Chapter 5. औरतों ने बदली दुनिया Civics class 7 exercise अतिरिक्त - प्रश्न
Chapter 5. औरतों ने बदली दुनिया Civics class 7 exercise अतिरिक्त - प्रश्न ncert book solution in hindi-medium
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अध्याय - समीक्षा
अध्याय - समीक्षा:
- लक्ष्मी लाकरा, जो कि झारखंड के एक गरीब आदिवासी परिवार की 27 वर्षीय पुत्री है। उतरी रेलवे की वो पहली महिला चालक है। ये पढ़ने के साथ-साथ घर के कामों मे हाथ बटाती थी। और सबसे महत्वपूर्ण बात है कि इन्होंने पहले ही प्रयास मे सफलता मिली।
- दूसरी कहानी है रमाबाई ( 1858-1922 ), महिला-शिक्षा की ये योद्धा कभी स्वयं स्कूल नहीं गयी, पर अपने मटा-पिता से उन्होने पढ़ना-लिखना सीख लिया। उन्हें पंडिता की उपाधि दी गई, क्योंकि वे संस्कृत पढ़ना-लिखना जानती थी जो उस समय की औरतों के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि थी।
- उन्होने 1898 में, पुणे के पास खेड़गाँव में एक मिशन स्थापित किया जहां विधवा औरतों और गरीब औरतों को पढ़ने-लिखने तथा स्वतंत्र होने की शिक्षा दी जाती थी।
- रुकैया सखावत हुसैन (1880-1932), ये धनी परिवार में जन्मी थी और इन्हें उर्दू भाषा का ज्ञान विरासत में मिला था। लेकिन ये बंगला और अँग्रेजी सीखना चाहती थी। इन्हें ये भाषा सीखने से रोका गया लेकिन ये अपने भाई और बहन की मदद से बंगला और अँग्रेजी सीखिए।
- 1905 में अभ्यास के लिए इनहोने एक कहानी लिखी जिसका शीर्षक था “सुल्ताना का स्वप्न” जिसमे ये हवाईजहाज उड़ना और कारें चलाने का स्वप्न देख रही थी।
- 1910 में इन्होंने कोलकाता में लड़कियों के लिए एक स्कूल खोला जो आज भी कार्य कर रहा है।
- 1961 की जनगणना के अनुसार, 40% लड़के (7 वर्ष या उससे अधिक) शिक्षित थे (कम से कम अपना नाम लिख लेते थे) और 15% महिलाएँ शिक्षित थी।
- 2011 की जनगणना के अनुसार 82 % लड़के व पुरुष शिक्षित हो गए जबकि 65% लड़कियां व औरतें।अभी भी इनके बीच का अंतर समाप्त नहीं हुआ।
- अभी हमलोग जैसे देखते हैं कि अब महिलाएँ और लड़कियों को पढ़ने और स्कूल जाने के साथ-साथ कानूनी सुधार, हिंसा और स्वास्थ्य से संबन्धित सभी अधिकार प्राप्त है। ये सब इनलोगों को ऐसे हीं नहीं मिला बल्कि ये लोग अपने हक के लिए संघर्ष किए जिसे “महिला आंदोलन” का नाम दिया गया। इस आंदोलन में महिलाओं के साथ-साथ पुरुषों का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा।
अभ्यास - प्रश्न
अभ्यास - प्रश्न:
प्रश्न: आपके विचार से महिलाओं के बारे में प्रचालित रूढ़िवादी धारणा कि वे कर सकती हैं और क्या नहीं, उनके समानता के अधिकार को कैसे प्रभावित करती हैं?
उत्तर: महिलाएं क्या कर सकती हैं और क्या नहीं, इस बारे में रूढ़िवादिता महिलाओं के समानता के अधिकार को प्रभावित करती है क्योंकि उन्हें कमजोर और मजबूत काम करने में अक्षम कहा जाता है। यही कारण है कि महिलाओं को पुरुषों से कमतर कहा जाता है। उन्हें उनके पुरुष समकक्षों की तुलना में कम वेतन / मजदूरी का भुगतान किया जाता है।
प्रश्न: कोई एक कारण बताइए जिसकी वजह जिसकी वजह से रास्सुंदरी देवी, रमाबाई और रुकैया हुसैन के लिए अक्षर ज्ञान इतना महत्त्वपूर्ण था|
उत्तर: इन महिलाओं के लिए वर्णमाला सीखना इतना महत्वपूर्ण था क्योंकि उसके बाद ही वे कहानियाँ, पत्र और आत्मकथाएँ लिखने में सक्षम हुईं, जिसमें असमानता के अपने स्वयं के अनुभवों का वर्णन किया गया था|
प्रश्न: " निर्धन बालिकाएँ पढ़ाई बीच में ही छोड़ देती हैं, क्योंकि शिक्षा में उनकी शिक्षा रुचि नहीं नहीं हैं?
उत्तर: यह कथन, "गरीब लड़कियां स्कूल शिक्षा छोड़ देती हैं" निम्नलिखित कारणों से सही नहीं है:
1. दलित, आदिवासी और मुस्लिम वर्ग की लड़कियों के स्कूल छोड़ देने के अनेक कारण हैं| देश के अनेक भागों में विशेषकर ग्रामीण और गरीब क्षेत्रों में नियमित रूप से पढ़ाने के लिए उचित स्कूल हैं न ही शिक्षक| यदि विघालय घर के पास नहीं हो और लाने - ले जाने के लिए किसी साधन जैसे बस या वैन आदि की व्यवस्था न हो अभिभावक लड़कियों को स्कूल नहीं भेजता चाहते|
2. कुछ परिवार अन्यंत निर्धन होते हैं और अपने सभी बच्चों कलो पढने का खर्चा नहीं उठा पाते हैं| ऐसी स्थिति में लड़कों की प्रथामिकता मिलाती हैं और लड़कियों को नहीं पढ़ाया जाता|
3. बहुत से बच्चे भी स्कूल छोड़ देते हैं, क्योंकि उनके साथ उनके शिक्षक और सहपाठी भेदभाव करते हैं|
प्रश्न: क्या आप महिला आंदोलन द्वारा व्यवहार में लए जाने वाले संघर्ष के दो तरीकों के बारे में बता सकते हैं? महिलाएं क्या कर सकती हैं और के नहीं, इस विषय पर आपको रूढ़ियों के विरूद्ध संघर्ष करना पड़े, तो आप पढ़े हुए तरीकों में से कौन - से तरीकों का उपयोग करेंगे? आप इसी विशेष तरीके का उपयोग क्यों करेगे?
उत्तर: संघर्ष के दो प्रमुख तरीके:
1. औरतों के अधिकारों के संबंधों में समाज में जागरूकता बढ़ाना|
2. भेदभाव और हिंसा का विरोध करना|
यदि हमें रूढ़ियों के विरूद्ध संघर्ष करना पड़े तो हम प्रयास करेंगे कि समाज में औरतों के अधिकारों के संबंध में जागरूकता फैलाया जाए| लोगों को यह बतलाया जाए कि महिलाएं भी समाज के संग हैं और महिलाओं के विकास से ही परिवार और समाज का विकास हो सकता हैं| समाज को यह बतलाया जाए कि हमारे पूर्वज पढ़े - लिखे नहीं थे, इसलिए उनके अंदर महिलाओं को लेकर संकीर्ण मानसिकता थी| अब झाम संकीर्ण मानसिकता को छोड़कर महिलाओं से होने वाले भेदभाव की त्याग करें और एक आदेश समाज का निर्माण करें|
अतिरिक्त - प्रश्न
अतिरिक्त - प्रश्न:
प्रश्न: हमारे देश में कृषि कार्य में संलग्न महिलाओं का प्रतिशत कितना है?
उत्तर: 83.6% महिलाएं कृषि कार्य में संलग्न हैं।
प्रश्न: इन महिलाओं के लिए कृषि कार्य का क्या अर्थ है?
उत्तर: चढ़ाना, निराई-गुड़ाई, कटाई और थ्रेसिंग।
प्रश्न: जब हम एक किसान के बारे में सोचते हैं तो हम केवल एक आदमी के बारे में सोचते हैं। क्यों?
उत्तर: ऐसा इसलिए है क्योंकि कृषि कार्य का एक बड़ा हिस्सा मनुष्य द्वारा किया जाता है। महिलाएं ही उनकी मदद करती हैं।
प्रश्न: रमाबाई को 'पंडिता' की उपाधि क्यों दी गई?
उत्तर: ऐसा इसलिए था क्योंकि वह संस्कृत पढ़ और लिख सकती थी। यह एक उल्लेखनीय उपलब्धि थी क्योंकि उन दिनों महिलाओं को इस तरह के ज्ञान की अनुमति नहीं थी।
प्रश्न: महिलाओं ने मिट्टी के बर्तनों के व्यापार में पुरुषों का समर्थन कैसे किया?
उत्तर: उन्होंने मिट्टी एकत्र की और मिट्टी को बर्तनों के लिए तैयार किया।
प्रश्न: महिलाएं क्या कर सकती हैं और क्या नहीं, इस बारे में किसी एक रूढ़िवादिता का उल्लेख करें?
उत्तर: महिलाएं अच्छी शिक्षिका हो सकती हैं लेकिन वे तकनीकी चीजों से निपटने में असमर्थ होती हैं।
प्रश्न: लक्ष्मी लकड़ा ने इस स्टीरियोटाइप को कैसे तोड़ा कि केवल पुरुष ही इंजन ड्राइवर हो सकते हैं?
उत्तर: वह उत्तर रेलवे की पहली महिला इंजन ड्राइवर बनीं।
प्रश्न: 19वीं शताब्दी में शिक्षा और सीखने के बारे में नए विचारों के उदय के साथ क्या परिवर्तन देखने को मिले?
उत्तर: स्कूल अधिक आम हो गए और जिन समुदायों ने कभी पढ़ना-लिखना नहीं सीखा, उन्होंने अपने बच्चों को स्कूल भेजना शुरू कर दिया।
प्रश्न: राससुंदरी देवी कौन थीं? उन्होंने अपनी आत्मकथा में क्या लिखा है?
उत्तर: राशसुंदरी देवी पश्चिम बंगाल के एक धनी जमींदार परिवार की गृहिणी थीं। उन्होंने अपनी आत्मकथा में अपने दैनिक जीवन के अनुभवों के बारे में लिखा।
प्रश्न: रोका सखावत हुसैन ने लड़कियों के लिए क्या किया?
उत्तर: उन्होंने कोलकाता में लड़कियों के लिए एक स्कूल शुरू किया जो आज भी चल रहा है।
प्रश्न: किन्हीं दो कारणों का उल्लेख कीजिए कि क्यों कई लड़कियां अपनी शिक्षा जारी नहीं रखती हैं।
उत्तर: गरीबी और भेदभाव दो प्रमुख कारण हैं जिसके कारण कई लड़कियां अपनी शिक्षा जारी नहीं रखती हैं।
प्रश्न: प्रत्येक 10 वर्ष में जनगणना कराने का उद्देश्य क्या है?
उत्तर: देश की पूरी आबादी की गणना के लिए हर 10 साल में जनगणना की जाती है। यह भारत में रहने वाले लोगों के बारे में विस्तृत जानकारी भी इकट्ठा करता है- उनकी उम्र, स्कूली शिक्षा, वे क्या काम करते हैं, इत्यादि।
प्रश्न: महिला आंदोलन से क्या तात्पर्य है?
उत्तर: महिलाओं की स्थिति में सर्वांगीण सुधार लाने के लिए महिलाओं ने लंबे समय तक संघर्ष किया। इसे महिला आंदोलन के नाम से जाना जाता है।
प्रश्न: सत्यरानी की बेटी का क्या हुआ?
उत्तर: उसकी बेटी की हत्या दहेज के लिए की गई थी।
प्रश्न: आम जनता के बीच जागरूकता फैलाने के विभिन्न साधन क्या हैं?
उत्तर: नुक्कड़ नाटक, गीत और जनसभाएँ।
प्रश्न: अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस कब मनाया जाता है?
उत्तर: अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस हर साल 8 मार्च को मनाया जाता है।
प्रश्न: अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर महिलाएं क्या करती हैं?
उत्तर: दुनिया भर में महिलाएं शुभ दिन मनाने और अपने संघर्षों को नवीनीकृत करने के लिए एक साथ आती हैं।
प्रश्न: लक्ष्मी लकड़ा का संक्षिप्त जीवन रेखाचित्र दीजिए?
उत्तर: लक्ष्मी लकड़ा झारखंड के एक गरीब आदिवासी परिवार से ताल्लुक रखती हैं- वह एक सरकारी स्कूल में पढ़ती थीं। उसने कड़ी मेहनत की और अच्छा किया और फिर इलेक्ट्रॉनिक्स में डिप्लोमा प्राप्त किया। इसके बाद उन्होंने रेलवे बोर्ड की परीक्षा दी और अपने पहले प्रयास में इसे पास कर लिया। वह उत्तर रेलवे की पहली महिला इंजन ड्राइवर बनीं।
इस तरह, उसने इस स्टीरियोटाइप को तोड़ दिया कि इंजन ड्राइवर केवल पुरुष हो सकते हैं। वह कहती हैं, "मेरे सामने चुनौतियां हैं और जब कोई कहता है कि यह लड़कियों के लिए नहीं है। मैं सुनिश्चित करता हूँ कि मैं आगे बढ़ूं और इसे करूं”। लक्ष्मी को अपने जीवन में कई बार ऐसा करना पड़ा है - जब वह इलेक्ट्रॉनिक्स लेना चाहती थी, जब वह पॉलिटेक्निक में मोटरसाइकिल चलाती थी और जब उसने इंजन ड्राइवर बनने का फैसला किया था।
प्रश्न: 1898 में पुणे के निकट खेड़गांव में एक मिशन किसने स्थापित किया? मिशन महिलाओं के लिए कैसे फायदेमंद साबित हुआ?
उत्तर: पंडिता रमाबाई ने 1898 में पुणे के पास खेड़गांव में एक मिशन की स्थापना की। यह वह जगह थी जहां विधवाओं और गरीब महिलाओं को न केवल साक्षर बनने के लिए बल्कि स्वतंत्र होने के लिए प्रोत्साहित किया गया था। उन्हें बढ़ईगीरी से लेकर प्रिंटिंग प्रेस चलाने तक कई तरह के कौशल सिखाए गए, ऐसे कौशल जिन्हें पुरुष संरक्षित माना जाता है। यह मिशन आज भी सक्रिय है और महिलाओं के उत्थान के लिए बहुत कुछ करता है।
प्रश्न: क्या राससुंदरी देवी एक अंधविश्वासी महिला थीं? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
उत्तर: राससुंदरी देवी पश्चिम बंगाल के एक धनी जमींदार परिवार की गृहिणी थीं। उसे पढ़ना और लिखना सीखने की अनुमति नहीं थी। लगभग 200 साल पहले उनके समय में यह धारणा प्रचलित थी कि अगर एक महिला पढ़ना-लिखना सीख जाती है, तो वह अपने पति के लिए दुर्भाग्य लेकर आएगी। राससुंदरी देवी ने इस विश्वास को झूठा माना क्योंकि वह बिल्कुल भी अंधविश्वासी नहीं थीं।
उसने एक सख्त फैसला लिया और शादी के बाद खुद को गुप्त रूप से पढ़ना और लिखना सिखाया। उन्होंने 60 साल की उम्र में बांग्ला में अपनी आत्मकथा भी लिखी थी। अमोर जीवन नामक उनकी पुस्तक किसी भारतीय महिला द्वारा लिखी गई पहली ज्ञात आत्मकथा है।
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Civics Chapter List
Chapter 1. समानता
Chapter 2. स्वास्थ्य में सरकार की भूमिका
Chapter 3. राज्य शासन कैसे काम करता है
Chapter 4. लड़के और लड़कियों के रूप में बड़ा होना
Chapter 5. औरतों ने बदली दुनिया
Chapter 6. संचार माध्यमों को समझना
Chapter 7. हमारे आस पास के बाजार
Chapter 8. बाज़ार में एक कमीज़
Chapter 9. समानता के लिए संघर्ष
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