10. गुरुत्वाकर्षण Science class 9 exercise अतिरिक्त प्रश्नोत्तर (Extra Questions and Answer) Long type answer
10. गुरुत्वाकर्षण Science class 9 exercise अतिरिक्त प्रश्नोत्तर (Extra Questions and Answer) Long type answer ncert book solution in hindi-medium
NCERT Books Subjects for class 9th Hindi Medium
अध्याय -समीक्षा
अध्याय-समीक्षा :
- दो कण एक दूसरे को बल लगाकर अपनी ओर आकिर्षित करतें हैं । इस प्रकार के बल को गुरूत्वाकर्षण बल कहते हैं ।
- पृथ्वी द्वारा लगाए गए बल को गुरूत्व बल कहते है ।
- गुरूत्वाकर्षण बल वस्तुओ के द्रव्यमानो के गुणनफल के अनुक्रमानुपाती होता है तथा उनकी बीच की दूरी के वर्ग का व्युत्क्रमानुपाती होता हैं । जिन दो वस्तुओ के बीच यह बल लगता हैं ।
- कोई पिंड गुरूत्व बल अपने केन्द्र से लगाती हैं ।
- जब कोई भी वस्तु पृथ्वी की तरफ गिरती हैं तो हम कहते हैं कि वस्तु मुक्त पतन में हैं ।
- मुक्त रूप से गिरते हुए पिण्ड के गुरूत्व बल के कारण उत्पन्न त्वरण को गुरूत्वीय त्वरण कहते हैं ।
- द्रव्यमान वस्तु मे उपस्थित कुल पदार्थ की मात्रा होती हैं । यह वस्तु के जड़त्व की माप होती है ।
- भार किसी वस्तु पर लगने वाला वह बल हैं, जिससे पृथ्वी किसी वस्तु को अपने केन्द्र की ओर खींचती हैं ।
- द्रव में रखी किसी वस्तु के ऊपर, ऊपर की ओर द्रव के बल लगाने की प्रवृत्ति को उत्पलावकता कहते हैं ।
- G समानुपातिक रूप से स्थिर रहता है और ब्रम्हाण्ड के सभी स्थानों पर इसका मान समान रहता है इसलिए इसे सार्वत्रिक गुरूत्व स्थिरांक कहते है। इसका मान 6.673 x 10-11 N m2 Kg-2 इसका S.I मात्रक N m2 Kg-2.
- गुरुत्वीय त्वरण का मान 9.8 ms-2 है |
- किसी वस्तु की सतह के लंबवत् लगने वाले बल को प्रणोद कहते है। इसका S.I मात्रक न्युटन N है।
- प्रति एकांक क्षेत्रफल पर लगने वाले प्रणोद को दाब कहते है। इसका S.I मात्रक न्युटन Nm-2 है। इसे पास्कल Pa भी कहते है।
- जब किसी वस्तु को किसी तरल में पूर्ण या आंशिक रूप से डुबोया जाता है तो वह उपर की दिशा में एक बल का अनुभव करती है जो वस्तु द्वारा हटाये गए तरल के भार के बराबर होता है।
- कागज की गेंद की अपेक्षा कागज पर वायु लगाया गया प्रतिरोध अधिक होता है । वायु भी कागज को इधर उधर हटा सकती हैं । अंत: कागज की शीट भी उसी के परिवर्तित रूप से गेंद से मन्द गिरेगी ।
- गुरूत्वीय त्वरण का मान पृथ्वी की अन्य जगहो की अपेक्षा ध्रुवों पर अधिक है क्योकि पृथ्वी का धु्रव अन्य जगहों की अपेक्षा चपटा है जिससे पृथ्वी के केन्द्र से कम हो जाता है जिससे त्वरण का मान बढ़ जाता हैं ।
पाठगत प्रश्न (Textual Questions Answer)
पाठगत प्रश्नोत्तर :
पेज संख्या : 149
Q1. गुरुत्वाकर्षण का सार्वत्रिक नियम बताइए |
उत्तर : गुरुत्वाकर्षण के सार्वत्रिक नियम के अनुसार :
गुरूत्वाकर्षण बल वस्तुओ के द्रव्यमानों के गुणनफल के अनुक्रमानुपाती होता है तथा उनकी बीच की दूरी के वर्ग का व्युत्क्रमानुपाती होता हैं । जिन दो वस्तुओ के बीच यह बल लगता हैं । इसे ही गुरुत्वाकर्षण का सार्वत्रिक नियम कहते है |
Q2. पृथ्वी तथा उसकी सतह पर रखी किसी वस्तु के बीच लगने वाले गुरुत्वाकर्षण बल का परिणाम ज्ञात करने का सूत्र लिखिए |
उत्तर : यदि पृथ्वी का द्रव्यमान = m1
और वस्तु का द्रव्यमान = m2
उनकी बीच की दुरी = r
और उनके बीच लगने वाला बल = F
तो गुरुत्वाकर्षण के सार्वत्रिक नियम से -
यहाँ G सार्वत्रिक गुरुत्वीय स्थिरांक है जिसका मान 6.67 × 10-11 Nm2kg-2 है |
पेज संख्या : 152
Q1. मुक्त पतन से आप क्या समझते है ?
उत्तर : पृथ्वी वस्तुओं को अपनी ओर आकर्षित करती है। पृथ्वी के इस आकर्षण बल को गुरुत्वीय बल कहते हैं। अतः जब वस्तुएँ पृथ्वी की ओर केवल इसी गुरुत्वीय बल के कारण गिरती हैं, हम कहते हैं कि वस्तुएँ मुक्त पतन में हैं।
Q2. गुरुत्वीय त्वरण से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर : पृथ्वी के गुरुत्वीय बल के कारण उत्पन्न त्वरण को गुरुत्वीय त्वरण कहते है | जब कोई वस्तु पृथ्वी के आकर्षण बल के कारण गिरती है तो उसके वेग में परिवर्तन होता है | इस वेग में परिवर्तन से त्वरण उत्पन्न होता है | इसे ही गुरुत्वीय त्वरण कहते हैं |
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Q1. किसी वस्तु के द्रव्यमान तथा भार में क्या अंतर है ?
उत्तर : वस्तु के द्रव्यमान तथा भार में अंतर :
द्रव्यमान :
1. वस्तु मे उपस्थित कुल पदार्थ की मात्रा होती हैं । यह वस्तु के जड़त्व की माप होती है ।
2. यह प्रत्येक स्थान पर अचर होता है ।
3. इसका मात्रक किलोग्राम (kg) हैं ।
4. यह भौतिक तुला से मापा जाता हैं ।
5. यह एक अदिश राशि हैं ।
भार :
1. वह वस्तु बल हैं, जिससे पृथ्वी किसी वस्तु को अपने केन्द्र की ओर खींचती हैं ।
2. वस्तु का भार स्थान स्थान पर बदलता रहता हैं ।
3. इसका मात्रक न्यूटन (N) है ।
4. यह कमानीदार तुला से मापा जाता हैं ।
5. यह एक सदिश राशि हैं ।
Q2. किसी वस्तु का चन्द्रमा पर भार पृथ्वी पर इसके भार का 1/6 गुणा क्यों होता है ?
उत्तर: किसी वस्तु का चन्द्रमा पर भार पृथ्वी पर इसके भार का 1/6 गुणा होता है इसकी वजह यह है कि पृथ्वी का द्रव्यमान और आकार चन्द्रमा की तुलना में अधिक है जिससे पृथ्वी अपने केंद्र के चन्द्रमा की तुलना में अधिक गुरुत्वीय बल लगाता है जिससे उस वस्तु का भार पृथ्वी पर अधिक रहता है और चन्द्रमा पर 1/6 पृथ्वी के द्रव्यमान की तुलना में कम रहता है |
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Q1. एक पतली तथा मजबूत डोरी से बने पट्टे की सहायता से स्कूल बैग उठाना कठिन होता है, क्यों ?
उत्तर : किसी वस्तु पर लगने वाला प्रणोद का परिमाण (magnitude) उस सतह के क्षेत्रफल पर निर्भर करता है जिस सतह से वस्तु संपर्क में रहता है |
दाब = प्रणोद/क्षेत्रफल
पतली डोरी का क्षेत्रफल कम होता है जिससे प्रणोद का परिमाण बढ़ जाता है जिससे अधिक दाब लगता है यही कारण है स्कूल बैग उठाना कठिन होता है |
Q2. उत्प्लावकता से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर : पृथ्वी वस्तुओं को अपनी ओर आकर्षित करती है। पृथ्वी के इस आकर्षण बल को गुरुत्वीय बल कहते हैं। अतः जब वस्तुएँ पृथ्वी की ओर केवल इसी गुरुत्वीय बल के कारण गिरती हैं, हम कहते हैं कि वस्तुएँ मुक्त पतन में हैं।
Q3. पानी की सतह पर रखने पर कोई वस्तु क्यों तैरती या डूबती है ?
उत्तर: यदि किसी वस्तु का घनत्व किसी द्रव के घनत्व से अधिक है तो वह द्रव में डूब जाती है। दूसरी ओर, यदि किसी वस्तु का घनत्व किसी तरल के घनत्व से कम है, तो वह तरल की सतह पर तैरती है।
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Q1. एक तुला (Weighing machine) पर आप अपना द्रव्यमान 42 kg नोट करते हैं | क्या आपका द्रव्यमान 42 kg से अधिक है या कम ?
उत्तर :
Q2. आपके पास एक रुई का बोरा तथा एक लोहे की छड हैं | तुला पर मापने पर दोनों 100 kg द्रव्यमान दर्शाते हैं | वास्तविकता में एक-दुसरे से भारी है | क्या आप बता सकते हैं कि कौन-सा भारी है और क्यों ?
अभ्यास प्रश्न (NCERT Book)
अभ्यास प्रश्न (NCERT Book Solutions) chap 10. गुरुत्वाकर्षण
Q1.यदि दो वस्तुओं के बीच की दूरी को आधा कर दिया जाए तो उनके बीच गुरुत्वाकर्षण बल किस प्रकार बदलेगा?
उत्तर: यदि दो वस्तुओं के बीच की दुरी को आधा कर दिया जाए तो उनके बीच का गुरुत्वाकर्षण बल चार गुणा बढ़ जायेगा |
गुरुत्वाकर्षण के सार्वत्रिक नियमानुसार दो वस्तुओं के बीच लगने वाला गुरुत्वाकर्षण बल उनके बीच की दुरी के वर्ग का व्युत्क्रमानुपाती होता है |
यदि दुरी को आधा कर दिया जाए तो r = r/2 हो जायेगा इस स्थिति में
गुरुत्वाकर्षण बल चार गुणा बढ़ जायेगा |
Q2. सभी वस्तुओं पर लगने वाला गुरुत्वीय बल उनके द्रव्यमान के समानुपाती होता है। फिर एक भारी वस्तु हलकी वस्तु के मुकाबले तेजी से क्यों नहीं गिरती?
उत्तर: सभी वस्तुएँ चाहे वो हलकी हो या भारी वो धरती पर एक नियत त्वरण के साथ गिरती है जिसे गुरुत्वीय त्वरण कहते है (बिना वायु प्रतिरोध के) | यह स्थिर है और किसी वस्तु के द्रव्यमान पर निर्भर नहीं करता है। अतः भारी वस्तुएँ हल्की वस्तुओं की तुलना में तेजी से नहीं गिरती हैं। धरती की ओर गिरती सभी वस्तुएँ मुक्त पतन में रहती है |
Q3. पृथ्वी तथा उसकी सतह पर रखी किसी 1kg की वस्तु के बीच गुरुत्वीय बल का परिमाण क्या होगा? (पृथ्वी का द्रव्यमान 6 × 1024 kg है तथा पृथ्वी की त्रिज्या 6.4 × 106 m हैं ।)
उत्तर: गुरुत्वाकर्षण के सार्वत्रिक नियम के अनुसार m द्रव्यमान की वस्तु पर लगने वाला गुरुत्वाकर्षण बल मापा जाता है-
पृथ्वी का द्रव्यमान, M = 6 × 1024 kg
वस्तु का द्रव्यमान, m = 1 kg
सार्वभौमिक गुरुत्वीय स्थिरांक, G = 6.7 × 10−11 Nm2 kg−2
चूंकि वस्तु पृथ्वी की सतह पर है अत: पृथ्वी और वस्तु की बीच की दुरी r,
r = पृथ्वी की त्रिज्या (R)
r = R= 6.4 × 106 मीटर
इसलिए, गुरुत्वाकर्षण बल =
Q4.पृथ्वी तथा चंद्रमा एक-दूसरे को गुरुत्वीय बल से आकर्षित करते हैं। क्या पृथ्वी जिस बल से चंद्रमा को आकर्कषित करती है वह बल, उस बल से जिससे चन्द्रमा पृथ्वी को आकर्षित करता है बड़ा है या छोटा है या बराबर है? बताइए क्यों?
उत्तर: गुरुत्वाकर्षण के सार्वत्रिक नियम के अनुसार, दो वस्तुएँ समान बल से एक दूसरे को आकर्षित करती हैं, लेकिन विपरीत दिशाओं में। पृथ्वी चंद्रमा को उसी बल से आकर्षित करती है, जिससे चंद्रमा पृथ्वी को आकर्षित करता है। पृथ्वी चन्द्रमा की तुलना में अधिक बल लगाता है क्योंकि पृथ्वी का आकार और द्रव्यमान चन्द्रमा की तुलना में अधिक है इसलिए इसका गुरुत्वीय बल भी बढ़ जाता है |
Q5.यदि चंद्रमा पृथ्वी को आकर्षित करता है, तो पृथ्वी चंद्रमा की ओर गति क्यों नहीं करती?
उत्तर: पृथ्वी और चंद्रमा एक दूसरे से समान गुरुत्वाकर्षण बल का अनुभव करते हैं। हालाँकि, पृथ्वी का द्रव्यमान चंद्रमा के द्रव्यमान से बहुत अधिक है। इसलिए, यह पृथ्वी की ओर चंद्रमा की त्वरण दर से कम दर से गति करता है। इसी वजह से पृथ्वी चांद की तरफ नहीं बढ़ती।
Q6. दो वस्तुओं के बीच लगने वाले गुरुत्वाकर्षण बल का क्या होगा, यदि
(i) एक वस्तु का द्रव्यमान दोगुना कर दिया जाए?
(ii) वस्तुओं के बीच की दूरी दोगुनी अथवा तीन गुनी कर दी जाए?
(iii) दोनों वस्तुओं के द्रव्यमान दोगुने कर दिए जाएँ?
उत्तर: (i) यदि एक वस्तु का द्रव्यमान दुगुना कर दिया जाए तो गुरुत्वाकर्षण बल भी दुगुना हो जाता है |
(ii) F, वस्तुओं के बीच की दूरियों के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है। यदि दूरी दोगुनी कर दी जाए तो गुरुत्वाकर्षण बल अपने मूल मान का एक चौथाई हो जाता है।
इसी तरह, यदि दूरी को तीन गुना कर दिया जाए, तो गुरुत्वाकर्षण बल अपने मूल मान का एक-नौवां हिस्सा हो जाता है।
(iii) F वस्तुओं के द्रव्यमान के गुणनफल के समानुपाती होता है। यदि दोनों वस्तुओं की द्रव्यमान संख्या दोगुनी कर दी जाए तो गुरुत्वाकर्षण बल मूल बल का चार गुना हो जाता है|
Q7.गुरुत्वाकर्षण के सार्वत्रिक नियम के क्या महत्व हैं?
उत्तर:
गुरुत्वाकर्षण के सार्वत्रिक नियम का महत्व :
(i) इसके कारण हम पृथ्वी से बंधे रहते है |
(ii) पृथ्वी के चारों ओर चन्द्रमा की गति |
(iii) सूर्य के चारों ओर ग्रहों की गति |
(iv) चन्द्रमा तथा सूर्य के कारण ज्वार-भाटा |
Q8. मुक्त पतन का त्वरण क्या है?
उत्तर: जब कोई वस्तु पृथ्वी के आकर्षण बल के कारण पृथ्वी कि ओर मुक्गित रूप से गिरती है तो इसे मुक्त पतन कहते हैं | मुक्त पतन का त्वरण 9.8 ms−2 है, जो सभी वस्तुओं के लिए स्थिर है |
Q9.पृथ्वी तथा किसी वस्तु के बीच गुरुत्वीय बल को हम क्या कहेंगे?
उत्तर: पृथ्वी और किसी वस्तु के बीच लगने वाले गुरुत्वाकर्षण बल को वस्तु का भार कहते हैं।
Q10. एक व्यक्ति A अपने एक मित्र के निर्देश ध्रुर्वो पर कुछ ग्राम सोना खरीदता है। वह इस सोने को विषुवत वृत्त पर अपने मित्र को देता है। क्या उसका मित्र खरीदे हुए सोने के भार से संतुष्ट होगा? यदि नहीं, तो क्यों? ( संकेतः ध्रुवों पर g का मान विषुवत वृत्त की अपेक्षा अधिक है।)
उत्तर: पृथ्वी पर किसी पिंड का भार W = mg द्वारा दिया जाता है
जहाँ,
m = वस्तु का द्रव्यमान
g = गुरुत्वाकर्षण के कारण त्वरण
जहाँ g का मान अधिक होने पर किसी वस्तु का भार भी गुरुत्व बल के कारण बढ़ जाता है। जबकि भूमध्य रेखा की तरह अधिक त्रिज्या है, एक वस्तु का वजन भी कम हो जाता है। भूमध्य रेखा की अपेक्षा ध्रुवों पर g का मान अधिक होता है। इसलिए भूमध्य रेखा पर सोने का वजन ध्रुवों की तुलना में कम होता है। अत: अमित का मित्र खरीदे गए सोने के वजन से सहमत नहीं होगा।
Q11. एक कागज की शीट, उसी प्रकार की शीट को मरोड़ कर बनाई गई गेंद से धीमी क्यों गिरती है?
उत्तर: जब कागज की एक शीट को मरोड़ कर एक गेंद बना दिया जाता है, तो इसका घनत्व बढ़ जाता है। इसलिए, हवा के माध्यम से इसकी गति का प्रतिरोध कम हो जाता है और यह कागज की शीट की तुलना में तेजी से गिरती है। जबकि कागज को हवा का प्रतिरोध झेलना पड़ता है |
Q12. चंद्रमा की सतह पर गुरुत्वीय बल, पृथ्वी की सतह पर गुरुत्वीय बल की अपेक्षा 1/6 गुणा है। एक 10g की वस्तु का चंद्रमा पर तथा पृथ्वी पर न्यूटन में भार क्या होगा?
उत्तर: किसी वस्तु का चंद्रमा पर भार =1/6× किसी वस्तु का पृथ्वी पर भार
साथ ही साथ
भार = द्रव्यमान × त्वरण
गुरुत्वीय त्वरण, g = 9.8 m/s2
अत: 10 किग्रा वस्तु का पृथ्वी पर भार = 10 × 9.8 = 98 N
तथा, उसी वस्तु का चन्द्रमा पर भार =1/6×98=16.3 N
Q13. एक गेंद ऊर्ध्वाधर दिशा में ऊपर की ओर 49 m/s के वेग से फेंकी जाती है। परिकलन कीजिए
(i) अधिकतम ऊँचाई जहाँ तक कि गेंद पहुँचती है।
(ii) पृथ्वी की सतह पर वापस लौटने में लिया गया कुल समय।
उत्तर:
(i) गुरुत्वाकर्षण के नियमानुसार गति के समीकरण के अनुसार v2 - u2 = 2gs
जहाँ,
u = गेंद का प्रारंभिक वेग
v = गेंद का अंतिम वेग
s = गेंद द्वारा हासिल की गई ऊँचाई
g = गुरुत्वीय त्वरण
अधिकतम ऊंचाई पर, गेंद का अंतिम वेग शून्य होता है, अर्थात, v = 0 m/s और u = 49 m/s
ऊपर की ओर गति के दौरान, g = − 9.8 ms−2
बता दें कि गेंद द्वारा प्राप्त की गई अधिकतम ऊंचाई h है।
इसलिए, 𝑣2−𝑢2=2𝑔𝑠 का उपयोग करने पर
02 - 492 = 2 x (-9.8)xh
= 122.5 m
(ii) मान लीजिए गेंद को 122.5 मीटर की ऊँचाई तक पहुँचने में लगा समय t है, तो गति के समीकरण के अनुसार 𝑣 = 𝑢 + 𝑔𝑡
हम पाते हैं, 0=49+(−9.8)𝑡 ⇒9.8𝑡=49 ⇒𝑡=49/9.8=5 s
परंतु,
चढ़ने का समय = उतरने का समय
अत: गेंद को लौटने में लगा कुल समय = 5 + 5 = 10 s
Q14. 19.6 m ऊँची एक मीनार की चोटी से एक पत्थर छोड़ा जाता है। पृथ्वी पर पहुँचने से पहले इसका अंतिम वेग ज्ञात कीजिए।
उत्तर: गुरुत्वाकर्षण के नियमानुसार गति के समीकरण के अनुसार v2 - u2 = 2gs
जहाँ,
u = पत्थर का प्रारंभिक वेग = 0 m/s
v = पत्थर का अंतिम वेग
s = पत्थर की ऊँचाई = 19.6 मीटर
g = गुरुत्वाकर्षण के कारण त्वरण = 9.8 ms−2
∴ v2 − 02 = 2 × 9.8 × 19.6
⇒ v2 = 2 × 9.8 × 19.6 = (19.6)2
⇒ v = 19.6 ms-1
इसलिए, जमीन को छूने से ठीक पहले पत्थर का वेग 19.6 ms-1 है।
Q15. कोई पत्थर ऊर्ध्वाधर दिशा में ऊपर की ओर 40 m/s के प्रारंभिक वेग से फेंका गया है। g= 10 m/s2 लेते हुए ग्राफ की सहायता से पत्थर द्वारा पहुँची अधिकतम ऊँचाई ज्ञात कीजिए। नेट विस्थापन तथा पत्थर द्वारा चली गई कुल दूरी कितनी होगी?
उत्तर:
गुरुत्वाकर्षण के नियमानुसार और गति के समीकरण के अनुसार v2 - u2 = 2gs
जहाँ,
u = पत्थर का प्रारंभिक वेग = 40 m/s
v = पत्थर का अंतिम वेग = 0 मी/से
s = पत्थर की ऊँचाई
g = गुरुत्वीय त्वरण = −10 ms−2
मान लीजिए कि पत्थर द्वारा प्राप्त की गई अधिकतम ऊँचाई h है।
इसलिए, 02−402=2(−10)ℎ⇒ℎ=40×4020=80 𝑚
इसलिए, ऊपर और नीचे की यात्रा के दौरान पत्थर द्वारा तय की गई कुल दूरी = 80 + 80 = 160 मीटर
इसके ऊपर और नीचे की यात्रा के दौरान शुद्ध विस्थापन = 80 + (−80) = 0
अत: विस्थापन 0 है |
Q16. पृथ्वी तथा सूर्य के बीच गुरुत्वाकर्षण बल का परिकलन कीजिए। दिया है, पृथ्वी का द्रव्यमान = 6 × 1024 kg तथा सूर्य का द्रव्यमान = 2 × 1030 kg दोनों के बीच औसत दूरी 1.5 × 1011m है।
उत्तर: गुरुत्वाकर्षण के सार्वत्रिक नियम के अनुसार, पृथ्वी और सूर्य के बीच आकर्षण बल मापा जाता है -
जहाँ,
Mसूर्य = सूर्य का द्रव्यमान = 2 × 1030 kg
Mपृथ्वी = पृथ्वी का द्रव्यमान = 6 × 1024 किग्रा
R = पृथ्वी और सूर्य के बीच की औसत दूरी = 1.5 × 1011 m
G = सार्वभौमिक गुरुत्वाकर्षण स्थिरांक = 6.7 × 10-11 Nm2 kg-2
= 3.57×1022 𝑁
अत: पृथ्वी और सूर्य के बीच गुरुत्वाकर्षण बल 3.57×1022 𝑁 है
Q17. कोई पत्थर 100 m ऊँची किसी मीनार की चोटी से गिराया गया और उसी समय कोई दूसरा पत्थर 25 m/s के वेग से ऊर्ध्वाधर दिशा में ऊपर की ओर फेंका गया। परिकलन कीजिए कि दोनों पत्थर कब और कहाँ मिलेंगे?
उत्तर:
मान लीजिए दोनों पत्थर समय t के बाद मिलते हैं।
जब मीनार से पत्थर गिरा
प्रारंभिक वेग, u = 0 मी/से
माना कि t समय में मीनार के शिखर से पत्थर का विस्थापन s है।
गुरुत्वीय त्वरण, g = 9.8 ms−2
गति के समीकरण से,
s = 4.9t2 ........................... (i)
जब पत्थर ऊपर की ओर फेंका जाता है
प्रारंभिक वेग, u = 25 ms-1
माना t समय में जमीन से पत्थर का विस्थापन 𝑠' है।
गुरुत्वीय त्वरण, g = −9.8 ms−2
गति का समीकरण से,
⇒𝑠′=25𝑡−4.9𝑡2 …………………….(ii)
मिलन बिंदु पर दोनों पत्थरों का संयुक्त विस्थापन 100 मीटर मीनार की ऊंचाई के बराबर है।
अत: 𝑠′+𝑠=100
⇒25𝑡−4.9𝑡2+4.9𝑡2=100
⇒𝑡=100/25𝑠=4𝑠
4 सेकेंड में,
गिरते हुए पत्थर ने (i) द्वारा दी गई दूरी को 𝑠=4.9×42=78.4 𝑚 के रूप में तय किया है इसलिए, पत्थर 4 s के बाद जमीन से ऊँचाई (100 – 78.4) = 20.6 मीटर पर मिलेंगे।
Q18. ऊर्ध्वाधर दिशा में ऊपर की ओर फेंकी गई एक गेंद 6s पश्चात् फेंकने वाले के पास लौट आती है। ज्ञात कीजिए
(a) यह किस वेग से ऊपर फेंकी गई
(b) गेंद द्वारा पहुँची गई अध्कितम ऊँचाई तथा
(c) 4s पश्चात् गेंद की स्थिति।
उत्तर:
(a) चढ़ाई का समय उतरने के समय के बराबर है। गेंद ऊपर और नीचे की यात्रा में कुल 6 s लेती है।
इसलिए, इसे अधिकतम ऊँचाई प्राप्त करने में 3 s का समय लगा है।
अधिकतम ऊँचाई पर गेंद का अंतिम वेग, v = 0 मी/से
गुरुत्व के कारण त्वरण, g = −9.8 ms−2
गति के समीकरण का उपयोग करने पर, v = u + at, हमारे पास है
0 = u + (−9.8 × 3)
⇒ u = 9.8 × 3 = 29.4 m/s
अत: गेंद को 29.4 m/s के वेग से ऊपर की ओर फेंका गया।
(b) माना कि गेंद द्वारा प्राप्त अधिकतम ऊँचाई h है।
ऊपर की ओर यात्रा के दौरान प्रारंभिक वेग, u = 29.4 m/s
अंतिम वेग, v = 0 m/s
गुरुत्वीय त्वरण, g = −9.8 ms−2
गति के सूत्र का उपयोग करने पर
इसलिए, अधिकतम ऊंचाई 44.1 m है।
(c) गेंद 3 सेकंड के बाद अधिकतम ऊंचाई प्राप्त करती है। इतनी ऊंचाई हासिल करने के बाद यह नीचे की ओर गिरने लगेगा।
अत: इस स्थिति में,
प्रारंभिक वेग, u = 0 m/s
फेंकने के 4 s के बाद गेंद की स्थिति उसके द्वारा 4 s - 3 s = 1 s में अपनी नीचे की यात्रा के दौरान तय की गई दूरी के द्वारा दी जाती है।
गति के समीकरण का उपयोग करके,
𝑠=𝑢𝑡+1/2𝑎𝑡2
𝑠=0×1+1/2×9.8×12
⇒𝑠=4.9 मीटर
अब, कुल ऊँचाई = 44.1 m
इसका मतलब है, गेंद 4 सेकंड के बाद जमीन से (44.1 मीटर - 4.9 मीटर) = 39.2 मीटर ऊपर है।
Q19. किसी द्रव में डुबोई गई वस्तु पर उत्प्लावन बल किस दिशा में कार्य करता है?
उत्तर: किसी द्रव में डुबोई गई वस्तु पर उत्प्लावन बल ऊपर की दिशा में कार्य करता है |
Q20. पानी के भीतर किसी प्लास्टिक के गुटके को छोड़ने पर यह पानी की सतह पर क्यों आ जाता है?
उत्तर: पानी में डूबी किसी वस्तु पर दो बल कार्य करते हैं। एक गुरुत्वाकर्षण बल है, जो वस्तु को नीचे की ओर खींचता है, और दूसरा उत्प्लावन बल है, जो वस्तु को ऊपर की ओर धकेलता है। यदि ऊपर की ओर उत्प्लावन बल नीचे की ओर गुरुत्वाकर्षण बल से अधिक है, तो वस्तु पानी के भीतर छोड़ते ही पानी की सतह पर आ जाती है अर्थात तैरने लगती है। इसी वजह से पानी के अंदर छोड़ा गया प्लास्टिक का एक ब्लॉक पानी की सतह पर आ जाता है।
Q21. 50 g के किसी पदार्थ का आयतन 20 cm3 है। यदि पानी का घनत्व 1 g cm-3 हो, तो पदार्थ तैरेगा या डूबेगा?
उत्तर: यदि किसी वस्तु का घनत्व किसी द्रव के घनत्व से अधिक है तो वह द्रव में डूब जाती है। दूसरी ओर, यदि किसी वस्तु का घनत्व किसी तरल के घनत्व से कम है, तो वह तरल की सतह पर तैरती है।
पदार्थ का घनत्व पानी के घनत्व (1 g cm−3) से अधिक है।
अत: पदार्थ जल में डूब जाएगा।
Q22. 500 g के एक मोहरबंद पैकेट का आयतन 350cm3 है। पैकेट 1g cm-3 घनत्व वाले पानी में तैरेगा या डूबेगा? इस पैकेट द्वारा विस्थापित पानी का द्रव्यमान कितना होगा?
उत्तर:
पदार्थ का घनत्व पानी के घनत्व (1 𝑔/𝑐𝑚3) से अधिक होता है। अत: यह पानी में डूब जाएगा। पैकेट द्वारा विस्थापित पानी का द्रव्यमान पैकेट के आयतन के बराबर है, यानी 350 ग्राम।
अतिरिक्त प्रश्नोत्तर (Extra Questions and Answer) short type answer
अतिरिक्त प्रश्नोत्तर :-
अतिरिक्त प्रश्नोत्तर (Extra Questions and Answer) Long type answer
अतिरिक्त प्रश्नोत्तर :-
प्रश्न - 1. दो वस्तुओ के बीच लगने वाले गुरूत्वाकर्षण बल का क्या होगा, यदि :-
2.एक वस्तु का द्रव्यमान दोगुनी कर दिया जाए ?
3.वस्तुओ के बीच की दूरी दुगुनी अथवा तीन गुणी कर दी जाए ?
4.दोनो वस्तुओ के द्रव्यमान दोगुने का दिये जाए?
उत्तर - 1. दो वस्तुओ के बीच लगने वाला गुरूत्वाकर्षण बल दोगुना हो जाएगा ।
2. वस्तुओ के बीच की दूरी दो गुणी करने पर गुरूत्वाकर्षण बल ऐ चौथाई हो जाएगा ।
3. वस्तुओ के बीच की दूरी तीन गुणी करने पर गुरूत्वाकर्षण बल 1/9 वाँ भाग हो जाएगा ।
4. दोनों वस्तुओ के द्रव्यमान दोगुने करने पर गुरूत्वाकर्षण बल पार गुणा हो जाएगा ।
प्रश्न 2 - एक कागज की शीट उसी प्रकार की शीट को मरोड़ कर बनाई गई गेंद से धीमी क्यों गिरती हैं ?
उत्तर - ऐसा इसलिए होता है क्योंकि गिराव वायु से होकर बहता है । वायु घर्षण के कारण गति के लिए प्रतिरोध उत्पन्न करती है । कागज की गेंद की अपेक्षा कागज पर वायु लगाया गया प्रतिरोध अधिक होता है । वायु भी कागज को इधर उधर हटा सकती हैं । अंत : कागज की शीट भी उसी के परिवर्तित रूप से गेंद से मन्द गिरेगी ।
प्रश्न 3 - गुरूत्वाकर्षण के सार्वत्रिक नियम का महत्व लिखो ।
उत्तर - गुरूत्वाकर्षण के सार्वत्रिक नियम का निम्नलिखित महत्व है :-
1. हम पृथ्वी से बँधे रहते हैं ।
2. गुरूत्वाकर्षण के कारण पृथ्वी के चारों ओर चंद्रमा गति करता है ।
3. गुरूत्वाकर्षण के कारण सूर्य के चारों ओर ग्रहो की गति करना ।
4. चंद्रमा और सूर्य के कारण ज्वार भाटा का आना ।
प्रश्न 4 - आर्किमिडीज के सिद्धांत के अनुप्रयोग से होने वाले कार्य लिखो ।
उत्तर - आर्किमिडीज के सिद्धांत के अनुप्रयोग से बहुत से कार्य होते हैं :-
1. यह जलयानो तथा पनडुब्बियो के डिजाइन बनाने में ।
2. दंग्धमापी, जो दूध के किसी नमूने की शुद्धता की जाँच करने के लिए ।
3. हाइड्रोमीटर जोद्रवो के घनत्व मापने के लिए प्रयुक्त होते हैं ।
प्रश्न 5 - द्रव्यमान और भार में अंतर स्पष्ट करो ।
उत्तर - द्रव्यमान और भार में अंतर
द्रव्यमान :-
1. वस्तु मे उपस्थित कुल पदार्थ की मात्रा होती हैं । यह वस्तु के जड़त्व की माप होती है ।
2. यह प्रत्येक सीन पर अचर होता है ।
3. इसका मात्रक किलोग्राम हैं ।
4. यह भौतिक तुला से मापा जाता हैं ।
5. यह एक अदिश राशि हैं ।
भार :-
1. वह वस्तु बल हैं , जिससे पृथ्वी किसी वस्तु को अपने केन्द्र की ओर खींचती हैं ।
2. वस्तु का भार स्थान स्थान पर बदलता रहता हैं ।
3. इसका मात्रक न्यूटन हैं ।
4. यह कमानीदार तुला से मापा जाता हैं ।
5. यह एक सदिश राशि हैं ।
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Science Chapter List
1. हमारे आस-पास के पदार्थ
2. क्या हमारे आस-पास के पदार्थ शुद्ध है
3. परमाणु एवं अणु
4. परमाणु की संरचना
5. जीवन की मौलिक इकाई
6. ऊत्तक
7. जीवों में विविधता
8. गति
9. बल और गति का नियम
10. गुरुत्वाकर्षण
11. कार्य और उर्जा
12. ध्वनि
13. हम बीमार क्यों होते है
14. प्राकृतिक संसाधन
15. खाद्ध्य संसाधनों में सुधार
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