तर: द्रवों की तुलना में गैसों की संपीड्यता अधिक होती है जिससे ये जिस बर्तन में डालना होता है तेजी से स्थान लेते हैं और पूरी तरह भर देते है |
Q3. वाष्पीकरण के कारण शीतलता कैसे होती है ?
उत्तर: वाष्पीकरण के दौरान कम हुई ऊर्जा को पुन: प्राप्त करने के लिए द्रवों के कण अपने आस-पास से ऊर्जा अवशोषित कर लेते हैं | इस तरह आस-पास से ऊर्जा अवशोषित होने से आस-पास ठंडक होने लगता है और शीतलता आ जाती है |
Q4. ठोस कार्बन डाइऑक्साइड को शुष्क बर्फ़ क्यों कहते हैं ?
उत्तर: जब वायुमंडलीय दाब का माप 1 एटमोस्फेयर atm हो, तो ठोस (CO2) कार्बन डाइऑक्साइड द्रव अवस्था में आए बिना सीधे गैस में परिवर्तित हो जाता है | यही कारण है कि ठोस कार्बन डाइऑक्साइड को शुष्क बर्फ़ कहते है |
Q5. उर्ध्वपातन किसे कहते है ?
उत्तर: द्रव अवस्था में परिवर्तन हुए बिना ठोस अवस्था से सीधे गैस और वापस ठोस में बदलने की प्रक्रिया को उर्ध्वपातन (sublimention) कहते है |
Q6. वाष्पीकरण को प्रभावित करने वाले कौन-कौन से कारक हैं ?
उत्तर:
(i) सतह क्षेत्र बढ़ने पर : वाष्पीकरण एक सतही प्रक्रिया है और सतही क्षेत्र बढ़ने पर वाष्पीकरण की दर भी बढ़ जाती है |
(ii) तापमान में वृद्धि : तापमान बढ़ने पर पदार्थ के कणों को पर्याप्त गतिज ऊर्जा मिल जाती है जिससे वाष्पीकरण की दर बढ़ जाती है |
(iii) आर्द्रता में कामी : वायु में उपस्थित जलवाष्प की मात्र जिसे आर्द्रता कहते है, जलवाष्प बढ़ने से आर्द्रता बढ़ेगी और आर्द्रता बढ़ने से वाष्पीकरण की दर घट जाती है |
(iv) वायु की गति में वृद्धि : वायु की गति में वृद्धि होने से जलवाष्प के कण तेजी से वायु के साथ उड़ जाते हैं जिससे आस-पास की जल-वाष्प की मात्रा घट जाती है |
Q7. प्लाज्मा क्या है ?
उत्तर: प्लाज्मा पदार्थ की चौथी अवस्था है, नियाँन बल्ब के अन्दर नियाँन गैस और फ्लोरसेंत ट्यूब के अंदर हीलियम या कोई एनी गैस होती है | विद्युत ऊर्जा प्रवाहित होने पर यह गैस आयनीकृत यानी आवेशित हो जाती है | आवेशित होने से ट्यूब या बल्ब के अंदर चमकीला पदार्थ तैयार होता है | जिसे प्लाज्मा कहा जाता है |
Q8. गुप्त ऊष्मा किसे कहते है ?
उत्तर: गलने की प्रक्रिया के दौरान गलनांक पर पहुँचने के बाद जब तक कोई पदार्थ पूरी तरह गल नहीं जाता, तापमान नहीं बदलता है | चाहे उसमें और भी ऊष्मा दे दी जाए | पदार्थ के कणों के आकर्षण बल को बदलने के लिए ताकि अवस्था में परिवर्तन हो सके तापमान में बिना कोई वृद्धि दर्शाए पदार्थ उस अतिरिक्त ऊष्मा को अवशोषित कर लेता है | यह ऊष्मा पदार्थ में छुपी रहती है, जिसे गुप्त ऊष्मा कहते हैं |
Q9. संगलन की प्रसुप्त ऊष्मा किसे कहते हैं ?
उत्तर: वायुमंडलीय दाब पर 1 kg ठोस को उसके गलनांक पर द्रव में बदलने के लिए जितनी ऊष्मीय ऊर्जा की आवश्यकता होती है, उसे संगलन की प्रसुप्त ऊष्मा कहते है |
Q10. वाष्पीकरण की गुप्त ऊष्मा से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर: वायुमंडलीय दाब पर 1kg द्रव को उसके क्वथनांक पर गैसीय अवस्था में परिवर्तन करने हेतु जितनी ऊष्मीय ऊर्जा की आवश्यकता होती है, उसे वाष्पीकरण की प्रसुप्त ऊष्मा कहते है |
Q11. संघनन क्या है ?
उत्तर: वह प्रक्रिया जिसमें गैस संघनित होकर (ठंडा) द्रव में परिवर्तित हो जाता है संघनन कहलाता है |
Q12. 100 ०C तापमान पर भाप अर्थात वाष्प के कणों में उसी तापमान पर पानी के कणों की अपेक्षा अधिक ऊर्जा होती है | क्यों ?
उत्तर: ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि भाप के कणों ने वाष्पीकरण की गुप्त ऊष्मा के रूप में अतिरिक्त ऊष्मा अवशोषित कर लेता है जिससे वह उसी तापमान पर पानी के कणों की अपेक्षा अधिक ऊष्मा होती है |
Q13. गलनांक एवं क्वथनांक ने क्या अंतर है ?
उत्तर:
गलनांक | क्वथनांक |
1. वह तापमान जिस पर कोई ठोस पिघलने लगता है | 2. ठोसों का गलनांक होता है | |
1. वह तापमान जिस पर कोई द्रव उबलने लगता है | 2. द्रवों का क्वथनांक होता है | |
Q14. तीन उर्ध्वपतित होने वाले पदार्थ का नाम बताइए |
उत्तर:
(i) कपूर (ii) नेप्थेलिन (नौसादर) (iii) अमोनियम क्लोराइड
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Science Chapter List
1. हमारे आस-पास के पदार्थ
2. क्या हमारे आस-पास के पदार्थ शुद्ध है
3. परमाणु एवं अणु
4. परमाणु की संरचना
5. जीवन की मौलिक इकाई
6. ऊत्तक
7. जीवों में विविधता
8. गति
9. बल और गति का नियम
10. गुरुत्वाकर्षण
11. कार्य और उर्जा
12. ध्वनि
13. हम बीमार क्यों होते है
14. प्राकृतिक संसाधन
15. खाद्ध्य संसाधनों में सुधार
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