Chapter 1. समानता Civics class 7 exercise अतिरिक्त एवं उपयोगी प्रश्नोत्तर
Chapter 1. समानता Civics class 7 exercise अतिरिक्त एवं उपयोगी प्रश्नोत्तर ncert book solution in hindi-medium
NCERT Books Subjects for class 7th Hindi Medium
अध्याय-समीक्षा
अध्याय-समीक्षा
- समानता के बिना सच्चे लोकतंत्र की कल्पना नहीं की जा सकती है |
- समानता का अर्थ यह है कि समाज में किसी व्यक्ति या वर्ग से जाति, रंग ,क्षेत्र ,धर्म, और आर्थिक स्तर पर भेदभाव की मनाही तथा सबको समान अवसर प्राप्त हो |
- समानता की माँग बीसवीं शताब्दी में एशिया और अफ्रीका के उपनिवेश विरोधी स्वतंत्रता संघर्षों के दौरान उठी थी|
- समानता व्यापक रूप से स्वीकृत आदर्श है, जिसे अनेक देशों के संविधान और कानूनों में सम्मिलित किया गया है।
- समानता की अवधारणा में यह निहित है कि सभी मनुष्य अपनी दक्षता और प्रतिभा को विकसित करने के लिए तथा अपने लक्ष्यों और आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए समान अधिकार और अवसरों के हकदार हैं।
- समानता के उद्देश्य की आवश्यकता यह है कि विभिन्न समूह और समुदायों के लोगों के पास इन साधनों और अवसरों को पाने का बराबर और उचित मौका हो।
- भारत में समान अवसरों के एक विशेष समस्या सुविधाओं की कमी की वजह से नहीं आती है, बल्कि कुछ सामाजिक रीति-रिवाजों के कारण सामने आती है। देश के विभिन्न हिस्सों में औरतों को उत्तराधिकार का समान अधिकार नहीं मिलता है |
- आर्थिक असमानता ऐसे समाज में विद्यमान होती है जिसमें व्यक्तियों और वर्गों के बीच धन, दौलत या आमदनी में विभिन्नताएं पायी जाती है ।
- निजी स्वामित्व मालिकों के वर्ग को सिर्फ अमीर नहीं बनाता बल्कि उन्हें राजनीतिक ताकत भी देता है।
- नारीवाद स्त्री-पुरुष के समान अधिकारों का पक्ष लेने वाला राजनीतिक सिद्धांत है। वे स्त्री या पुरुष नारीवादी कहलाते हैं, जो मानते हैं कि स्त्री-पुरुष के बीच की अनेक असमानताएँ न तो नैसर्गिक हैं और न ही आवश्यक।
- संविधान धर्म, नस्ल, जाति, लिंग या जन्म स्थान के आधार पर भेदभाव करने का निषेध करता है। हमारा संविधान छुआछूत की प्रथा का भी उन्मूलन करता है।
- सार्वभौमिक व्यस्क मताधिकार हमें भारतीय लोकतंत्र में राजनितिक समानता प्रदान करता है |
- 18 वर्ष या उससे ऊपर के उम्र के सभी व्यक्तियों को बिना धर्म, जाति, लिंग अथवा रंगभेद के उसे वोट देने का अधिकार है, इसे ही सार्वभौमिक व्यस्क मताधिकार कहते हैं |
- निर्धन होने के अतिरिक्त भारत में लोगों को अन्य अनेक कारणों से भी असमानता
का सामना करना पड़ता है। - ‘दलित’ एक ऐसा शब्द है, जो निचली कही जानी वाली जाति के लोग स्वयं को संबोधित करने के लिए प्रयोग में लाते हैं। ‘दलित’ का अर्थ होता है-कुचला हुआ या टूटा हुआ
और इस शब्द का इस्तेमाल करके दलित यह संकेत करते हैं कि पहले भी उनके साथ बहुत भेदभाव होता था और आज भी हो रहा है। - भारतीय लोकतंत्र में संविधान की नजर में कानून की नजर में सभी समान है, चाहे वे पुरुष हों या स्त्री, किसी भी जाति या धर्म से संबंध रखते हों, उनकी शैक्षिक और आर्थिक पृष्ठभूमि कैसी भी हो सभी समान है |
अभ्यास - प्रश्न
अभ्प्रयास - प्रश्न:
प्रश्न: आपके विचार से समानता के बारे में शंका करने के लिए कांता के पास क्या पर्याप्त कारण है? उपरोक्त कहानी के आधार पर उसके ऐसा सोंचने के तीन कारण बताइए |
उत्तर: कांता के समानता के बारे में शंका करने के तीन कारण निम्नलिखित हैं -
(i) कांता एक नाले के साथ बनी एक झोपड़पट्टी में रहती है जो कि एक आर्थिक विषमता को दर्शाता है |
(ii) कांता को अपने काम में एक भी छुट्टी नहीं मिलती जबकि अन्य उद्यम में काम करने वाले नियमित मजदूरों को कई-कई छुट्टियाँ मिलती है |
(iii) उसे अपने बच्चों का ईलाज के लिए सरकारी अस्पताल में लंबी लाइन लगानी पड़ती है जबकि संपन्न लोग निजी अस्पताल में खुद का और अपने बच्चों का ईलाज करवाते है |
प्रश्न: आपके विचार से ओमप्रकश वाल्मीकि के साथ उसके शिक्षक और सहपाठीयों ने असमानता का व्यवहार क्यों किया जाता था? अपने-आपको ओमप्रकश वाल्मीकि कि जगह रखते हुए चार पंक्तियाँ लिखिए कि उक्त स्तिथि में आप कैसे अनुभव करते?
उतर: हमारे समाज मैं सामािजक असमानता और और आर्थिक असमानता कायम है। सामािजक असमानता के तहत जातीय आधार पर भेदभाव किये जाते है । इसी आधार पर ओम वाल्मीकि के साथ उसके उसके शिक्षक और सहपाठी असमानता का व्यव्हार किया |
अगर हम ओम वाल्मीकि कि जगह होते तोह हमें निम्र तरह का अनुभाव होता
1. सामजिक व्यवस्था के खिलाफ असंतोष पैदा होता |
2. जातीय अधिकार पर भेदभाव कि भी गलत मानते |
3. अपने आपको सम्मनित महसूस नहीं करते |
4. हमारे मन में कंठा और ग्लानि उत्पत्र होता |
प्रश्न: आपके विचार से अंसारी दंपित के साथ असमानता का व्यवहार क्यों किया जा रहा है? यिद आप अंसारी दंपित की जगह होते और आपको रहने के लिए इस कारण जगह न मिलती कुछ पड़ोसी आपके धर्म के कारण आपके पास नही रहना चाहते, तो आप क्या करते ?
उतर: हमारे देश मैं कई तरह की विविधता है। इन विविधताओ में जाति, भाषा, धर्म, लिंग, क्षेत्र, और संस्कृति प्रमुख है | इन विविधताओ के कर्ण देश में कुछ लोग| एक दुसरे से भेदभाव करते है | एस भेदभाव का मुख्य कारण संकीण मानसिकता और शीशा का अभाव
प्रश्न: यदि आप अंसारी परिवार के एक सदस्य होते है तो प्रॉपर्टी डीलर के नाम बदलने के सुझाव का उतर किस प्रकार देते?
उतर: यदि हम अंसारी परिवार के एक सदस्य होते तो प्रॉपर्टी सिलार के नाम बदलने के सुझाव का उतर निम्र प्रकार से देते
1. प्रॉपर्टी सिलार को यह बदलते कि हम अपना नाम बदल सकते है, लेकिन मिलने वाले रिश्तेदार का नाम कैसे बदलेगे|
2. नाम बदलने के बाद अपने मजहब के पर्व्त्योहर नमाज पढना और रीती-रिवाजो को कैसे छोड़ सकते है।
3. नाम बदलने से हमेशा जो मन मैं डर बना रहेगा कि कही माकन मालिक और पडोसी को हमारे धर्म के बारे में पता न चल जाये |
प्रश्न: लोकतंत्र में सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार क्यों महत्त्वपूर्ण है?
उत्तर: सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार महत्वपूर्ण है क्योंकि –
1. यह राजनीति में समानता को बढ़ावा देता है |
2. लोगों के बीच से भेद – भाव को कम करता है |
3. सरकार को चुनने में लोगो की भागीदारी को बढाता है |
प्रश्न: बॉक्स में दिए गए संविधान के अनुच्छेद 15 के अंश को पुनः पढि़ए और दो ऐसे तरीके बताइए, जिनसे यह अनुच्छेद असमानता को दूर करता है?
उत्तर:
1. राज्य किसी नागरिक के विरूद्ध केवल धर्म, मूलवंश, जाती, लिंग, जन्मस्थान या इनमें से किसी के आधार पर कोई भेद नहीं करेगा|
2. कोई नागरिक कवल धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग जन्मस्थान या इनमें से किसी सार्वजनिक मनोरंजन के स्थानों में प्रवेश करने के वंचित नहीं कर सकता| पूर्णत: अंशत राज्य निधि से निर्मित कुँओं, तालाबों, स्नानघाटों, सडकों और सार्वजनिक समागम के स्थानों के उपयोग पार प्रतिबंध नहीं लगा सकता|
प्रश्न: ओमप्रकाश वाल्मीकि का अनुभव, अंसारी दंपति के अनुभव से किस प्रकार मिलता था?
उत्तर: (i) ओमप्रकाश वाल्मीकि तथा अंसारी दंपति दोनों की गरिमा पर समान रूप से चोट किया गया था | वे दोनों ही असमान व्यवहार के शिकार बने थे |
(ii) ओमप्रकाश वाल्मीकि को उनकी निति जाती के कारण स्कूल में झाड़ू लगाना पड़ा जबकि अंसारी दंपति को उनके धर्म के कारण मकान देने से मना कर दिया गया था |
प्रश्न: "कानून के सामने सब व्यक्ति बराबर हैं" -इस कथन से आप क्या समझते हैं? आपके विचार से यह लोकतंत्र में महत्त्वपूर्ण क्यों है?
उत्तर: कानून के सामने सब लोग बराबर है, से निम्नलिखित तात्पर्य है :
(i) भारत के सभी नागरिकों, राष्ट्रपति से लेकर एक सामान्य घरेलू नौकर तक को, एक ही जैसे कानून का अनुपालन करना होता है |
(ii) किसी भी व्यक्ति के साथ उसके धर्म, जाती, लिंग या जन्मस्थान आदि के आधर पर भेदभाव नही किया जा सकता |
(iii) सभी लोगो को सभी सार्वजानिक जगहों पर जैसे – खेल का मैदान, होटल दुकान, बाज़ार, जन्म की जगह आदि का उपयोग करने के समान अधिकार है और इससे किसी को वंचित नहीं किया जा सकता है |
प्रश्न: भारत सरकार ने 1995 में विकलांगता अधिनियम स्वीकृत किया था| यह कानून कहता हैं कि विकलांग व्यक्तियों को भी समानता अधिकार प्राप्त हैं और समाज में उनकी पूरी भागीदारी संभव बनाना सरकार का दायित्व हैं| सराकार को उन्हें नि: शुल्क शिक्षा देनी हैं और विकलांग बच्चों को स्कूल की मुख्यधारा में सम्मिलित करना हैं| कानून यह भी कहता हैं कि सभी सार्वजानिक स्थल, जैसे भवन, स्कूल आदि में ढलान बनाए जाने चाहिए, जिससे वहाँ विकलांगों के लिए पहुँचना सरल हो|
चित्र को देखिए और उस बच्चे के बारे में सोचिए, जिसे सीढियों से नीचे लाया जा रहा हैं| क्या आपको लगता हैं कि इस स्थिति में विकलांगता का कानून लागू किया जा रहा हैं? वह भवन में आसानी से आ - जा सके, उसके लिए क्या करना आवश्यक हैं? उसे उठाकर सीढियों से उतारा जाना, उसके सम्मान और उसकी सुरक्षा को किए प्रभावित करता है?
उत्तर:
1. उपरोक्त चित्र में विकलांगता कानून का पालन नहीं किया जा रहा हैं| क्योंकि भवन में ढलान नहीं हुआ हैं इसलिए बच्चे को सीढियों के माध्यम से लाया जा रहा है|
2. विकलांग व्यकित के लिए आसनी से भवन में आने - जाने के लिए सीढियों के स्थान पर ढलान का निर्माण किया जाना चाहिए|
3. उसे सीढियों से उठाकर लाने - लि जाने से उसके आत्मसम्मान को ठेस पहुँचती हैं| वह अपने को अक्उषम मानते लगत हैं, जिससे उसका आत्मबल कमजोर होगा| उसे बार - बार सीढियों से चढाने और उतारने से दुर्घटना हो सकती हैं जिससे उसे शारीरिक चोट पहुँच सकती हैं|
अतिरिक्त एवं उपयोगी प्रश्नोत्तर
अतिरिक्त - प्रश्नोत्तर :
प्रश्न - गरिमा शब्द का अर्थ बताइए |
उत्तर - इसका तात्पर्य अपने-आपको और दुसरे व्यक्तियों को सम्मान योग्य समझने से है |
प्रश्न - संविधान क्या है ?
उत्तर - संविधान वह दस्तावेज है, जिसमें देश की जनता व सरकार द्वारा पालन किए जाने वाले नियमों और अधिनियमों को निरुपित किया जाता है |
प्रश्न - नागरिक अधिकार आन्दोलन क्या है ?
उत्तर - एक आन्दोलन, जो संयुक्त राज्य अमेरिका में 1950 के दशक के अंत में प्रारंभ हुआ और जिसमें अफ़्रीकी-अमेरिकन लोगों ने नस्लगत भेदभाव को समाप्त करने और समान अधिकारों की माँग की |
प्रश्न - भारत सरकार ने विकलांगता अधिनियम कब स्वीकृत किया ? यह अधिनियम विकलांग व्यक्तियों को कौन-कौन से अधिकार देता है ?
उत्तर - भारत सरकार ने 1995 में विकलांगता अधिनियम स्वीकृत किया था।
यह कानून कहता है कि विकलांग व्यक्तियों को भी समान अधिकार प्राप्त हैं और समाज में उनकी पूरी भागीदारी संभव बनाना सरकार का दायित्त्व है। सरकार को उन्हें निःशुल्क शिक्षा देनी है और विकलांग बच्चों को स्कूलों की मुख्यधारा में सम्मिलित करना है। कानून यह भी कहता है कि सभी
सार्वजनिक स्थल, जैसे-भवन, स्कूल आदि में ढलान बनाए जाने चाहिए, जिससे वहाँ विकलांगों वेफ लिए पहुँचना सरल हो।
प्रश्न - सभी लोकतांत्रिक देशो के लिए कौन –सा तत्व अप्रिहार्य है ?
उत्तर - सभी लोकतांत्रिक देशो के लिए सार्वभौमिक व्यस्क मताधिकार एक अप्रिहार्य तत्व है |
प्रश्न - सार्वभौमिक व्यस्क मताधिकार किस विचार पर आधारित है ?
उत्तर - सार्वभौमिक व्यस्क मताधिकार समानता के सिद्धांत पर आधारित है |
प्रश्न - मध्याहन भोजन कार्यक्रम क्या है ? इसके तीन लाभों का वर्णन कीजिए |
उत्तर - यह एक ऐसा कार्यक्रम है जिसके अंतर्गत सभी सरकारी प्राथमिक स्कूल के बच्चो को दोपहर का भोजन स्कूल द्वारा मुफ्त दिया जाता है |
इसके लाभ निम्नलिखित है |
1. दोपहर का भोजन मिलने के कारण गरीब बच्चो की उपस्थिति बढ़ गई |
2. इस कार्यक्रम से जातिगत भेदों को कम करने में भी सहायता मिली है |
3. इस योजना के कारण गरीब बच्चों का पेट भरने लगा जिसके कारण वे अपनी पढाई पर अधिक ध्यान देने लगे |
4. इस योजना के कारण गरीब बच्चों को पेट भर खाना मिलने लगा जिससे गरीब बच्चे कुपोषण का कम शिकार हुए |
प्रश्न - सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार क्या है ?
उत्तर - सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार का अर्थ है कोई भी व्यक्ति जिसकी उम्र 18 वर्ष या उससे अधिक हो उसे वोट देने का अधिकार है चाहे वो किसी भी धर्म, जाति या समुदाय का हो |
प्रश्न - भारत में असमानता का एक सामान्य रूप कौन-सा है?
उत्तर - जाति व्यवस्था, भारत में असमानता का एक सामान्य रूप है |
प्रश्न - ‘जूठन' क्या है ?
उत्तर - ‘जूठन' दलित लेखक ओमप्रकाश वाल्मीकि की आत्मकथा है |
प्रश्न - किसी व्यक्ति के आत्मसम्मान को किस प्रकार ठेस पहुचाई जाती है ? अंसारी दंपति ने प्रोपर्टी डीलर के नाम बदल लेने की सलहा को क्यों टुकरा दिया ?
उत्तर - (i) जब व्येक्ती के साथ किसी भी आधार पर असमानता का व्यवहार किया जाता है तो उसके आत्मसम्मान को ठेस पहुँचती है |
(ii) अंसारी दंपति ने प्रोपर्टी डीलर के नाम बदलने की सलाह को इसलिए ठुकरा दिया क्योकि इससे उनकी गरिमा तथा आत्मसम्मान को ठेस पहुँचाती थी |
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Civics Chapter List
Chapter 1. समानता
Chapter 2. स्वास्थ्य में सरकार की भूमिका
Chapter 3. राज्य शासन कैसे काम करता है
Chapter 4. लड़के और लड़कियों के रूप में बड़ा होना
Chapter 5. औरतों ने बदली दुनिया
Chapter 6. संचार माध्यमों को समझना
Chapter 7. हमारे आस पास के बाजार
Chapter 8. बाज़ार में एक कमीज़
Chapter 9. समानता के लिए संघर्ष
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