18. वायु तथा जल का प्रदुषण Science class 8 exercise अतिरिक्त प्रश्नोत्तर
18. वायु तथा जल का प्रदुषण Science class 8 exercise अतिरिक्त प्रश्नोत्तर ncert book solution in hindi-medium
NCERT Books Subjects for class 8th Hindi Medium
अध्याय समीक्षा
अध्याय समीक्षा :
- वायु गैसों का मिश्रण है, जिसमें 78% नाइट्रोजन, लगभग 21% ऑक्सीजन, तथा शेष में कार्बन डाइऑक्साइड, ऑर्गन, मीथेन, तथा जलवाष्प अल्प मात्रा में उपस्थित हैं |
- वायु प्रदुषण से श्वसन संबंधी बीमारियाँ उत्पन्न होती हैं | जैसे- दमा, खाँसी, ब्रोंकाइटिस इत्यादि |
- वाहन अधिक मात्रा में कार्बन मोनोऑक्साइड, कार्बन डाइऑक्साइड, नाइट्रोजन ऑक्साइड तथा धुआँ उत्पन्न करते हैं |
- पेट्रोल तथा डीजल जैसे ईंधनों के अपूर्ण दहन से कार्बन मोनोऑक्साइड उत्पन्न होती है। यह एक विषैली गैस है। यह रुधिर में ऑक्सीजन- वाहक क्षमता को घटा देती है।
- वायु प्रदुषण का कारण : (i) फैक्ट्री से निकला धुआँ (ii) जीवाश्मी ईंधन जैसे डीजल, पेट्रोल एवं कोयला इत्यादि का दहन इत्यादि (iii) स्वचालित वाहनों से निकला धुआँ |
- सर्दियों में वायुमंडल में दिखने वाली कोहरे जैसी मोटी परत जो धुएँ तथा कोहरे से बनता है | धूम-कोहरा कहलाता है |
- कोहरा होता है जो धुएँ तथा कोहरे से बनता है। धुएँ में नाइट्रोजन के ऑक्साइड उपस्थित हो सकते हैं जो अन्य वायु प्रदूषकों तथा कोहरे के संयोग से धूम कोहरा बनाते हैं।
- पेट्रोलियम परिष्करणशालाएँ सल्फर डाइऑक्साइड तथा नाइट्रोजन डाइऑक्साइड जैसे गैसीय प्रदूषकों की प्रमुख स्रोत हैं। विद्युत संयंत्रों में कोयला जैसे ईंधन के दहन से सल्फर डाइऑक्साइड उत्पन्न होती है। यह फेफड़ों को स्थायी रूप से क्षतिग्रस्त करने के साथ-साथ श्वसन समस्याएँ भी उत्पन्न कर सकती है।
- अन्य प्रकार के प्रदूषक क्लोरोफ्रलोरो कार्बन (CFC) हैं जिनका उपयोग रेफ्रीजेरेटरों एयर कण्डीशनरों तथा ऐरोसॉल फुहारा में होता है।
- (CFC) के द्वारा वायुमंडल की ओजोन परत क्षतिग्रस्त हो जाती है।
- ओजोन परत सूर्य से आने वाली हानिकर पराबैंगनी किरणों से हमें बचाती है।
- डीजल तथा पेट्रोल के दहन से चलने वाले स्वचालित वाहनों द्वारा अत्यन्त छोटे कण भी उत्पन्न होते हैं जो अत्यधिक समय तक वायु में निलंबित रहते हैं तथा ये दृश्यता (visibility) को घटा देते हैं।
- वायु प्रदूषण द्वारा केवल सजीव ही प्रभावित नहीं होते किन्तु भवन, स्मारक तथा प्रतिमाएँ जैसी निर्जीव वस्तुएँ भी प्रभावित होती हैं। जैसे- आगरा का ताजमहल इसका उदाहरण है |
- सल्फर डाइऑक्साइड तथा नाइट्रोजन डाइऑक्साइड जैसे प्रदूषक गैसें वायुमंडल में
उपस्थित जलवाष्प से अभिक्रिया करके सल्फ्रयूरिक अम्ल तथा नाइट्रिक अम्ल बनाती हैं। ये वर्षा को अम्लीय बनाकर वर्षा के साथ पृथ्वी पर बरस जाते हैं। इसे अम्ल वर्षा कहते हैं। - अम्ल वर्षा के कारण स्मारक के संगमरमर का संक्षारण होता है। इस परिघटना को संगमरमर कैंसर भी कहते हैं।
- मथुरा तेल परिष्करणी से उत्सर्जित काजल कण जैसे निलंबित कणों का संगमरमर को पीला करने में योगदान है।
- CFC का पूरा नाम क्लोरोफ्लुरो कार्बन है |
- CNG का पूरा नाम कंप्रेस्ड नेचुरल गैस (संपीडित प्राकृतिक गैस ) है |
- LPG का पूरा नाम लिक्विड पेट्रोलियम गैस (द्रवित पेट्रोलियम गैस है |
- सूर्य की किरणें वायुमंडल से गुजरने के पश्चात् पृथ्वी की सतह को गरम करती हैं। पृथ्वी पर पड़ने वाले सूर्य के विकिरणों का कुछ भाग पृथ्वी अवशोषित कर लिया जाता है और कुछ भाग परावर्तित होकर वापस अंतरिक्ष में लौट जाता है परन्तु उसका कुछ भाग वायुमंडल में भीतर ही रुक जाता है | यही रुका हुआ विकिरण पृथ्वी को गरम करता रहता है |
- जब सूर्य की ऊष्मा पौध-घर में प्रवेश तो करती है तो ऊष्मा इससे बाहर नहीं निकल पाती। यही रुकी हुई ऊष्मा पौधा-घर को गरम करती है। पृथ्वी के वायुमंडल द्वारा रोके गए विकिरण यही कार्य करते हैं। यही कारण है कि उसे पौध-घर प्रभाव (Green House effect) कहते हैं।
- CO2, मीथेन और कार्बन मोनोऑक्साइड आदि को green हाउस गैस कहा जाता है | क्योंकि इन्ही गैसों के कारण विश्व उष्मन (ग्लोबल वार्मिंग) तेजी से बढ़ रहा है | इन गैसों का गुण है कि ये ऊष्मा को अवशोषित कर लेती हैं |
- वायुमंडल में CO2 की मात्रा तेजी से बढ़ रही है |
अभ्यास
अभ्यास - प्रश्न:
प्रश्न: किन विभिन्न विधियों द्वारा जल का संदूषण होता है?
उत्तर: निम्न विधियों के द्वारा जल प्रदूषण होता है:
(i) कूडा कर्कट, मल मूत्र और मृत जीव को नदी में प्रवाहित करने से।
(ii) फैक्ट्रियों से निकली विषैले रसायन, जैव अनिम्नकरणीय पदार्थ ।
(iii) घरेलु उपयोग से निकलने वाले तैलीय पदार्थो और डिटर्जेंट आदि के उपयोग से |
(iv) वाहित मल एवं कृषि में होने वाले रसायनों के उपयोग से |
प्रश्न: व्यक्तिगत स्तर पर आप वायु प्रदूषण को कम करने में कैसे सहायता कर सकते हैं?
उत्तर: व्यक्तिगत स्तर पर कोई भी व्यक्ति प्रदुषण को निम्नप्रकार से कम कर सकता है :
(i) व्यक्तिगत वाहनों के प्रयोग को कम करके और पब्लिक यातायात के साधनों का अधिक से अधिक प्रयोग करके |
(ii) कूड़ा-करकटों और कच्ची या सुखी पत्तियों को न जलाकर |
(iii) कम दूरियों के लिए वाहनों का उपयोग न करके |
(iv) कृषि से निकलने वाले अपशिष्टों को न जलाकर |
प्रश्न: स्वच्छ, पारदर्शी जल सदैव पीने योग्य होता है। टिप्पणी कीजिए।
उत्तर: स्वच्छ एवं पारदर्शी जल जरुरी नहीं है कि वह पीने योग्य हो | साफ पानी में भी रोग जनित सूक्ष्मजीव उपस्थित हो सकते हैं | यह भी हो सकता है कि इनमे लेड जैसे कई अशुद्धियाँ घुली हो सकती हैं | अत: इसलिए यह सलाह दी जाती है कि जल पीने से पहले इसे शुद्ध कर लेना चाहिए | जल शुद्धिकरण के लिए R.O सिस्टम अथवा उबाल कर पीना चाहिए |
प्रश्न: आप अपने शहर की नगरपालिका के सदस्य हैं। ऐसे उपायों की सूची बनाइए जिससे नगर के सभी निवासियों को स्वच्छ जल की आपूर्ति सुनिश्चित हो सके।
उत्तर: मैं यदि अपने शहर की नगरपालिका के सदस्य होता तो निम्न उपाय करता:
(i) सबसे पहले जलस्रोतों को प्रदुषण मुक्त करने के उपाय करता |
(ii) यह सुनिश्चित करता कि सबको पीने के लिए शुद्ध एवं साफ पानी मिले |
(iii) पाइपलाइन में हुए सभी लीकेज को मरम्मत करवाता |
(iv) शहर के लिए उपलब्ध जल स्रोतों में वाहित मल को मिलने से रोकने के उपाय करता |
प्रश्न: शुद्ध वायु तथा प्रदूषित वायु में अंतर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: शुद्ध हवा किसी भी प्रदूषक से मुक्त है, इसमें कोई गंध नहीं है, सुखदायक है, और आंखों को परेशान नहीं करती है। जबकि प्रदूषित हवा से गंदी गंध आती है और लोग सांस नहीं ले पाते हैं। यदि लोग ऐसी (अशुद्ध या प्रदूषित) हवा में सांस लेते हैं, तो उन्हें सांस लेने, हृदय और फेफड़ों की विभिन्न समस्याओं से पीड़ित हो सकता है। यहां तक कि कई बार प्रदूषित हवा में सांस लेने से लोगों की मौत भी हो जाती है।
प्रश्न: उन अवस्थाओं की व्याख्या कीजिए जिनसे अम्ल वर्षा होती है। अम्ल वर्षा हमें कैसे प्रभावित करती है?
उत्तर: सल्फर डाइऑक्साइड और नाइट्रोजन डाइऑक्साइड जैसे प्रदूषक वातावरण में मौजूद जलवाष्प के साथ सल्फ्यूरिक एसिड और नाइट्रिक एसिड बनाने के लिए प्रतिक्रिया करते हैं। ये वर्षा के साथ नीचे आते हैं, जिससे वर्षा अम्लीय हो जाती है। इसे अम्लीय वर्षा कहते हैं।
अम्लीय वर्षा हमें कई प्रकार से प्रभावित करती है, उदाहरण:
- अम्लीय वर्षा मिट्टी से कैल्शियम जैसे बुनियादी पोषक तत्वों को हटा देती है।
- अम्लीय वर्षा धातुओं के क्षरण को बढ़ाती है।
- अम्लीय वर्षा इमारतों और मूर्तिकला सामग्री को नुकसान पहुँचाती है।
- अतिरिक्त वर्षा जल का निम्न पीएच कुछ जीवों के चयापचय की दर को बदल देता है।
- अतिरिक्त बारिश से मीठे पानी के जीवन को नुकसान होता है, उदाहरण के लिए, झीलों की मछलियों की आबादी में कमी।
- धुंध डालने से पौधों की पत्तियों को सीधा नुकसान होता है।
प्रश्न: निम्नलिखित में से कौन सी पौध-घर गैस नहीं है?
(क) कार्बन डाइऑक्साइड
(ख) सल्फर डाइऑक्साइड
(ग) मेथैन
(घ) नाइट्रोजन
उत्तर: (घ) नाइट्रोजन|
प्रश्न: पौध-घर प्रभाव का अपने शब्दों में वर्णन कीजिए।
उत्तर: सूर्य की किरणें जब पृथ्वी की सतह पर पड़ती हैं तो उसे गर्म करती हैं। सूर्य की कुछ किरणें पृथ्वी की सतह द्वारा अवशोषित कर ली जाती हैं और बची हुई किरणें वापस अंतरिक्ष में परावर्तित हो जाती हैं। इनमें से कुछ किरणें वातावरण में C02, मीथेन आदि गैसों द्वारा फंस जाती हैं और इन्हें पृथ्वी के वायुमंडल से बाहर जाने की अनुमति नहीं होती है।
ये फंसी किरणें पृथ्वी की सतह को गर्म करने लगती हैं। इससे पृथ्वी का वायुमंडल गर्म हो जाता है। इस प्रभाव को ग्रीनहाउस प्रभाव का नाम दिया गया है क्योंकि यह बिल्कुल नर्सरी में ग्रीनहाउस प्रभाव की तरह है|
प्रश्न: आपके द्वारा कक्षा में विश्व ऊष्णन के बारे में दिया जाने वाला संक्षिप्त भाषण लिखिए।
उत्तर: आज ग्लोबल वार्मिंग मानव जाति के लिए सबसे गंभीर खतरों में से एक के रूप में सामने आया है। एक ओर जहां मानवीय गतिविधियों के कारण वातावरण में कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा बढ़ रही है, वहीं दूसरी ओर वन क्षेत्र भी घट रहे हैं।
प्रश्न: ताजमहल की सुन्दरता पर संकट का वर्णन कीजिए।
उत्तर: पिछले 2 दशकों में, भारत का सबसे प्रसिद्ध पर्यटक आकर्षण, आगरा में स्थित ताजमहल एक बड़ी चिंता का विषय बन गया है। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि वायु प्रदूषण से इसके सफेद संगमरमर का रंग फीका पड़ रहा है। तो यह न केवल जीवित जीव हैं जो प्रदूषित हवा से प्रभावित होते हैं बल्कि निर्जीव चीजें जैसे भवन, स्मारक और मूर्तियां भी प्रभावित होने वाली हैं।
आगरा और उसके आसपास स्थित उद्योग जैसे रबर प्रसंस्करण, ऑटोमोबाइल, रसायन और विशेष रूप से, मथुरा तेल रिफाइनरी सल्फर डाइऑक्साइड और नाइट्रोजन डाइऑक्साइड जैसे प्रदूषकों के उत्पादन के लिए जिम्मेदार हैं। ये गैसें वायुमण्डल में उपस्थित जलवाष्प से अभिक्रिया करके सल्फ्यूरिक अम्ल तथा नाइट्रिक अम्ल बनाती हैं। ये वर्षा के साथ नीचे आते हैं, जिससे वर्षा अम्लीय हो जाती है। इसे अम्लीय वर्षा कहते हैं। अम्ल वर्षा के कारण स्मारक के संगमरमर का क्षरण हुआ है। इस घटना को "मार्बल कैंसर" भी कहा जाता है। सस्पेंडेड पार्टिकुलेट मैटर, जैसे मथुरा तेल रिफाइनरी द्वारा उत्सर्जित कालिख कण, ने संगमरमर के पीलेपन में योगदान दिया है।
ताजमहल को बचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने कई कदम उठाए हैं. इसने उद्योगों को सीएनजी (संपीड़ित प्राकृतिक गैस) और एलपीजी (तरलीकृत पेट्रोलियम गैस) जैसे स्वच्छ ईंधन पर स्विच करने या दूर के स्थानों पर जाने के आदेश जारी किए हैं। इसके अलावा, ऑटोमोबाइल को ताजमहल ज़ोन में अनलेडेड पेट्रोल पर स्विच करना चाहिए।
प्रश्न: जल में पोषकों के स्तर में वृद्धि किस प्रकार जल जीवों की उत्तरजीविता को प्रभावित करती है?
उत्तर: कृषि में उर्वरकों के रूप में उपयोग किए जाने वाले रसायन पानी में घुल जाते हैं और खेत से जल निकायों में बह जाते हैं। उर्वरकों में मौजूद नाइट्रेट और फॉस्फेट जैसे रसायनों की अत्यधिक मात्रा शैवाल के पनपने के लिए पोषक तत्वों के रूप में कार्य करती है। एक बार जब ये शैवाल मर जाते हैं, तो वे बैक्टीरिया जैसे डीकंपोजर के लिए भोजन का काम करते हैं। वे बहुत अधिक ऑक्सीजन का उपयोग करते हैं। इसके परिणामस्वरूप ऑक्सीजन के स्तर में कमी आती है जो अन्य जीवों के अस्तित्व के लिए हानिकारक है।
पाठ-गत अध्याय
अभ्यास - प्रश्न:
प्रश्न: किन विभिन्न विधियों द्वारा जल का संदूषण होता है?
उत्तर: निम्न विधियों के द्वारा जल प्रदूषण होता है:
(i) कूडा कर्कट, मल मूत्र और मृत जीव को नदी में प्रवाहित करने से।
(ii) फैक्ट्रियों से निकली विषैले रसायन, जैव अनिम्नकरणीय पदार्थ ।
(iii) घरेलु उपयोग से निकलने वाले तैलीय पदार्थो और डिटर्जेंट आदि के उपयोग से |
(iv) वाहित मल एवं कृषि में होने वाले रसायनों के उपयोग से |
प्रश्न: व्यक्तिगत स्तर पर आप वायु प्रदूषण को कम करने में कैसे सहायता कर सकते हैं?
उत्तर: व्यक्तिगत स्तर पर कोई भी व्यक्ति प्रदुषण को निम्नप्रकार से कम कर सकता है :
(i) व्यक्तिगत वाहनों के प्रयोग को कम करके और पब्लिक यातायात के साधनों का अधिक से अधिक प्रयोग करके |
(ii) कूड़ा-करकटों और कच्ची या सुखी पत्तियों को न जलाकर |
(iii) कम दूरियों के लिए वाहनों का उपयोग न करके |
(iv) कृषि से निकलने वाले अपशिष्टों को न जलाकर |
प्रश्न: स्वच्छ, पारदर्शी जल सदैव पीने योग्य होता है। टिप्पणी कीजिए।
उत्तर: स्वच्छ एवं पारदर्शी जल जरुरी नहीं है कि वह पीने योग्य हो | साफ पानी में भी रोग जनित सूक्ष्मजीव उपस्थित हो सकते हैं | यह भी हो सकता है कि इनमे लेड जैसे कई अशुद्धियाँ घुली हो सकती हैं | अत: इसलिए यह सलाह दी जाती है कि जल पीने से पहले इसे शुद्ध कर लेना चाहिए | जल शुद्धिकरण के लिए R.O सिस्टम अथवा उबाल कर पीना चाहिए |
प्रश्न: आप अपने शहर की नगरपालिका के सदस्य हैं। ऐसे उपायों की सूची बनाइए जिससे नगर के सभी निवासियों को स्वच्छ जल की आपूर्ति सुनिश्चित हो सके।
उत्तर: मैं यदि अपने शहर की नगरपालिका के सदस्य होता तो निम्न उपाय करता:
(i) सबसे पहले जलस्रोतों को प्रदुषण मुक्त करने के उपाय करता |
(ii) यह सुनिश्चित करता कि सबको पीने के लिए शुद्ध एवं साफ पानी मिले |
(iii) पाइपलाइन में हुए सभी लीकेज को मरम्मत करवाता |
(iv) शहर के लिए उपलब्ध जल स्रोतों में वाहित मल को मिलने से रोकने के उपाय करता |
प्रश्न: शुद्ध वायु तथा प्रदूषित वायु में अंतर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: शुद्ध हवा किसी भी प्रदूषक से मुक्त है, इसमें कोई गंध नहीं है, सुखदायक है, और आंखों को परेशान नहीं करती है। जबकि प्रदूषित हवा से गंदी गंध आती है और लोग सांस नहीं ले पाते हैं। यदि लोग ऐसी (अशुद्ध या प्रदूषित) हवा में सांस लेते हैं, तो उन्हें सांस लेने, हृदय और फेफड़ों की विभिन्न समस्याओं से पीड़ित हो सकता है। यहां तक कि कई बार प्रदूषित हवा में सांस लेने से लोगों की मौत भी हो जाती है।
प्रश्न: उन अवस्थाओं की व्याख्या कीजिए जिनसे अम्ल वर्षा होती है। अम्ल वर्षा हमें कैसे प्रभावित करती है?
उत्तर: सल्फर डाइऑक्साइड और नाइट्रोजन डाइऑक्साइड जैसे प्रदूषक वातावरण में मौजूद जलवाष्प के साथ सल्फ्यूरिक एसिड और नाइट्रिक एसिड बनाने के लिए प्रतिक्रिया करते हैं। ये वर्षा के साथ नीचे आते हैं, जिससे वर्षा अम्लीय हो जाती है। इसे अम्लीय वर्षा कहते हैं।
अम्लीय वर्षा हमें कई प्रकार से प्रभावित करती है, उदाहरण:
- अम्लीय वर्षा मिट्टी से कैल्शियम जैसे बुनियादी पोषक तत्वों को हटा देती है।
- अम्लीय वर्षा धातुओं के क्षरण को बढ़ाती है।
- अम्लीय वर्षा इमारतों और मूर्तिकला सामग्री को नुकसान पहुँचाती है।
- अतिरिक्त वर्षा जल का निम्न पीएच कुछ जीवों के चयापचय की दर को बदल देता है।
- अतिरिक्त बारिश से मीठे पानी के जीवन को नुकसान होता है, उदाहरण के लिए, झीलों की मछलियों की आबादी में कमी।
- धुंध डालने से पौधों की पत्तियों को सीधा नुकसान होता है।
प्रश्न: निम्नलिखित में से कौन सी पौध-घर गैस नहीं है?
(क) कार्बन डाइऑक्साइड
(ख) सल्फर डाइऑक्साइड
(ग) मेथैन
(घ) नाइट्रोजन
उत्तर: (घ) नाइट्रोजन|
प्रश्न: पौध-घर प्रभाव का अपने शब्दों में वर्णन कीजिए।
उत्तर: सूर्य की किरणें जब पृथ्वी की सतह पर पड़ती हैं तो उसे गर्म करती हैं। सूर्य की कुछ किरणें पृथ्वी की सतह द्वारा अवशोषित कर ली जाती हैं और बची हुई किरणें वापस अंतरिक्ष में परावर्तित हो जाती हैं। इनमें से कुछ किरणें वातावरण में C02, मीथेन आदि गैसों द्वारा फंस जाती हैं और इन्हें पृथ्वी के वायुमंडल से बाहर जाने की अनुमति नहीं होती है।
ये फंसी किरणें पृथ्वी की सतह को गर्म करने लगती हैं। इससे पृथ्वी का वायुमंडल गर्म हो जाता है। इस प्रभाव को ग्रीनहाउस प्रभाव का नाम दिया गया है क्योंकि यह बिल्कुल नर्सरी में ग्रीनहाउस प्रभाव की तरह है|
प्रश्न: आपके द्वारा कक्षा में विश्व ऊष्णन के बारे में दिया जाने वाला संक्षिप्त भाषण लिखिए।
उत्तर: आज ग्लोबल वार्मिंग मानव जाति के लिए सबसे गंभीर खतरों में से एक के रूप में सामने आया है। एक ओर जहां मानवीय गतिविधियों के कारण वातावरण में कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा बढ़ रही है, वहीं दूसरी ओर वन क्षेत्र भी घट रहे हैं।
प्रश्न: ताजमहल की सुन्दरता पर संकट का वर्णन कीजिए।
उत्तर: पिछले 2 दशकों में, भारत का सबसे प्रसिद्ध पर्यटक आकर्षण, आगरा में स्थित ताजमहल एक बड़ी चिंता का विषय बन गया है। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि वायु प्रदूषण से इसके सफेद संगमरमर का रंग फीका पड़ रहा है। तो यह न केवल जीवित जीव हैं जो प्रदूषित हवा से प्रभावित होते हैं बल्कि निर्जीव चीजें जैसे भवन, स्मारक और मूर्तियां भी प्रभावित होने वाली हैं।
आगरा और उसके आसपास स्थित उद्योग जैसे रबर प्रसंस्करण, ऑटोमोबाइल, रसायन और विशेष रूप से, मथुरा तेल रिफाइनरी सल्फर डाइऑक्साइड और नाइट्रोजन डाइऑक्साइड जैसे प्रदूषकों के उत्पादन के लिए जिम्मेदार हैं। ये गैसें वायुमण्डल में उपस्थित जलवाष्प से अभिक्रिया करके सल्फ्यूरिक अम्ल तथा नाइट्रिक अम्ल बनाती हैं। ये वर्षा के साथ नीचे आते हैं, जिससे वर्षा अम्लीय हो जाती है। इसे अम्लीय वर्षा कहते हैं। अम्ल वर्षा के कारण स्मारक के संगमरमर का क्षरण हुआ है। इस घटना को "मार्बल कैंसर" भी कहा जाता है। सस्पेंडेड पार्टिकुलेट मैटर, जैसे मथुरा तेल रिफाइनरी द्वारा उत्सर्जित कालिख कण, ने संगमरमर के पीलेपन में योगदान दिया है।
ताजमहल को बचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने कई कदम उठाए हैं. इसने उद्योगों को सीएनजी (संपीड़ित प्राकृतिक गैस) और एलपीजी (तरलीकृत पेट्रोलियम गैस) जैसे स्वच्छ ईंधन पर स्विच करने या दूर के स्थानों पर जाने के आदेश जारी किए हैं। इसके अलावा, ऑटोमोबाइल को ताजमहल ज़ोन में अनलेडेड पेट्रोल पर स्विच करना चाहिए।
प्रश्न: जल में पोषकों के स्तर में वृद्धि किस प्रकार जल जीवों की उत्तरजीविता को प्रभावित करती है?
उत्तर: कृषि में उर्वरकों के रूप में उपयोग किए जाने वाले रसायन पानी में घुल जाते हैं और खेत से जल निकायों में बह जाते हैं। उर्वरकों में मौजूद नाइट्रेट और फॉस्फेट जैसे रसायनों की अत्यधिक मात्रा शैवाल के पनपने के लिए पोषक तत्वों के रूप में कार्य करती है। एक बार जब ये शैवाल मर जाते हैं, तो वे बैक्टीरिया जैसे डीकंपोजर के लिए भोजन का काम करते हैं। वे बहुत अधिक ऑक्सीजन का उपयोग करते हैं। इसके परिणामस्वरूप ऑक्सीजन के स्तर में कमी आती है जो अन्य जीवों के अस्तित्व के लिए हानिकारक है।
अतिरिक्त प्रश्नोत्तर
अतिरिक्त - प्रश्न:
प्रश्न - वायु के विभिन्न मिश्रणों के नाम लिखिए।
उत्तर - नाइट्रोजन 78% , ऑक्सीजन 21% , कार्बन डाइऑक्साइड, आर्गन, तथा मेथैन आदि ।
प्रश्न - वायु प्रदुषण किसे कहते है ?
उत्तर - जब वायु धुएँ एवं विषैले गैसो आदि अनचाहे पदार्थों के द्वारा संदूषित हो जाता है जो सजीव तथा निर्जीव दोनों के लिए हानिकारक है, तो इसे वायु प्रदुषण कहते है।
प्रश्न - वायु प्रदुषक किसे कहते है ? दो प्रदुषकों के नाम बताइए।
उत्तर - जो पदार्थ वायु को प्रदूषित करते हैं उन्हें वायु प्रदूषक कहते है ।
जैसे - कार्बन डाइऑक्साइड और कार्बनमोनोंऑक्साइड आदि।
प्रश्न - वायु प्रदूषकों के स्रोतों के नाम लिखिए।
उत्तर -
(i) फैक्टरी से निकला जहरीला धुआँ।
(ii) विद्युत संयंत्र,
(iii) स्वचालित वाहन निर्वातक,
(iv) जलावन की लकडी आदि।
प्रश्न - ओजोन को हानि पहुँचाने वाले तत्व का नाम बताइए।
उत्तर - क्लोरोफ्लोरो कार्बन (CFC) ।
प्रश्न - क्लोरोफ्लोरो कार्बन (CFC) का स्रोत क्या है ?
उत्तर - क्लोरोफ्लोरो कार्बन (CFC) का उपयोग रेिफ्रजरेटरों , एयर कंडिश्नर तथा ऐरोसोल फुहारों में होता है।
प्रश्न - ओजोन परत हमारे लिए क्यों उपयोगी है ?
उत्तर - ओजोन परत सूर्य से आने वाले पाराबैगनी जैसे खतरनाक किरणों से हमे बचाती है ।
प्रश्न - पाराबैगनी किरणें हमारे लिए क्यों हानिकारक है ?
उत्तर - पाराबैगनी किरणों में विकिरण होते है जो हमारे शरीर को नुक्सान पहुँचाती है और कैसर और चर्म रोग जैसी बिमारियाँ पैदा करती है।
प्रश्न - अम्लीय वर्षा किसे कहते है ?
उत्तर - सल्फर डाइऑक्साड और नाइट्रोजन डाइऑक्साड जैसे गैस वायुमंडल में उपस्थित जलवाष्प से अभिक्रिया कर सल्फ्युरिक अम्ल तथा नाइट्रिक अम्ल बनाते है । ये वर्षा के जल को अम्लीय बनाकर बरसते है । इसे अम्लीय वर्षा कहते है।
प्रश्न - कार्बन मोनोऑक्साइड का शरीर पर पडने वाला एक दूष्प्रभाव बताइए ।
उत्तर - यह रक्त में ऑक्सीजन वाहक क्षमता को घटा देता है।
प्रश्न - ग्लोबल वार्मिंग (विश्व उष्णन) किसे कहते है ?
उत्तर - वातावरण में लगातार CO2 की मात्रा बढ़ रहीं है। परिणामस्वरूप वायुमंडल के औसत तापमान में निरंतर वृद्धि हो रही है। इसे ग्लोबल वार्मिंग विश्व उष्णनद्ध कहते है।
प्रश्न - ग्रीन हाउस (पौध घर) गैसें कौन कौन सी हैं ?
उत्तर - CO2, मेथैन और नाइट्रस ऑक्साइड आदि ।
प्रश्न - पौध घर प्रभाव क्या है ?
उत्तर - पौधा घर में यदि सूर्य की उष्मा प्रवेश कर लेता है तो वापस नहीं निकल पाती है। यहीं रूकी हुई उष्मा पौधा घर को गरम करती रहती है। पृथ्वी का वायुमंडल भी पौधा घर के समान होता है , यह सूर्य से आए विकिरण को वापस निकलने नहीं देता है , इसप्रकार के प्रभाव को पौध घर प्रभाव कहते है।
प्रश्न - CFC का पूरा नाम क्या है ?
उत्तर - क्लोरोफ्लोरो कार्बन।
प्रश्न - WWF का पूरा नाम क्या है ?
उत्तर - विश्वव्यापी कोष ।
प्रश्न - जल प्रदूषण किसे कहते है ? किन किन विधियों के द्वारा जल प्रदूषण होता है ?
उत्तर - जब जल में अवांछित पदार्थ जैसे - मल मूत्र, विषैले रसायन, गाद आदि हानिकारक पदार्थ मिल जाते है तो जल प्रदूषित हो जाता है । इसे जल प्रदूषण कहते है ।
निम्न विधियों के द्वारा जल प्रदूषण होता है:
(i) कूडा कर्कट , मल मूत्र और मृत जीव को नदी में प्रवाहित करने से।
(ii) फैक्ट्रियों से निकली विषैले रसायन, जैव अनिम्नकरणीय पदार्थ ।
प्रश्न - जल में पोषकों वेफ स्तर में वृद्धि किस प्रकार जल जीवों की उत्तरजीविता को प्रभावित करती है?
उत्तर - जल में पोषकों जैसे उर्वरकों में उपस्थित नाइट्रेट एवं जैसे रसायन के स्तर में वृद्धि से शैवाल जल में बहुत वृद्धि पाते है और जब ये शैवाल मर जाते हैं तो जीवाणु जैसे घटकों के लिए भोजन का कार्य करते हैं। ये अत्यधिक ऑक्सीजन का उपयोग करते हैं। इससे जल में ऑक्सीजन के स्तर में कमी हो जाती है जिससे जलीय जीव मर जाते हैं।
प्रश्न - जल के संदुषण से उत्पन्न होने वाले बीमारियों के नाम लिखिए।
उत्तर - संदूषित जल में जीवाणु, वायरस, कवक तथा परजीवी हो सकते हैं जिनसे हैजा, मियादी बुखार तथा पीलिया जैसे रोग फैलते हैं।
प्रश्न - चार R से आप क्या समझते है ?
उत्तर - चार R से तात्पर्य है:
(i) कम उपयोग (Reduce),
(ii) पुनः उपयोग (Reuse),
(iii) पुनः चक्रण (Recycle)
(iv) पुनःपूर्ती Recover
प्रश्न - स्तनधरियों के मल में उपस्थित जीवाणु (कोलीपफोर्म) का जल में उपस्थिति क्या दर्शाता है ?
उत्तर - इस जीवाणु का जल में उपस्थिति जल के संदुषण को दर्शाता है।
अतिरिक्त प्रश्नोत्तर
अतिरिक्त - प्रश्न:
प्रश्न - वायु के विभिन्न मिश्रणों के नाम लिखिए।
उत्तर - नाइट्रोजन 78% , ऑक्सीजन 21% , कार्बन डाइऑक्साइड, आर्गन, तथा मेथैन आदि ।
प्रश्न - वायु प्रदुषण किसे कहते है ?
उत्तर - जब वायु धुएँ एवं विषैले गैसो आदि अनचाहे पदार्थों के द्वारा संदूषित हो जाता है जो सजीव तथा निर्जीव दोनों के लिए हानिकारक है, तो इसे वायु प्रदुषण कहते है।
प्रश्न - वायु प्रदुषक किसे कहते है ? दो प्रदुषकों के नाम बताइए।
उत्तर - जो पदार्थ वायु को प्रदूषित करते हैं उन्हें वायु प्रदूषक कहते है ।
जैसे - कार्बन डाइऑक्साइड और कार्बनमोनोंऑक्साइड आदि।
प्रश्न - वायु प्रदूषकों के स्रोतों के नाम लिखिए।
उत्तर -
(i) फैक्टरी से निकला जहरीला धुआँ।
(ii) विद्युत संयंत्र,
(iii) स्वचालित वाहन निर्वातक,
(iv) जलावन की लकडी आदि।
प्रश्न - ओजोन को हानि पहुँचाने वाले तत्व का नाम बताइए।
उत्तर - क्लोरोफ्लोरो कार्बन (CFC) ।
प्रश्न - क्लोरोफ्लोरो कार्बन (CFC) का स्रोत क्या है ?
उत्तर - क्लोरोफ्लोरो कार्बन (CFC) का उपयोग रेिफ्रजरेटरों , एयर कंडिश्नर तथा ऐरोसोल फुहारों में होता है।
प्रश्न - ओजोन परत हमारे लिए क्यों उपयोगी है ?
उत्तर - ओजोन परत सूर्य से आने वाले पाराबैगनी जैसे खतरनाक किरणों से हमे बचाती है ।
प्रश्न - पाराबैगनी किरणें हमारे लिए क्यों हानिकारक है ?
उत्तर - पाराबैगनी किरणों में विकिरण होते है जो हमारे शरीर को नुक्सान पहुँचाती है और कैसर और चर्म रोग जैसी बिमारियाँ पैदा करती है।
प्रश्न - अम्लीय वर्षा किसे कहते है ?
उत्तर - सल्फर डाइऑक्साड और नाइट्रोजन डाइऑक्साड जैसे गैस वायुमंडल में उपस्थित जलवाष्प से अभिक्रिया कर सल्फ्युरिक अम्ल तथा नाइट्रिक अम्ल बनाते है । ये वर्षा के जल को अम्लीय बनाकर बरसते है । इसे अम्लीय वर्षा कहते है।
प्रश्न - कार्बन मोनोऑक्साइड का शरीर पर पडने वाला एक दूष्प्रभाव बताइए ।
उत्तर - यह रक्त में ऑक्सीजन वाहक क्षमता को घटा देता है।
प्रश्न - ग्लोबल वार्मिंग (विश्व उष्णन) किसे कहते है ?
उत्तर - वातावरण में लगातार CO2 की मात्रा बढ़ रहीं है। परिणामस्वरूप वायुमंडल के औसत तापमान में निरंतर वृद्धि हो रही है। इसे ग्लोबल वार्मिंग विश्व उष्णनद्ध कहते है।
प्रश्न - ग्रीन हाउस (पौध घर) गैसें कौन कौन सी हैं ?
उत्तर - CO2, मेथैन और नाइट्रस ऑक्साइड आदि ।
प्रश्न - पौध घर प्रभाव क्या है ?
उत्तर - पौधा घर में यदि सूर्य की उष्मा प्रवेश कर लेता है तो वापस नहीं निकल पाती है। यहीं रूकी हुई उष्मा पौधा घर को गरम करती रहती है। पृथ्वी का वायुमंडल भी पौधा घर के समान होता है , यह सूर्य से आए विकिरण को वापस निकलने नहीं देता है , इसप्रकार के प्रभाव को पौध घर प्रभाव कहते है।
प्रश्न - CFC का पूरा नाम क्या है ?
उत्तर - क्लोरोफ्लोरो कार्बन।
प्रश्न - WWF का पूरा नाम क्या है ?
उत्तर - विश्वव्यापी कोष ।
प्रश्न - जल प्रदूषण किसे कहते है ? किन किन विधियों के द्वारा जल प्रदूषण होता है ?
उत्तर - जब जल में अवांछित पदार्थ जैसे - मल मूत्र, विषैले रसायन, गाद आदि हानिकारक पदार्थ मिल जाते है तो जल प्रदूषित हो जाता है । इसे जल प्रदूषण कहते है ।
निम्न विधियों के द्वारा जल प्रदूषण होता है:
(i) कूडा कर्कट , मल मूत्र और मृत जीव को नदी में प्रवाहित करने से।
(ii) फैक्ट्रियों से निकली विषैले रसायन, जैव अनिम्नकरणीय पदार्थ ।
प्रश्न - जल में पोषकों वेफ स्तर में वृद्धि किस प्रकार जल जीवों की उत्तरजीविता को प्रभावित करती है?
उत्तर - जल में पोषकों जैसे उर्वरकों में उपस्थित नाइट्रेट एवं जैसे रसायन के स्तर में वृद्धि से शैवाल जल में बहुत वृद्धि पाते है और जब ये शैवाल मर जाते हैं तो जीवाणु जैसे घटकों के लिए भोजन का कार्य करते हैं। ये अत्यधिक ऑक्सीजन का उपयोग करते हैं। इससे जल में ऑक्सीजन के स्तर में कमी हो जाती है जिससे जलीय जीव मर जाते हैं।
प्रश्न - जल के संदुषण से उत्पन्न होने वाले बीमारियों के नाम लिखिए।
उत्तर - संदूषित जल में जीवाणु, वायरस, कवक तथा परजीवी हो सकते हैं जिनसे हैजा, मियादी बुखार तथा पीलिया जैसे रोग फैलते हैं।
प्रश्न - चार R से आप क्या समझते है ?
उत्तर - चार R से तात्पर्य है:
(i) कम उपयोग (Reduce),
(ii) पुनः उपयोग (Reuse),
(iii) पुनः चक्रण (Recycle)
(iv) पुनःपूर्ती Recover
प्रश्न - स्तनधरियों के मल में उपस्थित जीवाणु (कोलीपफोर्म) का जल में उपस्थिति क्या दर्शाता है ?
उत्तर - इस जीवाणु का जल में उपस्थिति जल के संदुषण को दर्शाता है।
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Science Chapter List
1. फसल उत्पादन एवं प्रबन्ध
2. सूक्ष्मजीव : मित्र एवं शत्रु
3. संश्लेषित तन्तु एवं प्लास्टिक
4. पदार्थ : धातु एवं अधातु
5. कोयला एवं पेट्रोलियम
6. दहन एवं ज्वाला
7. पौधें एवं जंतुओं का संरक्षण
8. कोशिका-संरचना एवं प्रकार्य
9. जंतुओं में जनन
10. किशोरावस्था की ओर
11. बल तथा दाब
12. घर्षण
13. ध्वनि
14. विद्युत धारा के रासायनिक प्रभाव
15. कुछ प्राकृतिक परिघटनाएं
16. प्रकाश
17. तारे एवं सौर परिवार
18. वायु तथा जल का प्रदुषण
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