1. संविधान - क्यों और कैसे | संविधान का कार्य Political Science class 11
1. संविधान - क्यों और कैसे | संविधान का कार्य Political Science class 11
संविधान का कार्य
संविधान :
नियम और कानून की वह पुस्तक जिसकी सहायता से किसी देश में शासन चलाया जाता है संविधान कहलाता है |
न्यायसंगत संविधान: वही संविधान न्याय संगत संविधान कहलाता है जो शांति, समृद्धि, न्याय और सुखी जीवन के आदर्शों का प्रतिपादन करता हो |
प्रभावी संविधान: संविधान के प्रभावी होने की कसौटी यह है कि वह केवल कागजों पर मौजूद न हो | बल्कि शासकों द्वारा उन्हें जमीनी स्तर पर साकार करे और संविधान की रुपरेखा अनुसार ही काम करे तो ऐसे इस प्रकार के संविधान को प्रभावी संविधान कहते है |
संविधान की आवश्यकता :
हमें निम्न कारणों से संविधान की आवश्यकता होती है :
(i) एक व्यवस्थित समाज की रचना के लिए निश्चित नियमों और आदर्शों की आवश्यकता होती है | संविधान इन्ही व्यवस्थित और न्यायपूर्ण समाज की रचना के विषय में निर्णय लेने की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है |
(ii) संविधान 'शासन के प्रकार' तथा शासन के विभिन्न अंगों प्रयुक्त की जाने वाली शक्तियों का निर्धारण करता है और उनके बीच सामजस्य स्थापित करता है |
(iii) संविधान शासन की शक्तियों को सिमित करता है और शासन के निरंकुश शक्तियों की मनमानी को नियंत्रित करता है |
(iv) संविधान समाज का एक आइना होता है और यह समाज क्ले बुनियादी लक्ष्यों और आदर्शों को दर्शाता है |
(v) संविधान नागरिकों के अधिकारों को स्पष्ट करता है और उन्हें मान्यता प्रदान करता है |
संविधान का कार्य :
संविधान का कार्य निम्नलिखित है :
(i) संविधान का पहला काम यह है कि वह बुनियादी नियमों का एक ऐसा समूह
उपलब्ध् कराये जिससे समाज के सदस्यों में एक न्यूनतम समन्वय और विश्वास
बना रहे।
(ii) संविधान का दूसरा काम यह स्पष्ट करना है कि समाज में निर्णय लेने की शक्ति किसके पास होगी। संविधन यह भी तय करता है कि सरकार कैसे निर्मित होगी।
(iii) संविधान का तीसरा काम यह है कि वह सरकार द्वारा अपने नागरिकों पर लागू किये जाने वाले कानूनों पर कुछ सीमाएँ लगाए। ये सीमाएँ इस रूप में मौलिक होती हैं कि सरकार कभी उसका उल्लंघन नहीं कर सकती।
(iv) संविधान का चौथा काम यह है कि वह सरकार को ऐसी क्षमता प्रदान करे जिससे वह जनता की आकांक्षाओं को पूरा कर सके और एक न्यायपूर्ण समाज की स्थापना के लिए उचित परिस्थितियों का निर्माण कर सके।
संविधान के प्रभावी होने का कारण :
(i) संविधान को प्रचलन में लाने का तरीका : इसका मतलब है कि कोई संविधन कैसे अस्तित्व में आया। किसने संविधन बनाया और उनके पास इसे बनाने की कितनी शक्ति थी? अनेक देशों में संविधान इसीलिए निष्प्रभावी होते हैं क्योंकि वे सैनिक शासकों या ऐसे अलोकप्रिय नेताओं के द्वारा बनाये जाते हैं जिनके पास लोगों को अपने साथ लेकर चलने की क्षमता नहीं होती। विश्व के सर्वाधिक सफल संविधान भारत, दक्षिण अफ्रीका और अमेरिका के हैं।
(ii) संविधान का मौलिक प्रावधान : एक सफल संविधान की यह विशेषता है कि वह प्रत्येक व्यक्ति को संविधान के प्रावधनों का आदर करने का कोई कारण अवश्य देता हो। कोई भी समाज संविधान का तब तक आदर नहीं करेगा जब तक उसको संविधान से सुरक्षा प्रदान न की गई हो अथवा वह समाज के सभी वर्गों के लिए न्याय के आदर्श रूप की स्थापना नहीं करता हो |
(iii) संस्थाओं का संतुलित रुपरेखा : संविधान को जनता नहीं प्रायः एक छोटा समूह ही नष्ट कर देता है क्योंकि वह अपनी शक्तियाँ बढ़ाना चाहता है। ढंग से बनाये संविधान में शक्तियों को इस प्रकार बाँट दिया जाता है जिससे कोई एक समूह संविधान को नष्ट न कर सके। संविधन की रूपरेखा बनाने की एक कारगर विधि यह सुनिश्चित करना है कि किसी एक संस्था का सारी शक्तियों पर एकाधिकार न हो। ऐसा करने के लिए शक्तियों को कई संस्थाओं में बाँट दिया जाता है।
भारतीय संविधान की वैधता :
भारतीय संविधान को भारी वैधता मिली क्योंकि उसे ऐसे लोगों ने बनाया जिनमें समाज का अटूट विश्वास था और जिनके पास समाज के विभिन्न वर्गों से सीधा संवाद करने और उनका सम्मान प्राप्त करने की क्षमता थी। संविधान निर्माता लोगों को यह समझाने में सफल रहे कि संविधान उनकी व्यक्तिगत शक्तियों को बढ़ाने का कोई साधन नहीं है। यही कारण है कि संविधान को भारी वैधता मिली। संविधान का अंतिम प्रारूप उस समय की व्यापक राष्ट्रीय आम सहमति को व्यक्त करता है।
एक सफल संविधान की पहचान :
एक सफल संविधान की पहचान निम्नलिखित है :
(i) यह वैध लोगों के द्वारा बनाया गया हो |
(ii) समाज के सभी वर्गों को संविधान द्वारा सुरक्षा प्रदान की गई हो |
(iii) शक्तियों का बंटवारा उचित और संतुलित तरीके से किया गया हो |
(iv) संविधान सभी वर्गों के लिए न्याय का आदर्श रूप स्थापित करता हो |
(v) संविधान के सभी प्रावधानों पर आम सहमती हो |
(vi) जिसके प्रावधानों में समय के अनुसार परिवर्तन की संभावना हो |
(vi) सफल संविधान जनता के प्रमुख मूल्यों की रक्षा करने वाला हो और संतुलित हो |
संविधान का कार्य :
संविधान का कार्य :
संविधान की रचना : 1935 में स्थापित प्रांतीय विधान सभाओं के सदस्यों द्वारा अप्रत्यक्ष विधि से संविधान सभा के सदस्यों का चुनाव हुआ। संविधान सभा की रचना लगभग उसी योजना के अनुसार हुई जिसे ब्रिटिश मंत्रिमंडल की एक समिति - ‘कैबिनेट मिशन’ ने प्रस्तावित किया था।
पहली बैठक 9 दिसंबर 1946 को हुई और फिर 14 अगस्त, 1947 को विभाजित भारत के संविधान सभा के रूप में इसकी पुनः बैठक हुई। संविधान सभा के सदस्य 1935 में स्थापित प्रांतीय विधान सभाओं के सदस्यों द्वारा अप्रत्यक्ष विधि से चुने गए। संविधान सभा की रचना लगभग उसी योजना के अनुसार हुई जिसे ब्रिटिश मंत्रिमंडल की एक समिति - ‘कैबिनेट मिशन’ ने प्रस्तावित किया था।
- प्रत्येक प्रांत, देशी रियासत या रियासतों के समूह को उनकी जनसंख्या के अनुपात में सीटें दी गईं। मोटे तौर पर दस लाख की जनसंख्या पर एक सीट का अनुपात रखा गया।
- परिणामस्वरूप ब्रिटिश सरकार के प्रत्यक्ष शासन वाले प्रांतों को 292 सदस्य चुनने थे तथा देशी रियासतों को न्यूनतम 93 सीटें आवंटित की गईं।
- प्रत्येक प्रांत की सीटों को तीन प्रमुख समुदायों - मुसलमान, सिख और सामान्य में उनकी जनसंख्या के अनुपात में बाँट दिया गया।
- प्रांतीय विधान सभाओं में प्रत्येक समुदाय के सदस्यों ने अपने प्रतिनिध्यिों को चुना और इसके लिए उन्होंने समानुपातिक प्रतिनिधित्व और एकल संक्रमण मत प्रणाली का प्रयोग किया।
- देशी रियासतों के प्रतिनिधियों के चुनाव का तरीका उनके परामर्श से तय किया गया।
- अध्याय के पिछले भाग में उन तीनों कारकों पर प्रकाश डाला गया जो संविधान को प्रभावी और सम्मान के योग्य बनाते हैं।
संविधन सभा का स्वरूप
3 जून 1947 की योजना के अनुसार विभाजन के बाद वे सभी प्रतिनिधि संविधान सभा के सदस्य नहीं रहे जो पाकिस्तान के क्षेत्रों से चुनकर आये थे। संविधान सभा के वास्तविक सदस्यों की संख्या घट कर 299 रह गई। इनमें से 26 नवंबर, 1949 को कुल 284 सदस्य उपस्थित थे। इन्होंने ही अंतिम रूप से पारित संविधान पर अपने हस्ताक्षर किये।
हमारी संविधान सभा के सदस्य सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार के आधार पर नहीं चुने गये थे पर उसे ज्यादा से ज्यादा प्रतिनिधिपरक बनाने का गंभीर प्रयास किया गया। सभी धर्मों के सदस्यों को ऊपर बतायी गयी विधि से प्रतिनिधित्व दिया गया। इस के अतिरिक्त संविधान सभा में अनुसूचित जातियों के अट्ठाईस सदस्य थे। जहाँ तक राजनीतिक दलों का सवाल है विभाजन के बाद संविधान सभा में काँग्रेस का वर्चस्व था और उसे 82 प्रतिशत सीटें प्राप्त थीं। लेकिन काँग्रेस स्वयं विविधताओं से भरी हुई एक ऐसी पार्टी थी जिसमें लगभग सभी विचारधराओं की नुमाइंदगी थी।
विभिन्न देशों के संविधानों से भारतीय संविधान में लिये गए प्रावधान:
ब्रिटिश संविधान से लिया गए प्रावधान:
- सर्वाधिक मत के आधार पर चुनाव में जीत का फ़ैसला
- सरकार का संसदीय स्वरूप
- कानून के शासन का विचार
- विधयिका में अध्यक्ष का पद और उनकी भूमिका
- कानून निर्माण की विधि
आयरलैंड के संविधान से लिए गए प्रावधान:
- राज्य के नीति निर्देशक तत्व
फ़्रांस के संविधान से लिए गए प्रावधान:
- स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व का सिद्धांत
अमेरिका का संविधान से लिए गए प्रावधान:
- मौलिक अधिकारों की सूची
- न्यायिक पुनरावलोकन की शक्ति और न्यायपालिका की स्वतंत्रता
कनाडा के संविधान से लिए गए प्रावधान:
- एक अर्ध-संघात्मक सरकार का स्वरूप
- अवशिष्ट शक्तियों का सिद्धांत
Assignment:
Assignment:
(A) एक अंकीय प्रश्नः
Q1. संविधान से क्या तात्पर्य है ?
Q2. संविधान सभा में ‘उद्देश्य प्रस्ताव’ किसने प्रस्तुत किया ?
Q3. राजतंत्र, कुलीन तंत्र, लोकतंत्र अथवा किसी भी शासन प्रणाली के लिए संविधान क्यो जरूरी है ?
Q4. भारतीय संविधान बनाने में कितना समय लगा ?
Q5. भारतीय संविधान का उद्देश्य प्रस्ताव कब और किसने प्रस्तुत किया ?
Q6. भारतीय संविधान कब लागू हुआ ?
Q7. प्रारूप समिति के अध्यक्ष कौन थे ?
Q8. प्रारम्भ में भारतीय संविधान में कितने अनुच्छेद थे ?
Q9. संविधान सभा की पहली बैठक कब व कहाँ हुई ?
Q10. संविधान, ‘समाज’ व ‘सरकार’ के बीच कौन सा कार्य करता है ?
(B) दो अंकीय प्रश्नः
Q1. किसी भी राष्ट्र को संविधान की आवश्यकता क्यों पड़ती है ?
Q2. भारतीय संविधान शक्तियों का बँटवारा किस प्रकार करता है ?
Q3. भारतीय संविधन के दो कार्य लिखे?
Q4. संविधान की प्रस्तावना का क्या महत्व है?
Q5. भारतीय संविधान में किन विषयों से संबंधित संशोधनों में विशेष प्रक्रिया अपनाई जाती है ?
Q6. राष्ट्रीय आन्दोलन की विरासत से प्रभावित भारतीय संविधान के दो प्रावधानों को चिन्हित करे।
(C) चार अंकीय प्रश्नः
Q1. भारतीय संविधान ‘‘तालमेल व विश्वास बढ़ाता है’ इस कथन को अपने शब्दों में स्पष्ट करें ?
Q2. संविधान समाज की ‘आकांक्षाओं व लक्ष्यों को पूरा करने पर किस प्रकार मदद करता है ?
Q3. क्या हमारा संविधान आज भी अपने उद्देश्यों को पूरा करने में प्रभावशाली हैं वर्णन करें ?
Q4. संविधान के चार एकात्मक लक्षण बताइये ?
Q5. संविधान सभा के स्वरूप का वर्णन करें |
(D) छः अंकीय प्रश्नः
Q1. प्रस्तावना में प्रयुक्त न्याय, स्वतन्त्रता, समानता, बंधुता, एकता व अखण्डता का क्या अर्थ है ?
Q2. संविधान के तीन कार्यो का वर्णन करें ?
Q3. उन तीन संस्थागत व्यवस्थाओं का उल्लेख करो जो मुख्यतः शासन का अंग कहलाती है?
Q4. भारतीय संविधान की विशेषताओं का उल्लेख करें ?
Q5. कहा जाता है ‘भारतीय संविधन उधार का दस्तावेज है।’ कथन को तर्क सहित स्पष्ट करे।
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Political Science Chapter List
1. संविधान - क्यों और कैसे
2. भारतीय संविधान में अधिकार
3. चुनाव और प्रतिनिधित्व
4. कार्यपालिका
5. विधायिका
6. न्यायपालिका
7. संघवाद
8. स्थानीय शासन
9. सविधान-एक जीवंत दस्तावेज
10. संविधान का राजनितिक दर्शन
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