11. कार्य और उर्जा Science class 9 exercise अतिरिक्त प्रश्नोत्तर 2
11. कार्य और उर्जा Science class 9 exercise अतिरिक्त प्रश्नोत्तर 2 ncert book solution in hindi-medium
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अध्याय -समीक्षा
अध्याय-समीक्षा : कार्य और ऊर्जा
- कार्य एक ऊर्जा है |
- किसी पिंड पर किया गया कार्य, उस पर लगाए गए बल के परिमाण व बल
की दिशा में उसके द्वारा तय की गई दूरी के गुणनफल से परिभाषित होता है। कार्य का मात्रक जूल है अर्थात 1 जूल = 1 न्यूटन × 1 मीटर। - किसी पिंड का विस्थापन शून्य है तो बल द्वारा उस पिंड पर किया गया कार्य शून्य होगा।
- यदि किसी वस्तु में कार्य करने की क्षमता हो तो यह कहा जाता है कि उसमें ऊर्जा है। ऊर्जा का मात्रक वही है जो कार्य का है।
- किसी वस्तु पर बल लगाने के बाद भी यदि वस्तु विस्थापित नहीं होती है तो यह कार्य शून्य माना जाता है |
- हमें कार्य करने के लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है |
- कार्य करने के लिए दो दशाओं का होना आवश्यक हैः (ii) वस्तु पर कोई बल लगना चाहिए, तथा (ii) वस्तु विस्थापित होनी चाहिए।
- किया गया कार्य = बल × विस्थापन या W = F s
- सभी सजीवों को भोजन की आवश्यकता होती है | जीवित रहने के लिए सजीवों को अनेक मुलभुत गतिविधियाँ करनी पड़ती हैं | इन गतिविधियों को हम जैव प्रक्रम कहते हैं |
- इन जैव प्रक्रमों को संपादित करने के लिए सजीवों को उर्जा की आवश्यकता होती है जो वे भोजन से प्राप्त करते हैं |
- मशीनों को भी कार्य करने के लिए उर्जा की आवश्यकता होती है जिसके के लिए डीजल एवं पेट्रोल का उपयोग किया जाता हैं
- कार्य एक अदिश राशि (Scalar Quantity) है |
- जब हम किसी वस्तु पर बल लगाकर उसे विस्थापित करते है तो वह क्रिया कार्य माना जायेगा |
-
गणितीय भाषा में कार्य को निम्न समीकरण द्वारा व्यक्त किया जा सकता है | W = F . s . cos θ जहाँ F = बल, s = विस्थापन और θ बल सदिश एवं विस्थापन सदिश के बीच का कोण है |
-
इसको समझने के लिए तीन स्थितयाँ हैं |
(A) स्थिति A : जब बल सदिश एवं विस्थापन सदिश एक ही दिशा में हो तो उनके बीच का कोण θ = 0० होता है | इस स्थिति में कार्य धनात्मक होता है |
-
(B) स्थति B : जब बल सदिश एवं विस्थापन सदिश एक दुसरे के विपरीत हो तो उनके बीच का कोण θ = 180० होता है | इस स्थति में कार्य ऋणात्मक होता है |
-
(C) स्थिति C : जब बल सदिश लग रहा है एवं वस्तु में कोई विस्थापन न हो तो F तथा s के बीच का कोण 90 डिग्री का होता है | इस स्थिति में कार्य शून्य होता है |
-
जूल कार्य : जब किसी वस्तु को 1 N बल लगाकर उसे बल की दिशा में 1 मीटर विस्थापित किया जाए तो कहा जायेगा कि 1 जूल कार्य हुआ है |
- यदि किसी वस्तु में ऊर्जा है तो वह दूसरी वस्तु पर बल लगाकर कार्य कर सकता है |
- जब कोई वस्तु दुसरे वस्तु पर बल लगाता है तो ऊर्जा पहली वस्तु से दूसरी वस्तु में स्थानांतरित हो जाती है |
- किसी वस्तु में निहित ऊर्जा को उसकी कार्य करने की क्षमता के रूप में मापा जाता है |
- इसलिए ऊर्जा का मात्रक जूल है जो कार्य का मात्रक है |
- ऊर्जा के बड़े मात्रक के रूप में किलोजूल (kJ) का उपयोग किया जाता है |
-
(i) स्थितिज ऊर्जा : किसी वस्तु में संचित उर्जा को स्थितिज उर्जा कहते हैं |
-
(ii) गतिज ऊर्जा : गतिमान वस्तु में कार्य करने कि क्षमता होती है, वस्तु के गति के कारण उत्पन्न उर्जा को गतिज उर्जा कहते हैं |
-
(iii) उष्मीय ऊर्जा : ऊष्मा उर्जा का एक अन्य रूप है जिसमें एक रूप से दूसरी रूप में परिवर्तन होने कि क्षमता होती है | यह वस्तु के कणों के बीच में गतिज उर्जा के रूप में परिवर्तित हो जाती है |
-
(iv) रासायनिक ऊर्जा : कुछ रसायनों में उर्जा उत्पन्न करने की क्षमता होती है, रासायनिक प्रक्रिया द्वारा उत्पन्न उर्जा को रासायनिक उर्जा कहते हैं |
-
(v) विद्युत ऊर्जा : विद्युत में कार्य करने की अदभुत क्षमता होती है | इस विद्युत से उत्पन्न उर्जा को विद्युत उर्जा कहते है |
-
(vi) प्रकाश ऊर्जा : उर्जा के किसी स्रोत से जब उर्जा का उपभोग प्रकाश प्राप्त करने के लिए जब किया जाता है तो उसे प्रकाश उर्जा कहते है |
-
ऊर्जा संरक्षण का नियम : उर्जा संरक्षण के नियम के अनुसार उर्जा का न तो सृजन किया जा सकता है और न ही विनाश किया जा सकता है , इसका केवल एक रूप से दुसरे रूप में रूपांतरित हो सकता है |
-
यांत्रिक उर्जा (Mechanical Energy) : किसी वस्तु के स्थितिज उर्जा एवं गतिज उर्जा के योग को यांत्रिक उर्जा कहते हैं |
-
शक्ति (Power) : कार्य करने कि दर या उर्जा रूपांतरण की दर को शक्ति कहते हैं | शक्ति = कार्य/समय इसे P से सूचित करते है |
-
व्यावसायिक ऊर्जा का मात्रक किलोवाट घंटा (kW h) हैं जिसे यूनिट (unit) में व्यक्त करते हैं |
-
1 kW h = 3600000 J = 3.6 x 106 J होता है |
पाठगत-प्रश्न
पाठगत प्रश्नोत्तर :
Page No:164
प्रश्न 1: किसी वस्तु पर 7 N का बल लगता है | मान लीजिए बल दिशा में विस्थापन 8 m है (चित्र 11.4) | लीजिए वस्तु के विस्थापन के समय लगातार वस्तु पर बल लगता रहता है | इस स्थिति में किया गया कार्य कितना होगा |
उत्तर: कार्य = बल x विस्थापन
= 7 N x 8m = 56 Nm या 56 J
Page No: 165
प्रश्न 1: हम कब कहते है कि कार्य किया गया है ?
उत्तर: हम कहते है कि कार्य किया गया है जब बल के अनुप्रयोग का बिंदु गति करता है |
प्रश्न 2: जब किसी वस्तु प् लगने वाला बल इसके विस्थापन की दिशा में हो तो किए गए कार्य का व्यंजक लिखिए |
उत्तर: कार्य = बल x बल की दिशा में चली है दूरी |
प्रश्न 3: 1Jकार्य को परिभाषित कीजिए |
उत्तर: जब बल का 1 न्यूटन वस्तु को अपने स्वयं की दिशा में 1 मीटर की दूरी तक चलाता है , तो किया गया कार्य 1 जूल कहा जाता है |
प्रश्न 4: बैलों की एक जोड़ी खेत जोतते समय किसी हल पर 140 N बल लगाती है | जोता गया खेत 15 m लंबा है | खेत की लंबाई को जोतने में कितना कार्य किया गया ?
उत्तर: किया गया कार्य = बल x दूरी
बल = 140 N
दूरी = 15 m
किया गया कार्य = 140 N x 15 m
= 2100 Nm = 2100 J
Page No: 169
प्रश्न 1: किसी वस्तु की गतिज ऊर्जा क्या होती है |
उत्तर: वस्तु की ऊर्जा , उसकी गति के कारण गतिज ऊर्जा कहलाती है |
प्रश्न 2: किसी वस्तु की गतिज ऊर्जा के लिए व्यंजक लिखो |
उत्तर: गतिज ऊर्जा = 1/2 mv2
जहाँ पर , m = वस्तु का द्रव्यमान
और v = वस्तु का वेग (या वस्तु की चाल)
प्रश्न 3: 5 ms-1 के वेग से गतिमान किसी m द्रव्यमान की वस्तु की गतिज ऊर्जा 25J है | यदि इसके वेग को दोगुना कर दिया जाए तो इसकी गतिज ऊर्जा कितनी हो जाएगी | यदि इसके वेग को तीन गुना बढ़ा दिया जाए तो उसकी गतिज ऊर्जा कितनी हो जाएगी |
उत्तर:
Pager No: 174
प्रश्न 1: शक्ति क्या है |
उत्तर: शकित , प्रति इकाई समय में किया गया कार्य है |
प्रश्न 2: 1 वाट शक्ति को पारिभाषित कीजिए |
उत्तर: यदि किसी स्रोत द्वारा एक सेकेंड में एक जूल ऊर्जा की आपूर्ति की जाए तो उस स्रोत की शक्ति एक वाट होगी|
प्रश्न 3: एक लैम्प 1000 J विधुत ऊर्जा 10 सेकेंड में व्यय करता है | इसकी शाकित कितनी है ?
उत्तर: समय , t = 10 s , ऊर्जा = 1000 J
प्रश्न 4: औसत शकित को परिभाषित कीजिए |
उत्तर: ऊर्जा आपूर्ति को कुल लिए गए समय से विभाजित कराने पर औसत ऊर्जा प्राप्त है |यदि कोई एजेंट t समय में 'W' यूनिट करता है , तब औसत शक्ति 'P'
अभ्यास-प्रश्नावली
अभ्यास प्रश्नावली : कार्य और ऊर्जा
Q1. निम्न सूचीबद्ध क्रियाकलापों को ध्यान से देखिए। अपनी कार्य शब्द की व्याख्या के आधार पर तर्क दीजिए कि इनमें कार्य हो रहा है अथवा नहीं।
- सूमा एक तालाब में तैर रही है।
- एक गधे ने अपनी पीठ पर बोझा उठा रखा है।
- एक पवन चक्की (विंड मिल) कुएँ से पानी उठा रही है।
- एक हरे पौधे में प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया हो रही है।
- एक इंजन ट्रेन को खींच रहा है।
- अनाज के दाने सूर्य की धुप में सुख रहे हैं।
- एक पाल-नाव पवन ऊर्जा वेफ कारण गतिशील है।
उत्तर :
(i) सूमा एक तालाब में तैर रही है।
उत्तर : सूमा कार्य कर रही है क्योंकि वह पानी में उसके हाथ-पैर की गति से बल लगाकर अपने शरीर को विस्थापित कर लेती है |
(ii) एक गधे ने अपनी पीठ पर बोझा उठा रखा है।
उत्तर : गधा कोई कार्य नहीं कर रहा है | क्योंकि गधे द्वारा लगाया गया बल और वस्तु का विस्थापन एक दुसरे के लम्बवत है | अत: कार्य शून्य माना जाएगा |
(iii) एक पवन चक्की (विंड मिल) कुएँ से पानी उठा रही है।
उत्तर : पवन चक्की कुएँ से पानी उठता है पानी का विस्थापन उसी दिशा में है जिस दिशा में बल लगाता है | अत: यह गुरुत्व के विपरीत कार्य माना जाएगा |
(iv) एक हरे पौधे में प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया हो रही है।
उत्तर : इस क्रिया में नहीं कोई बल का उपयोग हो रहा है और नहीं विस्थापन हो रहा है इसलिए कार्य शून्य है |
(v) एक इंजन ट्रेन को खींच रहा है।
उत्तर : यह कार्य है, क्योंकि रेल इंजन जिस दिशा में बल लगाकर ट्रेन को खिंच रहा है विस्थापन भी उसी दिशा में हो रहा है | यहाँ इंजन घर्षण बल के विरुद्ध कार्य कर रहा है |
(vi) अनाज के दाने सूर्य की धुप में सुख रहे हैं।
उत्तर : दानें सुखाने के दौरान न कोई बल लग रहा है और नहीं कोई विस्थापन हो रहा है | अत: इसमें कोई कार्य नहीं हुआ |
(vii) एक पाल-नाव पवन ऊर्जा के कारण गतिशील है।
उत्तर : पवन के द्वारा कार्य हुआ है, क्योंकि पवन ऊर्जा के कारण पाल-नाव बल की दिशा में गति करता है |
Q2. एक पिंड को धरती से किसी कोण पर फेंका जाता है। यह एक वक्र पथ पर चलता है और वापस धरती पर आ गिरता है। पिंड के पथ के प्रारंभिक तथा अंतिम बिंदु एक ही क्षैतिज रेखा पर स्थित हैं। पिंड पर गुरुत्व बल द्वारा कितना कार्य किया गया?
उत्तर : गुरुत्व बल द्वारा किया गया कार्य W = mgh
माना वस्तु का द्रव्यमान = m
g = 9.8 ms-2 और उर्ध्वाधर विस्थापन h = 0 m
(चूँकि जिस स्थिति से वस्तु उठी थी उसी स्थिति पर रुकी है, आरंभिक बिंदु और अंतिम बिंदु के बीच क्षैतिज रेखा है |)
अत: गुरुत्व द्वारा किया गया
कार्य = mgh
= m × 9.8 × 0
= 0 J
Q3. एक बैटरी बल्ब जलाती है। इस प्रक्रम में होने वाले ऊर्जा परिवर्तनों का वर्णन
कीजिए।
उत्तर : एक बैटरी बल्ब जलाती है तो रासायनिक ऊर्जा का विद्युत ऊर्जा में परिवर्तन होता है | आगे यह विद्युत ऊर्जा प्रकाश उर्जा में और उष्मीय ऊर्जा में रूपांतरित होता है |
रासायनिक ऊर्जा ⇒ विद्युत ऊर्जा ⇒ प्रकाश उर्जा ⇒ उष्मीय ऊर्जा
Q4. 20 kg द्रव्यमान पर लगने वाला कोई बल इसके वेग को 5 m s-1 से 2 m s-1 में परिवर्तित कर देता है। बल द्वारा किए गए कार्य का परिकलन कीजिए।
उत्तर :
वस्तु का द्रव्यमान m = 20 kg
आरंभिक वेग u = 5 ms-1
अंतिम वेग v = 2 ms-1
बल द्वारा किया गया कार्य W = गतिज ऊर्जा में परिवर्तन
= ½ mv2 - ½ mu2
= ½ m(v2 - u2)
= ½ × 20 (22 - 52)
= 10 (4 - 25)
= 10 (- 21)
= - 210 J
ऋणात्मक (-) चिन्ह बतलाता है कि बल गति के विपरीत दिशा में लग रहा है | अर्थात विराम की ओर जा रही है |
Q5. 10 kg द्रव्यमान का एक पिंड मेज पर A बिंदु पर रखा है। इसे B बिंदु तक लाया जाता है। यदि A तथा B को मिलाने वाली रेखा क्षैतिज है तो पिंड पर गुरुत्व बल द्वारा किया गया कार्य कितना होगा? अपने उत्तर की व्याख्या कीजिए।
उत्तर : वस्तु का द्रव्यमान m = 10 kg
माना वस्तु का क्षैतिज विस्थापन = AB m
और उर्ध्वाधर विस्थापन = 0 m
गुरुत्व बल g = 10 ms-2
चूँकि गुरुत्व बल लंबवत कार्य करता है और वस्तु का विस्थापन क्षैतिज हुआ है, उर्ध्वाधर विस्थापन 0 m है |
गुरुत्व के विरुद्ध किया गया कार्य W = mgh
= 10 × 10 × 0
= 0 J
अत: कार्य शून्य होगा |
Q6. मुक्त रूप से गिरते एक पिंड की स्थितिज ऊर्जा लगातार कम होती जाती है। क्या यह ऊर्जा संरक्षण नियम का उल्लंघन करती है। कारण बताइए।
उत्तर : नहीं, यह ऊर्जा संरक्षण के नियम का उल्लंघन नहीं करती है | स्थितिज ऊर्जा लगातार कम होती जाती है, परन्तु यह कम हुई स्थितिज उर्जा, गतिज ऊर्जा के रूप में वस्तु में संचित होती जाती है, जब स्थितिज ऊर्जा बिलकुल शून्य हो जाता है तब वस्तु की गतिज ऊर्जा आरंभिक स्थितिज ऊर्जा के बराबर हो जाता है | इस प्रकार ऊर्जा संरक्षण का उल्लंघन नहीं करती है |
Q7. जब आप साइकिल चलाते हैं तो कौन-कौन से ऊर्जा रूपांतरण होते हैं?
Q8. जब आप अपनी सारी शक्ति लगा कर एक बड़ी चट्टान धकेलना चाहते हैं और इसे हिलाने में असफल हो जाते हैं तो क्या इस अवस्था में ऊर्जा का स्थानांतरण होता है? आपके द्वारा व्यय की गई ऊर्जा कहाँ चली जाती है?
Q9. किसी घर में एक महीने में ऊर्जा की 250 ‘यूनिटें’ व्यय हुईं। यह ऊर्जा जूल
में कितनी होगी?
उत्तर : 250 यूनिट = 250 किलो वाट
1 किलो वाट = 3600000 J = 3.6 × 106
अत: 250 किलो वाट = 250 × 3.6 × 106
= 900.0 × 106
= 9.0 × 108 J
Q10. 40 kg द्रव्यमान का एक पिंड धरती से 5 m की ऊँचाई तक उठाया जाता है। इसकी स्थितिज ऊर्जा कितनी है? यदि पिंड को मुक्त रूप से गिरने दिया जाए तो जब पिंड ठीक आधे रास्ते पर है उस समय इसकी गतिज ऊर्जा का परिकलन कीजिए।
(g = 10 ms–2)
उत्तर : पिंड का द्रव्यमान (m) = 40 kg
ऊँचाई (h) = 5 m
गुरुत्वीय त्वरण (g) = 10 ms-2
पिंड की स्थितिज ऊर्जा Ep = mgh
= 40 × 10 × 5
= 2000 J (जूल)
आधे रास्ते की दुरी = 2.5 m
2as = v2 - u2
2 × 10 × 2.5 = v2 - 02
50 = v2
अत: v2 = 50
2.5 m की दुरी पर पिंड का गतिज ऊर्जा = ½ mv2
= ½ × 40 × 50
= 20 × 50
= 1000 J (जूल)
अत: आधे दुरी पर पिंड की गतिज ऊर्जा 1000 J (जूल) है |
Q11. पृथ्वी के चारों ओर घूमते हुए किसी उपग्रह पर गुरुत्व बल द्वारा कितना कार्य
किया जाएगा? अपने उत्तर को तर्कसंगत बनाइए।
उत्तर :
पृथ्वी द्वारा लगाया गया गुरुत्व बल = F
उपग्रह द्वारा तय दुरी = s m
चूँकि किसी वृतीय कक्ष प्रत्येक बिंदु पर उपग्रह पर लगा गुरुत्व बल लंबवत लगता है क्योंकि उपग्रह उस बिंदु को स्पर्श करती है और स्पर्श रेखा की तरह आगे बढ़ जाती है | इसप्रकार बल सदिश और विस्थापन सदिश के बीच लंबवत बल लगता है अत: कार्य शून्य होगा |
गणितीय गणना :
cos θ = 90०
अत: W = F.s. cos θ
= F.s. cos 90०
= F . s . 0
= 0
अत: किया गया कार्य शून्य है |
Q12. क्या किसी पिंड पर लगने वाले किसी भी बल की अनुपस्थिति में, इसका विस्थापन हो सकता है? सोचिए। इस प्रश्न के बारे में अपने मित्रों तथा अध्यापकों से विचार-विमर्श कीजिए।
उत्तर : यदि कोई पिंड पहले से ही गतिमान है तो बल की अनुपस्थिति में यह उसी वेग से सरल रेखा में गतिमान रहेगा अर्थात इस स्थिति में बल की अनुपस्थिति में भी विस्थापन संभव है | और यदि इसके विपरीत पिंड पहले से विरामावस्था में है तो बल की अनुपस्थिति में वह विराम में ही बना रहेगा | अत: विस्थापन असंभव होगा |
Q13. कोई मनुष्य भूसे के एक गठ्ठर को अपने सिर पर 30 मिनट तक रखे रहता
है और थक जाता है। क्या उसने कुछ कार्य किया या नहीं? अपने उत्तर को तर्कसंगत बनाइए।
उत्तर : इस स्थिति में कार्य नहीं माना जाएगा, क्योंकि भूसे के भार के बराबर बल तो लग रहा है परन्तु उसके अनुदिश वस्तु में विस्थापन नहीं हो रहा है अर्थात विस्थापन शून्य है इसलिए कार्य भी शून्य होगा |
Q14. एक विद्युत्-हीटर (ऊष्मक) की घोषित शक्ति 1500 W है। 10 घंटे में यह कितनी ऊर्जा उपयोग करेगा?
उत्तर : शक्ति (P) = 1500 W
= 1500/1000 kW
= 1.5 kW
समय (t) = 10 घंटा
अत: उपयोग की गई ऊर्जा (W) = P.t
= 1.5 × 10
= 15 kWh
Q15. जब हम किसी सरल लोलक के गोलक को एक ओर ले जाकर छोड़ते हैं तो यह दोलन करने लगता है। इसमें होने वाले ऊर्जा परिवर्तनों की चर्चा करते हुए ऊर्जा संरक्षण के नियम को स्पष्ट कीजिए। गोलक कुछ समय पश्चात् विराम अवस्था में क्यों आ जाता है? अंततः इसकी ऊर्जा का क्या होता है? क्या यह ऊर्जा संरक्षण नियम का उल्लंघन है?
Q16. m द्रव्यमान का एक पिंड एक नियत वेग v से गतिशील है। पिंड पर कितना कार्य करना चाहिए कि यह विराम अवस्था में आ जाए?
Q17. 1500 kg द्रव्यमान की कार को जो 60 km/h के वेग से चल रही है, रोकने के लिए किए गए कार्य का परिकलन कीजिए।
Q18. निम्न में से प्रत्येक स्थिति में m द्रव्यमान के एक पिंड पर एक बल F लग रहा
है। विस्थापन की दिशा पश्चिम से पूर्व की ओर है जो एक लंबे तीर से प्रदर्शित की गई है। चित्रों को ध्यानपूर्वक देखिए और बताइए कि किया गया कार्य ऋणात्मक है, धनात्मक है या शून्य है।
Q19. सोनी कहती है कि किसी वस्तु पर त्वरण शून्य हो सकता है चाहे उस पर कई
बल कार्य कर रहे हों। क्या आप उससे सहमत हैं? बताइए क्यों?
Q20. चार युक्तियाँ, जिनमें प्रत्येक की शक्ति 500 W है 10 घंटे तक उपयोग में लाई
जाती हैं। इनकेरा व्यय की गई ऊर्जा kW h में परिकलित कीजिए।
Q21. मुक्त रूप से गिरता एक पिंड अंततः धरती तक पहुँचने पर रूक जाता है। इसकी गतिज ऊर्जा का क्या होता है?
अतिरिक्त प्रश्नोत्तर 1
अतिरिक्त प्रश्नोत्तर-1
प्रश्न1: किए गए कार्य की गणना के लिए सूत्र लिखिए| कार्य का S.I मात्रक क्या हैं |
उत्तर: सूत्र:- W = F.S
मात्रक : जूल (J)
प्रश्न2: वाट शक्ति को परिभाषित कीजिए|
उत्तर: किसी अभिकर्ता की शक्ति 1 वाट होगी जो 1S में 1J कार्य करता हैं|
प्रश्न3: पिण्ड ऊर्ध्वाधर रूप में ऊपर की और फेका गया| इसके वेग में ह्रास होती हैं| गतिज ऊर्जा में परिवर्तन लिखिए जब उसका वेग शून्य हो जाता हैं|
उत्तर: गतिज ऊर्जा शून्य हों जाति हैं|
प्रश्न4: एक मुक्त रूप से गिरती हुई वस्तु अंततः भूमि पर पहुच के रूक जाती हैं| भूमि पर पहुचने पर इसकी गतिज ऊर्जा क्या होगी?
उत्तर: वस्तु की गतिज ऊर्जा, स्थितिज ऊर्जा (mgh)के बराबर होगी|
प्रश्न5: शुष्क सेल में ऊर्जा के रूपांतरण का वर्णन कीजिए|
उत्तर: रासायनिक ऊर्जा का विद्युत ऊर्जा में रूपांतरण|
प्रश्न6: सूर्य के चारो ओर गतिमान होने में पृथ्वी द्वारा किये गए कार्य का मान क्या होता हैं|
उत्तर: शून्य|
प्रश्न7: एक बैटरी बल्ब जलातीं हैं| इस प्रक्रम में होने वाले ऊर्जा रूपांतरण को समझाइए|
उत्तर: इस प्रक्रम में बैटरी की रासायनिक ऊर्जा ऊष्मीय और प्रकाश ऊर्जा में रूपान्तरित करती हैं|
प्रश्न8: जब आप साइकिल चलते हैं तो कौन-सी ऊर्जा रूपांतरित होती हैं|
उत्तर: शरीर की पेशीय ऊर्जा यांत्रिक ऊर्जा में रूपांतरित हो जाती हैं|
प्रश्न9: यदि पृथ्वी की सतह से ऊँचाई दुगनी कर दी जाए तो उसकी स्थितिज ऊर्जा कितनी हो जाएगी ?
उत्तर: स्थितिज ऊर्जा दुगनी हो जाएगी|
प्रश्न10: किसी वस्तु को ऊपर से फेंका जाए, तो उच्चता बिन्दु पर किस प्रकार की ऊर्जा होगी|
उत्तर: केवल स्थितिज ऊर्जा होगी|
प्रश्न11: कार्य होने के दो आवश्यक दशाए लिखिए|
उत्तर: (i) वस्तु पर बल लगना चाहिए|
(ii) वस्तु विस्थापित होनी चाहिए|
प्रश्न12: एक जूल (J) कार्य को परिभाषित कीजिए|
उत्तर: एक न्यूटन बल लगाकर किसी वस्तु को एक मीटर स्थापित किया जाता हैं तो खा जाता हैं कि एक जूल (J) कार्य हुआ हैं|
प्रश्न13: यांत्रिक ऊर्जा को परिभाषित कीजिए|
उत्तर: किसी वस्तु की गतिज तथा स्थितिज ऊर्जाओ का योग उसकीं कुल यांत्रिक ऊर्जा कहलाती हैं|
प्रश्न14: ऊर्जा संरक्षण का नियम लिखिए|
उत्तर: ऊर्जा संरक्षण का नियम के अनुसार ऊर्जा का केवल एक रूप से दूसरे रूप में रूपांतरण हो सकता हैं| इसकी ना तो उत्पत्ति की जा सकती हैं और नहीं विनाश| रूपांतरण के पहले अथवा रूपांतरण के पश्चात कुल ऊर्जा सदैव अचर रहती हैं|
प्रश्न15: किसी वस्तु का संपादित कार्य किन कारको पर निर्भर करता हैं|
उत्तर: किसी वस्तु का संपादित कार्य निम्नलिखित कारको पर निर्भर करता हैं:-
(i) आरोपित बल का मान (f)|
(ii) वस्तु के विस्थापन की दूरी (s)|
अतिरिक्त प्रश्नोत्तर 2
अतिरिक्त प्रश्नोत्तर 2
प्रश्न1. रस्साकसी के खेल में एक टीम धीरे धीरे दूसरीं टीम से कमजोर पड़ रहीं हैं|कौन-सी टीम धनात्मक कार्य कर रहीं हैं और कौन-सी ऋणात्मक?
उत्तर: रस्साकसी के खेल में विजेता टीम द्वारा किया गया कार्य धनात्मक हैं क्योंकि उनके लिए बल और विस्थापन एक ही दिशा में है| पराजित टीम ऋणात्मक कार्य करती हैं क्योंकि उनकें लिए लगाया गया बल और विस्थापन परस्पर विपरीत दिशाओ में हैं|
प्रश्न2. कार्य की परिभाषा बताइए | इसका मात्रक क्या हैं?
उत्तर: जब किसी वस्तु पर कोई बल लगाकर उसकीं स्थिति में परिवर्तन किया जाता हैं तो कहाँ जाता हैं कि बल द्वारा उस वस्तु का कार्य किया गया हैं| अतः बल लगाकर किसी वस्तु को बल की दिशा में विस्थापित करने की क्रिया को कार्य कहते हैं|
कार्य का मात्रक S.I पद्धति में जूल हैं|
1 जूल = 1 न्यूटन * 1 मीटर = 1 न्यूटन मीटर
प्रश्न 3. एक व्यक्ति 15 kg के एक सूटकेस को उठाकर 2 मीटर ऊंची बस की छत पर रखते हैं | क्या वह कोई कार्य करता हैं ? यदि हाँ तो कितना और नहीं तो क्यों?
उत्तर: हाँ, व्यक्ति कार्य करता हैं क्योंकि वह बल ऊर्ध्वाधर स्थिति में आरोपित करता हैं और वस्तु (सूटकेस) में विस्थापन भी उसी दिशा में होता हैं|
यहाँ वस्तु का द्रव्यमान (m) = 15 kg
विस्थापन (S) = 2m
बल (F) = सूटकेस का भार
तब किया गया कार्य (w) = mgh
= 15 * 9.8 * 2 J
= 294 जूल
प्रश्न 4. एक मनुष्य की गतिज ऊर्जा 625 जूल हैं तथा उसका वेग 5 m/s हैं| मनुष्य का द्रव्यमान ज्ञात कीजिए |
उत्तर:
प्रश्न 5. एक पिंड पर बल लगाकर उसे विस्थापित किया जाता हैं, बताइए |
(a) पिंड द्उवारा किस दिशा में बल लगाने पर अधिकतम कार्य होगा|
(b) पिंड पर किस दिशा में बल लगाने पर कार्य शून्य होगा |
उत्तर : पिंड पर किये गये कार्य का सूत्र
प्रश्न 6. किसी वृतीय कक्षा में घुमते हुए इलेक्ट्रान को एक चक्कर लगाने में कितना कार्य करना पड़ता हैं|
उत्तर : वृतीय कक्षा में गति करते समय इलेक्ट्रान पर कार्य करने वाला नाभिक का आकर्षण बल गति की दिशा के लम्वत होता हैं|
प्रश्न 7. 1500 kg द्रव्यमान की एक कार को जो 60 km/h के वेग से चल रही हैं, रोकने के लिए किए गये कार्य का परिकलन करे |
उत्तर:
प्रश्न 8. एक इंजन की शक्ति 20 KW हैं| इसके द्वारा 100 kg के पिंड को 50m ऊँचाई तक उठाने में कितना समय लगेगा? (g = 10 m/s-2)
उत्तर:
प्रश्न 9. एक पंप 25 सेकंड में 100 kg जूल 10m की ऊँचाई तक उठाता हैं| पंप की शक्ति की गणना कीजिए|
उत्तर:
प्रश्न 10. किसी वस्तु द्वारा किए गये कार्य तथा किसी वस्तु पर किए गये कार्य का अंतर उदहारण देकर स्पष्ट कीजिए|
उत्तर: जब वस्तु का विस्थापन लगाए गये बाह्य बल की दिशा में होता हैं तो वस्तु पर कार्य किया जाता हैं| इसके विपरीत जब वस्तु का विस्थापन बल की विपरीत दिशा में होता हैं तो कार्य वस्तु द्वारा किया जाता हैं|
उदहारण : यदि किसी बर्तन में भरीं गैस को बल द्वारा दबाए तो कार्य गैस पर किया | इसके विपरीत यदि बर्तन की गैस फैलती हैं तो वह वायुमंडलीय दाब के विरुद्ध गैस द्वारा किया गया कार्य हैं|
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Science Chapter List
1. हमारे आस-पास के पदार्थ
2. क्या हमारे आस-पास के पदार्थ शुद्ध है
3. परमाणु एवं अणु
4. परमाणु की संरचना
5. जीवन की मौलिक इकाई
6. ऊत्तक
7. जीवों में विविधता
8. गति
9. बल और गति का नियम
10. गुरुत्वाकर्षण
11. कार्य और उर्जा
12. ध्वनि
13. हम बीमार क्यों होते है
14. प्राकृतिक संसाधन
15. खाद्ध्य संसाधनों में सुधार
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