chapter 5. खनिज तथा उर्जा संसाधन Geography class 10 exercise अतिरिक्त - प्रश्न
chapter 5. खनिज तथा उर्जा संसाधन Geography class 10 exercise अतिरिक्त - प्रश्न ncert book solution in hindi-medium
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अध्याय-समीक्षा
खनिज तथा ऊर्जा संसाधन
- भू-पर्पटी (पृथ्वी की ऊपरी परत) विभिन्न खनिजों के योग से बनी चट्टानों से निर्मित है। इन खनिजों का उपयुक्त शोधन करके ही ये धातुएँ निकाली जाती हैं।
- खनिज हमारे जीवन के अति अनिवार्य भाग हैं। लगभग हर चीज जो हम इस्तेमाल करते हैं - एक छोटी सूई से लेकर एक बड़ी इमारत तक, या फिर एक बड़ा जहाज आदि - सभी खनिजों से बने हैं। रेलवे लाइन और सड़क के पत्थर, हमारे औजार तथा मशीनें - सभी खनिजों से बने हैं।
- भू-वैज्ञानिकों के अनुसार खनिज एक प्राकृतिक रूप से विद्यमान समरूप तत्त्व है जिसकी एक निश्चित आंतरिक संरचना है।
- 2000 से अधिक खनिजों की पहचान की जा चुकी है, लेकिन अधिकतर चट्टानों में केवल कुछ ही खनिजों की बहुतायत है।
- खनिजों का वर्गीकरण : (1) धात्विक खनिज (2) अधात्विक खनिज (3) ऊर्जा खनिज |
- धात्विक खनिज को तीन भागों में वर्गीकृत किया गया है : (1) लौह खनिज (2) अलौह खनिज (3) बहुमूल्य खनिज |
- अधात्विक खनिज जैसे - अभ्रक, नमक, पोटाश, सल्फर, चुना पत्थर, संगमरमर तथा बलुआ पत्थर इत्यादि |
- कोयला, पेट्रोलियम तथा प्राकृतिक गैस आदि ऊर्जा खनिज में शामिल हैं |
- अयस्क : खनिजों का वह समूह जिसमें से किसी विशेष खनिज की मात्रा अधिक हो और धातु निष्कर्षण लाभप्रद हो अयस्क कहलाता है |
- रैट होल खनन : जोवाई व चेरापूँजी में कोयले का खनन परिवार के सदस्य द्वारा एक लंबी संकीर्ण सुरंग के रूप में किया जाता है, जिसे रैट होल खनन कहते हैं।
- सामान्य नमक, मैगनीशियम तथा ब्रोमाइन ज्यादातर समुद्री जल से ही प्रग्रहित (nodules) होते हैं।
- हेमेटाइट सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण औद्योगिक लौह अयस्क है जिसका अधिकतम मात्रा में उपभोग हुआ है। किन्तु इसमें लोहांश की मात्रा मैग्नेटाइट की अपेक्षा थोड़ी-सी कम होती है। (इसमें लोहांश 50 से 60 प्रतिशत तक पाया जाता है।)
- भारत में उड़ीसा मैंगनीश का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है। वर्ष 2000-01 में देश के कुल उत्पादन का एक तिहाई भाग यहाँ से प्राप्त हुआ।
- भारत में ताँबे के भंडार व उत्पादन क्रांतिक रूप से न्यून हैं। अघातवर्ध्य (malleable), तन्य और ताप सुचालक होने के कारण ताँबे का उपयोग मुख्यतः बिजली के तार बनाने, इलैक्ट्रोनिक्स और रसायन उद्योगों में किया जाता है|
- मध्य प्रदेश की बालाघाट खदानें देश का लगभग 52 प्रतिशत ताँबा उत्पन्न करती हैं। झारखंड का सिंहभूम जिला भी ताँबे का मुख्य उत्पादक है। राजस्थान की खेतड़ी खदानें भी ताँबे के लिए प्रसिद्द थीं।
- एल्युमुनियम के अयस्क का नाम बॉक्साइट है |
- चूना पत्थर (Limestone) - चूना पत्थर कैल्शियम या कैल्शियम कार्बोनेट तथा मैगनीशियम कार्बोनेट से बनी चट्टानों में पाया जाता है। यह अधिकांशतः अवसादी
चट्टानों में पाया जाता है। चूना पत्थर सीमेंट उद्योग का एक आधारभूत कच्चा माल होता है। और लौह-प्रगलन की भट्टियों के लिए अनिवार्य है।
अभ्यास - प्रश्न
अभ्यास : 5 (खनिज तथा ऊर्जा संसाधन)
1. बहुवैकलिप्क प्रश्न :-
(a) निम्नलिखित में से कौन - सा खनिज अपक्षयित भार को त्यागता हुआ चट्टानों के अपघटन से बनता है ?
(क) कोयला
(ख) बॉक्साइट
(ग) सोना
(घ) जस्ता
उत्तर :- (क) कोयला |
(b) झारखंड में सिथत कोडरमा निम्नलिखित से किस खनिज का अग्रणी उत्पादक है ?
(क) बॉक्साइट
(ख) अभ्रक
(ग) लौह अयस्क
(घ) ताँबा
उत्तर :- (ख) अभ्रक |
(c) निम्नलिखित चट्टनों में से किस चट्टान के स्तरो में खनिज का निक्षेपण और संचरण होता है ?
(क) तलछटी चट्टनों
(ख) आग्नेय चट्टनें
(ग) कायांतरित चट्टनें
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :- (क) तलछटी चट्टनों |
(d) मोनाजाइट रेत में निम्नलिखित में से कौन - सा खनिज पाया जाता है ?
(क) खनिज तेल
(ख) यूरेनियम
(ग) थोरियम
(घ) कोयला
उत्तर :- (ग) थोरियम |
2. निम्नलिखित प्रश्नों उत्तर लगभग 30 शब्दों में दीजिए |
(a) निम्नलिखित में अंतर 30 शब्दों से अधिक ना दें |
(क) लौह और अलौह खनिज
(ख) परंपरागत तथा गैर परंपरागत ऊर्जा साधन
उत्तर :- (क) लौह खनिज :- लौहा अयस्क तथा मैंगनीज जैसे खनिज जो धातु शोधन के विकास को सशक्त आधार उघोगों करते है लौह खनिज कहलाते है |
अलौह खनिज :- ताँबा खनिज , सीमा तथा सोने जैसे वे खनिज जो धातु शोधन , इंजीनियरिंग व बिजली उघोगों में प्रयोग किए जाते है , अलौह खनिजों की कोटि में आते है |
(ख) परंपरागत ऊर्जा साधन :- परंपरागत ऊर्जा साधनों में लकड़ी , उपलें , कोयले , प्राकृतिक गैस , जल व ताप विघुत , पेट्रोलियम आदि को सम्मिलित किया जाता है |
गैर परंपरागत ऊर्जा साधन :- गैर परंपरागत ऊर्जा स्रोतों में सौर ऊर्जा , पवन , ज्वारीय , भू - तापीय ऊर्जा तथा बायोगैस ऊर्जा को को सम्मिलित किया जाता है |
(b) खनिज क्या है ?
उत्तर :- खनिज प्राकृतिक रूप से विघमान वह समरूप तत्व है जिसकी एक निशिचत आतंरिक संरचना होती हैं |
(c) आग्नेय तथा कायांतरित चट्टनों में खनिजों में निर्माण कैसे होता हैं ?
उत्तर :- आग्नेय तथा कायांतातित चट्टनों में खनिज दरारों , जोड़ों , भेंशों एवं विदारों में पाए जाते है | जब इन्हें इन दरारों के माध्यम से भू - पृष्ठ की तरफ धकेला जाता है तो रास्ते में ठंडे होकर जैम जाते है | इस प्रकार के खनिजों में मुख्यत : ताँबा जस्ता , सीसा तथा जिंक आदि आते है |
(d) हमें खनिजों के संरक्षण की क्यों आवश्यकता है ?
उत्तर :- निम्नलिखित कारणों से हमें खनिजों के संरक्षण की जरूरत पड़ती है :-
(क) खनिज निर्माण प्रक्रियाएँ अत्यंत धीमी गाती से होती है जिसके कारण उनकी वर्तमान उपय्प्ग की दर इनके पुनर्भरण की दर से अधिक होती है
(ख) ये सीमित निर्माण तथा अनवीकरणीय संसाधन है |
(ग) इनके लगातार खनन से गहराई के साथ इनकी लागत में बढ़ोतरी तथा गुणवता में कमी होती है |
3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 120 शब्दों में दीजिए ?
(a) भारत में कोयले के वितरण का वर्णन कीजिए |
उत्तर :- भारत में कोयला दो प्रमुख भूगर्भिक युगों के शैलक्रम में मिलाता है | इवामे प्रथम गोंडवाना है जिसकी अनुमानित आयु 200 लाख वर्ष से अधिक तथा टरशियरी निक्षेप है जिसकी आयु 55 लाख वर्ष है |
गोंडवाना कोयला मुख्यतः दामोदर घाटी जिसमें पशिचम बंगाल तथा झारखंड का क्षेत्र आता है , के झारिया , बोकारो तथा रानीगंज क्षेत्रोबं में पाया जाता है | इसके अमाला गोदावरी , महानदी , सोन व वर्षा नदी की घाटियों में भी इस कोयले के निक्षेप मिलते है |
टरशियारी कोयला मुख्यतः उत्तर - पूर्वी राज्यों - मेघालय , अरूनाचल प्रदेश , नागालैंड तथ्जा असं में पाया जाता है |
(b) भारत में सौर ऊर्जा का भविष्य उज्जवल है | क्यों ?
उत्तर :- चूंकि भरता एक उष्ण - कटिबंधीय देश है अत: यहाँ ऊर्जा के दोहन की असीम संभावनाएं उपलब्ध है | वर्तमान में भारत के ग्रामीण एवं सुदूर क्षेत्रों में ऊर्जा का यह रूप लगातार लोकप्रिय होता जा रहा है | ऐसी संभावनाएँ व्यक्त की जा रही है की सौर ऊर्जा के परिणामस्वरूप ग्रामियों की लकड़ी एवं उपलों जैसी परंपरागत ऊर्जा स्रोतों पर निर्भरता को कम किया जा सकेगा जिससे पर्यावरण संरक्षण मिलेगा तथा कृषि क्षेत्र में भी पर्याप्त खाघ उपलब्ध हो सकेगी |
अतिरिक्त - प्रश्न
अभ्यास : 5 (खनिज तथा ऊर्जा संसाधन)
1 अंक वाले प्रश्न
प्रश्न 1. खनिज क्या है?
उत्तर : खनिज एक प्राकृतिक रूप से विद्यमान समरूप तत्व है, जिसकी एक निश्चित आंतरिक संरचना है |
प्रश्न 2. खनिजों के खनन की सुविध किन दो बातों पर निर्भर करती है?
उत्तर: (i) शैलो का निर्माण व संरचना,
(ii) आर्थिक विकास और तकनीकी प्रगति।
प्रश्न 3. ‘प्लेसर निक्षेप’ किसे कहते है?
उत्तर : पहाडि़यों के आधर तथा घाटी तल की रेत में जलोढ़ जमाव के रूप में कुछ खनिज पाए जाते हैं। जिसे प्लेसर निक्षेप कहते हैं |
प्रश्न 4. महासागरीय तली में किन खनिजों की प्रचुरता है ?
उत्तर : मैंगनीज ग्रंथिकाए |
प्रश्न 5. समुद्री जल से प्रग्रहीत (प्राप्त) ;कमतपअमकद्ध दो खनिजो के नाम लिखिए।
उत्तर : नमक, मैगनीशियम, ब्रोमाइन
प्रश्न 6. सर्वोतम प्रकार के लौह अयस्क का नाम लिखिए।
उत्तर : मैग्नेटाइट
प्रश्न 7. सर्वाधिक महत्वपूर्ण औद्योगिक लौह अयस्क कौन सा है?
उत्तर : हेमेटाइट
प्रश्न 8. मैंगनीज़ के कोई दो उपयोग लिखिए।
उत्तर : पेंट बनाने में, कीटनाशक में प्रयोग, ब्लीचिंग पाउडर।
प्रश्न 9. मैंगनीज़ का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य कौन सा है?
उत्तर : उड़ीसा |
प्रश्न 10. ताँबे के लिए प्रसिद्ध खेतड़ी खदान किस राज्य में स्थित हैं?
उत्तर : राजस्थान |
प्रश्न 11. खनन को घातक उद्योग बनने से रोकने के लिए कोई दो उपाय लिखिए।
उत्तर : दृढ़ सुरक्षा विनियम और पर्यावरणीय कानूनों का क्रियान्वयन।
प्रश्न 12. विद्युत मुख्यतः किन दो प्रकारों से उत्पन्न की जाती है?
उत्तर : (i) प्रवाही जल से जो हाइड्रो-टरबाइन चलाकर जलविद्युत उत्पन्न करता है और
(ii) कोयला व प्राकृतिक गैस को जलॉकर टरबाइन चला कर।
प्रश्न 13. यूरेनियम और थोरियम किन दो राज्य में प्रधानतः पाए जाते हैं?
उत्तर : (i) झारखंड, (ii) राजस्थान, (iii) केरल
प्रश्न 14. सतत् पोषणीय उर्जा के दो मुख्य आधार क्या हैं?
उत्तर : (i) उर्जा संरक्षण की प्रोन्नति और
(iii) नवीकरणीय उर्जा संसाधनों का बढ़ता प्रयोग।
प्रश्न 15. भारत में भू-तापीय उर्जा के दोहन के लिए भारत में दो प्रायोगिक परियोजनाएँ कहाँ शुरु की गई है?
उत्तर : (i) हिमाचल प्रदेश में मणिकरण के निकट पार्वती घाटी और
(ii) लद्दाख में पूगा घाटी में स्थित।
16. वाणिज्यिक प्रयोग के लिए सर्वाधिक उपयोगी कोयला कौन सा है?
उतर - बिटूमिनस |
3/5 अंक वाले प्रश्न
प्रश्न 1. खनिजों को संरक्षण के कोई तीन उपायों का वर्णन कीजिए|
उत्तर: खनिजों के संरक्षण के निम्नलिखित उपाए हैं-
(i) धातुओ का पुनः चक्रण, रद्दी धातुओं का प्रयोग तथा अन्य प्रतिस्थापनों का प्रयोग करना|
(ii) हमें भी खनिजों के संरक्षण में योगदान देने की आवश्यकता हैं जैसे निजी वहां के स्थान पर सरकारी वाहन का प्रयोग करना |
(iii) खनिज संसाधनों को सुनियोजित तथा सतत पोषणीय ढंग से प्रयोग करने के लिए तालमेल युक्त प्रयास करना होगा|
प्रश्न 2. पेट्रोलियम के महत्त्व का वर्णन कीजिए| भारत में यह किन देशों में पाया जाता हैं?
उत्तर: पेट्रोलियम के महत्त्व निम्नलिखित हैं-
(i) भारत में कोयले के पश्चात् पेट्रोलियम या खनिज तेल ऊर्जा का दूसरा प्रमुख साधन हैं|
(ii) यह ताप व प्रकाश के लिए ईंधन, मशीनों को स्नेहक और अनेक विनिर्माण उद्योगों को कच्चा माल प्रदान करता हैं|
(iii) तेल शोधनशालाएँ - संश्लेषित वस्त्र, उर्वरक तथा असंख्य रसायन उद्योगों में एक नेडीय बिन्दु का काम करती हैं|
यह मुंबई हाई से 63 प्रतिशत, गुजरात से 18 प्रतिशत और असम से 16 प्रतिशत प्राप्त होता है|
प्रश्न 3. ऊर्जा के सतत पोषणीय विकास की आवश्यकता का आधार क्या हैं?
उत्तर: ऊर्जा के सतत पोषणीय विकास की आवश्यकता के निम्नलिखित दो आधार हैं-
(i) ऊर्जा संरक्षण की प्रोन्नति |
(ii) नवीकरणीय ऊर्जा संसाधनों का प्रयोग|
इस प्रकार भारत जैसे अल्पविकसित देश के लिए सीमित साधनों को न्यायसंगत रूप में प्रयोग करना आवश्यक हैं| महानगरों में जहाँ ब्यक्ति को अपने कार्य क्षेत्र के लिए दूर जाना पड़ता हैं वहां व्यक्तिगत वाहन के स्थान पर सार्वजनिक वाहन का प्रयोग करना चाहिए| घरों में व्यर्थ में बिजली पानी का प्रयोग नहीं करना चाहिए| यह सब सतत पोषणीय विकास के लिए आवश्यक हैं क्योंकि ऊर्जा की बचत ही ऊर्जा का उत्पादन हैं|
प्रश्न 4. चट्टानी खनिज कौन-सा हैं? इसके खनन में आने वाले खतरों का वर्णन कीजिए|
उत्तर: चूना पत्थर एक चट्टानी खनिज हैं|
इसके खनन में आने वाले खतरें निम्नलिखित हैं:-
(i) खदान क्षेत्रों में खनन के कारन जल स्रोत संदूषित हो जाते हैं|
(ii) खदानों की छत के गिरने, सैलाब आने, कोयले की खदानों में आग लगाने आदि खतरे खदान श्रमिक के लिए आम व स्थाई हैं|
(iii) खदानों में काम करने वाले श्रमिक लगातार ढूओल व हानिकारक धुएँ में साँस लेते हुए फेफड़ों से संबंधित बीमारियों का शिकार हो जाते हैं|
(iv) अवशिष्ट पदार्थों तथा खनिज तरल के मलबे का ढेर लगाने से भूमि व मिट्टी का अवक्षय होता हिं और सरिताओ तथा नदियों का प्रदूषण बढ़ता हैं|
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Geography Chapter List
chapter 1. संसाधन एवं विकास
chapter 2. वन एवं वन्य जीव संसाधन
chapter 3. जल संसाधन
chapter 4. कृषि
chapter 5. खनिज तथा उर्जा संसाधन
chapter 6. विनिर्माण उद्योग
chapter 7. राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था की जीवन रेखा
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