Chapter 1. स्वतंत्रता की पूर्व संध्या पर भारतीय अर्थव्यवस्था अर्थशास्त्र (भारतीय अर्थव्यवस्था का विकास) class 11 exercise Chapter-1
Chapter 1. स्वतंत्रता की पूर्व संध्या पर भारतीय अर्थव्यवस्था अर्थशास्त्र (भारतीय अर्थव्यवस्था का विकास) class 11 exercise Chapter-1 ncert book solution in hindi-medium
NCERT Books Subjects for class 11th Hindi Medium
Chapter-1
अभ्यास प्रश्नावली :
Q1. भारत में औपनिवेशिक शासन की आर्थिक नीतियों का केंद्र बिंदु क्या था? उन नीतियों के क्या प्रभाव हुए?
उत्तर: भारत में औपनिवेशिक शासन की आर्थिक नीतियों का केंद्र बिंदु निम्नलिखित था |
भारत में औपनिवेशिक शासन की आर्थिक नीतियों का केंद्र बिंदु स्वार्थपूर्ण था जिसका उदेश्य केवल ब्रिटिश शासन को लाभ पहुँचाना था न की भारतियों का विकास करना था |
(i) औपनिवेशिक शासन द्वारा जो थोड़े बहुत आर्थिक नीतियाँ लागु की गई और जो विकास हुए इसका ध्येय जनसामान्य को अधिक सुविधाएँ प्रदान करना नहीं था। ये कार्य तो औपनिवेशिक हित साधन के ध्येय से किए गए थे।
(ii) जो सड़कें उन्होंने बनाईं, उनका ध्येय भी देश के भीतर उनकी सेनाओं के आवागमन की सुविधा तथा देश के भीतरी भागों से कच्चे माल को निकटतम रेलवे स्टेशन या पत्तन तक पहुँचाने में सहायता करना मात्रा था।
(iii) भारत में विकसित की गई मँहगी तार व्यवस्था का मुख्य ध्येय तो कानून व्यवस्था को बनाए रखना ही था।
Q2. औपनिवेशिक काल में भारत की राष्ट्रीय आय का आकलन करने वाले प्रमुख अर्थशास्त्रियों के नाम बताइए।
उत्तर:
(i) दादा भाई नौरोजी
(ii) विलियम डिग्बी
(iii) फिंडले शिराज
(iv) डॉ. वी. के. आर. वी. राव
(v) आर. सी. देसाई
Q3. औपनिवेशिक शासनकाल में कृषि की गतिहीनता के मुख्य कारण क्या थे?
उत्तर:
(i) कृषि क्षेत्रक की गतिहीनता का मुख्य कारण औपनिवेशिक शासन द्वारा लागु की गई भू-व्यवस्था प्रणालियों को ही माना जा सकता है |
(ii) जमीदारी व्यवस्था में कृषि कार्यों से होने वाले समस्त लाभ को जमींदार ही हड़प जाते थे |
(iii) औपनिवेशिक शासकों ने कृषि क्षेत्रक की दशा को सुधारने के लिए कुछ नहीं किया |
(iv) भू-राजस्व व्यवस्था की पीड़ादायी शर्तें जिसमें निर्धारित समय पर यदि भू-राजस्व जमा नहीं कराया जाता था तो किसानों के अधिकार छीन लिए जाते थे |
(v) निम्न स्तर की प्रौद्योगिकी के साथ-साथ सिंचाई सुविधाओं का आभाव का होना |
(vi) कृषि का व्यवसायीकरण का होना - कृषि के व्यवसायीकरण के कारण नकदी फसलों की ही उच्च उत्पादकता थी, परन्तु यह लाभ भारतीय किसानों को नहीं मिल पा रहा था | क्योंकि उन्हें खाद्यान्न की जगह नकदी फसलों का ही उत्पादन करना पड़ रहा था |
(vii) कृषि में निवेश की कमी : भारतीय किसानों के पास कृषि में निवेश लिए नहीं संसाधन थे न तकनीक थी और नहीं कोई प्रेरणा |
Q4. स्वतंत्रता के समय देश में कार्य कर रहे कुछ आधुनिक उद्योगों के नाम बताइए।
उत्तर:
(i) पटसन उद्योग
(ii) लोहा एवं इस्पात उद्योग
(iii) चीनी, सीमेंट एवं कागज उद्योग
Q5. स्वतंत्रता पूर्व अंग्रेजों द्वारा भारत के व्यवस्थित वि-औद्योगीकरण के दोहरे ध्येय क्या थे?
उत्तर:
(i) एक तो वे भारत को इंग्लैंड में विकसित हो रहे आधुनिक उद्योगों के लिए कच्चे माल का निर्यातक बनाना चाहते थे।
(ii) वे उन उद्योगों के उत्पादन के लिए भारत को ही एक विशाल बाजार भी बनाना चाहते थे।
Q6. अंग्रेशी शासन के दौरान भारत के परंपरागत हस्तकला उद्योगों का विनाश हुआ। क्या आप इस विचार से सहमत हैं? अपने उत्तर के पक्ष में कारण बताइए।
उत्तर: हाँ , हम इस बात से सहमत है कि अंग्रेशी शासन के दौरान भारत के परंपरागत हस्तकला उद्योगों का विनाश हुआ। इसके पक्ष में कारण निम्नलिखित हैं :
(i) भारतीय अर्थव्यवस्था का मुख्य धारा उस समय हस्तशिल्प कला था जिसे ब्रिटेन में बनी वस्तुओं ने धीरे-धीरे विनाश कर दिया |
(ii) भारतीय हस्तशिल्प प्राचीन समय से ही विश्व-विख्यात था जिसका अंग्रेजों की दोहरी नीति के कारण विनाश हुआ | ब्रिटेन से आने वाली वस्तुओ का शुल्क-मुक्त आयात किया गया जबकि भारत से निर्यात होने वाली वस्तुओं पर भारी शुल्क लगाया गया | जिससे विदेशी वस्तुएँ भारत में आकर सस्ती हो जाती थी और भारतीय वस्तुएँ विदेशों में महँगी हो जाती थी |
(iii) इन्होने ने इस कला को संरक्षण नहीं दिया अपितु इसके साथ सौतेला व्यवहार किया |
(iv) भारत के आयत-निर्यात पर औपनिवेशिक सरकार का एकाधिकार का होना |
Q7. भारत में आधारिक सरंचना विकास की नीतियों से अंग्रेज अपने क्या उद्देश्य पूरा करना चाहते थे?
उत्तर:
(i) अंग्रेज ने भारत में आधारिक सरंचना का जो विकास किया उसका उदेश्य जनमानस को सुविधा पहुँचाना नहीं अपितु औपनिवेशिक हित साधने के उदेश्य से किए गए थे |
(ii) जो सड़के उन्होंने बनाईं, उनका ध्येय भी देश के भीतर उनकी सेनाओं के आवागमन की सुविधा तथा देश के भीतरी भागों से कच्चे माल को निकटतम रेलवे स्टेशन या पत्तन तक पहुँचाने में सहायता करना मात्रा था।
Q8. ब्रिटिश औपनिवेशिक प्रशासन द्वारा अपनाई गई औद्योगिक नीतियों की कमियों की आलोचनात्मक विवेचना करें।
उत्तर:
Q9. औपनिवेशिक काल में भारतीय संपत्ति के निष्कासन से आप क्या समझते हैं?
Q10. जनांकिकीय संक्रमण के प्रथम से द्वितीय सोपान की ओर संक्रमण का विभाजन वर्ष कौन-सा माना जाता है?
Q11. औपनिवेशिक काल में भारत की जनांकिकीय स्थिति का एक संख्यात्मक चित्रण प्रस्तुत करें।
Q12. स्वतंत्रता पूर्व भारत की जनसंख्या की व्यावसायिक सरंचना की प्रमुख विशेषताएँ समझाइए।
Q13. स्वतंत्रता के समय भारत के समक्ष उपस्थित प्रमुख आर्थिक चुनौतियों को रेखांकित करें।
Q14. भारत में प्रथम सरकारी जनगणना किस वर्ष में हुई थी?
Q15. स्वतंत्रता के समय भारत के विदेशी व्यापार के परिमाण और दिशा की जानकारी दें।
Q16. क्या अंग्रेजों ने भारत में कुछ सकारात्मक योगदान भी दिया था? विवेचना करें।
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अर्थशास्त्र (भारतीय अर्थव्यवस्था का विकास) Chapter List
Chapter 1. स्वतंत्रता की पूर्व संध्या पर भारतीय अर्थव्यवस्था
Chapter 2. भारतीय अर्थव्यवस्था 1950-1990
Chapter 3. उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण-एक समीक्षा
Chapter 4. निर्धनता
Chapter 5. भारत में मानव पूँजी का निर्माण
Chapter 6. ग्रामीण विकास
Chapter 7. रोज़गार-संवृद्धि, अनौपचारिकरण एवं अन्य मुद्दे
Chapter 8. आधारित संरचना
Chapter 9. पर्यावरण और धारणीय विकास
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