Chapter 6. संचार माध्यमों को समझना Civics class 7 exercise अतिरिक्त - प्रश्न
Chapter 6. संचार माध्यमों को समझना Civics class 7 exercise अतिरिक्त - प्रश्न ncert book solution in hindi-medium
NCERT Books Subjects for class 7th Hindi Medium
अध्याय - समीक्षा
अध्याय - समीक्षा:
- समूहिक रूप से रेडियो, TV, अखबार, इंटरनेट और संचार के अन्य साधनों के लिए प्रयोग, इसे मीडिया कहते हैं।
- मीडिया अँग्रेजी के Medium शब्द का बहुवचन है।
- TV, रेडियो और अखबार – संचार माध्यमों के ऐसे रूप है जिनकी पहुँच लाखों लोगों तक है, देश व विदेश के जनसमूह तक है।
- इसलिए इन्हें ‘जनसंचार माध्यम’ या ‘मास मीडिया’ कहते हैं।
- जनसंचार माध्यमों के लिए प्रयोग में आनेवाली प्रोद्योगिकी निरंतर बदलती रहती है।
- तकनीक तथा मशीनों को बदलकर अत्याधुनिक बनाने से संचार माध्यमों को अधिक लोगों तक पहुँचने में मदद मिलती है।
- 1940 के दशक में electronic टाइपराइटर आ जाने से पत्रकारिता की दुनिया में एक बड़ा बदलाव आया।
- “Televiser” आज के “Television” का आविष्कार “जॉन एल बैड” ने किया।
- इन्होंने रॉयल इंस्टीट्यूट के समक्ष अपने आविष्कार का प्रदर्शन किया था।
- TV में प्रदर्शित चित्र satellite और केबल के विस्तृत जाल के माध्यम से अत्यंत सुदूर क्षेत्रों तक आसानी से पहुँच सका।
- जनसंचार द्वारा उपयोग में आनेवाली विभिन्न तकनीकें अत्यंत खर्चीली है।
- TV Studio मे लाइटें, कैमरें, ध्वनि रिकॉर्ड करने के यंत्र, सम्प्रेषण के लिए satellite आदि है।
- इन सबका मूल्य काफी ज्यादा है।
- इसका माध्यम हमेशा बदलते रहते हैं।
- इसलिए नवीनतम तकनीक जुटाने पर भी बहुत धन व्यय होता है।
- परिणामतः अधिकांश TV चैनल व समाचार पत्र किसी बड़े व्यापारिक प्रतिष्ठान का भाग होते हैं।
- ये विभिन्न वस्तुओं के विज्ञापन द्वारा जैसे करें, चॉकलेट, कपड़ा, मोबाइल फोन इत्यादि से धन कमाते हैं।
- TV चैनल में 10 सेकंड के लिए भी विज्ञापन देने का मूल्य देना पड़ता है।
- जो उसकी लोकप्रियता और समय के आधार पर 1000 रुपए से 100000 रुपए के बीच पड़ता है।
- मीडिया को लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ माना जाता है। ये सरकार के कामों को बताती है।
- संतुलित रिपोर्ट वह रिपोर्ट है जिसमें किसी भी विषय पर हर दृष्टिकोण से चर्चा की जाती है।
- फिर पाठकों को स्वयं अपनी राय बनाने के लिए स्वतंत्र छोड़ दिया जाता है।
- स्वतंत्र संचार माध्यमों से तात्पर्य है “उनके द्वारा दिये हुये समाचारों को कोई भी नियंत्रित व प्रभावित न करें।
- जब सरकार, समाचार और फिल्म के किसी अंश, दृश्य को जनसमुदाय तक पहुँचने से प्रतिबंधित करती है, इसे सेंसरशिप कहते हैं।
- संचार माध्यम स्वतंत्र नहीं है। पहला कारण है – सरकार का उनपर नियंत्रण।
- भारत के इतिहास में संचार माध्यमों के ऊपर आपातकाल 1975-77 में सेंसर लगाया गया।
- संचार माध्यमों में शोध करनेवाले लोगों का कहना है कि ऐसा इसलिए संतुलित विवरण देने में असफल होते हैं।
- क्योंकि संचार माध्यमों पर व्यापारिक प्रतिष्ठानों का नियंत्रण है।
- कई बार विवरण के एक पक्ष पर ही ध्यान केन्द्रित करना इनके हित में होते हैं।
- इसलिए संचार माध्यम स्वतंत्र नहीं है।
- कुछ खास विषयों पर ध्यान केन्द्रित करके संचार माध्यम हमारे विचारों, भावनाओं और कार्यों को प्रभावित करता है।
- और हमारा ध्यान उन मुद्दो कि ओर आकर्षित करते हैं।
- संचार माध्यम हीं हमारा मसौदा या अजेंडा तैयार करता है।
- इनका संबंध साधारण लोगों से हैं और गाँव-घर से संबन्धित बताते हैं।
- सरकार व निजी संस्थाएँ ऐसी विज्ञापन भी बनाती है जिनसे समाज में किसी बड़े संदेश का प्रसारण हो सके। इसे सामाजिक विज्ञापन कहते हैं।
अभ्यास - प्रश्न
अभ्यास - समीक्षा:
प्रश्न: प्रजातंत्र में संचार माध्यम किस प्रकार महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं?
उत्तर: मीडिया निम्नलिखित तरीकों से लोकतंत्र में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है:
1. वे जनता को कुछ मुद्दों/समस्याओं के बारे में बताते हैं।
2. वे सरकार की नीतियों और कार्यक्रमों का प्रचार करते हैं।
3. वे सरकार की अलोकप्रिय नीतियों और कार्यक्रमों की भी आलोचना करते हैं।
4. वे जनता की राय बनाने में मदद करते हैं।
5. वे विभिन्न अपराधों और दुर्घटनाओं, दुर्घटनाओं आदि की भी रिपोर्ट करते हैं।
6. मीडिया कुछ मुद्दों/समस्याओं आदि के बारे में जनता की राय की भी घोषणा करता है।
प्रश्न: क्या आप इस रेखाचित्र को एक शीर्षक दे सकते हैं? इस रेखाचित्र से आप संचार माध्यम और बड़े व्यापार के परस्पर संबंध के संबंध के बारे में क्या समझ पा रहे हैं?
उत्तर: उपरोक्त आरेख का शीर्षक इस प्रकार दिया जा सकता है- मीडिया और बड़े व्यवसाय घराने। बड़े व्यापारिक घराने मीडिया के माध्यम से अपने उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए लोगों को आकर्षित करते हैं। यह बड़े पैमाने पर लोगों तक पहुंचने का सबसे अच्छा और सस्ता साधन है।
प्रश्न: आप पढ़ चुके हैं कि संचार माध्यम किस प्रकार एजेंडा बनाते हैं| इनका प्रजातंत्र में क्या प्रभाव पड़ता हैं? आपके विचारों के पक्ष में दो उदाहरण दीजिए|
उत्तर: मीडिया "एजेंडा सेट करना" लोकतंत्र पर प्रभाव डालता है:
1. किसी विशेष मुद्दे पर ध्यान केंद्रित करके मीडिया हमारे विचारों और भावनाओं को प्रभावित करता है।
2. यह मुख्य मुद्दों को प्रकाश में लाता है और कभी-कभी लोगों को न्याय दिलाने में भी मदद करता है।
3. एक एजेंडा सेट करके, मीडिया समाज में हो रही कुछ गलतियों या अवैध गतिविधियों के बारे में जागरूकता पैदा करता है और सरकार को कार्रवाई करता है।
4. कई बार सरकारी दबाव या बड़े कारोबारी घरानों के प्रभाव से बैलेंस नहीं निकल पाता है।
5. उदाहरण के लिए: राष्ट्रमंडल खेलों के दौरान और बाद में मीडिया ने परियोजनाओं को देने में भ्रष्टाचार पर ध्यान केंद्रित किया, हाल ही में "कोलगेट" मुद्दा।
6. स्विस बैंकों में गुप्त रूप से जमा धन की राशि को प्रकाश में लाएं।
प्रश्न: कक्षा परियोजना के रूप में समाचारों में से कोई एक शीर्षक चुनकर उस पर ध्यान केन्द्रित कीजिए| और अन्य समाचार - पंटरों में से उससे संबंधित विवरण छाँटिए|
दूरादर्शन समाचार पर भी इस विषय पर प्रसारित सामाग्री देखिए| दो समाचार - पात्रों के विवरण की तुलना करके उनमें समानता और भिन्नता की रिपोर्ट लिखिए
निम्नलिखित प्रश्न पूछना सहायक हो सकता हैं|
(क) इस लेख में क्या जानकरी हो सकता हैं|
(ख) कौन - सी जानकारी इसमें छोड़ दि गई हैं|
(ग) यह लेख किसके द्दष्टिकोण को ध्यान में रखकर लिखा गया हैं?
(घ) किसके द्दष्टिकोण को छोड़ दिया गया हैं और क्यों?
उत्तर: शीर्षक - प्रदूष्ण के कारण कारखानों पर व्रजपात इस सन्दर्भ में दो समाचार- पत्र की रिपोर्ट नीचे दि गई हैं:
(क) इस लेख में प्रदूषण के कारण एक लाख कारखानों के बंद होने से कारखानों के मालिकों और मजदूरों के विरोध से संबधित एक रिपोर्ट दिया गया हैं|
(ख) न्यूज ऑफ इण्डिया ने कारखानों से फ़ैलाने वाले प्रदूष्ण के दुष्परिणामों के बारे में,इन व्याख्या नहीं की हैं, जबकि इण्डिया डेली की रिपोर्टमें कारखानों और मजदूरों का विरोध करना कितना उचित हैं तथा नगर निगम द्वाएरा कारखानों को कितना सुविधा दिया गया हैं और क्या - क्या कमी रह गई हैं इसके बारे में नहीं बतालाया गया हैं|
(ग) न्यूज ऑफ इण्डिया के लेख प्रदूष्ण के कारण कारखानों के बंद होने से मजदूरों द्वारा विरोध करने से सडकों पर लगाने वाले जाम को ध्यान में रखकर रिपोर्ट तैयार की गई हैं|
(घ) इन दोनों रिपोर्ट के कुछ द्दष्टिकोण को छोड़ दिया गया हैं| न्यूज ऑफ इण्डिया रिपोर्ट में प्रदूष्ण से होने वाले नुकसान के संदर्भ में जनता की प्रतिक्रिया के बारे में नहीं बताया गीता हैं| इण्डिया डेली रिपोर्ट में मजदूरों के रोजगार और उनके अपर्याप्त पुनस्थापन को कोई महत्त्व नहीं दिया गया है|
अतिरिक्त - प्रश्न
अतिरिक्त - प्रश्न:
प्रश्न: मास-मिडिया से आप क्या समझते हैं?
उत्तर: टी.वी., रेडियो और अखबार-संचार माध्यमों वेफ ऐसे रूप हैं, जिनकी पहुँच लाखों लोगों तक है, देश और विदेश के जनसमूह तक है, इसीलिए इन्हें जनसंचार माध्यम या ‘मास-मीडिया’ कहते हैं।
प्रश्न: प्रजातंत्रा में संचार माध्यम किस प्रकार महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं?
उत्तर:
(i) संचार माध्यमों से नागरिक जान सकते हैं कि सरकार किस प्रकार काम कर रही है।
(ii) इन समाचारों वेफ आधार पर कार्रवाई भी कर सकते हैं।
(iii) वे संबंधित मंत्री को पत्र लिखकर, सार्वजनिक विरोध् आयोजित करके, हस्ताक्षर अभियान आदि चलाकर सरकार से पुनः उसके कार्यक्रम पर विचार करने का आग्रह करके कर सकते हैं।
प्रश्न: संचार माध्यमों में तकनीकी परिवर्तन से क्या लाभ हुआ है?
उत्तर:
(i) तकनीक तथा मशीनों को बदल कर अत्याधुनिक बनाने से संचार माध्यमों को अधिक लोगों तक पहुँचने में मदद मिलती है।
(ii) इससे ध्वनि और चित्रों की गुणवत्ता में सुधार आता है।
(iii) यह हमारे जीवन के बारे में सोचने के ढंग में परिवर्तन लाती है।
प्रश्न: एक तरीका बताइए जिसके द्वारा जनसंचार माध्यम धन अर्जित करते हैं?
उत्तर: विज्ञापन।
प्रश्न: अधिकांश टी.वी. चैनल और समाचारपत्र किसी बड़े व्यापारिक प्रतिष्ठान का भाग होते हैं। कोई दो कारण दीजिए?
उत्तर:
(i) जहाँ पर समाचारवाचक बैठता है। इसमें लाइटें, कैमरे, ध्वनि रिकॉर्ड करने के यंत्र, संप्रेषण के लिए सेटेलाइट आदि हैं। इन सभी का मूल्य बहुत अधिक है।
(ii) नवीनतम तकनीक जुटाने पर भी बहुत धन व्यय होता है। इन खर्चों के कारण जनसंचार माध्यमों को अपना काम करने के लिए बहुत अधिक धन की आवश्यकता होती है।
प्रश्न: सेंसरशिप किसे कहते है?
उत्तर: जब सरकार, समाचार के किसी अंश, फिल्म के किसी दृश्य या गीत की किसी अभिव्यक्ति को जनसमुदाय तक पहुँचने से प्रतिबंधित करती है तो इसे सेंसरशिप कहा जाता है।
प्रश्न: लोकतंत्र में स्वतंत्र संचार माध्यमों का होना अत्यंत महत्त्वपूर्ण है। क्यों?
उतर: संतुलित रिपोर्ट लिख पाना, संचार माध्यमों के स्वतंत्र होने पर निर्भर करता है। स्वतंत्र संचार माध्यमों से तात्पर्य यह है कि उनके द्वारा दिए जाने वाले समाचारों को कोई भी नियंत्रित या प्रभावित न करे। समाचार का विवरण देने में कोई भी उन्हें निर्देशित न करे कि उसमें क्या सम्मिलित किया जाना है और क्या नहीं।
प्रश्न: भारत सरकार ने संचार माध्यमों के उपर सेंसर कब लगाया था?
उतर: 1975 - 77 तक आपातकाल में।
प्रश्न: सरकार द्वारा सेंसरशिप न होने पर भी आजकल अधिकांश समाचारपत्र संतुलित विवरण देने में असफल रहते हैं। क्यों?
उतर:
(i) क्योंकि संचार माध्यमों पर व्यापारिक प्रतिष्ठानों का नियंत्रण है।
(ii) कई बार किसी विवरण के एक पक्ष पर ही ध्यान वेंफद्रित कराना इनवेफ हित में होता है।
प्रश्न: सार्वजनिक विरोध् से क्या तात्पर्य है?
उतर: इसमें विशाल संख्या में लोग एकजुट होकर किसी विषय पर खुले रूप में अपना विरोध प्रकट करते हैं। यह प्रायः रैली आयोजन, हस्ताक्षर अभियान तथा सड़कों को अवरूद्ध (करके किया जाता है।
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Civics Chapter List
Chapter 1. समानता
Chapter 2. स्वास्थ्य में सरकार की भूमिका
Chapter 3. राज्य शासन कैसे काम करता है
Chapter 4. लड़के और लड़कियों के रूप में बड़ा होना
Chapter 5. औरतों ने बदली दुनिया
Chapter 6. संचार माध्यमों को समझना
Chapter 7. हमारे आस पास के बाजार
Chapter 8. बाज़ार में एक कमीज़
Chapter 9. समानता के लिए संघर्ष
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