Chapter 13. महात्मा गाँधी और राष्ट्रीय आन्दोलन History Part-3 class 12 exercise अतिरिक्त प्रश्नोत्तर
Chapter 13. महात्मा गाँधी और राष्ट्रीय आन्दोलन History Part-3 class 12 exercise अतिरिक्त प्रश्नोत्तर ncert book solution in hindi-medium
NCERT Books Subjects for class 12th Hindi Medium
अध्याय-समीक्षा
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अभ्यास (NCERT Book)
महात्मा गाँधी और राष्ट्रीय आंदोलन
प्रश्न - 'भारत छोड़ो' का आन्दोलन करो |
उत्तर - 'भारत छोड़ो' आन्दोलन 1942 ई॰ में चलाया गया | इस आंदोलन का नेतृत्व गांधीजी ने किया | कांग्रेस ने 9 अगस्त, 1942 को यह आंदोलन चलाने का प्रस्ताव पास किया और अंग्रेजों को भारत छोड़ देने के लिए ललकारा | सारा देश भारत छोड़ो के आंदोलन से गूंज उठा | अंग्रेजों ने इस आंदोलन को दबाने के लिए बड़ी कठोरता से काम लिया | प्रस्ताव पास होने के दुसरे दिन सारे नेता बंदी बना लिए गए | उसके बाद जनता भी भड़क उठी | लोगों से सरकारी दफ्तरों, रेलवे स्टेशन और डाकघरों को लूटना और जलाना आरंभ कर दिया | सरकार नी अपनी नीति को ओर भी कठोर कर दिया और असंख्यों लोगों को जेलों में डाल दिया | सारा देश एक जेलखाने के समान दिखाई देने लगा | इतने बड़े आंदोलन के कारण ब्रिटिश सरकार की नींव हिल गयी |
प्रश्न - गांधीजी एक सक्षम नेता होने के साथ -साथ एक महान समाज सुधारक भी थे | इस कथन की पुष्टि कीजिये |
उत्तर - इसमें कोई संदेह नहीं की गांधीजी एक सक्षम नेता होने के साथ साथ एक महान समाज सुधारक भी थे |राजनेता होने के रूप में उन्होंने भारत के राष्ट्रीय आंदोलन को एक व्यापक जन आंदोलन में बदल दिया | 1922 में उन्हें राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया था | 1924 में जेल से छुटने के बाद कई वर्षों तक उन्होंने अपना ध्यान समाज सुधर पर केन्द्रित रखा | सबस ए पहले उन्होंने छुआछूत को समाप्त करने में लगाया | गांधीजी का विश्वास था कि स्वतंत्रता पाने के लिए पहले इन सामाजिक बुराइयों से मुक्त होना पड़ेगा | सभी भारतीयों के बीच पहले प्रेम का वातावरण तैयार करना पड़ेगा | उनका मानना था कि आर्थिक स्तर पर भी लोगों को स्वावलंबी बनना होगा | इसलिए उन्होंने विदेशी कपड़ों के स्थान पर खादी पहनने पर जोर डाला |
प्रश्न - नमक सत्याग्रह तथा असहयोग आंदोलन में क्या समानताएँ थी ? कोई पाँच लिखिए |
उत्तर - (1) वकीलों ने ब्रिटिश अदालतों का बहिष्कार कर दिया |
(2) जवाब में सरकार रिश्वत लेने वालों को गिरफ्तार करने लगी |
(3) कुछ कस्बों में फैक्ट्री कामगार हड़ताल पर चले गए |
(4) देश के विशाल भाग में किसानों ने दमनकारी औपनिवेशिक वन कानूनों का उलंग्घन किया जिसके कारण वे और उनके मवेशी उन जंगलों में नहीं जा सकते थे जहाँ किसी समय वे बेरोकटोक घुमाते थे |
(5) विद्यार्थियों ने सरकारी स्कूलों में पढ़ने से इंकार कर दिया | 1920-22 की तरह इस बार भी गांधीजी के आह्वान ने सभी भारतीय वर्गों को औपनिवेशिक शासन के विरुद्ध अपना असंतोष व्यक्त करने के लिए प्रेरित किया |
(6) नमक सत्याग्रह के दौरान लगभग 60,000 लोगों को गिरफ्तार किया गया | गिरफ्तार होने वाले में गांधीजी भी थे |
प्रश्न - चंपारण, हैदराबाद तथा खेड़ा में गांधीजी के अभियानों का क्या महत्व था ?
उत्तर - वर्ष 1917का अधिकांश समय महात्मा गाँधी को चंपारण जिले में किसानों के लिए काश्तकारी की सुरक्षा के साथ -साथ अपनी पसंद की फसल उपजाने की स्वतंत्रता दिलाने में बीता |
अगले वर्ष गांधीजी गुजरात के अपने गृह राज्य में दो अभियानों में संग्लन रहे | सबसे पहले उन्होंने अहमदाबाद के एक श्रम विवाद में हस्तक्षेप कर कपडे की मीलों में काम करने वाले श्रमिकों के लिए काम करने की बेहतर स्थितियों की माँग की | इसके बाद उन्होंने खेड़ा फसल चौपट होने पर राज्य से किसानों का लगान माफ़ करने की माँग की चंपारण, हैदराबाद तथा खेड़ा के अभियानों ने गांधीजी को एक ऐसे राष्ट्रवादी नेता की छवि प्रदान की जिनके मन में गरीबों के लिए सहानुभूति थी |
प्रश्न - गांधीजी की नमक यात्रा कम से कम तीन कारणों से उल्लेखनीय थी | वे क्या थे ?
उत्तर - नमक यात्रा कम से कम तीन कारणों से उल्लेखनीय थी -
इसके चलते महात्मा गाँधी दुनिया की नजर में आये | इस यात्रा को यूरोप और अमेरिकी प्रेस ने व्यापक रूप से छापा |
सबसे महत्वपूर्ण बात यह थी कि नमक यात्रा के कारण ही अंग्रेजों को यह आभास हुआ था कि अब उनका राज बहुत दिन तक नहीं टिक सकेगा और उन्हें भारतीयों को भी सत्ता में भागीदार बनाना पड़ेगा |
प्रश्न - असहयोग आंदोलन में अंग्रेजी सरकार का प्रतिरोध करने के लिए क्या -क्या तरीके अपनाए गए ?
उत्तर - गांधीजी ने देश के सभी सम्प्रदायों तथा वर्गों के लोगों को आंदोलन से जोड़कर असहयोग आंदोलन को एक लोकप्रिय आंदोलन का रूप दिया |
1. वकीलों ने अदालतों में जाने से मना कर दिया |
2. खिलाफत आंदोलन की साथ मिलाने से हिन्दू -मुस्लिम एकता को बल मिला |
3. विद्यार्थीयों ने सरकार द्वारा चलायें जा रहे स्कूलों और कॉलेजों में जाना छोड़ दिया |
4. आंदोलन में स्त्रियों ने भी बढ़ -चढ़कर हिस्सा लिया |
5. कई कस्बों में श्रमिक वर्ग हड़ताल पर चले गए |
6. अवध के किसानों ने कर नहीं चुकाए | कुमाऊँ किसानों ने औपनिवेशिक अफसरों का सामान ढ़ोने से इनकार कर दिया |
7. गाँव में भी आंदोलन के प्रति लोगों में काफी जोश था | उत्तरी आंध्र की पहाड़ी जन -जातियों ने वन्य -कानूनों की अवहेलना करनी आरंभ कर दी |
इस प्रकार असहयोग आंदोलन आम जनता का आंदोलन बन गया |
प्रश्न - रॉलेट एक्ट पर आलोचनात्मक टिप्पणी लिखिए |
उत्तर - रॉलेट एक्ट 1919 ई॰ में पास किया गया | इसे काला कानून भी कहते है | यह एक्ट राष्ट्रीय आंदोलन को दबाने के लिए किया गया था | प्रथम महायुद्ध के कारण भारत सरकार को अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था | ऐसे समय में भारत में राष्ट्रीय आंदोलन का प्रसार अंग्रेजी साम्राज्य के लिए घातक सिद्ध हो सकता था | अतः सरकार ने राष्ट्रीय आंदोलन का दमन करना आवश्यक समझा और रॉलेट एक्ट पास कर दिया | इस अधिनियम के अनुसार मैजिस्ट्रेटों को यह अधिकार दिए गए कि वह किसी भी व्यक्ति को, जिस पर क्रांतिकारी होने का संदेह हो, नजरबन्द कर सकते है | इस प्रकार इस अधिनियम ने भारत की स्वतंत्रता का अपहरण कर लिया | 18 मार्च, 1919 ई॰ को रॉलेट एक्ट पास कर दिया | इस एक्ट में यह भी सिद्ध कर दिया गया कि पुलिस अधिकारी के सामने दी गयी गवाही या सफाई मानी नहीं होगी | इस प्रकार रॉलेट एक्ट ने भारतीयों को उनकी उनकी स्वतंत्रता से तो वंचित किया ही, साथ ही वह किसी भी समय बंधी बनाये जाने के डर में रहने लगे | ऐसी अवस्था में इस एक्ट का विरोध होना स्वाभाविक ही था |
प्रश्न - साइमन कमीशन भारत में क्यों आया ? भारत में इसका विरोध क्यों हुआ ?
उत्तर - 1927 ई॰ में इंग्लॅण्ड की सरकार ने एक कमीशन नियुक्त किया | इसके अध्यक्ष सर जॉन साइमन थे | इसलिय इस कमीशन को साइमन कमीशन कहा जाता है | यह कमीशन 1928 ई॰ में भारत पहूँचा | इसका उद्देश्य 1919 ई॰ के सुधारों के परिणामों की जांच करना था | इस कमीशन में कोई भी भारतीय सदस्य नहीं था | इसी कारण भारत में इसका स्थान -स्थान पर विरोध किया गया | स्थान -स्थान पर 'साइमन कमिशन वापस जाओ' के नारे लगाये गए | जनता के इस शांत प्रदर्शन को सरकार ने सभी कठोरता से दबाया | देश के सभ राजनितिक दलों ने सरकार की इस निति को कड़ी आलोचना की |
प्रश्न - असहयोग आंदोलन की ओर ले जाने वाली घटनाओं का वर्णन कीजिये |
उत्तर - असहयोग आंदोलन निम्नलिखित कारणों से चलाया गया -
1. भारतीयों ने प्रथम महायुद्ध में अंग्रेजों को पूरा सहयोग दिया था | परन्तु महायुद्ध की समाप्ति पर अंग्रेजों ने भारतीय जनता का खूब शोषण किया |
2. प्रथम महायुद्ध के दौरान भारत में प्लेग आदि महामारियां फूट पड़ी | लेकिन अंग्रेजी सरकार ने उसकी तरफ कोई ध्यान नहीं दिया |
3. गांधीजी ने प्रथम महायुद्ध में अंग्रेजों की सहायता करने का प्रचार इस आशा से किया था कि वे भारत को स्वराज्य प्रदान करेंगे | परन्तु युद्ध की समाप्ति पर ब्रिटिश सरकार ने गाँधीजी की आशाओं पर पानी फेर दिया |
4. 1919 ई॰ में बिर्टिश सरकार ने रॉलेट एक्ट पास कर दिया जिसके अनुसार किसी भी व्यक्ति को बिना मुकद्दमा चलाये बिना ही बंदी बनाया जा सकता था | इस काले कानून के कारण जनता में रोष फ़ैल गया |
5. इसी बीच गांधीजी को पंजाब में जाने से रोक दिया गया | इसके अतिरिक्त कांग्रेस के बड़े बड़े नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया |
6. रॉलेट एक्ट के विरुद्ध प्रदर्शन के लिए अमृतसर के जलियांवाला बाग़ में एक विशाल जनसभा हुई | अंग्रेजों ने एकत्रित भीड़ पर गोलियां चलायी जिससे सैकड़ों लोग मारे गए |
7. सितम्बर, 1920 ई॰ में कांग्रेस ने अपने अधिवेशन कलकत्ता में बुलाया | इस अधिवेशन में असहयोग आंदोलन का प्रस्ताव रखा गया जिसे बहुमत से पास कर दिया गया |
अतिरिक्त प्रश्नोत्तर
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History Part-3 Chapter List
Chapter 10. उपनिवेशवाद और देहात
Chapter 11. विद्रोही और राज
Chapter 12. औपनिवेशिक शहर
Chapter 13. महात्मा गाँधी और राष्ट्रीय आन्दोलन
Chapter 14. विभाजन को समझना
Chapter 15. संविधान का निर्माण
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