उपभोक्ता संतुलन | उपयोगिता Economics class 12
उपभोक्ता संतुलन | उपयोगिता Economics class 12
उपयोगिता
उपयोगिता: किसी वस्तु में मानव आवश्यकताओं को संतुष्ट करने की क्षमता को उपयोगिता कहते है |
अर्थात जब कोई वस्तु किसी मानव की आवश्यकता को पूरा करता है तो वह उसकी उपयोगिता कहलाता है |
उपयोगिता की मात्रात्मक माप कठिन है परंतु इसे संतुष्टि या आनंद की इकाइयों में मापा जाता है जिसे युटिल (util) कहते है |
उपभोक्ता संतुलन के आधार पर उपयोगिता की दो अवधारणायें हैं |
(1) सीमांत उपयोगिता (Marginal Utility): किसी वस्तु की एक अतिरिक्त इकाई के उपभोग से, कुल उपयोगिता में होने वाली वृद्धि को सीमांत उपयोगिता कहते है | अर्थात अतिरिक्त इकाई को सीमांत इकाई कहते है |
सीमांत उपयोगिता (MU) = TUn - TUn-1
उदाहरण1: 5 वस्तुओं की कुल उपयोगिता 27 है यदि 1 अतिरिक्त वस्तु (6 वीं ) वस्तु की कुल उपयोगिता 30 है तो सीमांत उपयोगिता ज्ञात कीजिये |
हल: ΔX = 6 - 5 = 1
ΔTUx = 30 - 27 = 3
= 3/1
= 3
(2) कुल उपयोगिता (Total Utility): किसी वस्तु की निश्चित मात्रा के उपयोग से उपभोक्ता को प्राप्त होने वाली समस्त उपयोगिता, कुल उपयोगिता कहलाती है |
कुल उपयोगिता (TU) = Σ MU
उपभोक्ता संतुलन
उपभोक्ता संतुलन :
उपभोक्ता संतुलन की शर्त :
(iii) दो वस्तुओं की खरीद की स्थिति में उपभोक्ता संतुलन तब प्राप्त होता है, जब x वस्तु की सीमांत उपयोगिता और कीमत का अनुपात (MUx /Px), y वस्तु की सीमांत उपयोगिता और कीमत के अनुपात (MUy /Py ) के बराबर हो |
(MUx /Px) = (MUy /Py )
तटस्थता वक्र को अधिमान वक्र भी कहते है |
(1) तटस्थता वक्र : तटस्थता वक्र दो वस्तुओं के संयोजनों को दर्शाता है जिनसे उपभोक्ता को एक समान संतुष्टि प्राप्त होती है |
तटस्थता वक्र की विशेषताएँ :
(i) तटस्थता वक्र हमेशा बाएँ से दाएँ ढालू होता है |
जब कोई उपभोक्ता एक वस्तु की उपभोग को बढाता है तो दूसरी वस्तु का उपभोग घटना पड़ता है ताकि संतुष्टि का स्तर बना रहे |
(ii) तटस्थता वक्र एक दुसरे को काटते है और नहीं छूते है |
क्योंकि तटस्थता वक्र के प्रत्येक बिंदु पर संतुष्टि स्तर अपना-अपना अलग होता है |
(iii) तटस्थता वक्रों का ढलान मूल बिंदु (O) की ओर उन्तोदर होता है |
क्योंकि दो वस्तुओं की प्रतिस्थापन की सीमांत दर (MRS) घटती जाती है |
(iv) तटस्थता वक्रों में सबसे ऊँचा वक्र, सबसे अधिक संतुष्टि दर्शाता है |
क्योंकि ऊँचे वक्र पर दूसरी वस्तु का उपभोग घटाए बिना पहली वस्तु की अधिक मात्रा उपलब्ध होती है |
बजट बाधा : जब उपभोक्ता अपनी मौद्रिक आय सिनित होने के कारण इच्छित वस्तुयें आवश्यक मात्रा में नहीं खरीद सकता तो इसे बजट बाधा कहते हैं |
बजट सेट : बजट सेट उपभोक्ता के समस्त संयोजनों का या बंडलों का सेट है, जो वह अपनी मौद्रिक आय के अंतर्गत प्रचलित कीमतों पर खरीद सकता है |
बजट सेट के कारक:
बजट सेट के दो कारक हैं :
(i) उपभोक्ता की मौद्रिक आय
(ii) दो वस्तुओं की कीमतें
प्रस्तिथापन की सीमांत दर : वह दर जिस पर उपभोक्ता, वस्तु-1 की अतिरिक्त इकाई प्राप्त करने के लिए लिए वस्तु-2 की मात्रा त्यागने के लिए तैयार है, सीमांत प्रतिस्थापन की दर कहलाती है |
page 3
Page is under construction.
page 4
Page is under construction.
page 5
Page is under construction.
page 6
Page is under construction.
Share this Notes to your friends:
Economics Chapter List
Select Class for NCERT Books Solutions
NCERT Solutions
NCERT Solutions for class 6th
NCERT Solutions for class 7th
NCERT Solutions for class 8th
NCERT Solutions for class 9th
NCERT Solutions for class 10th
NCERT Solutions for class 11th
NCERT Solutions for class 12th
sponder's Ads