Triple Talaq Bill 2019 (तीन तलाक बिल मुस्लिम महिलाओ के लिए सशक्तिकरण या एक राजनीतिक कदम)
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Triple Talaq Bill 2019 (तीन तलाक बिल मुस्लिम महिलाओ के लिए सशक्तिकरण या एक राजनीतिक कदम)
Triple Talaq Bill 2019 (तीन तलाक बिल मुस्लिम महिलाओ के लिए सशक्तिकरण या एक राजनीतिक कदम)
Triple Talaq Bill 2019 (तीन तलाक बिल मुस्लिम महिलाओ के लिए सशक्तिकरण या एक राजनीतिक कदम)
Updated On:2022-11-10 15:53:43
तीन तलाक बिल मुस्लिम महिलाओ के लिए सशक्तिकरण या एक राजनीतिक कदम
मुस्लिम समाज में व्याप्त कुप्रथा तीन तलाक को ख़तम करने वाला मुस्लिम विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक 2019 राज्यसभा में पास हो गया |
पहले इस विधेयक के सफ़र की कुछ मुख्य बातो पर चर्चा करते है |
1. अगस्त 2017 में सुप्रीम कोर्ट में तीन तलाक को असवेधानिक और कुरान के मूल सिधान्तो के खिलाफ बताया |
2. दिसम्बर 2017 में लोकसभा ने मुस्लिम महिला विवाह अधिकार बिल पास किया लेकिन राज्यसभा में बिल अटक गया |
3. 19 सितम्बर 2018 में मोदी सरकार तीन तलाक को प्रतिबंधित करने के लिए कानून लायी |
4. 12 जनवरी 2019 को दूसरी बार और 21 फ़रवरी को तीसरी बार अध्यादेश जारी किया गया |
तीन तलाक कानून पास होने के बाद के प्रभाव
1. कानून को मुस्लिम महिला (महिला अधिकार संरक्षण कानून) बिल 2019 का नाम दिया गया है |
2. मौखिक, लिखित या किसी भी प्रकार से एक बार में पत्नी को तलाक देना जुर्म होगा |
3. पत्नी के मायके या ससुराल के करीबी रिश्तेदार ही इस बारे में केश दर्ज कर सकते है |
4. यह संगीन अपराध की श्रेणी में है इसलिए पुलिस बिना वारेंट के गिरफ्तार कर सकती है |
5. पति को 3 साल तक की कैद और जुर्माना दोनों हो सकते है, जमानत भी मजिस्ट्रेट कोर्ट से होगी|
6. लेकिन मजिस्ट्रेट बिना पीड़ित महिला का पक्ष्य सुने जमानत नहीं नदे सकते |
7. पीड़ित महिला के अनुरोध पर ही मजिस्ट्रेट समझोता करा सकते है |
सबसे पहले ट्रिपल तलाक के खिलाफ सहारनपुर के मोहला अली की बेटी अतिया साबरी ने प्रधान मंत्री मोदी से गुहार लगायी थी | उन्होंने अपने भाई रिजवान की मदद से तीन तलाक से लड़ने के लिए सुप्रीमकोर्ट से गुहार लगाई | राज्यसभा में बिल के पास होने पर उन्हें बेहद ही खुशी हुई | एसी बोहत सी मुस्लिम महिलाये इस कानून की मांग कर रही थी | अब वह आने वाली पीढ़ी को यह बता सकती हैं कि कितनी मेहनत व शिद्दत के बाद यह दिन सामने आया है। आज के बाद मुस्लिम महिलाओं के लिए नया सवेरा आएगा। उन्होंने मुस्लिम समाज की तीन तलाक पीडि़ताओं को संदेश दिया कि वे कभी डरकर न जिएं बल्कि उसका सामना करें।
लेकिन समाज का एक वर्ग जहा इसे सही कह रहा है वही एक वर्ग ऐसा भी है जो इसका विरोद कर रहा है |
मोलाना खालिद रसीद के अनुसार तीन तलाक बिल राजनीतिक है | इससे फायदा कम नुकशान ज्यादा है |
पूर्व केंद्रीय मंत्री गुलाब नबी आजाद के अनुसार सरकार की मंशा मुस्लिम महिलाओ को सुरक्षा देने के बजाये मुस्लिम परिवारों को बर्बाद करने की है | इसे अपराधिक क्यों बनाया गया ?
अब आने वाले समय में इस ऐतिहासिक फैसले के क्या परिणाम होंगे यह देखना होगा | समाज में यह क्या नया बदलाव लायेगा यह भी देखना होगा |
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