9. बल और गति का नियम Science class 9 exercise Assignment
9. बल और गति का नियम Science class 9 exercise Assignment ncert book solution in hindi-medium
NCERT Books Subjects for class 9th Hindi Medium
बल और उसके प्रकार
अध्याय 9. बल और गति का नियम
बल (Force): बल एक प्रकार का धक्का या खिंचाव है जिसमें किसी वस्तु की अवस्था में परिवर्तन करने की प्रवृति होती है |
दुसरे शब्दों में ;
किसी वस्तु पर लगने वाले धक्का, खिंचाव या चोट को बल कहते है | इसमें वस्तु में गति ला सकने की क्षमता होती है |
बल का S.I मात्रक न्यूटन (N) या kgm-2. है |
यह एक सदिश राशि है | इसमें परिमाण और दिशा दोनों होते हैं |
बल के कारण ही किसी वस्तु में गति आती है |
बल के प्रकार (Type of forces):
1. घर्षण बल (Friction force): Thisयह वह बल है जो किसी वस्तु की गति की दिशा के विपरीत दिशा में कार्य करता है | यह दो सतहों के बीच कार्य करता है |
उदाहरण:
(i) जब हम चलते हैं तो यह बल हमारे चप्पल या जूते और धरती के बीच कार्य करता है |
(ii) जब सड़क पर कोई कार दौड़ती है तो यह बल सड़क और कार के टायर के बीच कार्य करता है |
घर्षण बल को कम करना (Reducing the friction force):
घर्षण बल को कम करने के लिए हम निम्न चीजों का उपयोग करते हैं :
(i) चिकनी गोली (Smooth marble) जैसे- चक्कों में बॉल बैरिंग का उपयोग
(ii) चिकनी समतल (Smooth plane)
(iii) समतल की सतह पर चिकनाई युक्त पदार्थ (लुब्रिकेंट) का उपयोग
2. अभिकेन्द्रीय बल (Centripital force): जब कोई वस्तु वृतीय पथ पर गति करता है तो उसके केंद्र से उस पर एक बल लगता है जो उसे प्रत्येक बिंदु पर केंद्र की ओर खींचता है | इस बल को अभिकेन्द्रीय बल कहते हैं |
जैसे - सूर्य के चारो ओर पृथ्वी की गति
3. चुम्बकीय बल (Magnetic force): चुम्बक द्वारा किसी चुम्बकीय धातु पर लगाया गया बल चुम्बकीय बल कहलाता है | अथवा विद्युत चुम्बक द्वारा अपने चारों फैले चुम्बकीय क्षेत्र में चुम्बकीय धातु द्वारा बल का अनुभव करना |
4. गुरुत्वाकर्षण बल (Gravitational force): दो पिंडो के बीच लगने वाले बल को गुरुत्वाकर्षण बल कहते है | जैसे - पृथ्वी और सूर्य के बीच लगने वाला बल |
बल की प्रबलता के आधार पर बल दो प्रकार के होते हैं |
(i) संतुलित बल (Balanced force): किसी वस्तु पर लगने वाले अनेक बलों का यदि परिणामी बल शून्य हो तो ऐसे बल को संतुलित बल कहते हैं |
(ii) असंतुलित बल (Unbalanaced force): किसी वस्तु पर लगने वाले सभी बालों का परिणामी बल शून्य नहीं है तो ऐसे बल को असंतुलित बल कहते हैं |
- यदि किसी वस्तु पर असंतुलित बल लगाया जाता है तो वस्तु की चाल में या तो उसके गति की दिशा में परिवर्तन होता है |
- किसी वस्तु की गति में त्वरण उत्पन्न करने के लिए असंतुलित बल की आवश्यकता होती है |
- वस्तु की चाल में परिवर्तन तब तक बनी रहेगी जब तक वस्तु पर असंतुलित बल लग रहा है |
गति के नियम को प्रस्तुत करने का श्रेय महान वैज्ञानिक सर आइजक न्यूटन को जाता है | इन्होने ने गति के तीन नियम दिए जिसे न्यूटन का गति का नियम कहा है |
(1) गति का प्रथम नियम (The First Law of Motion)
(2) गति का द्वितीय नियम (The Second Law of Motion)
(3) गति का तृतीय नियम (The Third Law of Motion)
गति का प्रथम नियम (जड़त्व)
अध्याय 9. बल एवं गति के नियम
(1) गति का प्रथम नियम (The First Law of Motion):
गति के प्रथम नियम के अनुसार;
"प्रत्येक वस्तु अपनी स्थिर अवस्था या सरल रेखा में एकसमान गति की अवस्था में बनी रहती है जब तक कि उस पर कोई बाहरी बल कार्यरत न हो।"
दुसरे शब्दों में: सभी वस्तुएँ अपनी अवस्था परिवर्तन का विरोध करती हैं |
- गति के प्रथम नियम से हमें यह पता चलता है कि किसी वस्तु पर असंतुलित बल लगाने से गति करता है | अर्थात किसी वस्तु पर असंतुलित बल लगाया जाय तो यह बल के कारण गति करता है |
- गति का प्रथम नियम यह बताता है कि किसी वस्तु पर लगने वाला असंतुलित बाह्य बल उसके वेग में परिवर्तन करता है और वस्तु त्वरित हो जाती है |
जड़त्व (Inertia):
परिभाषा (Defintion): किसी वस्तु के विरामावस्था में रहने या समान वेग से गतिशील रहने की प्रवृत्ति को जड़त्व कहते हैं। यही कारण है कि गति के पहले नियम को जड़त्व का नियम भी कहते हैं।
- जड़त्व प्रत्येक वस्तु का गुण या प्रवृति है |
- जड़त्व को वस्तु के द्रव्यमान से मापा जाता है |
- इसका मात्रक किलोग्राम (kg) होता है |
- भारी वस्तु का जड़त्व किसी हल्के वस्तु से अधिक होता है |
जड़त्व का नियम (Law of inertia):
विराम अवस्था की वस्तुएँ विराम में ही ही बनी रहती है और गतिमान वस्तुएँ गति की अवस्था में उसी वेग से बनी रहती है जब उस पर बाहरी बल न लगाया जाये | इस नियम को जड़त्व का नियम कहते हैं |
जड़त्व के प्रकार (Types of inertia):
(i) विराम का जड़त्व (Inertia of Rest)
(ii) गति का जड़त्व (Inertia of motion)
(iii) दिशा का जडत्व (Inertia of direction)
जड़त्व का उदाहरण (Examples of inertia):
(I) कार में यात्रा : जब हम किसी कार में यात्रा करते हैं तो चलती हुई कार के सापेक्ष हमारा शरीर गति की अवस्था में रहता है | परन्तु जब ब्रेक लगाया जाता है तो गाड़ी के साथ-साथ सीट भी विराम अवस्था में आ जाता है परन्तु हमारा शरीर जड़त्व के कारण गतिज अवस्था में ही बना रहना चाहता है | इसलिए हमारा शरीर ब्रेक लगने पर आगे की तरफ तेजी से झुकता है | इससे हमें गहरी चोट भी लग सकती है यहाँ तक की मृत्यु भी हो सकती है | यही कारण है कि कार में यात्रा करते समय सुरक्षा बेल्ट का उपयोग करते हैं | ये सुरक्षा बेल्ट हमारे आगे बढ़ने की गति को धीमा करता है |
(ii) बस में खड़ा होना: जब हम मोटर बस में खड़े होते हैं एवं मोटर बस अचानक चल पड़ती है। इस स्थिति में हम पीछे की ओर झुक जाते हैं। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि मोटर बस के अचानक गति में आ जाने से हमारा पैर, जो मोटर बस के फर्श के संपर्क में रहता है, गति में आ जाता है। परंतु शरीर का ऊपरी भाग जड़त्व के कारण इस गति का विरोध् करता है।
(iii) तीव्र मोड़ से गुजरती तेज गति की कार: जब कोई मोटरकार तीव्र गति के साथ किसी तीक्ष्ण मोड़ पर मुड़ती है तो हम एक ओर झुकने लगते हैं। इसे भी जड़त्व के नियम से समझा जा सकता है। हमारा शरीर अपनी एक सरल रेखीय गति को बनाए रखना चाहता है। जब मोटर कार की दिशा को बदलने के लिए इंजन द्वारा एक असंतुलित बल लगाया जाता है तब हम अपने शरीर के जड़त्व के कारण सीट पर एक ओर झुक जाते हैं।
- कोई वस्तु तबतक विराम की अवस्था में ही रहेगी जबतक उस पर असंतुलित बल कार्य न करे |
(iv) स्ट्राइकर से कैरम की गोटी को मारना: जब हम स्ट्राइकर से कैरम की ढ़ेरी की सबसे निचली गोटी को अपनी अँगुलियों से तीव्रता से क्षैतिज झटका देते है तो स्ट्राइकर निचली गोटी को तेजी से धक्का देता है | इस प्रकार हम देखते है कि केवल नीचे वाली गोटी ही शीघ्रता से ढ़ेरी से बाहर आ जाती है | नीचे वाली गोटी के बाहर आ जाने से शेष कैरम की गोटियाँ लंबवत नीचे गिरती हैं बिखरती नहीं | ऐसा जड़त्व के कारण ही होता है |
यही कारण है कि गति के प्रथम नियम को जड़त्व का नियम भी कहते है | बाह्य बल लगने के बाद भी कुछ वस्तुएँ अपनी प्रवृति के कारण जडत्व में बनी रहती है | यह बल असंतुलित हो तभी वह अपनी अवस्था में परिवर्तन करती है, विराम में आती है या गतिमान हो जाती है |
द्रव्यमान (Mass): किसी वस्तु में उपस्थित पदार्थ की मात्रा को उस वस्तु का द्रव्यमान कहते है | द्रव्यमान को m से लिखा जाता है और इसे ग्राम (g) या किलोग्राम (kg) में मापा जाता है |
द्रव्यमान किसी वस्तु की जड़त्व का माप (measure) होता है |
जड़त्व और द्रव्यमान में अंतर :
जड़त्व | द्रव्यमान |
1. जड़त्व किसी वस्तु का गुण या प्रवृति है | 2. किसी वस्तु के जड़त्व को उसके द्रव्यमान से मापा जाता है |
|
1. द्रव्यमान किसी वस्तु में उपस्थित पदार्थ की मात्रा होता है | 2. द्रव्यमान स्वयं से ही मापा जाने वाला राशि है | |
गति का द्वितीय नियम
(2) गति का द्वितीय नियम (The Second Law of Motion):
- गति का द्वितीय नियम यह बताता है कि किसी वस्तु में उत्पन्न त्वरण इस पर लगाये गए बल पर निर्भर करता है तथा लगाये गए बल को मापने की विधि को बताता है |
- गति का द्वितीय नियम किसी वस्तु पर लगाये गए बल को ज्ञात करने का सूत्र प्रदान करता है |
- यदि कोई वस्तु त्वरित होती है तो हम जानते है कि अधिक वेग प्राप्त करने के लिए अधिक बल लगाने की आवश्यकता होती है |
- किसी वस्तु द्वारा उत्पन्न प्रभाव उसके द्रव्यमान और वेग पर निर्भर करता है | जैसे- हम हथौड़ी से किसी किल पर चोट मारते है तो चोट का प्रभाव कितना प्रबल होगा यह हथौड़ी के द्रव्यमान और उसके वेग पर ही निर्भर करता है |
संवेग (Momentum): संवेग एक अन्य प्रकार की राशि है जिसे न्यूटन ने प्रस्तुत किया था |
Defintion:
"किसी वस्तु के द्रव्यमान एवं वेग के गुणनफल को संवेग कहते हैं |"
इसे "p" से सूचित करते है | यह एक सदिश राशि है क्योंकि इसके परिमाण और दिशा दोनों होते हैं | इसकी दिशा वाही होती है जो वेग की दिशा होती है |
संवेग का S.I मात्रक किलोग्राम-मीटर/सेकंड (kilogram-meter/second) या (kgms-1) है |
जैसा कि हम जानते है कि वस्तु पर लगाया गया असंतुलित बल वेग में परिवर्तन करता है, अत: बल किसी वस्तु के वेग में परिवर्तन ला सकता है |
दो कारक जो किसी वस्तु के संवेग में परिवर्तन कर सकते है |
(i) किसी वस्तु के द्रव्यमान में परिवर्तन करके,
(ii) किसी वस्तु के वेग में परिवर्तन करके,
- किसी वस्तु के संवेग में परिवर्तन के लिए बल की आवश्यकता होती है जो उस समय दर पर निर्भर करता है जिस पर संवेग में परिवर्तन हुआ है |
गति का द्वितीय नियम यह बताता है कि किसी वस्तु के संवेग में परिवर्तन की दर उस पर लगने वाले असंतुलित बल की दिशा में बल के समानुपातिक होती है |
- गति का द्वितीय नियम किसी वस्तु पर लगने वाले बल को मापने का नियम /विधि देता है |
गणितीय रूप से गति के द्वितीय नियम से बल ज्ञात करना (Mathematically find the force from the second law of motion):
माना कि m द्रव्यमान की कोई वस्तु का प्रारंभिक वेग = u ms-1
और इसका अंतिम वेग = v ms-1
लिया गया समय = t
और द्रव्यमान = m
गति के द्वितीय नियम के अनुसार
प्रारंभिक संवेग p1 = mu kgms-1
अंतिम संवेग p2 = mv kgms-1
ma से बल का सूत्र प्राप्त होता है |
∴ F = kma kgms-2
राशी k अनुपतिकता स्थिरांक है |
- संवेग में परिवर्तन की दर वास्तव में बल होता है |
- बल का मात्रक kgms-2 है |
- संवेग में परिवर्तन की दर में कमी होने से बल की मात्रा में कमी होता है |
हमारे दैनिक जीवन में संवेग में परिवर्तन की दर या बल को कम कैसे करें :
गति के द्वितीय नियम का दैनिक जीवन में प्रयोग (Uses of the second law of motion in daily life) :
(i) एक क्रिकेट खिलाडी बॉल लपकते समय अपना हाथ खिंच लेता है :
क्रिकेट मैच के दौरान मैदान में क्षेत्ररक्षक को तेज गति से आ रही गेंद को लपकते समय हाथ को पीछे की ओर खींच लेता है | तेज घुमती बॉल में उसके वेग के कारण संवेग की मात्रा अधिक होती है | इसलिए, बॉल में काफी बल होता है | समय को बढ़ाने के लिए क्षेत्ररक्षक हाथ पीछे खींचता है, इस प्रकार से क्षेत्ररक्षक गेंद के वेग को शून्य करने में अधिक समय लगाता है और गेंद में संवेग
परिवर्तन की दर कम हो जाती है । इस कारण तेज गति से आ रही गेंद का प्रभाव हाथ पर कम पड़ता है। हाथ चोटिल होने से बच जाता है |
(ii) ऊँची छलांग के लिए कुशन विस्तार अथवा भुरभुरी मिट्टी/बालू का उपयोग किया है :
ऊँची कूद वाले मैदान में, खिलाडि़यों को कुशन या बालू पर कूदना होता है। ऐसा खिलाडि़यों के छलाँग लगाने के बाद गिरने के समय को बढ़ाने के लिए किया जाता है। इस स्थिति में संवेग में परिवर्तन की दर तथा बल कम होती है।
गति का तृतीय नियम
गति का तृतीय नियम :
गति के तीसरे नियम के अनुसार, जब एक वस्तु दूसरी वस्तु पर बल लगाती है तब दूसरी वस्तु द्वारा भी पहली वस्तु पर तात्क्षणिक बल लगाया जाता है। ये दोनों बल परिमाण में सदैव समान लेकिन दिशा में विपरीत होते हैं। इसका तात्पर्य यह है कि बल सदैव युगल रूप में होते हैं। ये बल कभी एक वस्तु पर कार्य नहीं करते बल्कि दो अलग-अलग वस्तुओं पर कार्य करते हैं।
उदाहरण : फूटबॉल के खेल में प्रायः हम गेंद को तेज गति से किक मारने के क्रम में विपक्षी टीम के खिलाड़ी से टकरा जाते हैं। इस क्रम में दोनों खिलाड़ी एक-दूसरे पर बल लगाते हैं, अतएव दोनों ही खिलाड़ी चोटिल होते हैं।
क्रिया बल : जब किसी वस्तु पर कोई वस्तु बल लगाती है तो इस प्रकार लगने वाले बल को क्रिया बल कहते हैं |
प्रतिक्रिया बल : जब कोई वस्तु किसी वस्तु पर बल लगाती है तो वह वस्तु भी विपरीत दिशा में बल लगाती है इस प्रकार विपरीत दिशा में लगने वाले बल को प्रतिक्रिया बल कहते है |
- क्रिया तथा प्रतिक्रिया बल दो अलग-अलग वस्तुओं पर कार्य करता है |
क्रिया तथा प्रतिक्रिया बल मान में समान होते हैं परन्तु ये एकसामान परिमाण में त्वरण उत्पन्न नहीं करते हैं :
क्रिया और प्रतिक्रिया बल मान में हमेशा समान होते हैं फिर भी ये बल एकसमान परिमाण के त्वरण उत्पन्न नहीं कर सकते। ऐसा इसलिए है क्योंकि प्रत्येक बल अलग-
अलग द्रव्यमान की वस्तुओं पर कार्य करते हैं।
गति के तृतीय नियम : प्रत्येक क्रिया के समान एवं विपरीत प्रतिक्रिया होती है | ये दो विभिन्न वस्तुओं पर कार्य करती है |
बल और उसका नियम
संवेग संरक्षण का नियम
संवेग संरक्षण :
संवेग संरक्षण का नियम :
दो वस्तुओं के संवेग का योग टकराने के पहले और टकराने के बाद बराबर रहता है, जबकि उन पर कोई असंतुलित बल कार्य न कर रहा हो। इसे संवेग संरक्षण का नियम कहते हैं।
इसे इस प्रकार भी व्यक्त कर सकते हैं कि दो वस्तुओं का कुल संवेग टकराने की प्रक्रिया में अपरिवर्तनीय या संरक्षित रहता है।
गणितीय रूप से संवेग संरक्षण का नियम :
माना A तथा B दो वस्तुएँ हैं जिनका द्रव्यमान क्रमश: mA तथा mB है |
दोनों एक ही सरल रेखीय दिशा में अलग-अलग दिशा में गति कर रही है जिनका वेग क्रमश:
uA और uB है |
माना uA > uB है और इन पर कोई असंतुलित बल कार्य नहीं कर रहा है |
दोनों गेंद एक दुसरे से टकराती हैं |
माना टक्कर का समय = t सेकेंड
गेंद A द्वारा B पर लगाया गया बल = FAB
गेंद B द्वारा A पर लगाया गया बल = FBA
अब, माना कि टकराने के बाद गेंद A तथा B का वेग vA तथा vB है |
गेंद A के टकराने से पहले और टकराने के बाद संवेग क्रमश: mA uA और mA vA होगा |
गति के तृतीय नियम के अनुसार गेंद A द्वारा लगाया गया बल गेंद B द्वारा लगाये गए बल के बराबर और विपरीत होता है |
इसलिए, समीकरण (i) तथा (ii) से
Assignment
Assignment:
Q1. When a carpet is beaten with stick, dust particles come out of it. Expain the reason?
Q2. What is law of conservation of momentum?
Q3. Which of the following has more inertia:
(A) a bicycle or a train
(B) a five rupee coin or a one rupee coin
Q4. Write S.I. unit of momentum.
Q5. State whether momentum is scalar or vector?
Q6. What is called the product of mass and velocity of a body?
Q7. Name the scientist who gave the laws of motion.
Q8. if a body have mass 'm' and velocity 'v' then what will be the momentum?
Q9. On the basis of which law of motion rocket works?
Q10. Which law of motion is called the law of inertia.
Q11. Which law of motion gives a method to measure the force?
Q12. Name the physical quantity which is multiply by velocity of an object to obtain momentum.
Q13. Explain, why, it is easier to stop a tennis ball than a cricket ball moving with the same speed.
Q14. Calculate the momentum of a toy car of mass 300 g moving with a speed of 5 m/s.
Q15. Write the S.I unit of force.
Assignment:
Q1. जब किसी कालीन को छड़ी से पीटा जाता है, तो उसमें से धूल के कण निकलते हैं. कारण बताएं?
Q2. संवेग के संरक्षण का नियम क्या है?
Q3. निम्नलिखित में से किसमें अधिक जड़ता है:
(ए) एक साइकिल या एक ट्रेन
(ख) पाँच रुपये का सिक्का या एक रुपये का सिक्का
Q4. गति की S.I इकाई लिखें।
क्यू 5. राज्य है कि क्या गति स्केलर या वेक्टर है?
Q6. पिंड के द्रव्यमान और वेग के उत्पाद को क्या कहा जाता है?
क्यू 7. उस वैज्ञानिक का नाम बताइए जिसने गति के नियम दिए थे।
प्रश्न 8. यदि किसी पिंड में द्रव्यमान 'm' और वेग 'v' है तो गति क्या होगी?
प्रश्न 9. गति रॉकेट किस कानून के आधार पर काम करता है?
प्रश्न 10. गति के किस नियम को जड़त्व का नियम कहा जाता है।
प्रश्न 11. गति का कौन सा नियम बल को मापने के लिए एक विधि देता है?
Q12. उस भौतिक राशि को नाम दें जो गति प्राप्त करने के लिए किसी वस्तु के वेग से गुणा होती है।
प्रश्न 13. बताइए, क्यों, एक टेनिस बॉल को एक ही गति के साथ आगे बढ़ने से टेनिस बॉल को रोकना आसान है।
प्रश्न 14. बड़े पैमाने पर 300 ग्राम की एक खिलौना कार की गति की गणना 5 मीटर / एस की गति के साथ चलती है।
प्रश्न 15. बल की S.I इकाई लिखिए।
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Science Chapter List
1. हमारे आस-पास के पदार्थ
2. क्या हमारे आस-पास के पदार्थ शुद्ध है
3. परमाणु एवं अणु
4. परमाणु की संरचना
5. जीवन की मौलिक इकाई
6. ऊत्तक
7. जीवों में विविधता
8. गति
9. बल और गति का नियम
10. गुरुत्वाकर्षण
11. कार्य और उर्जा
12. ध्वनि
13. हम बीमार क्यों होते है
14. प्राकृतिक संसाधन
15. खाद्ध्य संसाधनों में सुधार
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