Chapter 8. आधारिक संरचना Economics-II class 12 exercise Assignment
Chapter 8. आधारिक संरचना Economics-II class 12 exercise Assignment ncert book solution in hindi-medium
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आधारित संरचना की अवधारणा
आधारित संरचना :
किसी अर्थव्यवस्था की उत्पादन गतिविधियों की वह सहयोगी व्यवस्था जो आर्थिक और सामाजिक परिवर्तनों के मूल तत्व को प्रकट करती है और सहायता का कार्य करती है |
अन्य शब्दों में,
किसी अर्थव्यवस्था कि उत्पादन गतिविधियों में सहायक वे सभी सेवाएँ एवं सुविधाएँ जो विकास में सहयोगी होती हैं, आधारित संरचना कहलाती है | जैसे - सड़क, परिवहन, संचार, भवन, शिक्षा एवं स्वास्थ्य की व्यवस्था, उर्जा या बिजली इत्यादि |
आधारित संरचना के प्रकार/श्रेणी :
(i) आर्थिक आधारित संरचना : वे सभी तत्व जो आर्थिक गतिविधियों की रीढ़ है और उनके वृद्धि में सहायक है आर्थिक आधारित संरचना कहलाती हैं | जैसे - ऊर्जा, परिवहन और संचार आदि |
(ii) सामाजिक आधारित संरचना : आधारित संरचना के वे सभी तत्व जो सामाजिक गतिविधियों के विस्तार एवं विकास में सहायक है तथा सहयोगी भूमिका अदा करती हैं | सामाजिक आधारित संरचना कहलाती हैं | जैसे - स्वास्थ्य एवं शिक्षा के लिए स्कूल एवं हॉस्पिटल और आवास इत्यादि |
आर्थिक आधारित संरचना एवं सामाजिक आधारित संरचना में अंतर :
आर्थिक आधारित संरचना :
(i) आर्थिक आधारित संरचना के अंतर्गत ऊर्जा, परिवहन, दूरसंचार इत्यादि को सम्मिलित किया जाता है |
(ii) यह प्रत्यक्ष रूप से उत्पादन एवं लोगों की विकास में सहायक होते हैं |
(iii) इनके उपयोग से उत्पादकता में वृद्धि होती है जिसके कारण उत्पादन लागत कम हो जाता है |
(iv) ये भौतिक पूँजी के भंडार होते हैं |
सामाजिक आधारित संरचना :
(i) इसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, एवं आवास आदि सुविधाओं को शामिल किया है |
(ii) यह अप्रत्यक्ष रूप से उत्पादन में सहायक है |
(iii) इसमें मानव संसाधन की गुणवता एवं कौशल में सुधार होता है |
(iv) इससे मानव पूँजी का निर्माण होता है |
आधारित संरचना के प्रभाव :
(i) आधारित संरचना आर्थिक विकास को प्रेरित करती है |
(ii) आधारित संरचना उत्पादकता को प्रभावित करती है |
(iii) आधारित संरचना उत्पादन के स्रोतों में संयोजन का अकरी करती है |
(iv) आधारित संरचना कार्य करने की दक्षता को बढाता है |
(v) आधारित संरचना निवेश को प्रेरित करती है |
(vi) आधारित संरचना आउटसौर्सिंग के लिए सुविधा प्रदान करती है एवं आधारित संरचना के केंद्र के रूप में कार्य करता है |
(vii) जहाँ आधारित संरचना मजबूत है वहाँ FDI को बढ़ावा मिलता है |
ऊर्जा का महत्त्व :
किसी भी देश की विकास के लिए ऊर्जा का एक महत्वपूर्ण स्थान है | इसका प्रत्येक क्षेत्र में आर्थिक क्रियाओं का संचालन और विकास के लिए ऊर्जा बहुत ही आवश्यक है |
(i) उत्पादन क्रिया जैसे उद्योग, व्यवसाय आदि में ऊर्जा के बिना कल्पना किया भी नहीं सकता है |
(ii) कृषि में ऊर्जा का उपयोग अब बड़े पैमाने पर हो रहा है | इसमें कई मशीनें जैसे ट्रेक्टर, थ्रेसर आदि को चलाने के लिए और सिंचाई के लिए आजकल ऊर्जा की जरुररत होती है |
(iii) अर्थव्यवस्था के अन्य क्षेत्र जिसमें सेवा क्षेत्र शामिल है का विकास उर्जा पर निर्भर करता है | उदाहरण के लिए परिवहन, बैंकिंग बीमा आदि |
(iv) सुचना एवं प्रौद्योगिकी क्षेत्र तो सौ फीसदी ऊर्जा पर ही निर्भर है | विकास की कल्पना ऊर्जा के बिना संभव नहीं है |
ऊर्जा के प्रकार :
(i) व्यावसायिक ऊर्जा
(ii) गैर-व्यावसायिक ऊर्जा
(i) व्यावसायिक ऊर्जा : वह ऊर्जा जिसके लिए उपभोक्ता को कीमत अदा करनी पड़ती है तथा व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए कारखानों, खेतों तथा व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में प्रयोग किया जाता है | उदाहरण कोयला, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस और विद्युत आदि |
(ii) गैर व्यावसायिक ऊर्जा : ऊर्जा के वे सभी स्रोत जिनके लिए उपभोक्ता को कोई कीमत अदा नहीं करनी पड़ती है | गैर-व्यावसायिक ऊर्जा कहलाता है | गैर व्यावसायिक ऊर्जा का उपयोग मुख्यत: धरेलू तथा उपभोग के उद्देश्य के लिए किया जाता है | इसमें लकड़ी, गोबर, आदि शामिल है |
भारत में ऊर्जा का वितरण :
भारत में कुल ऊर्जा का आधे से अधिक भाग लगभग (65 प्रतिशत ) की आपूर्ति व्यावसायिक ऊर्जा होती है जबकि शेष 35 प्रतिशत ऊर्जा की आपूर्ति गैर व्यावसायिक ऊर्जा से होती है | व्यावसायिक ऊर्जा में कोयले का प्रमुख स्थान है जो कुल व्यावसायिक ऊर्जा का 55 % है | जल विद्युत को छोड़कर सभी व्यावसायिक ऊर्जा के स्रोत समाप्त हो जाते है | गैर व्यावसायिक ऊर्जा नवीकरणीय है इसका पुन: नवीकरण किया जा सकता है |
व्यावसायिक ऊर्जा एवं गैर व्यावसायिक ऊर्जा में अंतर :
व्यावसायिक ऊर्जा :
(i) व्यावसायिक ऊर्जा का उपयोग उत्पादन क्रियाओं जैसे उद्योग कृषि एवं व्यावसायिक क्रियाओं में किया जाता है |
(ii) व्यावसायिक उर्जा में कोयला, पेट्रोलियम, विद्युत आदि शामिल है |
(iii) व्यावसायिक ऊर्जा की कीमत चुकानी पड़ती है |
गैर-व्यावसायिक ऊर्जा :
(i) गैर-व्यावसायिक ऊर्जा का उपयोग घरेलु उपभोग के लिए किया जाता है |
(ii) इसमें लकड़ी एवं गोबर आदि शामिल है |
(iii) इसकी कोई कीमत नहीं चुकानी पड़ती है |
उर्जा के परंपरागत स्रोत : ऊर्जा के वे स्रोत जिनका मनुष्य लंबे समय से उपयोग करता आ रहा है | ऊर्जा के परंपरागत स्रोत कहलाते हैं | कोयला, पेट्रोलियम, बिजली इत्यादि |
ऊर्जा के गैर परम्परागत स्रोत : ऊर्जा के वे स्रोत जिनका उपयोग करना मनुष्यों ने हाल ही में सिखा है अथवा हाल के समयों से उपयोग कर रहे हैं | ऊर्जा के गैर परम्परागत स्रोत कहलाते हैं |
उदाहरण : सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, और बायोमास इत्यादि |
ऊर्जा के परंपरागत और गैर-परंपरागत स्रोतों में अंतर :
ऊर्जा के परंपरागत स्रोत :
(i) इनका प्रयोग बहुत लंबे समय से हो रहा है |
(ii) ये समाप्त होने वाले होते है और भंडारण सिमित होता है |
(iii) इन स्रोतों से ऊर्जा का निर्माण बड़े पैमाने पर किया जा सकता है |
(iv) ये पर्यावरण को नुकसान पहुँचाते हैं |
(v) उदाहरण : कोयला, पेट्रोलियम, बिजली इत्यादि |
ऊर्जा के गैर-परंपरागत स्रोत :
(i) इनका प्रयोग हाल ही के समयों से हो रहा है |
(ii) ये समाप्त नहीं होते हैं और इनका असिमित भंडार है |
(iii) इन स्रोतों का प्रयोग छोटे पैमाने पर ऊर्जा निर्माण में किया जा सकता है |
(iv) ये पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुँचाते हैं |
(v) उदाहरण : सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, और बायोमास इत्यादि |
ऊर्जा के परंपरागत स्रोत के अंतर्गत निम्नलिखित स्रोत हैं :
(i) कोयला : भारत में प्राथमिक स्रोत के रूप में कोयला ऊर्जा का प्रमुख स्रोत है कोयला उत्पादन में चीन और अमेरिका के बाद भारत का तीसरा स्थान है | भारत में उत्पादित कुल ऊर्जा का 65 - 67 प्रतिशत आपूर्ति कोयले से होती है | इससे ताप विद्युत स्टेशन चलाए जाते हैं तथा सीमेंट उद्योग, स्टील प्लांट और ईंट भटठे के उद्योग उपयोग होता है |
(ii) पेट्रोलियम : पेट्रोलियम का भारत में एक महत्वपूर्ण स्थान है और इसकी मांग कि तुलना में भारत में उत्पादन बहुत कम है | इसलिए पेट्रोलियम की माँग को पूरा करने के लिए भारत इसकी आयात करता है |
(iii) प्राकृतिक गैस : आजकल प्राकृतिक गैस का उपयोग काफी बढ़ गया है | यह घरेलु ईंधन का एक महत्वपूर्ण साधन है | CNG जैसे प्राकृतिक गैस का उपयोग अब वाहनों में भी होने लगा है | प्राकृतिक गैस का प्रमुख भंडार मुंबई, गुजरात, राजस्थान, तमिलनाडु और आंध्रप्रदेश में पाए जाते है |
(iv) विद्युत ऊर्जा
(a) तापीय विद्युत : भारत में जितने भी तापीय विद्युत संयंत्र है इनकी निर्भरता कोयले तथा तेल पर है | जिसमें कोयले से विद्युत उत्पादन तेल कि तुलना में सबसे अधिक है |
(b) जल विद्युत ऊर्जा (Hydro-electrocity) : जल विद्युत ऊर्जा की भूमिका भारत में बहुत ही महत्त्वपूर्ण है | इसका उत्पादन तेज प्रवाह वाली नदियों पर डैम बनाकर किया जाता है | इस परियोजना को बहुउदेशीय नदी घाटी परियोजना कहते हैं | भारत में ऊर्जा उत्पादन में इसकी हिस्सेदारी लगभग 20 % है |
(c) परमाणु ऊर्जा : भारत परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में काफी विकास किया है | परन्तु इस पर निर्भरता अभी बहुत ही कम है | देश में कई परमाणु उर्जा संयंत्र स्थापित किया जा चूका है | जैसे नरोरा परमाणु संयंत्र (ऊतरप्रदेश), तारापुर स्टेशन मुंबई, कलपकम स्टेशन तमिलनाडु |
ऊर्जा क्षेत्र में चुनौतियाँ
ऊर्जा क्षेत्र में चुनौतियाँ :
(i) विद्युत उत्पादन इसके माँग की अपेक्षा कम है अर्थात अपर्याप्त विद्युत उत्पादन |
(ii) निम्न संयंत्र लोड फैक्टर : हमारे देश में विद्युत सा संयंत्रो कि जितनी क्षमता है उससे भी कम क्षमता का उपयोग किया जाता है |
(iii) घाटे की बिजली बोर्ड : भारत में अधिकांश विद्युत बोर्ड घाटे में है जिससे ये आर्थिक कठिनाइयों का सामना कर रही हैं | ये अपने कर्मचारियों के वेतन तक समय पर नहीं दे पाती है | ख़रीदे गए की कीमत भी नहीं अदा कर पाते हैं |
(iv) विद्युत संचारण एवं वितरण घाटा |
(v) कच्चे माल की कमी : विद्युत उत्पादन के लिए मुख्यत: सभी ताप संयंत्र कोयले एवं पेट्रोलियम पर निर्भर है जिसकी पर्याप्त पूर्ति की समस्या का सामना करना पड़ता है |
(vi) विद्युत पर सब्सिडी : विद्युत सबसिडी को पूरा करने के लिए सरकार को हर वर्ष करोडो का नुकसान उठाना पड़ता है |
(vii) परमाणु विद्युत उत्पादन की धीमी प्रक्रिया : परमाणु विद्युत उत्पादन की निर्भरता युरेनियम या थोरियम के आपूर्ति पर जो भारत में सिमित है, जिसके कारण परमाणु ऊर्जा का उत्पादन बहुत कम है |
(viii) विद्युत उत्पादन के क्षेत्र में निजी क्षेत्रों की सिमित भूमिका है, इस क्षेत्र में सार्वजनिक क्षेत्र |
विद्युत संकट से निपटने से उपाय :
(i) उत्पादन क्षमता में वृद्धि :
(ii) निजी क्षेत्र की भूमिका में वृद्धि
(iii) प्लांट क्षमता का पूर्ण उपयोग
(iv) शक्ति संयंत्रो की आगत पूर्ति में वृद्धि
(v) नवीकरणीय स्रोतों के प्रयोग में वृद्धि करके
भारत सरकार द्वारा उर्जा संकट से निपटने के लिए किए गए उपाय :
(i) विद्युत उत्पादन क्षमता बढ़ाने के उपाय किए जा रहे हैं |
(ii) विद्युत क्षेत्र में निजी क्षेत्र की भूमिका बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे है और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को बढ़ावा दिया जा रहा है |
(iii) सभी विद्युत बोर्ड को कुशल एवं आधुनिक बनाया जा रहा है ताकि विद्युत क्षति को रोका जा सके |
(iv) ऊर्जा के नवीकरणीय स्रोत को बढ़ावा दिया जा रहा है |
(v) बेहतर विद्युत आपूर्ति के लिए नए तकनीकों एवं संयंत्रों का उपयोग किया जा रहा है |
संचारण एवं वितरण हानि : विद्युत को एक स्थान से दुसरे स्थान तक पहुँचने में नष्ट होने वाली ऊर्जा को संचारण एवं वितरण हानि कहते हैं |
संचारण एवं वितरण हानि का कारण :
(i) अकुशल संचारण व्यवस्था
(ii) बिजली की चोरी
स्वास्थ्य
स्वास्थ्य (Health) : `
सामाजिक आधारित संरचना के निर्माण में स्वास्थ्य की महत्त्वपूर्ण भूमिका है | एक स्वस्थ्य मनुष्य की कार्यक्षमता और उसकी शक्ति एक अस्वस्थ्य मनुष्य से कही अधिक होती है | वह अपने जीवन और कार्यों में गुणात्मक सुधार लाता है | एक स्वास्थ्य मनुष्य ही देश के आर्थिक विकास में सुधार ला सकता है |
मानव शक्ति की गुणवता में सुधार के तत्व :
(i) समुचित चिकित्सा सुविधाएँ
(ii) पर्याप्त संतुलित आहार की पूर्ति
(iii) स्वास्थ्य वातावरण
स्वास्थ्य का महत्त्व (Importance of Health)
(i) स्वास्थ्य से श्रमिकों की कार्यकुशलता और शक्ति में वृद्धि होती है |
(ii) अच्छे स्वास्थ्य से आधारित संरचना का विकास होता है इसके साथ देश का भी आर्थिक विकास होता है |
(iii) अच्छे स्वास्थ्य की स्थिति में जहाँ लोग स्वास्थ्य के प्रति जागरूक हैं वहाँ सरकार को स्वास्थ्य के लिए कम पैसे खर्च करने पड़ते हैं | अर्थात धन के अपव्यय को कम करता है |
(iv) स्वास्थ्य शिक्षित लोगों की संख्या में वृद्धि करता है और इनकी योग्यता को बढाता हैं |
(v) स्वास्थ्य व्यक्ति की जीवन की गुणवता में वृद्धि करता हैं |
भारत में स्वास्थ्य सेवाओं में विकास :
(i) मृत्यु दर में भारी कमी हुई है |
(ii) जन्म दर में भी गिरावट हुई है |
(iii) जीवन प्रत्याशा में वृद्धि हुई और संक्रामक बिमारियों पर काबू पाया गया है |
(iv) शिशु मृत्यु दर में काफी कमी आई है |
(v) स्वास्थ्य सेवाओं में नयी तकनीकों विकास हुआ है और बहुत से बिमारियों का ईलाज संभव हुआ है |
भारत में स्वास्थ्य सुविधाओं के समक्ष चुनौतियाँ :
(i) स्वास्थ्य सेवाओं का भारत के ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में असमान वितरण |
(ii) अकुशल प्रबंधन : स्वास्थ्य सेवाओं के लिए उपलब्ध कर्मचारियों और स्वास्थ्य केन्द्रों के बीच काफी अंतर जो अकुशल प्रबंधन का कारण है | समुचित एवं आवश्यक दवाइयों का आभाव बनी रहती है |
(iii) निजीकरण (Privatisation) : वतर्मान समय में सरकार अब धीरे-धीरे निजीकरण की ओर बढ़ रही है | जिससे सरकरी अस्पतालों की जगह प्राइवेट अस्पताल ले रहे है | जिससे स्वास्थ्य सेवाएँ काफी महँगी हो रही है | यही कारण है कि अच्छा स्वास्थ्य सेवाएँ गरीबों के पहुँच से दूर है |
(iv) सरकारी स्वास्थ्य केन्द्रों का घटिया रख-रखाव |
(v) निम्न स्तर की सफाई व्यवस्था |
रोग वैश्विक भार (Global Burden of Disease) : रोग वैश्विक भार का उपयोग विशेषज्ञ किसी विशेष रोग के कारण असमय मरने वाले लोगों कि संख्या के साथ-साथ रोगों के कारण असमर्थता में बिताये सैलून की संख्या जानने के लिए करते हैं |
भारतीय चिकित्सा पद्धतियों की सूची :
भारत में छ: चिकित्सा पद्धतियाँ हैं -
(i) एलोपैथिक (ii) आयुर्वेदिक (iii) होम्योपैथिक (iv) यूनानी (v) योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा
(vi) सिद्ध |
Assignment
Assignment:
Q1. भारत में ऊर्जा के प्रमुख स्रोत क्या है ?
Q2. प्राथमिक ऊर्जा स्रोत अंतिम ऊर्जा स्रोत से कैसे भिन्न है ?
Q3. परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में भारत की क्या स्थिति है ?
Q4. व्यावसायिक ऊर्जा से आप क्या समझते हैं ?
Q5. व्यावसायिक ऊर्जा के तीन उदाहरण दीजिए |
Q6. व्यावसायिक ऊर्जा का कितना प्रतिशत निर्भरता कोयले पर है ?
Q7. आधारित संरचना से आप क्या समझते हैं ?
Q8. आर्थिक आधारित संरचना को परिभाषित कीजिए |
Q9. आर्थिक आधारित संरचना का उदाहरण दीजिए |
Q10. सामाजिक आधारित संरचना से आप क्या समझते हैं ?
Q11. सामाजिक आधारित संरचना में स्वास्थ्य की भूमिका का वर्णन कीजिए |
Q12. सामाजिक आधारित संरचना में शिक्षा की क्या भूमिका है ?
Q13. सामाजिक तथा आर्थिक आधारित संरचना के बीच अंतर लिखिए |
Q14. आधारित संरचना कैसे निवेश को प्रेरित करती है ?
Q15. ऊर्जा आर्थिक संरचना का एक महत्वपूर्ण अंग है कैसे ?
Q16. भारत में द्वितीयक स्वास्थ्य केंद्र क्या है ?
Q17. ऊर्जा के गैर-व्यावसायिक स्रोत क्या है ? उदाहरण सहित समझाइए |
Q18. भारत में उर्जा संकट से निपटने के लिए किए गए सुधारों का वर्णन कीजिए |
Q19. भारत में स्वास्थ्य सेवाओं का असमान वितरण किस प्रकार समस्या है, समझाइए |
Q20. विद्युत संकट से निपटने के कोई पाँच उपाय सुझाइए |
Q21. विद्युत सब्सिडी पर टिप्पणी कीजिए |
Q22. अच्छी स्वास्थ्य सेवा के लिए निजीकरण का महत्व का वर्णन कीजिए |
Q23. उर्जा के पारंपरिक एवं गैर-पारंपरिक स्रोतों के बीच भेद स्पष्ट कीजिए |
Q24. आधारित संरचना के प्रभावों का वर्णन कीजिए कि यह कैसे किसी देश की आर्थिक विकास के लिए आवश्यक है |
Q25. स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में भारत के समक्ष कौन कौन सी चुनौतियाँ हैं ?
Q26. भारत में ग्रामीण आधारित संरचना की स्थिति का वर्णन कीजिए |
Q27. किसी देश की आर्थिक एवं सामाजिक प्रगति के लिए बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं की भूमिका है ? स्पस्ट कीजिए |
Q28. भारत में ऊर्जा के वितरण का वर्णन कीजिए |
Q29. मानव शक्ति के गुणवता में सुधार के कौन-कौन से तत्व हैं ?
Q30. जो सामाजिक रूप में उचित होता है वह सदैव आर्थिक रूप में बुद्धिसंगत नहीं होता है | विद्युत सब्सिडी के संदर्भ में इस कथन की पुष्टि के लिए तर्क दीजिए |
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