13. विद्युत धारा का चुम्बकीय प्रभाव Science class 10 exercise महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
13. विद्युत धारा का चुम्बकीय प्रभाव Science class 10 exercise महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर ncert book solution in hindi-medium
NCERT Books Subjects for class 10th Hindi Medium
अध्याय-समीक्षा
अध्याय-समीक्षा
- प्राकृतिक चुंबक को मैग्नेटाईट के नाम से जाना जाता है |
- दिकसूचक सुई का उतरोन्मुखी सिरा ठीक उतर की ओर संकेत न करके लगभग उतर की ओर संकेत करता है। दिकसूचक पठन में होने वाले इस विचलन को चुम्बकीय दिक्पात कहते है ।
- बेलन की आकृति में लपेटे तार की अनेक वृत्ताकार फेरों को परिनलिका कहते है ।
- 19वीं शताब्दी के अग्रणी वैज्ञानिकों में से एक, हैंस क्रिश्चियन ऑर्स्टेड ने वैद्युतचुंबकत्व को समझने में एक निर्णायक भूमिका निभाई। सन् 1820 ई. में उन्होंने अकस्मात यह खोजा कि किसी धातु के तार में विद्युत धारा प्रवाहित करने पर पास में रखी दिक्कसूची में विक्षेप उत्पन्न हुआ।
- अपने प्रेक्षणों के आधार पर ऑर्स्टेड ने यह प्रमाणित किया कि विद्युत तथा चुंबकत्व परस्पर संबंधित परिघटनाएँ हैं। उनके अनुसंधन ने आगे जाकर
नयी-नयी प्रौद्योगिकियों जैसे-रेडियो, टेलीविजन, तंतु प्रकाशिकी आदि का सृजन किया। उन्हीं के सम्मान में चुंबकीय क्षेत्र की तीव्रता का मात्रक ऑर्स्टेड रखा गया है। - दिक्सूची एक छोटा चुंबक होता है। इसका एक सिरा जो उत्तर की ओर संकेत करता है उत्तर ध्रुव कहलाता है, तथा दूसरा सिरा जो दक्षिण की ओर संकेत करता है दक्षिण ध्रुव कहलाता है।
- किसी चुंबक के चारों ओर एक चुंबकीय क्षेत्र होता है जिसमें उस चुंबक के बल का संसूचन किया जा सकता है।
- किसी चुंबकीय क्षेत्र के निरूपण के लिए चुंबकीय क्षेत्र रेखाओं का उपयोग किया जाता है। चुंबकीय क्षेत्र रेखा वह पथ है जिसके अनुदिश कोई परिकल्पित स्वतंत्र उत्तर ध्रुव गमन करने की प्रवृत्ति रखता है।
- चुंबकीय क्षेत्र के किसी बिंदु पर क्षेत्र की दिशा उस बिंदु पर रखे उत्तर ध्रुव की गति की दिशा द्वारा दर्शायी जाती है। जहाँ चुंबकीय क्षेत्र प्रबल होता है, वहाँ क्षेत्र रेखाएँ एक-दूसरे के निकट दिखाई जाती हैं।
- किसी विद्युत धरावाही धातु के तार से एक चुंबकीय क्षेत्र संबद्ध होता है। तार के चारों ओर क्षेत्र रेखाएँ अनेक संकेंद्री वृतों के रूप में होता है | दक्षिण-हस्त अंगुष्ठ नियम द्वारा ज्ञात की जाती है।
- विद्युत चुंबक में नर्म लौह-क्रोड होता है जिसके चारों ओर विद्युतरोधी ताँबे के तार की कुंडली लिपटी रहती है।
- कोई विद्युत धरावाही चालक चुंबकीय क्षेत्र में रखे जाने पर बल का अनुभव करता है। यदि चुंबकीय क्षेत्र तथा विद्युत धारा की दिशाएँ परस्पर एक-दूसरे के लंबवत हैं तब चालक पर आरोपित बल की दिशा इन दोनों दिशाओं के लंबवत होती है, जिसे फ्रलेमिंग के वामहस्त नियम द्वारा प्राप्त किया जाता
है। - विद्युत मोटर एक ऐसी युक्ति है जो विद्युत ऊर्जा को यांत्रिक ऊर्जा में रूपांतरित करती है।
- वैद्युतचुंबकीय प्रेरण एक ऐसी परिघटना है जिसमें किसी कुंडली में, जो किसी ऐसे क्षेत्र में स्थित है जहाँ समय के साथ चुंबकीय क्षेत्र परिवर्तित होता है, एक प्रेरित विद्युत धारा उत्पन्न होती है।
- चुंबकीय क्षेत्र में परिवर्तन किसी चुंबक तथा उसके पास स्थित किसी कुंडली के बीच आपेक्षित गति के कारण हो सकता है। यदि कुंडली किसी विद्युत धरावाही चालक के निकट रखी है तब कुंडली से संबद्ध चुंबकीय क्षेत्र या तो चालक से प्रवाहित विद्युत धारा में अंतर के कारण हो सकता है अथवा चालक तथा कुंडली के बीच आपेक्षित गति के कारण हो सकता है।
- प्रेरित विद्युत धारा की दिशा फ्रलेमिंग के दक्षिण-हस्त नियम द्वारा प्राप्त की जाती है।
- विद्युत जनित्र यांत्रिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में रूपांतरित करता है। यह वैद्युतचुंबकीय प्रेरण के आधार पर कार्य करता है।
- हम अपने घरों में प्रत्यावर्ती विद्युत शक्ति 220 V पर प्राप्त करते हैं जिसकी आवृत्ति 50 Htz है। आपूर्ति का एक तार लाल विद्युतरोधन युक्त होता है जिसे विद्युन्मय तार कहते हैं। दूसरे पर काला विद्युतरोधन होता है जिसे उदासीन तार कहते हैं। इन दोनों तारों के बीच 220 V का विभवांतर होता है। तीसरा तार भूसंपर्क तार होता है जिस पर हरा विद्युतरोधन होता है। यह तार भूमि में गहराई पर दबी धातु की प्लेट से संयोजित होता है।
- भूसंपर्कण एक सुरक्षा उपाय है जो यह सुनिश्चित करता है कि साधित्र धात्विक आवरण में यदि विद्युत धारा का कोई भी क्षरण होता है तो उस साधित्र का उपयोग करने वाले व्यक्ति को गंभीर झटका न लगे।
- विद्युत परिपथों की लघुपथन अथवा अतिभारण के कारण होने वाली हानि से सुरक्षा की सबसे महत्वपूर्ण युक्ति फ्यूज है।
पाठगत-प्रश्न
पाठगत-प्रश्न:
पृष्ठ संख्या 250 :
Q1. चुंबक के निकट लाने पर दिक्सूचक की सुई विक्षेपित क्यों हो जाती है ?
उत्तर: चुम्बक के निकट लाने पर दिक्सूचक की सुई विक्षेपित इसलिए हो जाती है क्योंकि दिक्सूचक की सुई की नोक चुम्बक के ध्रुव की भांति कार्य करता है | जब सुई को दंड चुंबक के पास लाया जाता है जो ये सुई को आकर्षित अथवा प्रतिकर्षित करता है जिससे विक्षेपित होता है |
पृष्ठ संख्या 255 :
Q1. किसी छड़ चुंबक के चारों ओर चुंबकीय क्षेत्र रेखाएँ खींचिए।
उत्तर:
Q2. चुंबकीय क्षेत्र रेखाओं के गुणों की सूची बनाइए।
उत्तर: चुम्बकीय क्षेत्र रेखाओं के निम्नलिखित गुण हैं -
(i) चुम्बकीय क्षेत्र रेखाएँ उत्तरी ध्रुव से निकलकर दक्षिणी ध्रुव में समाहित हो जाती है |
(ii) चुम्बक के अंदर, चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा इसके दक्षिणी ध्रुव से उत्तरी ध्रुव की ओर होता है |
(iii) चुम्बकीय क्षेत्र रेखाएँ बंद वक्र होती हैं |
(iv) जहाँ चुम्बकीय क्षेत्र रेखाए घनी होती हैं वहाँ चुम्बकीय क्षेत्र मजबूत होता है |
(v) दो चुम्बकीय क्षेत्र रेखाएँ कभी एक दुसरे को प्रतिच्छेद नहीं करती हैं |
Q3. दो चुंबकीय क्षेत्र रेखाएँ एक-दूसरे को प्रतिच्छेद क्यों नहीं करतीं?
उत्तर: दो चुम्बकीय क्षेत्र रेखाएँ एक - दूसरे को प्रतिच्छेद नहीं करती है क्योंकि प्रतिच्छेद बिन्दु पर दिक् सूची रखने पर दो दिशाओं की ओर संकेत करेगा जो संभव नहीं हैं ।
पृष्ठ संख्या 256-257 :
Q1. मेज के तल में पड़े तार के वृत्ताकार पाश पर विचार कीजिए। मान लीजिए इस पाश में दक्षिणावर्त विद्युत धारा प्रवाहित हो रही है। दक्षिण-हस्त अंगुष्ठ नियम को लागू करके पाश के भीतर तथा बाहर चुंबकीय क्षेत्र की दिशा ज्ञात कीजिए।
उत्तर: दी गई आकृति एक वृताकार पाश का है जिसकी चुंबकीय क्षेत्र को दर्शाया गया है | दक्षिण अंगुष्ठ नियम लागु करने पर हम पाते हैं कि चुंबकीय क्षेत्र रेखाएँ पाश के अंदर मेज के तल की लंबवत बाहर की ओर निर्देशित होती है जबकि पाश के बहार यह अंदर की ओर निर्देशित होती है |
Q2. किसी दिए गए क्षेत्र में चुंबकीय क्षेत्र एकसमान है। इसे निरूपित करने के लिए आरेख खींचिए।
उत्तर: जब किसी क्षेत्र में चुंबकीय क्षेत्र एकसमान हो तो रेखायें एक-दुसरे के समान्तर, समान दुरी पर और समान लंबाई की होती हैं |
एक समान चुंबकीय क्षेत्र रेखाएँ
Q3. सही विकल्प चुनिएः
किसी विद्युत धरावाही सीधी लंबी परिनालिका के भीतर चुंबकीय क्षेत्र-
(a) शून्य होता है।
(b) इसके सिरे की ओर जाने पर घटता है।
(c) इसके सिरे की ओर जाने पर बढ़ता है।
(d) सभी बिंदुओं पर समान होता है।
उत्तर: (d) सभी बिन्दुओं पर सामान रहता है |
पृष्ठ संख्या 259 :
Q1. किसी प्रोटॉन का निम्नलिखित में से कौन-सा गुण किसी चुबंकीय क्षेत्र में मुक्त गति करते समय परिवर्तित हो जाता है? (यहाँ एक से अधिक सही उत्तर हो सकते हैं।)
(a) द्रव्यमान,
(b) चाल,
(c) वेग
(d) संवेग
उत्तर: (c) वेग और (d) संवेग
Q2. क्रियाकलाप 13.7 में हमारे विचार से छड़ AB का विस्थापन किस प्रकार प्रभावित होगा यदि
(i) छड़ AB में प्रवाहित विद्युत धारा में वृद्धि हो जाए
(ii) अधिक प्रबल नाल चुंबक प्रयोग किया जाए, और
(iii) छड़ AB की लंबाई में वृद्धि कर दी जाए?
उत्तर:
(i) यदि छड AB में प्रवाहित विद्युत धारा में वृद्धि हो जाए तो छड के विस्थापन में भी वृद्धि होती है |
(ii) यदि अधिक प्रबल नाल चुंबक प्रयोग किया जाए तो छड AB का विस्थापन भी बढेगा |
(iii) यदि छड़ AB की लंबाई में वृद्धि कर दी जाए तो इस पर लगने वाला बल भी बढेगा क्योंकि विस्थापन बढ़ता है |
Q3. पश्चिम की ओर प्रक्षेपित कोई धनावेशित कण (अल्फ़ा-कण) किसी चुंबकीय क्षेत्र द्वारा उत्तर की ओर विक्षेपित हो जाता है। चुंबकीय क्षेत्र की दिशा क्या है?
(a) दक्षिण की ओर
(b) पूर्व की ओर
(c) अधोमुखी
(d) उपरिमुखी
उत्तर: (d) उपरिमुखी
पृष्ठ संख्या 261 :
Q1. फ्लेमिंग का वामहस्त नियम लिखिए।
उत्तर: फ्लेमिंग का वामहस्त नियम :
इस नियम के अनुसार, अपने बाएँ हाथ की तर्जनी, मध्यमा तथा अँगूठे को इस प्रकार फैलाइए कि ये तीनों एक-दूसरे के परस्पर लंबवत हों |यदि तर्जनी चुंबकीय क्षेत्रा की दिशा और मध्यमा चालक में प्रवाहित विद्युत धारा की दिशा की ओर संकेत करती है तो अँगूठा चालक की गति की दिशा अथवा चालक पर आरोपित बल की दिशा की ओर संकेत करेगा। इसी नियम को फ्लेमिंग का वामहस्त नियम कहते है |
Q2. विद्युत मोटर का क्या सिद्धांत है?
उत्तर: विद्युत मोटर का सिद्धांत :
विद्युत मोटर का कार्य करने का सिद्धांत विद्युत धारा के चुंबकीय प्रभाव पर आधारित है | चुंबकीय क्षेत्र में लौह-क्रोड़ पर लिपटी कुंडली से जब विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है तो वह एक बल का अनुभव करती है | जिससे मोटर का आर्मेचर चुंबकीय क्षेत्र में घूमने लगता है | कुंडली के घूमने की दिशा फ्लेमिंग के वामहस्त नियम के अनुसार होता है | यही विद्युत मोटर का सिद्धांत हैं |
Q3. विद्युत मोटर में विभक्त वलय की क्या भूमिका है?
उत्तर: विद्युत मोटर में विभक्त वलय दिक्-परिवर्तक का कार्य करता है | दिक्-परिवर्तक एक युक्ति है जो परिपथ में विद्युत-धारा के प्रभाव को उत्क्रमित कर देता है |
पृष्ठ संख्या 264 :
Q1. किसी कुंडली में विद्युत धारा प्रेरित करने के विभिन्न ढंग स्पष्ट कीजिए |
उत्तर:
(i) कुन्डली को किसी चुम्बकीय क्षेत्र में गति कराकर ।
(ii) कुन्डली के चारों ओर के चुम्बकीय क्षेत्र में परिवर्तन कराकर ।
पृष्ठ संख्या 265-266 :
Q1. विद्युत जनित्र का सिद्धांत लिखिए |
उत्तर: विद्युत जनित्र का सिद्धांत विद्युत चुंबकीय प्रेरण (इलेक्ट्रोमैग्नेटिक इंडक्शन ) पर आधारित है | जब एक आयताकार कुंडली को एक सामान चुंबकीय क्षेत्र में घुमाया जाता है तो यह कुंडली के सिरों पर प्रेरित विद्युत उत्पन्न करता है | यही विद्युत जनित्र का सिद्धांत है |
Q2. दिष्ट धारा के कुछ स्रोत के नाम लिखिए |
उत्तर: सेल, बैट्री और D.C जनित्र या डायनेमो आदि दिष्ट धारा के स्रोत हैं |
Q3. प्रत्यावर्ती विद्युत धारा उत्पन्न करने वाले स्रोतों का नाम लिखिए |
उत्तर: A.C जनित्र और इनवर्टर आदि जो प्रत्यावर्ती विद्युत धारा उत्पन्न करते हैं |
Q4. सही विकल्प का चयन कीजिए -
ताँबे के तार की एक आयताकार कुंडली किसी चुंबकीय क्षेत्र में घूर्णी गति कर रही है। इस कुंडली प्रेरित विद्युत धारा की दिशा में कितने परिभ्रमण के पश्चात परिवर्तन होता है?
(a) दो
(b) एक
(c) आधा
(d) चौथाई
उत्तर: (c) आधा
पृष्ठ संख्या 267
Q1. विद्युत परिपथों तथा साधित्रों में सामान्यतः उपयोग होने वाले दो सुरक्षा उपायों के नाम लिखिए।
उत्तर: विद्युत परिपथों तथा साधित्रों में सामान्यतः उपयोग होने वाले दो सुरक्षा उपायों के नाम हैं -
(i) फ्यूज का उपयोग और
(ii) भूमि संपर्क तार का उपयोग |
Q2. 2 kW शक्ति अनुमतांक का एक विद्युत तंदूर किसी घरेलू विद्युत परिपथ (220 V) में प्रचालित किया जाता है जिसका विद्युत धारा अनुमतांक 5 । है, इससे आप किस परिणाम की अपेक्षा करते हैं? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: विद्युत तंदूर की शक्ति (P) = 2 kW = 2000 W
अत: विद्युत तंदूर द्वारा ली गई धारा (I) = P/V
= 2000/220 = 9 A (लगभग)
जबकि विद्युत परिपथ का विद्युत धारा अनुमतांक 5 A है और तंदूर 9 A की दर से धारा लेता है, इसलिए यह परिपथ अतिउष्मता अथवा अतिभारण के कारण टूट जायेगा |
Q3. घरेलू विद्युत परिपथों में अतिभारण से बचाव के लिए क्या सावधानी बरतनी चाहिए?
उत्तर: घरेलू विद्युत परिपथों में अतिभारण से बचाव के लिए निम्नलिखित सावधानियां बरतनी चाहिए |
(i) एक अकेले शोकेट से एक से अधिक उपकरण नहीं जोड़ने चाहिए |
(ii) हमेशा परिपथ में विद्युत उपकरण पार्श्व क्रम में ही संयोजित करने चाहिए |
(iii) परिपथ में उपयुक्त फ्यूज का उपयोग करना चाहिए |
(iv) अतिभारण से बचाने के लिए एक ही समय में अधिक विद्युत उपकरणों का उपयोग नहीं करना चाहिए |
अभ्यास
Chapter 13. विद्युत धारा का चुंबकीय प्रभाव
Q1. निम्नलिखित में से कौन किसी लंबे विद्युत धरावाही तार के निकट चुंबकीय क्षेत्र का सही वर्णन करता है?
(a) चुंबकीय क्षेत्र की क्षेत्र रेखाएँ तार के लंबवत होती हैं।
(b) चुंबकीय क्षेत्र की क्षेत्र रेखाएँ तार के समांतर होती हैं।
(c) चुंबकीय क्षेत्र की क्षेत्र रेखाएँ अरीय होती हैं जिनका उदभव तार से होता है।
(d) चुंबकीय क्षेत्र की संकेंद्री क्षेत्र रेखाओं का केंद्र तार होता है।
उत्तर: (d) चुंबकीय क्षेत्र की संकेंद्री क्षेत्र रेखाओं का केंद्र तार होता है।
Q2. वैद्युतचुंबकीय प्रेरण की परिघटना-
(a) किसी वस्तु को आवेशित करने की प्रक्रिया है।
(b) किसी कुंडली में विद्युत धारा प्रवाहित होने के कारण चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न करने की प्रक्रिया है।
(c) कुंडली तथा चुंबक के बीच आपेक्षिक गति के कारण कुंडली प्रेरित विद्युत धारा उत्पन्न करना है।
(d) किसी विद्युत मोटर की कुंडली को घूर्णन कराने की प्रक्रिया है।
उत्तर: (c) कुंडली तथा चुंबक के बीच आपेक्षिक गति के कारण कुंडली प्रेरित विद्युत धारा उत्पन्न करना है।
Q3. विद्युत धारा उत्पन्न करने की युक्ति को कहते हैंμ
(a) जनित्र
(b) गैल्वेनोमीटर
(c) ऐमीटर
(d) मोटर
उत्तर: (a) जनित्र
Q4. किसी ac जनित्रा तथा dc जनित्र में एक मूलभूत अंतर यह है कि-
(a) ac जनित्र में विद्युत चुंबक होता है जबकि dc मोटर में स्थायी चुंबक होता है।
(b) dc जनित्र उच्च वोल्टता का जनन करता है।
(c) ac जनित्र उच्च वोल्टता का जनन करता है।
(d) ac जनित्र में सर्पी वलय होते हैं जबकि कब जनित्र में दिक्परिवर्तक होता है।
उत्तर: (d) ac जनित्र में सर्पी वलय होते हैं जबकि कब जनित्र में दिक्परिवर्तक होता है।
Q5. लघुपथन के समय परिपथ में विद्युत धारा का मान-
(a) बहुत कम हो जाता है।
(b) परिवर्तित नहीं होता।
(c) बहुत अधिक बढ़ जाता है।
(d) निरंतर परिवर्तित होता है।
उत्तर: (c) बहुत अधिक बढ़ जाता है।
Q6. निम्नलिखित प्रकथनों में कौन-सा सही है तथा कौन-सा गलत है? इसे प्रकथन के सामने अंकित कीजिए-
(a) विद्युत मोटर यांत्रिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में रूपांतरित करता है।
(b) विद्युत जनित्र वैद्युतचुंबकीय प्रेरण के सिद्धांत पर कार्य करता है।
(c) किसी लंबी वृत्ताकर विद्युत धरावाही कुंडली के केंद्र पर चुंबकीय क्षेत्र समांतर सीधी क्षेत्र रेखाएँ होता है।
(d) हरे विद्युतरोधन वाला तार प्रायः विद्युन्मय तार होता है।
उत्तर:
(a) विद्युत मोटर यांत्रिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में रूपांतरित करता है। (गलत)
(b) विद्युत जनित्र वैद्युतचुंबकीय प्रेरण के सिद्धांत पर कार्य करता है। (सही)
(c) किसी लंबी वृत्ताकर विद्युत धरावाही कुंडली के केंद्र पर चुंबकीय क्षेत्र समांतर सीधी क्षेत्र रेखाएँ होता है। (सही)
(d) हरे विद्युतरोधन वाला तार प्रायः विद्युन्मय तार होता है। (गलत)
Q7. चुंबकीय क्षेत्र के तीन स्रोतों की सूची बनाइए।
उत्तर: (क) एक प्राकृतिक चुंबक के चारो तरफ चुंबकीय क्षेत्र होता हैं|
(ख) एक धारावाही सीधा चालक के चारो तरफ चुंबकीय क्षेत्र होता हैं|
(ग) एक धारावाही परिनालिका के चारो तरफ चुंबकीय क्षेत्र होता हैं|
Q8. परिनालिका चुंबक की भाँति कैसे व्यवहार करती है? क्या आप किसी छड़ चुंबक की सहायता से किसी विद्युत धरावाही परिनालिका के उत्तर ध्रुव तथा दक्षिण ध्रुव का निर्धरण कर सकते हैं?
उत्तर: पास-पास लिपटे विद्युतरोधी तांबे के तार की बेलन की आकृति की अनेक फेरो वाली कुंडली को परिनालिका कहते हैं| धारावाही परिनालिका का एक सिरा दक्षिणी ध्रुव एवं दूसरा सिरा उत्तरी ध्रुव की तरह कार्य करता हैं| परिनालिका के अंदर चुंबकीय क्षेत्र रेखाएं परस्पर समांतर होती हैं| इसका मतलव हैं की परिनालिका का केंद्र पर विद्युत क्षेत्र सबसे अधिक होता हैं तथा सभी जगह एकसमान होता हैं|
हाँ, परिनालिका के उत्तरी ध्रुव एवं दक्षिणी ध्रुव की पहचान दिक्सूचक से क्र सकते हैं| यदि दिक्सूचक की सूई का उत्तरी ध्रुव परिनालिका की ओर आकर्षित होता हैं| तो यह सिरा दक्षिणी ध्रुव होता हैं| इसी प्रकार दक्षिणी ध्रुव की भी पहचान कीजिए|
Q9. किसी चुंबकीय क्षेत्र में स्थित विद्युत धरावाही चालक पर आरोपित बल कब अधिकतम होता है?
उत्तर:
Q10. मान लीजिए आप किसी चैंबर में अपनी पीठ को किसी एक दीवार से लगाकर बैठे हैं। कोई इलेक्ट्रॉन पुंज आपके पीछे की दीवार से सामने वाली दीवार की ओर क्षैतिजतः गमन करते हुए किसी प्रबल चुंबकीय क्षेत्रा द्वारा आपके दाईं ओर विक्षेपित हो जाता है। चुंबकीय क्षेत्रा की दिशा क्या है?
उत्तर: चुंबकीय क्षेत्र उस समतल के लम्बवत दिशा से होगा जिस समतल में इलेक्ट्रान का प्रवाह एवं बल एक- दूसरे के लम्बवत हो|
Q11. विद्युत मोटर का नामांकित आरेख खींचिए। इसका सिद्धांत तथा कार्यविधि स्पष्ट कीजिए। विद्युत मोटर में विभक्त वलय का क्या महत्त्व है?
उत्तर:
Q12. ऐसी कुछ युक्तियों के नाम लिखिए जिनमें विद्युत मोटर उपयोग किए जाते हैं।
उत्तर: कूलर, पंखा, एयर कंडीशनर, पंप आदि में विद्युत मोटर का उपयोग किया जाता हैं|
Q13. कोई विद्युतरोधी ताँबे के तार की कुंडली किसी गैल्वेनोमीटर से संयोजित है। क्या होगा यदि कोई छड़ चुंबक-
(i) कुंडली में धकेला जाता है।
(ii) कुंडली के भीतर से बाहर खींचा जाता है।
(iii) कुंडली के भीतर स्थिर रखा जाता है।
उत्तर: (i) इस स्थिति में कुंडली में प्रेरित धारा उत्पन्न होती हैं|
(a) यदि उत्तरी ध्रुव कुंडली में धकेलते हैं तो कुंडली में धारा की दिशा घड़ी की सुई की विपरीत दिशा में होती हैं|
(b) यदि कुण्डलो में दक्षिणी ध्रुव धकेलते हैं तो कुंडली में धारा की दिशा घड़ी सुई की दिशा में होती हैं|
(ii) यदि कुण्डलो में दक्षिणी ध्रुव चुंबक को बाहर निकालोगे तो कुंडली में धारा वामावर्ती दिशा में तथा यदि उत्तरी ध्रुव बाहर निकालोगे तो कुंडली में धारा दक्षिणावर्ती दिशा में उत्पन्न होगी|
(iii) इस स्थिति में कुंडली में धारा उत्पन्न नहीं होती हैं|
Q14. दो वृत्ताकार कुंडली A तथा B एक-दूसरे के निकट स्थित हैं। यदि कुंडली A में विद्युतधारा में कोई परिवर्तन करें तो क्या कुंडली B में कोई विद्युत धरा प्रेरित होगी? कारण लिखिए।
उत्तर: हाँ, प्रेरित धारा उत्पन्न होती होगी|
कुंडली A में धारा परिवर्तन के कारण A से होकर गुजरने में चुंबकीय क्षेत्र रेखाओ की संख्या में परिवर्तन होने के कारन B में धारा प्रेरित होती हैं|
Q15. निम्नलिखित की दिशा को निर्धरित करने वाला नियम लिखिए |
(i) किसी विद्युत धरावाही सीधे चालक के चारों ओर उत्पन्न चुंबकीय क्षेत्र,
(ii) किसी चुंबकीय क्षेत्र में, क्षेत्र के लंबवत स्थित, विद्युत धारावाही सीधे चालक पर आरोपित बल,तथा
(iii) किसी चुंबकीय क्षेत्र में किसी कुंडली के घूर्णन करने पर उस कुंडली में उत्पन्न प्रेरित
विद्युत धारा।
उत्तर: (i) किसी विद्युत धरावाही सीधे चालक के चारों ओर उत्पन्न चुंबकीय क्षेत्र की दिशा मैक्सवेल का दक्षिण-हस्त नियम से ज्ञात किया जाता हैं|
मैक्सवेल का दक्षिण-हस्त नियम :- यदि धारावाही चालक को दाहिने हाथ में इस प्रकार पकड़े कि अंगूठा चालक में प्रवाहित धारा की दिशा को निर्देशित करे तो चालक को पकड़ने वाली उँगलियों की दिशा चुंबकीय क्षेत्र की दिशा होती हैं|
(ii) चुंबकीय क्षेत्र में धारावाही चालक पर बल की दिशा फ्लेमिंग के वामहस्त नियम से ज्ञात की जाती हैं|
फ्लेमिंग वामहस्त का नियम:- यदि बाएँ हाथ की प्रथम तीन अँगुलियों को एक-दूसरे के लम्वत इस प्रकार रखा जाए कि तर्जनी चुंबकीय क्षेत्र की दिशा में एवं मध्यमा धारा की दिशा में हो तो अंगूठे की दिशा चालक पर आरोपित बल की दिशा को दर्शाता हैं|
(iii) चुंबकीय क्षेत्र में गतिशील चालक में उत्पन्न प्रेरित धारा की दिशा ज्ञात करने के लिए फ्लेमिंग के दाहिने हस्त के नियम का उपयोग किया जाता हैं|
फ्लेमिंग के दाहिने हस्त के नियम :- इस नियम के अनुसार यदि दाएँ हस्त के प्रथम तीन उंगलियाँ को एक-दूसरे के लम्बवत इस प्रकार रखे की तर्जनी चुंबकीय क्षेत्र की दिशा एवं अंगूठा चालक में गति की दिशा को दर्शाता हैं तो चालक में प्रेरित धारा की दिशा मध्यमा द्वारा सूचित होती हैं|
Q16. नामांकित आरेख खींचकर किसी विद्युत जनित्रा का मूल सिद्धांत तथा कार्यविधि स्पष्ट कीजिए। इसमें ब्रुशों का क्या कार्य है?
उत्तर:
Q17. किसी विद्युत परिपथ में लघुपथन कब होता है?
उत्तर: जब घरेलू विद्युत परिपथ में विद्युतमन्य तार एवं उदासीन तार एक-दूसरे के संपर्क में आ जाते हैं तो परिपथ में धारा का मान बहुत अधिक हो जाता हैं| इस घटना को लघुपथन कहते हैं|
Q18. भूसंपर्क तार का क्या कार्य है? धातु के आवरण वाले विद्युत सधित्रो को भूसंपर्कित करना क्यों आवश्यक है?
उत्तर: किसी विद्युत उपकरण के धात्विक भाग को तार की मदद से पृथ्वी के संपर्क करने वाले तार को भूसंपर्क तार कहते हैं| यह तार सुरक्षा यंत्र के रूप में विद्युत परिपथ के उपयोग में लाया जाता हैं| यदि किसी भी प्रकार के उपकरण में विद्युत धारा आ जाती हैं तो यह पृथ्वी को स्थानांतरित हो जाती हैं जिसके फलस्वरूप कोई दुर्घटना होने से बच जाती हैं|
महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर:
प्रश्न 1- प्राकृतिक चुम्बक को किस नाम से जाना जाता है ?
उत्तर - मैग्नेटाइट ।
प्रश्न 2 - चुम्बकीय दिक्पात क्या है ?
उत्तर - दिकसूचक सुई का उतरोन्मुखी सिरा ठीक उतर की ओर संकेत न करके लगभग उतर की ओर संकेत करता है| दिकसूचक पठन में होने वाले इस विचलन को चुम्बकीय दिक्पात कहते है ।
प्रश्न 3 - परिनलिका किसे कहते है ?
उत्तर - बेलन की आकृति में लपेटे तार की अनेक वृत्ताकार फेरों को परिनलिका कहते है ।
प्रश्न 4 - MRI युक्ति द्वारा शरीर के विभिन्न अंगों का प्रतिबिम्ब प्राप्त करने के लिए यह किस अधार पर कार्य करता हैं ?
उत्तर - शरीर के अंदर विद्यमान चुम्बकीय क्षेत्र के अधार पर MRI युक्ति शरीर के विभिन्न अंगों का प्रतिबिम्ब प्राप्त करता है ।
प्रश्न 5 - मानव शरीर में चुम्बकीय क्षेत्र कहाँ से उत्पन्न होता है ?
उत्तर - मानव शरीर में चुम्बकीय क्षेत्र हमारे शरीर की तंत्रिका कोशिकाओं में बहने वाली आयन धाराओं से उत्पन्न होता है।
प्रश्न 6 - दो चुम्बकीय क्षेत्र रेखाएँ एक - दूसरे को प्रतिच्छेद क्यों नहीं करती है ?
उत्तर - दो चुम्बकीय क्षेत्र रेखाएँ एक - दूसरे को प्रतिच्छेद नहीं करती है क्योंकि प्रतिच्छेद बिन्दु पर दिक् सूची रखने पर दो दिशाओं की ओर संकेत करेगा जो संभव नहीं हैं ।
प्रश्न 7 - एक छड चुम्बक के चारों ओर चुम्बकीय क्षेत्र को दर्शाइए।
उत्तर - एक छड चुम्बक के चारों ओर चुम्बकीय :-
प्रश्न 8 - परिनलिका के भीतर उत्पन्न प्रबल चुंबकीय क्षेत्र का उपयोग हम किस कार्य के लिए कर सकते है ?
उत्तर - विद्युत चुम्बक बनाने के लिए।
प्रश्न 9 - मानव शरीर का वे कौन से दो भाग है जो चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न करते है ?
उत्तर - हृदय एवं मस्तिष्क ।
प्रश्न 10 - वह कौन सी युक्ति है जिसमें विद्युत उर्जा का यांत्रिक उर्जा में रूपान्तरण होता है ?
उत्तर - विद्युत मोटर।
प्रश्न 11 - चिकित्सा विज्ञान के एक विशेष तकनीक का नाम बताइए जिसमें चुम्बकीय क्षेत्र, शरीर के विभिन्न भागों का प्रतिबिम्ब बनाने का अधार बनाता है ।
उत्तर - MRI
प्रश्न 12 - दिक्परिवर्तक किसे कहते है ?
उत्तर - वह युक्ति जो परिपथ में विद्युत धारा के प्रभाव को उत्क्रमित कर देती है , उसे दिक्परिर्वतक कहते है ।
प्रश्न 13 - एक सीधा धारावाही चालक अपने चारो ओर चुम्बकिय क्षेत्र उत्पन्न करता हैं । इस प्रकार उत्पन्न चुम्बकिय क्षेत्र की दिशा ज्ञात करने वाले नियम की व्याख्या कीजिए ।
उत्तर - इस नियम को दक्षिण हस्त अंगुष्ठ नियम कहते है । इस नियम को मैक्सवेल कॉर्कस्क्रु नियम भी कहते है । आप अपने दहिने हाथ में विद्युत धरावाही चालक को इस प्रकार पकडे हुए हैं कि आप का अंगुठा धारा की दिशा की ओर संकेत करता है । तो आपकी अंगुलियाँ चालक के चारों ओर चुम्बकिय क्षेत्र की क्षेत्र रेखाओं की दिशा में लिपटी होगी ।
प्रश्न 14 - विद्युत मोटर मे विभक्त वलय का क्या कार्य है ?
उत्तर - दिक् परिवर्तक का कार्य करता है।
प्रश्न 15 - सीधे चालक से विद्युत धारा प्रवाहित होने पर उसके चारों ओर चुम्बकीय क्षेत्र पर क्या प्रभाव पडता है ? जब
(i)विद्युत धारा बढाने पर।
(ii) द्कि सूचक सुई तार से दूर ले जाने पर ।
(iii) उत्पन्न चुम्बकिय क्षेत्र को निरूपित करने वाले संकेन्द्री वृतों पर।
उत्तर -
(i) चुम्बकिय क्षेत्र के परिणाम में वृद्धि हो जाती है।
(ii) दिकसूची का विक्षेप घट जाता है।
(iii) उत्पन्न चुम्बकिय क्षेत्र को निरूपित करने वाले संकेन्द्री वृतों का साइज बढ़ जाता है।
प्रश्न 16 - विद्युन्मय तार और उदासीन तार के बीच कितने वोल्ट का विभवांतर होता है ?
उत्तर - 220 V का विभवांतर होता है।
प्रश्न 17 - घरों में प्रवाहित प्रत्यावर्ती विद्युत शक्ति कितने वोल्ट पर प्राप्त करते है और इसकी आवृति कितनी होती है ?
उत्तर - 220 V पर प्राप्त करते है और इसकी आवृति 50 Hz होती है।
प्रश्न 18 - चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न करने की दो विधियाँ कौन कौन सी है ? इनमें से कौन सी विधि अच्छा है ? क्यो ?
उत्तर -
(a) कुन्डली को किसी चुम्बकीय क्षेत्र में गति कराकर ।
(b) कुन्डली के चारों ओर के चुम्बकीय क्षेत्र में परिवर्तन कराकर ।
इनमें से (a) विधि अच्छा है|
प्रश्न 19 - चुम्बकीय क्षेत्र की प्रबलता को आप किस प्रकार पहचान करोगे ?
उत्तर - चुम्बकीय क्षेत्र की आपेक्षिक प्रबलता को क्षेत्र रेखाओं की निकटता की कोटी द्वारा दर्शाया जाता हैं । जहाँ पर चुम्बकीय क्षेत्र रेखाएँ अपेक्षाकृत अधिक निकट होती हैं वहाँ चुम्बकीय क्षेत्र अधिक प्रबल होता है।
प्रश्न 20 - एक छड चुम्बक A जिसकी चुम्बकीय क्षेत्र रेखाएँ अपेक्षाकृत अधिक निकट हैं जबकि एक अन्य चुम्बक B जिसकी चुम्बकीय क्षेत्र रेखाएँ A की अपेक्षा दूर है । A को B के पास लाया जाता है कौन सा चुम्बक अधिक बल से कार्य करेगा ? क्यों ?
उत्तर - चुम्बक A । क्योंकि जहाँ पर चुम्बकीय क्षेत्र रेखाएँ अपेक्षाकृत अधिक निकट होती हैं वहाँ चुम्बकीय क्षेत्र अधिक प्रबल होता है। और वह चुम्बक अधिक बल से कार्य करेगा।
प्रश्न 21- n फेरों की कोई कुडली द्वारा उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र एकल फेरे द्वारा उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र की तुलना में कितना अधिक प्रबल होगा ?
उत्तर - n गुना अधिक प्रबल होगा ।
प्रश्न 22 - विद्युत धारावाही वृताकार पाश के कारण उत्पन्न चुम्बकिय क्षेत्र की प्रकृति लिखिए।
उत्तर -
(i) इसके चारों ओर उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र को निरूपित करने वाले संकेन्द्री वृतों का साइज तार से दूर जाने पर निरंतर बडा होता जाता है।
(ii) इन बृहत् वृतों के चाप सरल रेखाओं जैसे प्रतीत होते है।
(iii) पाश के भीतर सभी चुम्बकीय क्षेत्र रेखाएँ एक ही दिशा में होती है।
महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर :-
प्रश्न 1 -(i) प्रत्यावर्ती धारा (A.C) और दिष्टधारा (D.C) में क्या अंतर है ?
(ii) ऐसी कुछ युक्तियों के नाम लिखो जो दिष्टधारा व प्रत्यवर्ती धारा उत्पन्न करते है।
(iii) प्रत्यवर्ती धारा दिष्टधारा से किस प्रकार लाभदायक है ?
(iv) भारत में प्रत्यावर्ती धारा की आवृति कितनी है ?
(v) भारत में उत्पादित प्रत्यावर्ती विद्युत धारा कितने समय पश्चात् अपनी दिशा उत्क्रमित करती है ?
उत्तर -(i) दिष्टधारा एक ही दिशा में प्रवाहित होता है जबकि प्रत्यावर्ती धारा की दिशा निश्चित अवधि में परिवर्तित हो जाता है।
(ii) दिष्टधारा (D.C) - सेल या बैटरी
प्रत्यावर्ती धारा (A.C) - विद्युत जनित्र
(iii) प्रत्यवर्ती धारा का लाभ यह है कि विद्युत शक्ति को सुदूर स्थानों तक बिना अधिक ऊर्जा क्षय के प्रषित किया जा सकता है ।
(iv) 50 Hz हाटर्ज
(v) भारत में उत्पादित प्रत्यावर्ती विद्युत धारा 1/100 S पश्चात् अपनी दिशा उत्क्रमित करती है|
प्रश्न 2 - घरेलु विद्युत परिपथ में विद्युन्मय तार और उदासीन तार के अलावा एक अन्य तार होता है , जिस पर हरा विद्युतरोधन होता है।
(i) इस तार को क्या कहते है ?
(ii) इस तार को घरेलु परिपथ में लगाने के क्या फायदे हैं ?
(iii) इस तार को घरेलु परिपथ के अलावा इसका एक और छोर कहाँ संयोजित किया जाता हैं और कैसे ?
उत्तर -
(i) इसे भूसंपर्क तार कहते है।
(ii) भूसंपर्क तार एक सुरक्षा उपाय है जो यह सुनिश्चित करता है कि कोई उपकरण के धात्विक आवरण में विद्युत धारा आ जाता है तो उसका उपयोग करने वाला व्यक्ति को गंभिर क्षटका न लगे।
(iii) इस तार को घरेलु परिपथ के अलावा इसका एक और छोर भूमि में गहराई में दबी धातु की प्लेट से संयोजित किया जाता हैं ।
प्रश्न 3 - निम्न प्रश्नों का उतर दे।
(i) विद्युत चुम्बकीय प्रेरण क्या है ?
(ii) विद्युत चुम्बकीय प्रेरण की खोज किसने की ?
(iii) किसी कुन्डली में प्रेरित विद्युत धारा उत्पन्न करने के दो तरीके बताइए।
(iv) कुन्डली में प्रेरित विद्युत धारा उत्पन्न करने के दोनों तरीकों में से कौन अधिक सुविधाजनक हैं ?
उत्तर -
(i) कुन्डली एवं चुम्बक के सॉपेक्षिक गति के कारण कुन्डली में विद्युत धारा प्रेरित होती है। इस परिघटना को विद्युत चुम्बकीय प्रेरण कहते है।
(ii) माइकेल फैराडे ने ।
(iii) (a) कुन्डली को किसी चुम्बकीय क्षेत्र में गति कराकर ।
(b) कुन्डली के चारों ओर के चुम्बकीय क्षेत्र में परिवर्तन कराकर ।
(iv) कुन्डली को किसी चुम्बकीय क्षेत्र में गति कराकर प्रेरित विद्युत धारा उत्पन्न करना अधिक सुविधाजनक हैं |
प्रश्न 4 - निम्न प्रश्नों का उतर दीजिए।
(i) पास-पास लिपटे विद्युतरोधी ताँबे के तार की बेलन की आकृति की अनेक फेरों वाली कुंडली को क्या कहते है ?
(ii) इसके चारों ओर उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र रेखाओं को चित्र द्वारा दर्शाइए।
(iii) इसके द्वारा उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र का एक गुण लिखिए तथा इस गुण का उपयोग किस कार्य के लिए किया जाता है ?
(iv) क्या होगा जब इसके अंदर एक लोहे की कील रख कर विद्युत धारा प्रवहित की जाय ? ऐसे बने चुम्बक को क्या कहते हैं ?
उत्तर -
(i) परिनलिका ।
(ii) परिनलिका के चारों ओर उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र रेखाएँ ।
(iii) इसके भीतर सभी बिन्दुओं पर चुम्बकीय क्षेत्र समान होता है और चुम्बकीय रेखाएँ समांतर रेखाएँ होती है। इस गुण का उपयोग चुम्बक बनाने के लिए किया जाता है।
(iv) लोहे की कील चुम्बक बन जाता है। ऐसे बने चुम्बक को विद्युत चुम्बक कहते हैं ।
प्रश्न 5 - निम्न प्रश्नों का उतर दीजिए ।
(i) चुम्बकीय क्षेत्र से आप क्या समझते है ?
(ii) क्या चुम्बक के भीतर भी चुम्बकीय क्षेत्र रेखाएँ होती है ? यदि हाँ, तो उनकी दिशा क्या होती है ?
(iii) चुम्बकीय क्षेत्र सदिश राशि है या अदिश ? कैसे ?
(iv) चुम्बकीय क्षेत्र रेखाओं के तीन गुण लिखिए।
उत्तर -
(i) किसी चुम्बक के चारों ओर के वह क्षेत्र जिसमें उसके बल का संसूचन किया जा सकता है , चुम्बक का चुम्बकीय क्षेत्र कहलाता है।
(ii) हाँ, चुम्बक के भीतर भी चुम्बकीय क्षेत्र रेखाएँ होती है। उनकी दिशा उसके दक्षिणी ध्रुव से उसके उतरी ध्रुव की ओर होती है।
(iii) चुम्बकीय क्षेत्र सदिश राशि है। क्योंकि चुम्बकीय क्षेत्र की परिणाम तथा दिशा दोनों होती है।
(iv) चुम्बकीय क्षेत्र रेखाओं के तीन गुणः -
(a) चुम्बकीय क्षेत्र रेखाएँ चुम्बक के उतर ध्रुव से प्रकट होती है और दक्षिण ध्रुव पर विलिन हो जाती है।
(b) चुम्बकीय क्षेत्र रेखाएँ एक बंद वक्र होती है।
(c) चुम्बकीय क्षेत्र रेखाओं की परिणाम तथा दिशा दोनों होती है।
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2. अम्ल, क्षार एवं लवण
3. धातु और अधातु
4. कार्बन और इसके यौगिक
5. तत्वों के आवर्त वर्गीकरण
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9. अनुवांशिकता एवं जैव विकास
10. प्रकाश-परावर्तन एवं अपवर्तन
11. मानव-नेत्र एवं रंगबिरंगी दुनियाँ
12. विद्युत
13. विद्युत धारा का चुम्बकीय प्रभाव
14. उर्जा के स्रोत
15. हमारा पर्यावरण
16. प्राकृतिक संसाधनों का प्रबंधन
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