12. सूचकांक या निर्देशांक | परिचय Economics class 11
12. सूचकांक या निर्देशांक | परिचय Economics class 11
परिचय
अध्याय 12. सूचकांक या निर्देशांक
सूचकांक एक सांख्यिकीय माप या विधि है जो किसी दिए गए चरों या चरों के समूह में होने वाले परिवर्तन को दर्शाता है |
सूचकांकों की विशेषताएँ :
(i) परिवर्तनों के सापेक्ष माप : सूचकांकों की सहायता से विभिन्न समय में चर या चरों के सापेक्ष या प्रतिशत परिवर्तनों का माप किया जाता है |
इसका अर्थ यह है की सापेक्ष माप किसी वस्तु की कीमत में आधार वर्ष की तुलना में वर्त्तमान वर्ष में कीमतों में परिवर्तन का माप होता है |
उदाहरण:
(ii) संख्यात्मक रूप में व्यक्त : सूचकांकों को संख्यात्मक रूप में व्यक्त किया जाता है |
(iii) औसत: सूचकांकों को औसत के रूप में व्यक्त किया जाता है |
सूचकांकों की रचना में कठिनाईयाँ या समस्याएँ :
(i) सूचकांक अलग-अलग उदेश्यों कि पूर्ति करते हैं अत: सूचकांक ज्ञात करने से पहले यह निर्धारित करना पड़ता है कि सूचकांक किस उदेश्य से बनाया जा रहा है | एक सूचकांक सभी उदेश्यों कि पूर्ति नहीं करते हैं |
(ii) सूचकांक ज्ञात करने के लिए दूसरा कार्य है आधार वर्ष का चुनाव जिससे वर्त्तमान वर्ष की तुलना की जानी हैं |
(iii) उसके बाद वस्तुओं एवं सेवाओं का चुनाव करना होता है, क्योंकि सूचकांक बनाते समय सभी वस्तुओं एवं सेवाओं को शामिल नहीं किया जाता है | अत: हमें उन्हीं वस्तुओं या सेवाओं का चुनाव करना होता है जिसका हमें सूचकांक ज्ञात करना है |
(iv) वस्तुओं एवं सेवाओं की कीमतों का चुनाव, इसमें यह देखा जाता है की हमें सूचकांक थोक कीमत के लिए ज्ञात करना है या फुटकर कीमत के लिए ज्ञात करना है |
(v) सूचकांक ज्ञात करने के लिए कीमतों का औसत ज्ञात करना होता है |
(vi) सूचकांक ज्ञात करने के लिए चरों को महत्व दिया जाता है जिसे भारांकन कहा जाता है | इसके लिए भारांकन विधि का चुनाव किया जाता है |
(vii) सूत्र का चुनाव |
सूचकांकों के लाभ अथवा उपयोग :
(i) कीमत स्तर या मुद्रा के माप के मूल्य को बताता है |
(ii) सूचकांकों कि सहायता से समाज में जीवन-स्तर में परिवर्तन का ज्ञान प्राप्त होता है | चूँकि जीवन-स्तर में परिवर्तन व्यक्ति के आय पर निर्भर है | जीवन निर्वाह खर्च बढ़ जाने से लोगो का जीवन स्तर गिर जाता है |
(iii) यह व्यापारी या व्यवसायी वर्गों के लिए उपयोगी होता है |
(iv) किसी देश में दिए जा रहे वेतन एवं भत्ते में सामंजस्य बिठाने के लिए सूचकांकों कि सहायता ली जाती है |
(v) सरकारी नीतियों की आलोचना करने के लिए राजनीतिज्ञ वर्ग सूचकांकों का उपयोग करते है |
(vi) सरकार सूचकांकों की सहायता से ही अपनी मौद्रिक तथा राजकोषीय नीति का निर्धारण करती है |
सूचकांकों की सीमाएँ (कमियाँ) :
(i) सुचाकांके पूर्ण सत्य नहीं होती है | ये केवल गणितीय परिवर्तन कि प्रवृति को ही व्यक्त करते है |
(ii) सूचकांकों का आधार अलग-अलग देशों में अलग-अलग होता है जिससे अंतर्राष्ट्रीय तुलना संभव नहीं है |
(iii) स्थान एवं समय परिवर्तन होने पर सूचकांकों कि सहायता से तुलना करना कठिन हो जाता है |
(iv) सूचकांकों को भार देने का कोई वैज्ञानिक तरीका नहीं है अत: भार देने में दोष होने की संभावना रहती है |
(v) अधिकतर सूचकांक थोक कीमतों पर बनाए जाते हैं | फुटकर कीमतों का आभाव होता है जबकि वास्तविक जीवन में फुटकर कीमतों का अधिक महत्त्व है |
पेज 2
This page is under construction.
पेज 3
This page is under construction.
पेज 4
This page is under construction.
Share this Notes to your friends:
Economics Chapter List
1. परिचय
2. आँकड़ों का संकलन
3. आँकड़ों का व्यवस्थितिकरण
4. आँकड़ों का प्रस्तुतीकरण
5. आँकड़ों का चित्रीय प्रस्तुतीकरण
6. आवृति चित्र
7. रेखीय ग्राफ या कालिक श्रृंखला ग्राफ
8. केन्द्रीय प्रवृति के माप - समांतर माध
9. केन्द्रीय प्रवृति के माप - माध्यिका ए
10. परिक्षेपण के माप
11. सह-संबंध
12. सूचकांक या निर्देशांक
Select Class for NCERT Books Solutions
NCERT Solutions
NCERT Solutions for class 6th
NCERT Solutions for class 7th
NCERT Solutions for class 8th
NCERT Solutions for class 9th
NCERT Solutions for class 10th
NCERT Solutions for class 11th
NCERT Solutions for class 12th
sponder's Ads