Chapter 3. तीन महाद्वीपों में फैला साम्राज्य History class 11 exercise अतिरिक्त प्रश्नोत्तर
Chapter 3. तीन महाद्वीपों में फैला साम्राज्य History class 11 exercise अतिरिक्त प्रश्नोत्तर ncert book solution in hindi-medium
NCERT Books Subjects for class 11th Hindi Medium
अध्याय-समीक्षा
अध्याय-समीक्षा
रोमन साम्राज्य की जानकारी के स्रोत -
(i) पाठ्य सामग्री - जैसे वर्ष-वृतांत, पत्र, व्याख्यान, प्रवचन और कानून |
(ii) प्रलेख या दस्तावेज - पैपाइरस पर लिखे गए प्रलेख या दस्तावेज |
(iii) भौतिक अवशेष - इमारतें वर्तन सिक्के आदि |
पैपाइरस : पैपाइरस एक सरकंडा जैसा पौध था जो मिस्र में नील नदी के किनारे उगा करता था
और उसी से लेखन सामग्री तैयार की जाती थी। रोज़मर्रा की जिंदगी में उसका व्यापक इस्तेमाल किया जाता था। हजारों की संख्या में संविदापत्र, लेख, संवादपत्र और सरकारी दस्तावेज़ आज भी ‘पैपाइरस’ पत्र पर लिखे हुए पाए गए हैं |
रोमन सम्राज्य का फैलाव : न साम्राज्य यूरोप, पश्चिमी एशिया, उत्तरी अफ्रीका आदि तीन महाद्वीपों में फैला था |
रोमन साम्राज्य को दो चरणों में बाँटा गया है : (i) 'पूर्ववर्ती' चरण और (ii) 'परवर्ती' चरण
मध्य काल / तीसरी शताब्दी का संकट:
- 47 वर्षों में रोम में 25 सम्राट हुए |
- जर्मन मूल की जनजातियों - फ्रैंक, एलमन्नाइ और गोथ-ने रोमन साम्राज्य के विभिन्न प्रांतां पर कब्जा किया।
- ईरान के ससानी वंश के शासकों ने रोमन साम्राज्य पर बार-बार आक्रमण किये |
राजनीतिक इतिहास के तीन प्रमुख खिलाड़ी - सम्राट, अभिजात वर्ग और सेना
(i) पूर्ववर्ती साम्राज्य : तीसरी शताब्दी के मुख्य भाग तक की सम्पूर्ण अवधि को पूर्ववर्ती साम्राज्य जाता है |
(ii) परवर्ती साम्राज्य : तीसरी शताब्दी के बाद की अवधि को परवर्ती सम्राज्य कहा जाता है |
प्रिन्सिपेट : प्रथम सम्राट, ऑगस्टस ने 27 ई.पू. में जो राज्य स्थापित किया था उसे ‘प्रिन्सिपेट’ कहा जाता था।
सैनेट : सैनेट वह निकाय था जिसने उन दिनों में जब रोम एक रिपब्लिक यानि गणतंत्र था, सता पर अपना नियंत्रण रखा था |
गृहयुद्ध : गृहयुद्ध दूसरे देशों से संघर्ष के ठीक विपरीत अपने ही देश में सत्ता हासिल करने के लिए
किया गया सशस्त्र संघर्ष है।
ड्रेसल-20 : स्पेन में उत्पादित जैतून का तेल 'ड्रेसल-20' नामक कंटेनरों में ले जाया जाता था |
एम्फोरा : तरल पदार्थों की ढुलाई जिन कंटेनरों में की जाती थी उन्हें एम्फोरा कहा जाता था |
परवर्ती काल में रोमन सम्राज्य को तीन वर्गों में बाँटा गया था - (i) अभिजात वर्ग (ii) मध्यम वर्ग (iii) निम्तर वर्ग |
प्रारंभिक साम्राज्य में रोमन सम्राज्य की श्रेणियां : (i) सेनेटर, (ii) अश्वारोही (iii) अभिजात वर्ग (iv) फूहड़ निम्नतर वर्ग और दास
रोम साम्राज्य में इसाई धर्म : सन 312 में सम्राट कांस्टेनटाइन ने इसाई धर्म को राजधर्म बनाया |
दासता : रोमन सम्राज्य में दासता की जड़े बहुत ही मजबूत थी इनके साथ क्रूरतापूर्ण व्यवहार किया जाता था ||
पूजा पद्धति : रोमवासी बहुदेववादी थे। लोग जूपिटर, जूनो, मिनर्वा तथा मॉर्स जैसे देवी-देवताओं की पूजा करते थे।
प्रथम और द्वितीय शताब्दियाँ - प्रथम और द्वितीय शताब्दियाँ रोम के इतिहास में शांति, समृद्धि और आर्थिक विस्तार का काल थी |
दास प्रजजन : गुलामों की संख्या बढ़ाने की एक ऐसी प्रथा थी जिसके अंतर्गत दासियों और उनके साथ मर्दों को अधिकाधिक बच्चे पैदा करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता था | उनके बच्चे भी आगे चलकर दास ही बनते थे |
अश्वारोही (इक्वाइट्स) : अश्वारोही (इक्वाइट्स) या नाइट वर्ग परंपरागत रूप से दूसरा सबसे अधिक शक्तिशाली और धनवान समूह था। मूल रूप से वे ऐसे परिवार थे जिनकी संपत्ति उन्हें घुड़सेना में भर्ती होने की औपचारिक योग्यता प्रदान करती थी, इसीलिए इन्हें इक्वाइट्स कहा जाता था।
अभ्यास NCERT
अभ्यास:
संक्षेप में उत्तर दीजिए
Q1. यदि आप रोम साम्राज्य में रहे होते तो कहाँ रहना पसंद करते - नगरों में या ग्रामीण क्षेत्र में ? कारण बताइये।
उत्तर: इसके निम्नलिखित कारण है :-
(i) राम साम्राज्य नगरों का साम्राज्य था। ऐसे में वहाँ गाँवों का बहुत कम महत्त्व था।
(ii) रोम साम्राज्य में नगरों का शासन स्वतन्त्र होता था। इससे व्यक्तित्व के विकास में सहायता मिलती।
(iii) सबसे बड़ा लाभ यह होता कि वहाँ खाद्य पदार्थों की कमी नहीं होती और अकाल के दिनों में भी भोजन प्राप्त हो सकता था।
(iv) नगरों में ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में अन्य सुविधाएँ अधिक और अच्छी थीं।
Q2. इस अध्याय में उल्लिखित कुछ छोटे शहरों, बड़े नगरों, समुद्रों और प्रांतों की सूची बनाइये और उन्हें नक़्शों पर खोजने की कोशिश कीजिए। क्या आप अपने द्वारा बनाई गई सूची में संकलित किन्हीं तीन विषयों के बारे में कुछ कह सकते हैं?
उत्तर:
गॉल, मकदूनिया, रोम, इफेसस, हिसपेनिया, बेटिका, तांजियर मोरक्को, दमस्कस, अलेक्जेण्ड्रिया, कार्थेज, कुस्तुनतुनिया, फिलिस्तीन, मदीना, मक्का, बगदाद, समरकन्द, बुखारा, अफगानिस्तान, सीरिया।
इस प्रकार छात्र अध्यापक की सहायता से समुद्रों, पत्तनों, प्रांतों की और सूची बना सकते हैं। आपकी सहायता के लिए उपयुक्त नक्शे प्रस्तुत किए गए हैं।
Q3. कल्पना कीजिए कि आप रोम की एक गृहिणी हैं जो घर की शरूरत की वस्तुओं की खरीदारी की सूची बना रही हैं। अपनी सूची में आप कौन सी वस्तुएँ शामिल करेंगी?
उत्तर:
- रोटी और मक्खन
- सब्जियाँ
- दूध
- अण्डे तथा मांस
- चीनी
- तेल
- बच्चों के लिए आवश्यक वस्तुएँ
- सौन्दर्य प्रसाधन
- कपड़े धोने तथा नहाने का साबुन
- कपड़े, दवाइयाँ आदि
Q4. आपको क्या लगता है कि रोमन सरकार ने चाँदी में मुद्रा को ढालना क्यों बंद किया होगा और वह सिक्कों के उत्पादन वेफ लिए कौन-सी धतु का उपयोग करने लगे?
उत्तर:
रोमन सरकार द्वारा चाँदी में मुद्रा ढालना इस धातु की कमी तथा मूल्यवान होने के कारण बन्द किया होगा। तत्कालीन शासन में स्पेन में चाँदी की खाने समाप्त हो गई थीं तथा सरकार के पास.चाँदी के भण्डार रिक्त हो गए थे। कॉन्स्टेनटाइन ने सोने पर आधारित नई मौद्रिक प्रणाली स्थापित की और परवर्ती सम्पूर्ण पुराकाल में सोने की मुद्राओं का भारी मात्रा में प्रचलन रहा। वस्तुत: रोम में सोने के कई भण्डार थे। ।
संक्षेप में निबंध लिखिए
Q5. अगर सम्राट त्राजान भारत पर विजय प्राप्त करने में वास्तव में सफल रहे होते और रोमवासियों का इस देश पर अनेक सदियों तक कब्ज़ा रहा होता, तो क्या आप सोचते हैं कि भारत वर्तमान समय के देश से किस प्रकार भिन्न होता?
उत्तर:
त्राजान भारत पर विजय प्राप्त करने के लिए निकला था किन्तु सफल नहीं हो सका। यदि वह सफल हो जाता और रोमवासियों का अनेक सदियों तक कब्जा होता तो ऐसा भारत वर्तमान भारत से बिल्कुल अलग होता। वह भारत वैसा होता जैसा ब्रिटिश शासनकाल में था। रोम के निवासी एक गुलाम देश के समान व्यवहार करते और भारत के संसाधनों का दोहन करते। भारतीयों को किसी प्रकार का अधिकार प्रदान नहीं किया जाता उन्हें अपमानजनक दशाओं में जीवन व्यतीत करना पड़ता। उल्लेखनीय है कि उस काल में सोना रोम से भारत आता था और भारत सम्पन्न देश था। रोमवासियों की अधीनता स्वीकार हो जाने पर यह सम्भव नहीं होता। भारत के सभी क्षेत्रों में विकास रुक जाता।
Q6. अध्याय को ध्यानपूर्वक पढ़कर उसमें से रोमन समाज और अर्थव्यवस्था को आपकी दृष्टि में आधुनिक दर्शाने वाले आधारभूत अभिलक्षण चुनिए।
उत्तर:
- रोमन समाज में नाभिकीय परिवारों (Nuclear Family) का चलन था। वयस्क पुत्र परिवारों के साथ नहीं रहते थे।
- पत्नी अपनी सम्पत्ति को अपने पति को हस्तांतरित नहीं करती थी, वह अपने पैतृक परिवार की सम्पत्ति में अपने पूरे अधिकार बनाए रखती थी। अपने पिता की मुख्य उत्तराधिकारी बनी रहती थी और पिता की मृत्यु होने पर उस सम्पत्ति की स्वतंत्र मालिक बन जाती थी।
- रोम में साक्षरता थी। सभी नगरों में साक्षरता की दर भिन्न-भिन्न थी।
- जैतून के तेल का निर्यात किया जाता था।
- रोम में व्यापार एवं वाणिज्य उन्नति पर था। बैंकिंग व्यवस्था भी प्रचलित थी।
- रोम के विविध प्रांतों में जलशक्ति से कारखाने चलाए जाते थे।
- सोने-चाँदी की खदानों में भी जलशक्ति का उपयोग किया जाता था।
अतिरिक्त प्रश्नोत्तर
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History Chapter List
Chapter 1. समय की शुरुआत से
Chapter 2. लेखन कला और शहरी जीवन
Chapter 3. तीन महाद्वीपों में फैला साम्राज्य
Chapter 4. इस्लाम का उदय और विस्तार लगभग 570-1200 ई
Chapter 5. यावावर साम्राज्य
Chapter 6. तीन वर्ग
Chapter 7. बदलती हुई सांस्कृतिक परम्पराएँ
Chapter 8. संस्कृतियों का टकराव
Chapter 9. औद्योगिक क्रांति
Chapter 10. मूल निवासियों का विस्थापन
Chapter 11. आधुनिकरण के रास्ते
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