Chapter 9. पर्यावरण और धारणीय विकास Economics-II class 12 exercise Page 4
Chapter 9. पर्यावरण और धारणीय विकास Economics-II class 12 exercise Page 4 ncert book solution in hindi-medium
NCERT Books Subjects for class 12th Hindi Medium
धारणीय विकास का अर्थ एवं कार्य
धारणीय विकास : ऐसा विकास पर्यावरण को बिना नुकसान पहुँचाए हो और आर्थिक विकास के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदुषणरहित हो जो भावी पीढ़ी के लिए स्वच्छ एवं अधिक संसाधन उपलब्ध कर सके तो इसे धारणीय विकास कहते हैं |
संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण और विकास सम्मेलन द्वारा धारणीय विकास की परिभाषा :
"ऐसा विकास जो वर्तमान पीढ़ी की आवश्यकताओं पूर्ति भावी पीढ़ियों की आवश्यकताओं की पूर्ति में बिना समझौता किए पूरा करे |"
ब्रूटलैंड कमीशन द्वारा धारणीय विकास की परिभाषा : "हमारा नैतिक दायित्व है कि वर्त्तमान पीढ़ी को आगामी पीढ़ी द्वारा एक बेहतर पर्यावरण उतराधिकार के रूप में सौपा जाना चाहिए | कम से कम हमें आगामी पीढ़ी के जीवन के लिए अच्छी गुणवता वाली परिसंपतियों का भंडार छोड़ना चाहिए, जो कि हमें अपने पिछली पीढ़ी से विरासत के रूप में प्राप्त हुआ है |"
धारणीय विकास एवं आर्थिक विकास में अन्तर :
धारणीय विकास :
(i) धारणीय विकास में प्रति व्यक्ति वास्तविक आय में दीर्घकालीन वृद्धि होती है |
(ii) इससे वर्तमान एवं भावी पीढ़ियों के आर्थिक कल्याण में वृद्धि होती है |
(iii) यह पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदुषण से बचाव पर विशेष बल देती है |
(iv) इसमें प्राकृतिक पूँजी का उचित प्रयोग होता है जिससे भावी पीढ़ियों के हितों की रक्षा की जा सके |
आर्थिक विकास :
(i) इसमें प्रति व्यक्ति आय में दीर्घकालिक वृद्धि होती है |
(ii) इसमें वर्त्तमान पीढ़ियों के आर्थिक कल्याण में वृद्धि होती है |
(iii) यह पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदुषण को महत्व नहीं देती है |
(iv) इसमें प्राकृतिक पूँजी का शोषण होता है |
धारणीय विकास के लिए अनिवार्य शर्ते :
(i) मानव जनसँख्या को पर्यावरण की धारण क्षमता के स्तर तक सिमित करना |
(ii) प्रौद्योगिकी प्रगति आगत-कुशल होना चाहिए न कि आगत का उपभोग करने वाली |
(iii) नवीकरणीय संसाधनों की प्राप्ति धारणीय आधार पर की जानी चाहिए |
(iv) गैर-नवीकरणीय संसाधनों के रिक्तिकरण की दर नवीकरणीय प्रतिस्थापकों की संवृद्धि की दर से अधिक नहीं होनी चाहिए |
(v) प्रदुषण से उत्पन्न अक्षमताओं का सुधार किया जाना चाहिए |
धारणीय विकास की प्राप्ति के उपाय :
(i) अधिक से अधिक उर्जा के गैर-परंपरागत स्रोतों का उपयोग |
(ii) बायोमास ईंधन के उपयोग के बजाय गैसों का प्रयोग |
(iii) वन विनाश पर रोक |
(iv) अधिक से अधिक जलीय विद्युत संयंत्रों की स्थापना |
(v) पारंपरिक व्यवहारों का उपयोग ताकि पर्यावरण की अनुकूलता बनी रहे |
(vi) कृषि के लिए जैविक कम्पोस्ट का उपयोग और जैविक कृषि को बढ़ावा |
पर्यावरण का महत्व (Significance of Environment)
पर्यावरण का महत्व (Significance of Environment) :
पर्यावरण का महत्व निम्नलिखित है :
(i) हमारा पर्यावरण सभी प्रकार के उत्पादनों के लिए संसाधन प्रदान करता हैं |
(ii) उत्पादन तथा उपभोग गतिविधियों द्वारा सृजित अपशिष्टों को पर्यावरण ही आत्मसात कर दिया |
(iii) पर्यावरणीय वातावरण का आनंद उठाता है और जीवन की गुणवता को बढाता है |
(iv) पर्यावरण जीवों के जीवन का स्रोत है अत: यह जीवन धारण में सहायक है |
Page 3
This page is under construction.
This page is under construction.
Page 4
This page is under construction.
This page is under construction.
Select Class for NCERT Books Solutions
NCERT Solutions
NCERT Solutions for class 6th
NCERT Solutions for class 7th
NCERT Solutions for class 8th
NCERT Solutions for class 9th
NCERT Solutions for class 10th
NCERT Solutions for class 11th
NCERT Solutions for class 12th
sponder's Ads
Economics-II Chapter List
sponser's ads