8. गति Science class 9 exercise Assignment-2
8. गति Science class 9 exercise Assignment-2 ncert book solution in hindi-medium
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परिचय - गति (भौतिकी)
8. गति
गति (Motion): जब कोई वस्तु समय के साथ अपनी स्थिति में भी परिवर्तन करती है तो कहा जाता है कि वस्तु की गति में है |
हमारे आस-पास गतिशील वस्तुओं के बहुत से उदाहरण है |
जैसे - उड़ते हुए पक्षियों की गति, कार कि गति, धमनियों एवं शिराओं में रक्त की गति, दौड़ते हुए बालक की गति |
मूल-बिंदु(Origin): किसी वस्तु की स्थिति को बताने के लिए हमें एक निर्देश बिंदु कि आवश्यकता होती है, जिसे मूल बिंदु कहते हैं |
जैसे - कोई आम बोल-चाल कि भाषा में कहता है की इस चौराहे से रेलवे स्टेशन 20 किलोमीटर उत्तर में हैं |
तो यहाँ चौराहा मूल बिंदु है जो रेलवे स्टेशन की स्थिति को बता रहा है |
दुरी (Distance): किसी वस्तु द्वारा किसी समय अन्तराल में तय की गए मार्ग कि लम्बाई को उस वस्तु द्वारा चली गयी दुरी कहते है |
विस्थापन (Displacement): किसी वस्तु के प्रारंभिक स्थिति तथा अंतिम स्थिति के बीच के न्यूनतम दुरी को वस्तु का विस्थापन कहते हैं |
परिमाण (Magnitiude): किसी भौतिक राशि के संख्यात्मक मान को इसका परिमाण कहते है |
सदिश एवं अदिश राशि :
सदिश राशि (Vector Quantity): वह भौतिक राशि जिसके परिमाण (maginitide) एवं दिशा (direction) दोनों होते हैं | उसे सदिश राशि कहते हैं |
उदाहरण: भार, विद्युत आवेश, वेग, बल, संवेग, विस्थापन आदि |
अदिश राशि (Scalar Quantity): वह भौतिक राशि जिसके केवल परिमाण () होता है दिशा नहीं होता है उसे अदिश राशि कहलाती है |
उदाहरण: भार , समय. क्षेत्रफल, आयतन, चाल, दुरी, ताप, घनत्व आदि |
सरल रेखीय गति :
जब कोई वस्तु किसी सरल रेखीय पथ पर गतिमान हो तो उसे सरल रेखीय गति कहते हैं |
दुरी एवं विस्थापन का उपयोग:
(i) दुरी एवं विस्थापन का प्रयोग वस्तु कि पूरी गति प्रक्रिया को व्यक्त करने में किया जाता है |
(ii) दिए गए समय में वस्तु कि प्रारंभिक स्थिति के सापेक्ष अंतिम स्थिति ज्ञात करने में किया जाता है |
दुरी (Distance):
(i) यह वस्तु द्वारा तय किये गए मार्ग की कुल लम्बाई होती है |
(ii) यह एक अदिश राशि है |
(iii) दुरी सदैव धनात्मक होती है |
(iv) यह विस्थापन से बड़ा या बराबर होती है |
(v) यह मार्ग कि लम्बाई पर निर्भर करता है |
विस्थापन (Displacement):
(i) यह वस्तु की प्रारंभिक स्थिति तथा अंतिम स्थिति के बीच कि न्यूनतम दुरी होती है |
(ii) यह एक सदिश राशि हैं |
(iii) विस्थापन धनात्मक, ऋणात्मक एवं शून्य भी हो सकता है |
(iv) यह दुरी से छोटा अथवा बराबर होता है |
(v) यह मार्ग कि लंबाई पर निर्भर नहीं करता है |
एकसामान गति :
जब कोई वस्तु समान समयांतराल में सामान दुरी तय करती है तो उसकी गति को एकसामान गति कहते हैं |
असमान गति :
जब कोई वस्तु सामान समयांतराल में असमान दुरी तय करती है तो इस प्रकार कि गति को असमान गति कहते हैं |
चाल (speed) : किसी वस्तु द्वारा इकाई समय में तय कि गयी दुरी को चाल कहते है |
- चाल का मात्रक मीटर (m) प्रति सेकेंड है |
- चाल के अन्य मात्रक है, सेंटीमीटर प्रति सेकंड है एवं किलोमीटर प्रति घंटा |
- चाल एक अदिश राशि है |
- यह सदा धनात्मक होता है |
- वस्तु कि गति को व्यक्त करने के लिए हमें केवल उसके परिमाण कि आवश्यकता होती है | दिशा कि कोई आवश्यकता नहीं होती है |
अधिकतर अवस्थाओं में वस्तुएँ असमान गति करती करती हैं | ऐसी वस्तुओं कि गति कि दर ज्ञात करने के लिए औसत चाल ज्ञात करते हैं |
वेग (Velocity) :
जब कोई राशि किसी वस्तु की चाल में परिमाण के साथ-साथ दिशा को भी व्यक्त करे तो ऐसे चाल को वेग कहते है |
परिभाषा : एक निश्चित दिशा में वस्तु कि चाल को वेग कहते है |
वेग का मात्रक मीटर प्रति सेकंड m s-1 या m/s होता है |
- किसी वस्तु का वेग समान एवं असमान हो सकता है |
- वेग एक सदिश राशि है |
- इसमें वस्तु की चाल निश्चित दिशा में होता है |
जब एक वस्तु सीधी रेखा में बदलती हुई चाल के साथ गति कर रही है ती हम इसकी गति कि दर के परिमाण को औसत वेग के रूप में व्यक्त करते हैं |
वेग के प्रकार:
(A) एकसमान वेग (uniform velocity): जब कोई वस्तु समान समयांतराल में समान विस्थापित होती है, तो वस्तु के इस प्रकार के वेग को एकसमान वेग कहते है |
(B) असमान वेग (Non-uniform velocity): जब कोई वस्तु समान समयांतराल में असमान विस्थापित होती है, तो वस्तु के इस प्रकार के वेग को असमान वेग कहते है |
(C) औसत वेग (Average velocity): किसी गतिमान वस्तु का औसत वेग उसके प्रारंभिक वेग और उसके अंतिम वेग का अंकगणितीय माध्य होता है |
चाल (speed):
(i) यह इकाई समय में वस्तु वस्तु द्वारा तय दुरी है |
(ii) यह एक अदिश राशि है |
(iii) किसी गतिमान वस्तु का औसत चाल शून्य नहीं हो सकता है |
(iv) किसी वस्तु कि चाल हमेशा धनात्मक होता है |
वेग (velocity):
(i) यह इकाई समय में वस्तु द्वारा तय विस्थापन होता है |
(ii) यह एक सदिश राशि है |
(iii) किसी गतिमान वस्तु का औसत वेग शून्य हो सकता है |
(iv) किसी वस्तु का वेग धनात्मक, ऋणात्मक अथवा शून्य हो सकता है |
त्वरण
त्वरण (accelaration):
इकाई समय में किसी वस्तु के वेग परिवर्तन की दर को त्वरण कहते है |
इसको 'a' से सूचित किया जाता है | और इसका SI मात्रक ms-2 होता है |
एकसमान सरल रेखीय गति में वेग में परिवर्तन :
- समय के साथ वेग नियत रहता है |
- इस अवस्था में किसी भी समयान्तराल में वस्तु के वेग में परिवर्तन शून्य है |
असमान गति में वेग में परिवर्तन :
- असमान गति में वेग समय के साथ परिवर्तित होता है |
- इसका मान विभिन्न समयों पर विभिन्न बिन्दुओ पर भिन्न-भिन्न होता है |
- किसी भी समयान्तराल पर वस्तु के वेग में परिवर्तन शून्य नहीं होता है |
त्वरित गति : यदि किसी वस्तु का वेग उसके आरंभिक वेग का मान u से t समय में अंतिम वेग v है और त्वरण a है तो इस प्रकार के गति को त्वरित गति कहते हैं |
सूत्र:
उदाहरण: यदि एक बस विराम अवस्था से शुरू होक 72 km h-1 की चाल 5 सेकंड में प्राप्त करती है जबकि वह एकसमान गति में है तो बस का त्वरण ज्ञात कीजिए |
हल:
समय (t) = 5 मिनट = 5 × 60 = 300 सेकंड
आरंभिक वेग u = 0 [∵ बस विरामावस्था में थी इसलिए आरंभिक वेग शून्य होगा ]
अंतिम वेग v = 72 km h-1
= (20 - 0)/300
= 0.066 ms-2
वस्तु का त्वरण = 0.066 ms-2
त्वरण के प्रकार :
त्वरण के प्रकार त्वरण की दिशा पर आधारित है |
ये निम्न प्रकार के हैं :
(1) धनात्मक त्वरण :
(2) ऋणात्मक त्वरण :
(1) धनात्मक त्वरण : जब किसी वस्तु का वेग वस्तु की गति की दिशा में समय के साथ बढ़ रहा है तो इसे धनात्मक त्वरण कहते है |
- इसमें त्वरण की दिशा वही होती है जो दिशा वस्तु की गति का होता है |
मुख्य बिन्दुएँ :
त्वरण धनात्मक होता है :
- जब त्वरण की दिशा वही होती है जो दिशा वस्तु की गति का होता है |
- जब वेग उसी दिशा में समय के साथ बढ़ता है |
- जब कोई वस्तु विरामावस्था से चलना प्रारंभ करती है |
- जब अंतिम वेग आरंभिक वेग से बड़ा हो (v > u) |
(2) ऋणात्मक त्वरण : यदि किसी वस्तु का वेग समय के साथ वस्तु की गति के विपरीत दिशा में कम हो रहा है तो इस प्रकार के त्वरण को ऋणात्मक त्वरण कहते हैं |
ऋणात्मक त्वरण को मंदन कहते हैं |
मुख्य बिन्दुएँ :
त्वरण ऋणात्मक होता है :
- जब त्वरण की दिशा वस्तु के गति के दिशा की विपरीत दिशा में हो |
- जब वेग समय के साथ कम हो रहा हो |
- जब वस्तु विरामावस्था की ओर जा रही हो |
- जब अंतिम वेग आरंभिक वेग से कम हो |
एकसमान त्वरण :
जब किसी वस्तु का वेग समान समयांतराल में समान त्वरण उत्पन्न कर रही है तो वस्तु के ऐसे त्वरण को एकसमान त्वरण कहते हैं |
एकसमान त्वरित गति : किसी वस्तु की गति से एकसमान त्वरण उत्पन्न हो रहा हो तो इस गति को एकसमान त्वरित गति कहते हैं |
एकसमान त्वरित गति के उदाहरण:
(i) चिकनी सतह पर लुढ़कते हुए गेंद की गति |
(ii) मुक्त रूप से गिरते हुए किसी पिंड की गति |
(iii) सूर्य के चारो ओर पृथ्वी की गति |
(iv) एक बहुमंजिली ईमारत से नीचे आती एक तीव्र गति के लिफ्ट की गति |
(v) पृथ्वी के चारों ओर चन्द्रमा की गति |
असमान त्वरण :
जब किसी वस्तु का वेग समान समयांतराल में असमान त्वरण उत्पन्न कर रही है तो वस्तु के ऐसे त्वरण को एकसमान त्वरण कहते हैं |
असमान त्वरित गति: जब किसी वस्तु की गति से भिन्न-भिन्न त्वरण उत्पन्न हो रहा हो तो ऐसे गति को असमान त्वरित गति कहते हैं |
असमान त्वरित गति के उदाहरण:
(i) एक कार रेस में दौड़ती हुई कार |
(ii) विभिन्न चाल से चलती हुई वाहन की गति |
(iii) ऊपर की दिशा में फेंकी गई गेंद की गति |
(iv) खुरदरे या टूटे फूटे सड़क से गुजरती हुई बस की गति |
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गति का ग्राफीय प्रदर्शन
गति का ग्राफीय प्रदर्शन :
ग्राफ का प्रयोग किसी वस्तु की गति को प्रदर्शित करने के लिए किया जाता है | अनेक प्रकार के घटनाओं के विषय में अधारभूतिक सूचनाओं को प्रदर्शित करने के लिए ग्राफ एक सुविधाजनक विधि प्रदान करता है |
उदाहरण:
(i) एक दिवसीय क्रिकेट मैच के प्रसारण में |
(ii) प्रत्येक ओवर में टीम के रन रेट को दर्शाते उर्ध्वाधर दंड आलेख |
(iii) आपने गणित के विषय में पढ़ा है कि एक सरल रेखीय ग्राफ दो चर में रैखिक समीकरणों को हल करने में मदद करता है |
भौतिकी विज्ञान में ग्राफ का प्रयोग :
(i) दो वस्तुओं की गति की तुलना करने लिए ग्राफ बहुत ही उपयोगी होता है |
(ii) दुरी-समय ग्राफ से समय के किसी भी बिंदु पर वस्तु की स्थित का पता लगाया जा सकता है |
(iii) वेग-समय ग्राफ की ढाल किसी वस्तु की त्वरण को बताता है |
(iv) सरल रेखीय ग्राफ दो चर में रैखिक समीकरण को हल करने में मदद करता है |
(v) दुरी-समय ग्राफ बताता है कि कब और कहाँ कोई वस्तु किसी अन्य वस्तु को पार करती है |
किसी वस्तु के गति का वर्णन करने के लिए एक भौतिक राशि है जैसा कि दुरी या वेग एक अन्य दूसरी राशि समय है |
गति को प्रदर्शित करने के लिए दो शर्त है :
(i) किसी वस्तु का समय के साथ स्थिति में परिवर्तन को दुरी-समय ग्राफ के द्वारा प्रदर्शित किया जा सकता है |
(ii) सरल रेखा में गतिमान किसी वस्तु के लिए समय के साथ वेग में बदलाव को वेग-समय ग्राफ से प्रदर्शित किया जा सकता है |
1. दुरी-समय ग्राफ :
इस ग्राफ में :
- समय को x-अक्ष के साथ लिया जाता है और दुरी को y-अक्ष के साथ लिया जाता है |
- दुरी-समय ग्राफ को बहुत से शर्तों के अंतर्गत नियोजित किया जा सकता है जहाँ वस्तुएँ एकसमान चाल से, असमान चाल से गति करती है या विराम अवस्था में रहती है |
मुख्य अवधारणायें :
वस्तु द्वारा तय दुरी उसके द्वारा लिए गए समय के अनुक्रमानुपाती होता है |
दुरी-समय ग्राफ में दो प्रकार के ग्राफ होते हैं :
(i) एकसमान चाल के लिए दुरी-समय ग्राफ:
एकसमान चाल के लिए दुरी-समय ग्राफ की प्रकृति :
(a) इसका ग्राफ एक सरल रेखा होता है |
चाल के लिए सूत्र :
(ii) असमान चाल के लिए दुरी-समय ग्राफ:
असमान चाल के लिए दुरी-समय ग्राफ की प्रकृति :
(a) इसका ग्राफ एक वक्र रेखा होता है |
वेग-समय ग्राफ :
इस ग्राफ में,
- समय को x अक्ष पर और वेग को y-अक्ष पर दर्शाया जाता है |
- यदि वस्तु एकसमान वेग से गतिमान है, तो समय के साथ वेग समय ग्राफ की ऊँचाई में कोई परिवर्तन नहीं होगा |
- वेग-समय ग्राफ तथा समय अक्ष के द्वारा घेरा गया क्षेत्र विस्थापन के परिणाम को बताता है |
वेग-समय ग्राफ तीन प्रकार के होते हैं |
(i) एकसमान चाल के लिए वेग-समय ग्राफ
(ii) एक समान त्वरित गति के लिए वेग-समय ग्राफ
(iii) असमान त्वरित गति के लिए वेग-समय ग्राफ
ग्राफीय विधि से गति के लिए सूत्र :
ग्राफीय विधि से गति के लिए सूत्र :
कोई वस्तु सीधी रेखा में एकसमान त्वरण से चलती है तो एक निश्चित समयांतराल में समीकरणों के द्वारा उसके वेग, गति के दौरान त्वरण व उसके द्वारा तय की गई दूरी में जो संबंध स्थापित होता है, उस समीकरण को गति का समीकरण कहा जाता है | ये समीकरण तीन हैं -
(i) v = u + at
(ii) s = ut + ½ at2
(iii) 2 as = v2 - u2
गति के समीकरण को प्राप्त करने के लिए वेग-समय ग्राफ -
- इस वेग समय ग्राफ में OE रेखा या BC रेखा वेग को प्रदर्शित करता है जबकि OC रेखा समय को प्रदर्शित करता है |
- BE तिरछी रेखा समयानुसार वेग में परिवर्तन (त्वरण) को प्रदर्शित करता है |
- वेग समय ग्राफ से वस्तु के त्वरण को व्यक्त किया जाता है |
(i) v = u + at के लिए हल :
अब, BC = BD + DC
= BD + OA ............. (i)
यहाँ आरंभिक वेग (u) = OA है और
अंतिम वेग (v) = BC है |
इसलिए, BC = v तथा OA = u रखने पर
BC = BD + OA समी० (i) से
या v = BD + u
या BD = v - u
अत: वेग में परिवर्तन BD = v - u ............ (ii)
लिया गया कुल समय (t) = OC
BD = at ............ (iii)
समीकरण (ii) तथा (iii) से
v - u = at
या v = u + at
(ii) s = ut + ½ at2 के लिए हल :
अब,
माना वस्तु ने एकसमान त्वरण a से t समय लगाकर s दुरी तय की |
वस्तु द्वारा तय की गई दुरी = वेग-समय ग्राफ में AB के नीचे घिरे क्षेत्र OABC का क्षेत्रफल
अत : s = समलंब OABC का क्षेत्रफल
या = आयात OADC का क्षेत्रफल + त्रिभुज ABD का क्षेत्रफल
= OA × OC + ½ (AD × BD)
= u × t + ½ × (t × at) [चूँकि BD = at] समी० (iii) से
= ut + ½ at2
अत: s = ut + ½ at2
(iii) 2 as = v2 - u2 के लिए हल :
अब, उसी प्रकार
वेग समय ग्राफ से -
v - u = at
या
s = समलंब OABC का क्षेत्रफल
= ½ (समांतर भुजाओं का योग') × ऊँचाई
= ½ (OA + BC) × OC
= ½ (u + v) × t समी० (1) से
या 2 a s = v2 - u2
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Assignments
Assignment
प्रश्न1: विस्थापन एक सदिश राशि है, कैसे ?
प्रश्न2: असमान गति के दो उदाहरण दीजिए |
प्रश्न3: एक निश्चित दिशा में चली गई चाल को क्या कहते है ?
प्रश्न4: त्वरण ज्ञात करने के लिए सूत्र लिखिए |
प्रश्न5: वेग का SI मात्रक लिखिए |
प्रश्न6: एक कार का स्पीडोमीटर क्या बताता है ?
प्रश्न7: त्वरण किसे कहते हैं ?
प्रश्न8: किसी वस्तु की आरंभिक स्थिति और अंतिम स्थित के बीच के न्यूनतम दुरी को क्या कहते है ?
प्रश्न9: उस भौतिक राशि का नाम बताइए जो हमें कोई पिंड धीमा गति कर रहा है या तेज गति यह ज्ञात करने का विचार देता है |
प्रश्न10: मंदन क्या है ?
प्रश्न11: जब कोई वस्तु विरामास्वथा से चलना प्रारंभ करता है तो उसकी आरंभिक वेग क्या होगा ?
प्रश्न12: विस्थापन का SI मात्रक क्या है ? यह दुरी से कैसे भिन्न है ?
प्रश्न13: विस्थापन और दुरी में क्या समानता है ?
प्रश्न14: मंदन का SI मात्रक लिखिए |
प्रश्न15: कब कहा जायेगा कि कोई पिंड एकसमान गति में है ?
प्रश्न16: गति क्या है ?
प्रश्न17: किसी वस्तु की स्थिति से आप क्या समझते है ?
प्रश्न18: एक समान वृतीय गति क्या है ?
प्रश्न19: एकसमान वृतीय गति का दो उदाहरण दीजिए |
प्रश्न20: वेग-समय ग्राफ हमें क्या बताता है ?
प्रश्न21: औसत वेग की परिभाषा लिखिए |
प्रश्न22: किसी वस्तु के समय के साथ स्थिति में परिवर्तन को क्या कहते है ?
प्रश्न21: किसी वस्तु का विस्थापन कब शून्य होता है ?
प्रश्न22: सदिश राशि क्या है ?
प्रश्न23: तीन सदिश राशियों का उदाहरण दीजिए |
प्रश्न24: तीन अदिश राशियों का उदाहरण दीजिए और बताइए कि ये राशियाँ अदिश क्यों हैं ?
प्रश्न25: किसी कार का ओडोमीटर क्या बताता है ?
प्रश्न26: सूर्य के चारों ओर पृथ्वी की गति, गति का कौन सा उदाहरण है ?
प्रश्न27: कोई पिंड ऋणात्मक त्वरण कब उत्पन्न करता है ?
प्रश्न28: ऋणात्मक त्वरण को क्या कहते है ?
प्रश्न29: एकसमान वेग का वेग-समय ग्राफ की प्रकृति क्या होती है ?
प्रश्न30: किसी मुक्त रूप से गिरती हुई वस्तु किस गति का उदाहरण है ?
प्रश्न31: असमान गति के दो उदाहरण दीजिए |
प्रश्न32: किस भौतिक राशि में परिवर्तन की दर को त्वरण कहते है ?
प्रश्न33: गति ज्ञात करने के लिए सूत्र लिखिए |
प्रश्न34: गति कितने प्रकार का होता है ?
प्रश्न35: किसी वस्तु की चाल से आप क्या समझते हैं ?
प्रश्न36: चाल का SI मात्रक लिखिए |
प्रश्न37: 18 km/h को m/s में बदलिए |
प्रश्न38: यदि किसी कार का वेग 72 km/h है तो इस कार का वेग m/s में ज्ञात कीजिए |
प्रश्न39: किसी कार में अचानक ब्रेक लगाया जाय तो कौन-सी त्वरण उत्पन्न होगी |
प्रश्न40: त्वरित गति किसे कहते हैं ?
प्रश्न41: औसत चाल के लिए सूत्र लिखिए |
प्रश्न42: त्वरण को किस अंग्रेजी के अक्षर से सूचित किया जाता है |
प्रश्न43: समय का SI मात्रक लिखिए |
प्रश्न44: जब वस्तु एकसमान गति में होती है तब इसका मार्ग कैसा दिखाई पड़ता है?
प्रश्न45: जब आरंभिक वेग अंतिम वेग से अधिक हो तो त्वरण का मान क्या दर्शाता है |
प्रश्न46: यदि त्वरण वस्तु की वेग की दिशा में हो तो त्वरण की प्रकृति क्या होगी ?
प्रश्न47: वेग की विपरीत दिशा में उत्पन्न त्वरण की प्रकृति क्या होगी ?
प्रश्न48: दुरी-समय ग्राफ में समय को किस अक्ष पर रखा जाता है ?
प्रश्न49: वेग-समय ग्राफ में वेग को किस अक्ष पर दर्शाया जाता है ?
प्रश्न50: उस भौतिक राशि का नाम बताईये जो वेग और समय के गुणनफल से प्राप्त होता है ?
Assignment-2
Assignment
प्रश्न 1: दुरी और विस्थापन में अंतर ज्ञात कीजिए |
प्रश्न 2: चाल और वेग में अंतर ज्ञात कीजिए |
प्रश्न 3: किसी वस्तु के एकसमान व असमान गति के लिए समय-दूरी ग्राफ की प्रकृति क्या होती है?
प्रश्न 4: किसी वस्तु की गति के विषय में आप क्या कह सकते हैं, जिसका दूरी-समय ग्राफ समय अक्ष के समानांतर एक सरल रेखा है?
प्रश्न 5: किसी वस्तु की गति के विषय में आप क्या कह सकते हैं, जिसका चाल-समय
ग्राफ समय अक्ष के समानांतर एक सरल रेखा है?
प्रश्न 6: वेग-समय ग्राफ के नीचे के क्षेत्र से मापी गई राशि क्या होती है?
प्रश्न 7: सदिश और अदिश राशियों में उदाहरण सहित अंतर स्पष्ट कीजिए |
प्रश्न 8: ग्राफीय विधि से गति के लिए समीकरण ज्ञात कीजिए |
प्रश्न 9: त्वरण क्या है ? यह कितने प्रकार का होता है ?
प्रश्न 10: कोई बस विरामावस्था से चलना प्रारंभ करती है तथा 2 मिनट तक 0.1 m s-2 के एकसमान त्वरण से चलती है। परिकलन कीजिए,
(a) प्राप्त की गई चाल तथा
(b) तय की गई दूरी।
प्रश्न 11: कोई रेलगाड़ी 90 km h-1 के चाल से चल रही है। ब्रेक लगाए जाने पर वह - 0.5 m s-2 का एकसमान त्वरण उत्पन्न करती है। रेलगाड़ी विरामावस्था में आने के पहले कितनी दूरी तय करेगी?
प्रश्न 12: एक ट्रॉली एक आनत तल पर 2 m s-2 के त्वरण से नीचे जा रही है। गति प्रारंभ करने के 3 s के पश्चात् उसका वेग क्या होगा?
प्रश्न 13: एक रेसिंग कार का एकसमान त्वरण 4 m s-2 है। गति प्रारंभ करने के 10 के पश्चात् वह कितनी दूरी तय करेगी?
प्रश्न 14: किसी पत्थर को उर्ध्वाधर उपर की ओर 5 m s-1 के वेग से फेंका जाता है। यदि गति के दौरान पत्थर का नीचे की ओर दिष्ट त्वरण 10 m s-2 है, तो पत्थर के द्वारा कितनी ऊँचाई प्राप्त की गई तथा उसे वहाँ पहुँचने में कितना समय लगा?
प्रश्न 15: एकसमान वृतीय गति क्या है ? इसके दो उदाहरण दीजिए |
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Science Chapter List
1. हमारे आस-पास के पदार्थ
2. क्या हमारे आस-पास के पदार्थ शुद्ध है
3. परमाणु एवं अणु
4. परमाणु की संरचना
5. जीवन की मौलिक इकाई
6. ऊत्तक
7. जीवों में विविधता
8. गति
9. बल और गति का नियम
10. गुरुत्वाकर्षण
11. कार्य और उर्जा
12. ध्वनि
13. हम बीमार क्यों होते है
14. प्राकृतिक संसाधन
15. खाद्ध्य संसाधनों में सुधार
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