Chapter 10. मूल निवासियों का विस्थापन History class 11 exercise topic 4
Chapter 10. मूल निवासियों का विस्थापन History class 11 exercise topic 4 ncert book solution in hindi-medium
NCERT Books Subjects for class 11th Hindi Medium
topic 1
उपनिवेशिक विस्तार : सत्रहवीं सदी के बाद स्पेन और पुर्तगाल के अमरीकी साम्राज्य का विस्तार नहीं हुआ | फ्रांस, होलैंड और इंग्लैंड जैसे देशों ने अपनी व्यापारिक गतिविधियों का विस्तार करना और अमरीका, अफ्रीका तथा एशिया में अपने उपनिवेश बसाना शुरू कर दिया |
स्पेनी और पुर्तगालियों का प्रवास : स्पेनी और पुर्तगाली लोग 18वीं सदी में अमरीका के और भी हिस्सों में, तथा मध्य, उत्तरी अमरीका, दक्षिणी अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया तथा न्यूजीलैंड के इलाकों में यूरोप से आए आप्रवासी बसने लगे। इस प्रक्रिया ने वहाँ के बहुत से मूल निवासियों को दूसरे इलाकों में जाने पर मजबूर किया।
कॉलोनी : 17 वीं सदी में यूरोपीय लोग दुसरे महादेशों में अपना प्रवास स्थापित किया | यूरोपीय लोगों की ऐसी बस्तियों को ‘कॉलोनी’ (उपनिवेश) कहा जाता था।
उपनिवेशों को देश का दर्जा : जब यूरोप से आए इन उपनिवेशों के बाशिंदे यूरोपीय ‘मातृदेश’ से स्वतंत्र हो गए, तो उन्हें ‘राज्य’ या देश का दर्जा हासिल हो गया।
मूल निवासियों का अपने इतिहास की जानकारी : बीसवीं सदी के मध्य तक अमरीका और ऑस्ट्रेलिया की इतिहास की पाठ्यपुस्तकों में यह बताया जाता था कि किस तरह यूरोपवासियों ने उत्तरी और दक्षिणी अमरीका तथा ऑस्ट्रेलिया की ‘खोज’ की। उनमें यहाँ के मूल बाशिंदों का शायद ही कभी जि़क्र होता था, सिवाय यह बताने के कि यूरोपीय लोगों के प्रति उनका रवैया शत्रुतापूर्ण था। पर 1840 के दशक से ही अमरीका में मानवविज्ञानियों ने उन पर अध्ययन आरंभ कर दिया था। बहुत बाद में, 1960 के दशक से, इन मूल निवासियों को अपने इतिहास को लिखने या बयान करने (मौखिक इतिहास) के लिए प्रेरित किया गया।
इतिहास और कलाकृतियों के लिए संग्रहालय : इन देशों में जानेवाले लोग वहाँ के संग्रहालयों में ‘देसी कला’ की दीर्घाएँ तथा आदिवासी जीवन-शैली को दिखलानेवाले विशेष संग्रहालय भी देख सकते हैं। संयुक्त राज्य अमरीका में नया अमरीकी इंडियन राष्ट्रीय संग्रहालय खुद अमरीकी इंडियनों की देख-रेख में बना है।
18वीं सदी में उपनिवेश बसाने का कारण : अमेरिका, अफ्रीका और एशिया में यूरोपीय लोग यहाँ कुछ तो खोज और कुछ व्यापार स्थापित के उद्देश्य से आए थे | परन्तु इन देशों को उपनिवेश बसाने के पीछे मुनाफे की संभावना ही थी | इन देशों की प्रकृति में महत्वपूर्ण विविधताएँ थी | धातु, लकड़ी मसाले, कपडे और अनाज जैसी संसाधनों से पूर्ण थी |
उपनिवेश स्थापित करने के लिए उठाये गए कदम :
(i) व्यापारिक कंपनियों ने अपने को राजनीतिक सत्ता का रूप दिया |
(ii) स्थानीय शासकों को हराया और अपने इलाके का विस्तार किया।
(iii) उन्होंने पुरानी सुविकसित प्रशासकीय व्यवस्था को जारी रखा और भूस्वामियों से कर वसूलते रहे।
(iv) बाद में उन्होंने व्यापार को सुगम बनाने के लिए रेलवे का निर्माण किया, खदानें खुदवाईं और बड़े-बड़े बगान स्थापित किए |
उतरी अमेरिका भौगोलिक स्थिति : उत्तरी अमरीका का महाद्वीप उत्तरध्रुवीय वृत्त से लेकर कर्क रेखा तक और प्रशांत महासागर से अटलांटिक महासागर तक फैला है। पथरीले पहाड़ों की श्रृंखला के पश्चिम में अरिज़ोना और नेवाडा की मरुभूमि है। थोड़ा और पश्चिम में सिएरा नेवाडा पर्वत हैं। पूरब में ग्रेट (विस्तृत) मैदानी इलाके, ग्रेट (विस्तृत) झीलें, मिसीसिपी और ओहियो और अप्पालाचियाँ पर्वतों की घाटियाँ हैं। दक्षिण दिशा में मेक्सिको है। कनाडा का 40 फीसदी इलाका जंगलों से ढँका है।
उतरी अमरीका के खनिज संसाधन : उतरी अमरीका के कई क्षेत्रों में तेल, गैस और खनिज संसाधन पाए जाते हैं | जिसके कारण संयुक्त राज्य अमरीका और कनाडा में ढेरों बड़े उद्योग हैं |
कृषि : कनाडा में गेहूँ, मकई और फल बड़े पैमाने पर पैदा किए जाते हैं और मत्स्य-उद्योग वहाँ का एक महत्त्वपूर्ण उद्योग है।
मूल निवासी : किसी स्थान के मूल आदिवासी या जानजातीय लोगों को मूल निवासी कहा जाता है | जो अपने मौजूदा निवास-स्थान में पैदा हुआ था और उसके पूर्वज भी उसी स्थान के बाशिंदे थे |
मूल निवासियों का रहन-सहन और खान-पान :
ये लोग नदी घाटी के साथ-साथ बने गाँवों में समूह बना कर रहते थे। वे मछली और मांस खाते थे, और सब्जि़्ायाँ तथा मकई उगाते थे। वे अक़्सर मांस की तलाश में लंबी यात्राओं पर जाया करते थे। मुख्य रूप से उन्हें ‘बाइसन’ यानी उन जंगली भैंसों की तलाश रहती थी, जो घास के मैदानों में घूमते थे। वे घोड़े स्पेनी आबादकारों से ख़रीदते थे। लेकिन वे उतने ही जानवर मारते, जितने की उन्हें भोजन के लिए ज़रूरत होती थी।
मूल निवासियों के परंपरा की विशेषताएँ :
(i) उनके पास जमीन पर नियंत्रण का कोई मुद्दा नहीं था |
(ii) वे जमीन पर अपनी मिलकियत की कोई जरूरत महसूस नहीं करते थे और उससे मिलने वाले भोजन से संतुष्ट थे |
(iii) औपचारिक संबंध और दोस्तियाँ कायम करना तथा उपहारों का आदान-प्रदान करना।
(iv) चीजें उन्हें ख़रीदने की बजाय उपहार के तौर पर हासिल होती थीं।
होपी समुदाय : कैलिफोर्निया के निकट रहने वाले आदिवासी हैं।
अमरीकी और यूरोप वासियों के बीच वस्तुओं का आदान-प्रदान :
(i) हस्तशिल्पों का आदान-प्रदान जो किसी खास कबीलें में ही बनते थे |
(ii) ऐसे खाद्य पदार्थों का आदान-प्रदान जो अन्य इलाकों में उपलब्ध नहीं थे।
(iii) यूरोपीय लोग स्थानीय लोगों को कंबल, लोहे के बर्तन, शिकार के लिए बंदूकें और शराब देते थे |
यूरोपीय लोगों की अन्य निवासियों के प्रति धारणाएँ :
(i) अठारहवीं सदी में पश्चिमी यूरोप के लोग ‘सभ्य’ मनुष्य की पहचान साक्षरता, संगठित धर्म
और शहरीपन के आधार पर ही करते थे। उन्हें अमरीका के मूल निवासी ‘असभ्य’ प्रतीत हुए।
अमरीका के मूल निवासियों के लिए फ्रांसिसी दार्शनिक ज्यां जैक रूसों के विचार :
उनका कहना था कि "ऐसे लोग तारीफ के काबिल थे, क्योंकि वे ‘सभ्यता’ की विकृतियों से अछूते थे।"
अमरीकी मूल निवासियों के लिए विर्ड्सवर्थ के विचार :
वर्ड्सवर्थ ने उनका वर्णन करते हुए कहा कि वे ‘‘जंगलों में’’ रहते हैं, ‘‘जहाँ कल्पनाशक्ति के पास उन्हें भावसंपन्न करने, उन्हें ऊँचा उठाने या परिष्कृत करने के अवसर बहुत कम हैं’’, जिसका मतलब यह कि प्रकृति के निकट रहनेवालों की कल्पनाशक्ति और भावना अत्यंत सीमित होती है !
19वीं सदी में अमरीका के भूदृश्य में बदलाव :
(i)
topic 2
1. मानव- 56 लाख वर्ष पहले पृथ्वी पर प्रादुर्भाव हुआ।
2. जीवाश्म- पुराने पौध्, जानवर, मानव के उन अवशेषों या छापों के लिए प्रयुक्त किया जाता
ह ै जो पत्थर के रूप मे बदलकर किसी चट्टान मे समा जाते हैं।
3. प्रजाति- जीवों का एक ऐसा समूह होता है जिसके नर-मादा मिलकर बच्चे पैदा कर
सकते हैं और उनके बच्च भी आगे प्रजनन करने मे समर्थ होते हैं।
4. ऑन दि ओरिजिन ऑपफ स्पीशीज- चार्ल्स ड्रार्विन द्वारा लिखित पुस्तक।
5. प्राइमेट- स्तनपायी प्राणियो के एक अध्कि बड़ समूह का उपसमूह ह।ै इसमे ं वानर, लंगूर और
मानव शामिल हैं।
6. आस्ट्रेलोपिथिकस- यह शब्द लैटिन भाषा के शब्द आस्ट्रल अर्थात् ‘दक्षिणी’ और यूनानी भाषा
के शब्द पिथिकस अर्थात् वानर से मिलकर बना है।
7. ‘जीनस’- इसके लिए हिन्दी मे ‘वश्ं’ शब्द का प्रयोग किया जाता ह।
8. होमिनॉइड- यह बन्दरों से कई तरह से भिन्न होते हैं, इनका शरीर बन्दरों से बड़ा होता है और
इनकी पूछँ नहीं होती।
9. होमा-े यह लैटिन भाषा का शब्द ह ै जिसका अर्थ ह आदमी, इसमे स्त्राी-पुरुष दोनो
शामिल हैं।
10. अपमार्जन- इसका अर्थ है त्यागी हुई वस्तुओं की सपफाई करना।
topic 3
1. मानव- 56 लाख वर्ष पहले पृथ्वी पर प्रादुर्भाव हुआ।
2. जीवाश्म- पुराने पौध्, जानवर, मानव के उन अवशेषों या छापों के लिए प्रयुक्त किया जाता
ह ै जो पत्थर के रूप मे बदलकर किसी चट्टान मे समा जाते हैं।
3. प्रजाति- जीवों का एक ऐसा समूह होता है जिसके नर-मादा मिलकर बच्चे पैदा कर
सकते हैं और उनके बच्च भी आगे प्रजनन करने मे समर्थ होते हैं।
4. ऑन दि ओरिजिन ऑपफ स्पीशीज- चार्ल्स ड्रार्विन द्वारा लिखित पुस्तक।
5. प्राइमेट- स्तनपायी प्राणियो के एक अध्कि बड़ समूह का उपसमूह ह।ै इसमे ं वानर, लंगूर और
मानव शामिल हैं।
6. आस्ट्रेलोपिथिकस- यह शब्द लैटिन भाषा के शब्द आस्ट्रल अर्थात् ‘दक्षिणी’ और यूनानी भाषा
के शब्द पिथिकस अर्थात् वानर से मिलकर बना है।
7. ‘जीनस’- इसके लिए हिन्दी मे ‘वश्ं’ शब्द का प्रयोग किया जाता ह।
8. होमिनॉइड- यह बन्दरों से कई तरह से भिन्न होते हैं, इनका शरीर बन्दरों से बड़ा होता है और
इनकी पूछँ नहीं होती।
9. होमा-े यह लैटिन भाषा का शब्द ह ै जिसका अर्थ ह आदमी, इसमे स्त्राी-पुरुष दोनो
शामिल हैं।
10. अपमार्जन- इसका अर्थ है त्यागी हुई वस्तुओं की सपफाई करना।
topic 4
1. मानव- 56 लाख वर्ष पहले पृथ्वी पर प्रादुर्भाव हुआ।
2. जीवाश्म- पुराने पौध्, जानवर, मानव के उन अवशेषों या छापों के लिए प्रयुक्त किया जाता
ह ै जो पत्थर के रूप मे बदलकर किसी चट्टान मे समा जाते हैं।
3. प्रजाति- जीवों का एक ऐसा समूह होता है जिसके नर-मादा मिलकर बच्चे पैदा कर
सकते हैं और उनके बच्च भी आगे प्रजनन करने मे समर्थ होते हैं।
4. ऑन दि ओरिजिन ऑपफ स्पीशीज- चार्ल्स ड्रार्विन द्वारा लिखित पुस्तक।
5. प्राइमेट- स्तनपायी प्राणियो के एक अध्कि बड़ समूह का उपसमूह ह।ै इसमे ं वानर, लंगूर और
मानव शामिल हैं।
6. आस्ट्रेलोपिथिकस- यह शब्द लैटिन भाषा के शब्द आस्ट्रल अर्थात् ‘दक्षिणी’ और यूनानी भाषा
के शब्द पिथिकस अर्थात् वानर से मिलकर बना है।
7. ‘जीनस’- इसके लिए हिन्दी मे ‘वश्ं’ शब्द का प्रयोग किया जाता ह।
8. होमिनॉइड- यह बन्दरों से कई तरह से भिन्न होते हैं, इनका शरीर बन्दरों से बड़ा होता है और
इनकी पूछँ नहीं होती।
9. होमा-े यह लैटिन भाषा का शब्द ह ै जिसका अर्थ ह आदमी, इसमे स्त्राी-पुरुष दोनो
शामिल हैं।
10. अपमार्जन- इसका अर्थ है त्यागी हुई वस्तुओं की सपफाई करना।
Select Class for NCERT Books Solutions
NCERT Solutions
NCERT Solutions for class 6th
NCERT Solutions for class 7th
NCERT Solutions for class 8th
NCERT Solutions for class 9th
NCERT Solutions for class 10th
NCERT Solutions for class 11th
NCERT Solutions for class 12th
sponder's Ads
History Chapter List
Chapter 1. समय की शुरुआत से
Chapter 2. लेखन कला और शहरी जीवन
Chapter 3. तीन महाद्वीपों में फैला साम्राज्य
Chapter 4. इस्लाम का उदय और विस्तार लगभग 570-1200 ई
Chapter 5. यावावर साम्राज्य
Chapter 6. तीन वर्ग
Chapter 7. बदलती हुई सांस्कृतिक परम्पराएँ
Chapter 8. संस्कृतियों का टकराव
Chapter 9. औद्योगिक क्रांति
Chapter 10. मूल निवासियों का विस्थापन
Chapter 11. आधुनिकरण के रास्ते
sponser's ads