Chapter 2. दो ध्रुवीयता का अंत Political Science-I class 12 exercise Assignment
Chapter 2. दो ध्रुवीयता का अंत Political Science-I class 12 exercise Assignment ncert book solution in hindi-medium
NCERT Books Subjects for class 12th Hindi Medium
अध्याय-समीक्षा
अध्याय-समीक्षा
- शीतयुद्ध के दौरान विश्व दो गुटों में बंट गया, एक गुट का नेता अमेरिका और दूसरे गुट का नेता सोवियत संघ था।
- दिसंबर 1991 में सोवियत संघ के विघटन के साथ द्विध्रुवियता का अंत हुआ और अमेरिका विश्व की एकमात्र महाशक्ति के रूप में उभरा।
- बर्लिन की दीवार पूँजीवादी व साम्यवादी दुनिया के बीच विभाजन का प्रतीक थी। 1961 में बनी इस दीवार को 9 नवंबर, 1989 को तोड़कर पूर्वी व पश्चिमी जर्मनी का एकीकरण कर दिया गया।
- सोवियत प्रणाली-योजनाबद्ध अर्थव्यवस्था व राज्य द्वारा नियंत्रित, साम्यवादी दल के अलावा अन्य राजनीतिक दल के लिए जगह नहीं, संचार प्रणाली उन्नत पर सरकार का एकाधिकार, बेरोजगारी नहीं, नौकरशाही का सख्त शिकंजा, नागरिकों को अभिव्यक्ति की आजादी नहीं, सभी नागरिकों को न्यूनतम जीवन स्तर की प्राप्ति। 1970 के दशक के अंत में सोवियत व्यवस्था लड़खड़ा गई थी।
- मिखाईल गोर्वाचावे, जो 1980 के दशक के मध्य में USSR की साम्यवादी पार्टी के अध्यक्ष बनें, ने देश के अंदर आर्थिक, राजनीतिक सुधारों तथा लोकतंत्रीकरण की नीति चलाई।
- सोवियत संघ के भीतर सकंट गहराता गया, विघटन की गति तेज हुई व दिसम्बर 1991 में बोरिस येल्तसिन के नेतृत्व में इसके तीन बड़े गणराज्यों रूस, यूक्रेन व बेलारूस ने सोवियत संघ की समाप्ति की घोषणा की। स्वतंत्रा राज्यों का राष्ट्रकुल (Common wealth of Independent States - CIS) बना। अब विश्व परिदृश्य पर 15 नए गणराज्य सामने आए।
- सोवियत संघ का विघटन: राजनीतिक आर्थिक संस्थाए आंतरिक कमजोरियों के कारण जनता की आकांक्षाएं पूरी नहीं कर सकी। संसाधनों का अधिकांश हिस्सा परमाणु हथियारों व सैन्य सामान पर खर्च होने लगा। नागरिकों को जानकारी हो गई कि सोवियत राजव्यवस्था और अर्थव्यवस्था, पश्चिमी पूँजीवादी अर्थव्यस्था से बेहतर नहीं है | इसके साथ ही गतिरुद्ध प्रशासन, भ्रष्टाचार, सत्ता का केन्द्रीयकरण आदि प्रमुख कारण थे |
- सोवियत संघ के विघटन के परिणाम: सोवियत संघ के विघटन के कारण शीतयुद्ध के संघर्ष के दौर की समाप्ति हुई | इससे विश्व राजनीती में शक्ति संबंधों में बदलाव हुए और विश्व एक ध्रुवीय बना |
NCERT हल (अभ्यास)
Q1. सोवियत अर्थव्यवस्था की प्रकृति वेफ बारे में निम्नलिखित में से कौन-सा कथन गलत है?
(क) सोवियत अर्थव्यवस्था में समाजवाद प्रभावी विचारधरा थी।
(ख) उत्पादन वेफ साधनों पर राज्य का स्वामित्व/नियंत्राण होना।
(ग) जनता को आर्थिक आजादी थी।
(घ) अर्थव्यवस्था हर पहलू का नियोजन और नियंत्राण राज्य करता था।
उत्तर :
(ग)
Q2. निम्नलिखित को कालक्रमानुसार सजाएँ -
(क) अफ़गान संकट (ख) बर्लिन- दीवार का गिरना
(ग) सोवियत संघ का विघटन (घ) रुसी क्रांति
उत्तर :
(क) रुसी क्रांति
(ख) अफ़गान संकट
(ग) बर्लिन- दीवार का गिरना
(घ) सोवियत संघ का विघटन
Q3. निम्नलिखित में कौन- सा सोवियत संघ के विघटन का परिणाम नही है |
(क) संयुक्त राज्य अमेरिका और सोवियत संघ के बीच विचारधरात्मक लड़ाई का अंत
(ख) स्वतंत्र राज्यों के राष्ट्रकुल (सी. आई. एस ) का जन्म
(घ) मध्यपूर्व में संकट |
उत्तर :
(घ)
Q4. निम्नलिखित में मेल बैठाएं |
(1) मिख़ाइल गोर्बाचेव (क) सोवियत संघ का उतराधिकारी
(2) शॉक थेरेपी (ख) सैन्य समझौता
(3) रूस (ग) सुधारों की शुरुआत
(4) बोरिस येल्तसिन (घ) आर्थिक मॉडल
(5) वारसॉ (घ) रूस के राष्ट्रपति
उत्तर :
(1) मिखाइल गोर्वाचेव (क) सोवियत संघ का उतराधिकारी
(2) शोक थेरेपी (ख) सैन्य समझोता
(3) रुस (ग) सुधारो की शुरुआत
(4) बोरिस येल्तसिन (घ) आर्थिक मोडल
(5) वारसा (ड) सैन्य समझोता
Q5. रिक्त स्थानों की पूर्ति करें।
(क) सोवियत राजनीतिक प्रणाली ...................... की विचारधरा पर आधरित थी।
(ख) सोवियत संघ द्वारा बनाया गया सैन्य गठबंध्न ...................... था।
(ग) ...................... पार्टी का सोवियत राजनीतिक व्यवस्था पर दबदबा था।
(घ) ...................... ने 1985 में सोवियत संघ में सुधरों की शुरुआत की।
(ड.) ...................... का गिरना शीतययुद्ध के अंत का प्रतीक था।
उत्तर :
(क) समाजवाद
(ख) वारसा पैक्ट
(ग) साम्यवादी (कम्युनिस्ट)
(घ) मिखाइल गोर्बाचेव
(ड) बर्लिन दीवार
Q6. सोवियत अर्थव्यवस्था को किसी पूँजीवादी देश जैसे संयुक्त राज्य अमरीका की अर्थव्यवस्था से
अलग करने वाली किन्हीं तीन विशेषताओं का जिक्र करें।
उत्तर :
(1) सोवियत अर्थवयवस्था समाजवादी अर्थवयवस्था पर आधारित थी |
(2) सोवियत अर्थवयवस्था योजनाबद्ध और राज्य के नियंत्रण में थी |
(3) सोवियत अर्थवयवस्था में भूमि और अन्य उत्पादक सम्पदाओ पर आधारित थी |
Q7. किन बातों के कारण गोर्बाचेव सोवियत संघ में सुधर वेफ लिए बाध्य हुए?
उत्तर :
गोर्बाचेव निम्नलिखित कारणों से सोवियत संघ में सुधार के लिए बाध्य हुए -
(1) सोवियत संघ में धीरे- धीरे नौकरशाही का प्रभाव बढता गया तथा पूरी व्यवस्था नौकरशाही के शिकंजे में फसती चली गई | इसके कारण सोवियत प्रणाली सत्तावादी होती चली गई | और लोगो का जीवन कठिन होता चला गया |
(2) सोवियत व्यवस्था में लोकतंत्र एवं विचार की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता नही पाई जाती थी | अतः इसमें सुधार की आवश्यकता थीं |
(3) सोवियत संघ में एक दल, साम्यवादी दल का प्रभुत्व था यह दल किसी के प्रति उतरदायी नही था सोवियत संघ में 15 गणराज्य शामिल थें, परन्तु प्रत्येक विश्व में रुस का प्रभुत्व था तथा रुस ही सभी प्रकार के निर्णय लेता था | इससे बाकि के गणराज्य स्वयं को अपमानित अनुभव करते थे |
(4) सोवियत संघ ने खतरनाक हथियार बनाकर अमेरिका की बराबरी की,परन्तु धीरे- धीरे सोवियत संघ को इसकी बड़ी कीमत चुकानी पड़ी | सोवियत संघ ने हथियार बनाने पर अत्यधिक खर्चा किया जिसके कारण सोवियत संघ बुनियादी ढाचे एवं तकनीकी क्षेत्र में पिछड़ता गया |
(5) सोवियत संघ रजनीतिक एवं आर्थिक तौर से पिछड़ गया जिसके कारण वह अपने नागरिको की सहायता नही कर पा रह था | जिसके कारण सोवियत संघ का विघटन हो गया |
(6) 1979 में अफ़गानिस्तान में सैनिक हस्तक्षेप के कारण सोवियत संघ की अर्थवयवस्था और भी कमजोर हो गई | सोवियत संघ में निर्यात कम होता गया और आयात बढता गया |
Q8. भारत जैसे देशों के लिए सोवियत संघ के विघटन के क्या परिणाम हुए?
उत्तर :
सोवियत संघ के विघटन के बाद विश्व राजनीती में बहुत महत्वपूर्ण परिवर्तन हुआ | सोवियत संघ के विघटन के बाद विश्व में अमेरिका ही महाशक्ति रह गया | इसके कारण अमेरिका ने भारत जैसे विकाशशील देशों को सभी प्रकार से प्रभावित करना शुरु कर दिया | अमेरिका विश्व में महाशक्ति थी जिसके कारण भारत जैसे विकासशील देशों की भी यह मजबूरी थीं की वह अपने विकास के लिए अमेरिका के साथ चलें | सोवियत संघ के विघटन से अमेरिका का विकासशील देशों जैसे- अफ़गानिस्तान, ईरान एवं इराक में अनावश्यक हस्तक्षेप बढ़ गया | विश्व के महत्वपूर्ण संगठनों पर अमेरिका प्रभुत्व कायम हो गया जिससे भारत जैसे देशों को इनसे मदद लेने के लिए परोक्ष रूप से अमेरिका नीतियों का ही समर्थन करना पड़ा |
Q9. शॉक थेरेपी क्या थी? क्या साम्यवाद से पूँजीवाद की तरपफ संक्रमण का यह सबसे बेहतर
तरीका था?
उत्तर :
सोवियत संघ के पतन के बाद रुस, पूर्वी यूरोप तथा मध्य एशिया के देशों में साम्यवादी से पूंजीवादी की ओर संक्रमण के लिए एक विशेष मोडल अपनाया गया, जिसे शोक थेरेपी (आघात पहुँचाकर उपचार करना ) कहा जाता है | विश्व बैंक एवं अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा- कोष द्वारा इस प्रकार के मोडल को अपनाया गया |
साम्यवाद से पूंजीवाद की ओर संक्रमण के लिए यह बेहतर तरीका नही था क्योंकि पूंजीवाद सुधार तुरंत किए जाने की अपेक्षा धीरे- धीरे किए जाने चाहिए थे | एकदम से ही सभी प्रकार के परिवर्तनों को लोगों पर लादकर उन्हें आघात देना उचित नही था |
Q10. निम्नलिखित कथन के पक्ष या विपक्ष में एक लेख लिखें -‘‘दूसरी दुनिया वेफ विघटन वेफ बाद
भारत को अपनी विदेश-नीति बदलनी चाहिए और रूस जैसे परंपरागत मित्रा की जगह संयुक्त राज्य
अमरीका से दोस्ती करने पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए।’’
उत्तर :
दूसरी दुनिया के विघटन के बाद भी भारत को अपनी विदेश- नीति बदलने की आवश्यकता नही है भारत को अपने मित्र रुस से अच्छे सम्बन्ध बनाये रखने चाहिए, क्योंकि रुस सदैव भारत की जरूरत पड़ने पर हमेशा मदद करता है | परन्तु अमेरिका के विषय में यह बात नही कहीं जा सकती की वह आगे चलकर भी भारत का साथ देगा | अतः आवश्यकता इस बात की है की भारत अपने राष्ट्रीय हितों के अनुसार अमेरिका से सम्बन्ध बनाये तथा रुस के साथ पहले की तरह ही अच्छे सम्बन्ध बनाये रखे |
Assignment
Assignment
एक अंक वाले प्रश्न:
Q1. द्विध्रुवियता का अर्थ लिखिए। इसका अंत कब हुआ?
उतर :-शीतयुद्ध के दौरान विश्व का दो गुटों में बंटना जिससे शक्ति संरचना द्विध्रुवीय हो गई जिन्हें अमेरिका व सोवियत संघ का नेतृत्व प्राप्त हुआ।
Q2. बर्सिन की दीवार को कब गिराया गया?
उतर :-9 नवंबर 1989 को।
Q3. समाजवादी सोवियत गणराज्य कब अस्तित्व में आया?
उतर :-1917 की रूसी क्रांति के बाद।
Q4. ‘दूसरी दुनिया’ किसे कहा जाता है?
उतर:-पूर्वी यूरोप के अनेक देशों ने अपनी सामाजिक व राजनीतिक व्यवस्था को सोवियत संघ की समाजवादी प्रणाली की तरह ढाला। इन्हें ही समाजवादी खेमे के देश या दूसरी दुनिया कहते हैं |
Q5. सोवियत संघ के अंदर आर्थिक सुधरों तथा लांकतंत्रीकरण की नीति चलाने वाला नेता कौन थे?
उतर :- मिखाइल गोर्बाचेव
Q6. स्वतंत्रा राज्यों के राष्ट्रकुल अर्थात् CIS का पूरा नाम लिखिए?
उतर :-Common Wealth of Independent states.
Q7. सोवियत अर्थव्यवस्था की प्रकृति एक वाक्य में लिखिए?
उतर:-योजनाबद्ध अर्थव्यवस्था व उत्पादन वितरण के साघनों पर राज्य का नियंत्राण।
Q8. सोवियत संघ द्वारा नाटो (NATO) के विरोध् में कब व कौन-सा सैन्य गठबंधन बनाया गया?
उतर:-वारसा पैक्ट 1955 में |
Q9. सर्वप्रथम सोवियत संघ से अलग होने वाले गणराज्यों के नाम लिखिए।
उतर:-रूस व यूक्रेन।
Q10. सोवियत संघ की राजनीतिक व्यवस्था में किस एक दल का प्रभुत्व रहा था?
उतर:- साम्यवादी दल।
Q11. पूर्वी यूरोप में चैकोस्लोवाकिया किन दो भागों में टूटा था?
उतर:- चेक तथा स्लोवाकिया
Q12. ‘शॉक थेरेपी’ का मॉडल किसके द्वारा निर्देशित था?
उतर:-विश्व बैंक व अंतराष्ट्रीय मुद्राकोष |
Q13. 1991 के बाद युगोस्लाविया में से तीन प्रान्तों ने स्वयं को स्वतंत्र घोषित किया। किन्हीं दो का नाम लिखो।
उतर:-स्लोवेनिया, क्रोएशिया |
दो अंक वाले प्रश्न:
Q1. सोवियत प्रणाली की कोई दो मुख्य विशेषताएं लिखो?
उतर :-योजनाबद्ध अर्थव्यवस्था व राज्य द्वारा नियंत्रित सभी नागरिकों को न्यूनतम जीवन स्तर की प्राप्ति।
Q2. 1970 के दशक के अंतिम वर्षों में सोवियत व्यवस्था के लड़खड़ाने के दो कारण लिखिए?
उतर:-नौकरशाही का सख्त शिकंजा नागरिकों को विचार अभिव्यक्ति की आजादी नहीं आदि जिससे
विरोध् बढ़ता गया।
Q3. काल क्रमानुसार लिखेंः-
अपफगान संकट, बर्लिन की दीवार का गिरना, सोवियत संघ का विघटन, रूसी क्रांति।
उतर:-रूसी क्रांति, अफगान, संकट, बर्लिन दीवार का गिरना, सोवियत संघ का विघटन।
Q4. ‘शॉक थेरेपी’ को आप क्या समझते है?
उतर:-इसका शाब्दिक अर्थ आघात पहुंचाकर उपचार करना था। रूस, मध्य एशिया के गणराज्य व पूर्वी यूरोप के देशों की साम्यवाद से पूँजीवाद की ओर बदलने की प्रक्रिया थी। यह खास मॉडल विश्व बैंक व अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष द्वारा दिया गया। यह मॉडल सफल नहीं हुआ व जनता को उपयोग के आनंदसोक तक नहीं ले गया।
Q5. रिक्त स्थान भरिए:-
(क) 1985 में सोवियत संघ में सुधारों की शुरूआत .................... ने की।
(ख) शीतयुद्ध के अंत का प्रतीक ....................... का गिरना माना गया।
उतर:-मिखाइल गोर्बोचेव - बर्लिन दीवार का गिरना।
Q6. सुमेलित कीजिए-
शॉक थेरेपी | सोवियत संघ का उत्तराधिकारी |
रूस | सैन्य समझौता |
बोरिस येस्तसिन | आर्थिक मॉडल |
वारसा |
रूस के राष्ट्रपति |
उतर :-शॉक थेरेपी - आर्थिक मॉडल
रुस - आर्थिक संघ का उत्तराधिकारी
बोरिस येस्तासिन - रूस के राष्ट्रपति
वारसा - सैन्य समझौता।
Q7. ‘शॉक थेरेपी’ मॉडल को इतिहास की सबसे बड़ी गराज सेल क्यों कहा जाता है?
उतर:-औधोगिक ढांचा चरमरा गया, 90 प्रतिशत उद्योग निजी हाथों या कंपनियों को औन-पौने दामों
में बेच दिए गए।
चार अंकों वाले प्रश्न:-
Q1. स्वतंत्र राज्यों के राष्ट्रकुल (CIS) में कितने राज्य शामिल थे। प्रस्तुत मानचित्र के आधार पर
प्रारंभ में शामिल कोई दो राज्य व 1993 में इसमे शामिल राज्य का नाम लिखे।
उतर:-सोबियत अर्थव्यवस्था थी जिसमें कि योजनाबद्द अर्थव्यवस्था राज्य द्वारा नियत्रित थी
उत्पादन व वितरण के साधनों पर भी राज्य का नियन्त्रण था जबकि अमेरिका में अर्थव्यवस्था
पूंजीवादी थी जहा स्वतंत्र आर्थिक प्रतियोगिता व न्यूनतम हस्तक्षेपकारी राज्य का रूप दीखता था|
Q2. साम्यवादी सोवियत अर्थव्यवस्था तथा पूंजीवादी अमेरिकी अर्थव्यवस्था में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उतर:- स्मरणीय बिंदु देखें | व्यवस्था में एकदम ढील देते ही नागरिकों की अपेक्षाओं का उम्द पड़ा
जिस काबू करना कठिन हो गया | कुछ के अनुसार गोर्बाचोव की कार्यपद्ती तेज नही थी, वे अपनी
ही नीतियों का ठीक तरह से बचाव नही कर पाए |
Q3. गोर्बाचोव तो रोग का ठीक-ठीक निदान कर रहे थे और सुधारों को लागू करने का उनका प्रयास
ठीक था फिर भी सोवियत संघ क्यों विघटित हुआ?
उतर:- स्मरणीय बिन्दु देखें
Q4. 1990 में अपनायी गई शॉक थेरपी जनता को उपभोग के उस आनंदलोक तक नहीं ले गई
जिसका उसने वादा किया था इस कथन के संदर्भ में शॉक थेरेपी के परिणाम लिखें |
उतर:-भारत ने उतर साम्यवादी देशों से अपने सम्बन्धो को नई दिशा दी |रूस के साथ संबंधो में कोई
गिरावट नही आई हलाकि शक्ति सरंचना बदलने से नई अविश्व व्यवस्था में भारत ने स्वयं को ढाला
है फिर भी वे मित्रवत व सहयोग पूर्ण बने हुई है |दोनों ही देश जानते है कि विभिन् क्षेत्रों में सहयोग
बढने से दोनों की ताकत बढ़ेगी | हलाकि अपने विकास के लिए भारत को परोक्ष रूप स अमेरिकी
नीतियों का भी समर्थन कारण पड़ रहा है क्योकि एकमात्र महाशक्ति के रूप में वह विश्व राजनीति
को प्रभावित कर रहा है |
Q5. सोवियत संघ के विघटन का भारत के साथ संबंधों पर क्या प्रभाव पड़ा? स्पष्ट करे।
उतर:- नही परिवर्तन तुरंत किए जाने की अपेक्षा धीरे-धीरे होने चाहिए |वहां की परिस्थियां अचानक
आघात सहन करने की नही थी |
Q6. क्या ‘शॉक थेरेपी’ साम्यवाद से पूंजीवाद की तरपफ सक्रंमण का सबसे बेहतर तरीका थी।
उतर:- एक विचारधारा के रूप में समाजवाद अभी कायम व सोवियत संघ का टूटना इस व्यवस्था का
अंत नही |बदलने समय व परिस्थितियों के अनुसार अपने को ढालकर अभी भी विश्व के कई देशो में
यह यवस्था कायम है |
Q7. सोवियत संघ का अंत समाजवाद का अंत नहीं है। स्पष्ट कीजिए?
उतर:- सोवियत संघ के प्रति राष्ट्रवादी असंतोष यूरोपीय व अपेक्षाक्रीत समुद्द गणराज्यो रूस यूर्केनं
में अधिक था | यहाँ के लोग मध्य एशियाई गणराज्यो से स्वयं को अलग महसूस कर रहे थे यह भी
भावना थी कि पिछले इलाकों को सोवियत संघ में रखने की उन्हें भारी कीमत चुकानी पड़ रही है |
Q8. ‘राष्ट्रीयता व संप्रभुता का उभार’ सोवियत संघ के विघटन का अंतिम व तात्कालिक कारण
सिद्ध हुआ। क्यों व कैसे?
छः अंकों वाले प्रश्न:
Q1. द्विध्रुवियता के अंत अर्थात् सोवियत संघ के विघटन के परिणामों का वर्णन कीजिए।
उतर:- स्मरणीय बिन्दु देखे |
Q2. पूर्व सोवियत संघ में हएु ‘संघर्ष व तनाव’ पर निबन्धत्मक रूप में विचार लिखिए।
उतर:- स्मरणीय बिन्दु देखे | तथा विस्तार से लिखे |
Q3. पूर्व साम्यवादी देशों व भारत के संबंधों का वर्णन कीजिए।
उतर:- स्मरणीय बिन्दु देखे | तथा विस्तार से लिखे |
Q4. क्या आप मानते है कि दूसरी दुनिया के विघटन के बाद भारत को अपनी विदेश नीति बदलनी
चाहिए तथा रूस जैसे परंपरागत मित्र की जगह अमेरिका से दोस्ती करने पर ज्यादा ध्यान देन
चाहिए?
उतर:- भारत को अपने राष्ट्रीय व विदेशिय हितो को ध्यान में रखते हुए अमेरिका से भी सम्बन्ध
मधुर करने चाहिए परन्तु उसका परंपरागत मित्र रूस हमेशा उसकी अपेक्षाओ पर खरा उतरा है यह
भी नही भूलना चाहिए | अत: पूर्णत: विदेश नीति न बदल कर विकास के लिए अमेरिका के साथ
चलना चाहिए |
Q5. आपकी दृष्टि में सोवियत प्रणाली क्या एक आदर्श व्यवस्था थी या आप उसे असफल प्रणाली
की संज्ञा देंगे। एक महाशक्ति के रूप में उभरने के बाद भी सोवियत व्यवस्था की कमियाँ क्या थीं?
उतर :-स्मरणीय बिन्दु देखे व विस्तार से लिखे |
Q6. ‘सोवियत संघ अब नहीं रहा, वह अब दफन हो चूका था’ इस कथन के संदर्भ में सोवियत संघ
के विघटन के कारण लिखिए?
उतर:- स्मरणीय बिन्दु देखे |
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Political Science-I Chapter List
Chapter 1. शीतयुद्ध का दौर
Chapter 2. दो ध्रुवीयता का अंत
Chapter 3. समकालीन विश्व में अमरीकी वर्चस्व
Chapter 4. सत्ता के वैकल्पिक केंद्र
Chapter 5. समकालीन दक्षिण एशिया
Chapter 6. अंतर्राष्ट्रीय संगठन
Chapter 7. समकालीन विश्व में सुरक्षा
Chapter 8. पर्यावरण और प्राकृतिक संसाधन
Chapter 9. वैश्वीकरण
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