उपभोक्ता संतुलन Economics class 12 exercise page 6
उपभोक्ता संतुलन Economics class 12 exercise page 6 ncert book solution in hindi-medium
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उपयोगिता
उपयोगिता: किसी वस्तु में मानव आवश्यकताओं को संतुष्ट करने की क्षमता को उपयोगिता कहते है |
अर्थात जब कोई वस्तु किसी मानव की आवश्यकता को पूरा करता है तो वह उसकी उपयोगिता कहलाता है |
उपयोगिता की मात्रात्मक माप कठिन है परंतु इसे संतुष्टि या आनंद की इकाइयों में मापा जाता है जिसे युटिल (util) कहते है |
उपभोक्ता संतुलन के आधार पर उपयोगिता की दो अवधारणायें हैं |
(1) सीमांत उपयोगिता (Marginal Utility): किसी वस्तु की एक अतिरिक्त इकाई के उपभोग से, कुल उपयोगिता में होने वाली वृद्धि को सीमांत उपयोगिता कहते है | अर्थात अतिरिक्त इकाई को सीमांत इकाई कहते है |
सीमांत उपयोगिता (MU) = TUn - TUn-1
उदाहरण1: 5 वस्तुओं की कुल उपयोगिता 27 है यदि 1 अतिरिक्त वस्तु (6 वीं ) वस्तु की कुल उपयोगिता 30 है तो सीमांत उपयोगिता ज्ञात कीजिये |
हल: ΔX = 6 - 5 = 1
ΔTUx = 30 - 27 = 3
= 3/1
= 3
(2) कुल उपयोगिता (Total Utility): किसी वस्तु की निश्चित मात्रा के उपयोग से उपभोक्ता को प्राप्त होने वाली समस्त उपयोगिता, कुल उपयोगिता कहलाती है |
कुल उपयोगिता (TU) = Σ MU
उपभोक्ता संतुलन
उपभोक्ता संतुलन :
उपभोक्ता संतुलन की शर्त :
(iii) दो वस्तुओं की खरीद की स्थिति में उपभोक्ता संतुलन तब प्राप्त होता है, जब x वस्तु की सीमांत उपयोगिता और कीमत का अनुपात (MUx /Px), y वस्तु की सीमांत उपयोगिता और कीमत के अनुपात (MUy /Py ) के बराबर हो |
(MUx /Px) = (MUy /Py )
तटस्थता वक्र को अधिमान वक्र भी कहते है |
(1) तटस्थता वक्र : तटस्थता वक्र दो वस्तुओं के संयोजनों को दर्शाता है जिनसे उपभोक्ता को एक समान संतुष्टि प्राप्त होती है |
तटस्थता वक्र की विशेषताएँ :
(i) तटस्थता वक्र हमेशा बाएँ से दाएँ ढालू होता है |
जब कोई उपभोक्ता एक वस्तु की उपभोग को बढाता है तो दूसरी वस्तु का उपभोग घटना पड़ता है ताकि संतुष्टि का स्तर बना रहे |
(ii) तटस्थता वक्र एक दुसरे को काटते है और नहीं छूते है |
क्योंकि तटस्थता वक्र के प्रत्येक बिंदु पर संतुष्टि स्तर अपना-अपना अलग होता है |
(iii) तटस्थता वक्रों का ढलान मूल बिंदु (O) की ओर उन्तोदर होता है |
क्योंकि दो वस्तुओं की प्रतिस्थापन की सीमांत दर (MRS) घटती जाती है |
(iv) तटस्थता वक्रों में सबसे ऊँचा वक्र, सबसे अधिक संतुष्टि दर्शाता है |
क्योंकि ऊँचे वक्र पर दूसरी वस्तु का उपभोग घटाए बिना पहली वस्तु की अधिक मात्रा उपलब्ध होती है |
बजट बाधा : जब उपभोक्ता अपनी मौद्रिक आय सिनित होने के कारण इच्छित वस्तुयें आवश्यक मात्रा में नहीं खरीद सकता तो इसे बजट बाधा कहते हैं |
बजट सेट : बजट सेट उपभोक्ता के समस्त संयोजनों का या बंडलों का सेट है, जो वह अपनी मौद्रिक आय के अंतर्गत प्रचलित कीमतों पर खरीद सकता है |
बजट सेट के कारक:
बजट सेट के दो कारक हैं :
(i) उपभोक्ता की मौद्रिक आय
(ii) दो वस्तुओं की कीमतें
प्रस्तिथापन की सीमांत दर : वह दर जिस पर उपभोक्ता, वस्तु-1 की अतिरिक्त इकाई प्राप्त करने के लिए लिए वस्तु-2 की मात्रा त्यागने के लिए तैयार है, सीमांत प्रतिस्थापन की दर कहलाती है |
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